View 1436 Cases Against Automobile
Suraj Singh Parmar filed a consumer case on 07 May 2024 against Manager, Vishal Automobile in the Kanpur Dehat Consumer Court. The case no is CC/97/2021 and the judgment uploaded on 17 May 2024.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कानपुर देहात ।
अध्यासीन:- श्री मुशीर अहमद अब्बासी..........................अध्यक्ष
H.J.S.
श्री हरिश चन्द्र गौतम ...............................सदस्य
सुश्री कुमकुम सिंह .........................महिला सदस्य
उपभोक्ता परिवाद संख्या :- 97/2021
परिवाद दाखिला तिथि :- 16.11.2021
निर्णय दिनांक:- 07.05.2024
(निर्णय श्री मुशीर अहमद अब्बासी, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
सूरज सिंह परमार वयस्क उम्र लगभग 23 वर्ष पुत्र गुलाब सिंह निवासी ग्राम-सन्तोषपुरवा, मजरा-उमरन, थाना व परगना-अकबरपुर, जनपद-कानपुर देहात ।
.......................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक/ निदेशक, प्रबन्धक, विशाल ऑटो मोबाइल जरीब चौकी, जनपद- कानपुर
नगर ।
2. विशाल ऑटो मूवर्स प्रा0 लि0 कोतवाली रोड अकबरपुर, थाना-अकबरपुर, जनपद-
कानपुर देहात ।
3. प्रबन्धक, विशाल वर्कशॉप, चकरपुर, जनपद- कानपुर नगर ।
4. शाखा प्रबन्धक, एच0डी0एफ0सी0 बैंक शाखा-कृष्णा टॉवर, 8वाँ तल, सिविल लाइन,
कानपुर नगर ।
.......................विपक्षीगण
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद परिवादी सूरज सिंह परमार की ओर से सशपथ पत्र, परिवादी को विपक्षी संख्या-1 से नया वाहन दिलाये जाने तथा परिवाद के निस्तारण तक समस्त किश्तें माफ किये जाने का आदेश पारित किये जाने, विपक्षी संख्या-1 के द्वारा दिये गये खराब वाहन के कारण परिवादी की आज तक जो भी आर्थिक क्षति हुयी है उसका भुगतान प्रतिवादीगण से कराये जाने एवं मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु 2,00,000/- रुपये व वाद व्यय के एवज में 10,000/- रुपया विपक्षीगण से परिवादी को दिलाये जाने के आशय से दिनांक 16.11.2021 को संस्थित किया गया ।
संक्षेप में, परिवादी का कथन है कि परिवादी ने एक किता चार पहिया भार वाहन TATA INTRA V10 BS-VI Engine No. 800CCDI02GSXS38167 Chassis No. MAT535072LYG10345 Regd No. UP77 AT 1038 विपक्षी संख्या-1 से क्रय की थी, जिसका फाइनेन्स विपक्षी संख्या-3 के द्वारा विपक्षी संख्या-1 के माध्यम से कराया गया था । परिवादी द्वारा उक्त वाहन माह नवंबर वर्ष 2020 में क्रय किया गया था तथा यह अपेक्षा थी कि वाहन का संचालन करके होने वाली आय से परिवार का पालन पोषण करके परिवार की आर्थिक स्थिति सही की जा सकेगी । परिवादी द्वारा उपरोक्त वाहन क्रय करने के कुछ दिनों उपरान्त ही वाहन के इंजन में कमी के कारण वाहन का समुचित संचालन हो पाना सम्भव न होने की दशा में आदेशक द्वारा विपक्षी संख्या-1 से की । शिकायत के आधार पर वाहन को विपक्षी संख्या-1 के अधिकृत वर्कशॉप विपक्षी संख्या-2 के पास भेजा गया, जहाँ पर कई बार वाहन ठीक कराने के बाद भी समुचित संचालन न हो पाने की दशा में कंपनी के अधिकृत इंजीनियर्स द्वारा बताया गया कि वाहन का इंजन कंपनी से ही डिफेक्टिव है जिस कारण इंजन की कमी का पता नहीं लग पा रहा है । वाहन क्रय करने के दिनांक से आज तक उक्त वाहन लगभग 40 बार ठीक होने के लिए विपक्षी संख्या-2 के वर्कशॉप पर जा चुका है परन्तु वाहन ठीक नहीं हो पाया है बल्कि हर बार यह कहकर वाहन परिवादी को दिया जाता रहा है कि इस बार से आपको कोई परेशानी नहीं होगी । वाहन क्रय करने के दिनांक से लेकर आज तक 70 प्रतिशत दिनों में वाहन विपक्षी संख्या-2 के वर्कशॉप में ही खड़ा रहा है जिससे परिवादी की आय भी प्रभावित हुयी है, किसी प्रकार की आय न होने के कारण वाहन के फाइनेन्स की किश्तों की अदायगी परिवादी द्वारा अपने घर में रखे गल्ले को बेंचकर तथा व्यवहारियों से कर्जा लेकर की जा रही है, जिस कारण परिवादी की आर्थिक स्थिति सही होने के बजाये उल्टे खराब हो गयी है । विपक्षी संख्या-1 व 2 अपने दलालों के माध्यम से कंपनी से डिफेक्टिव इंजन के वाहन लाकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बरगला कर दलालों के माध्यम से वाहन विक्रय कर देते हैं जिससे वाहन क्रय करने वाला व्यक्ति हमेशा परेशान रहता है । विपक्षीगण का उक्त कृत्य ग्राहक/ उपभोक्ता की अर्जित संपत्ति हड़पने व उसे नाजायज परेशान करके मानसिक व आर्थिक उत्पीड़न करने की श्रेणी का कृत्य है तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है । परिवादी द्वारा कई बार विशाल ऑटो मोबाइल व विशाल वर्कशॉप के उच्चाधिकारियों से मिलकर मौखिक निवेदन किया गया परन्तु विभाग द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जिस पर जरिये पंजीकृत नोटिस द्वारा विपक्षीगण को सूचित किया गया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया जिस पर वाद का कारण उत्पन्न हुआ । दिनांक 07.10.2021 को बीमा कंपनी द्वारा प्रार्थी की गाड़ी पुनः कब्जे में ले ली गयी, यही वाद का पुनः कारण है । विपक्षीगण द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है, परिवादी का परिवाद सव्यय स्वीकार किया जाये ।
मुकदमा पंजीकृत होने के उपरान्त प्रतिवादीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक नोटिस प्रेषित की गयी । प्रतिवादीगण संख्या-1, 2 व 3 पर नोटिस का पर्याप्त तमीला होने के बावजूद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जवाबदेही दाखिल की गयी । Track Consignment Report के आधार पर प्रतिवादीगण संख्या-1, 2 व 3 पर नोटिस का पर्याप्त तमीला मानते हुए दिनांक 13.12.2022 को उनके विरुद्ध प्रकरण एकपक्षीय साक्ष्य एवं सुनवाई हेतु अग्रसारित किया गया ।
विपक्षी संख्या-4 शाखा प्रबन्धक, एच0डी0एफ0सी0 बैंक शाखा-कृष्णा टॉवर 8वाँ तल सिविल लाइन कानपुर नगर की ओर से जवाबदेही सशपथ पत्र दाखिल की गयी है । विपक्षी संख्या-4 ने अपनी जवाबदेही में मुख्य रूप से यह अभिकथन किया है कि परिवाद पत्र से सम्बन्धित वाहन TATA INTRA V10 BS6 जिसका इंजन नंबर 800CCDI02GSXS38167 चेचिस नम्बर MAT535072LYG10345 जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर UP77 AT 1038 को वाणिज्यिक उपयोग में लाया जा रहा है, इस आधार पर परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, की धारा 2(7)(1) के तहत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है । जवाबदेही में प्रस्तरवार जवाब प्रस्तुत करते हुये विपक्षी संख्या-4 ने परिवाद पत्र की धारा-1 को असत्य बताते हुये अस्वीकार किया है, परिवाद पत्र की धारा-2 में उल्लेखित तथ्य को असत्य एवं भ्रामक कहा है तथा धारा-3 का कथन को भ्रामक बताते हुये उन्हें साबित करने का भार परिवादी पर होना कहा है । परिवाद पत्र की धारा-4, 5 व 7 में उल्लेखित कथन विपक्षी संख्या-4 से सम्बन्धित न होने के कारण उनके उत्तर की आवश्यकता नहीं है तथा धारा-6, 8, 9 व 10 के कथनों को अस्वीकार करते हुये उन्हें साबित करने का भार परिवादी पर होना कहा है । विपक्षी संख्या-4 ने जवाबदेही के प्रस्तर-11 में यह कथन किया है कि परिवादी मांगे गये उपशम को पाने का अधिकारी नहीं है, परिवाद सव्यय खारिज किये जाने योग्य है । विपक्षी संख्या-4 ने जवाबदेही के अतिरिक्त कथन की धारा-12 में यह अभिकथन किया है कि विपक्षी बैंक, बैंकिंग रेगुलेशन ऐक्ट 1949 के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त व प्रतिष्ठित प्राइवेट बैंक है जो अपने समस्त ग्राहकों को सम्पूर्ण पारदर्शिता नियम के अनुसार बैंकिंग सेवाये प्रदान करती है । विपक्षी संख्या-4 ने अतिरिक्त कथन में यह अभिकथन किया है कि दिनांक 28 October 2020 में परिवादी ने विपक्षी बैंक से “वाणिज्यिक वाहन” खरीदने हेतु ऋण हेतु आवेदन किया । ऋण इकरारनामे की शर्तानुसार परिवादी द्वारा लिए गये वाणिज्यिक वाहन ऋण की अदायगी परिवादी पर आयद है । परिवादी व विपक्षी बैंक के मध्य वाणिज्यिक वाहन सम्बन्धी एक इकरारनामा दिनांक 07.11.2020 को निष्पादित हुआ, जिसमें परिवादी के हस्ताक्षर लिपिबद्ध हैं । ऋण सम्बन्धी समस्त औपचारिक्ताओं को पूर्ण रूप से विपक्षी बैंक ने परिवादी के ऋण खाता संख्या 114007008 खोलकर मु0 5,41,056/- की ऋण सुविधा बावत TATA INTRA V10 BS6 रजिस्ट्रेशन संख्या UP77-AT-1038 इंजन संख्या-800CCDI02GSXS38167 व चेचिस संख्या MAT535072LYG10345 क्रय करने हेतु प्रदान की । उक्त प्रश्नगत वाणिज्यिक वाहन परिवादी द्वारा ली गयी वित्तीय सुविधा के बिल के एवज में विपक्षी बैंक के पास “secured asset” के रूप में बंधक संपत्ति है । परिवादी उपरोक्त वित्तीय मदद की अदायगी ऋण इकरारनामे में वर्णित सारणी के अनुसार 47 मासिक किश्तों में मु0 14,229/- के हिसाब से अदा करना थी । परिवादी द्वारा वित्तीय पोषित वाहन को वाणिज्यिक प्रयोग में लाया जा रहा है, इस कथन का उल्लेख निष्पादित इकरारनामे के साथ संलग्नक अनुसूची में वर्णित किया गया है । विपक्षी संख्या-4 वित्तीय सहायता प्रदान करने का कार्य करती है न कि वाहन को बीमित करने का कार्य करती है । परिवादी ने उक्त वाणिज्यिक वाहन की किश्तों का भुगतान ऋण इकरारनामे में वर्णित सारणी के अनुसार नहीं किया । परिवादी पर उपरोक्त वाणिज्यिक वाहन के ऋण खाते से सम्बन्धित दिनांक 27.08.2021 तक मु0 5,51,496.43 रुपये व 25/09/2021 तक मु0 5,57,142.27 रुपया बकाया था । इस सम्बन्ध में विपक्षी बैंक ने समय-समय पर परिवादी को जरिये नोटिस सूचित किया लेकिन परिवादी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया । परिवादी का उपरोक्त वाणिज्यिक वाहन दिनांक 09.10.2021 को जिला उन्नाव की सीमा के अन्तर्गत विपक्षी बैंक द्वारा अपनी अभिरक्षा में ले लिया गया था जिसकी सूचना उसी दिन स्थानीय थाना हाजा कोतवाली सदर उन्नाव को दी गयी व एक प्रतिलिपि वाणिज्यिक वाहन के चालक को मय Inventory of items in vehicle फार्म भरकर उपलब्ध करायी गयी । परिवादी को Pre Sale Notice दिनांक 12.10.2021 को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से परिवादी के सही पते पर बकाया धनराशि के बावत भेजी गयी इसके बावजूद भी परिवादी द्वारा किसी भी प्रकार की किश्तों की अदायगी नहीं की गयी । इकरारनामे में वर्णित अर्बिट्रेशन क्लाज में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी विवाद की स्थिति के मामले में निस्तारण माध्यस्थम एवं समझौता अधिनियम 1996 में निहित प्रावधानों के तहत किया जायेगा । विधिक दृष्टि से उक्त परिवाद के विचारण हेतु माननीय जिला उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार नहीं हैं । परिवादी का परिवाद उक्त आधारों के प्रकाश में पोषणीय न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है ।
परिवादी ने वाद-पत्र के समर्थन में दस्तावेजों की सूची से सूरज सिंह परिहार के नाम जारी कुल 5 Tax Invoice दिनांकित 09.02.2021, 23.03.2021, 26.03.2021, 09.07.2021 व दिनांकित 23.08.2021 की छायाप्रतियाँ, परिवादी सूरज सिंह परमार के आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस की छायाप्रति, अधिवक्ता शमशाद खान द्वारा विपक्षीगण को प्रेषित पंजीकृत विधिक नोटिस दिनांकित 06.09.2021 की छायाप्रति तथा वाहन पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति साक्ष्य में दाखिल किया है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में वर्णित कथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी सूरज सिंह परमार का साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 10.02.2023 पी0डबल्यू0-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है । इसके अतिरिक्त श्री बम बहादुर सिंह पुत्र भूपलाल उर्फ हुबलाल निवासी घारमपुर मजरा उमरन तहसील अकबरपुर थाना रनियाँ कानपुर देहात द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 12.04.2023 पी0डबल्यू0-2 के रूप में श्री नरेश सिंह पुत्र प्यारेलाल निवासी उमरन तहसील अकबरपुर थाना रनियाँ कानपुर देहात द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य शपथपत्र दिनांकित 08.05.2023 पी0डबल्यू0-3 के रूप में पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
विपक्षी संख्या-4 की ओर से हरीश चन्द्र पुत्र स्व0 राकेश चन्द्र प्रबन्धक विधि/ अधिकृत अधिकारी एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0, 15/63 8वाँ तल कृष्णा टॉवर सिविल लाइंस कानपुर नगर द्वारा साक्ष्य प्रति शपथपत्र दिनांकित 15.06.2023 पत्रावली पर दाखिल किया गया है ।
विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0 की ओर से दस्तावेजों की सूंची से Copy of Board Resolution Passed on 17.10.2021, Copy of Commercial Loan Application Form दिनांकित 28.10.2020, Copy of Commercial Vehicle/ Equipment Loan Agreement, Copy of Schedule, Copy of Demand Notice दिनांकित 14.07.2021, 28.08.2021 व 27.09.2021, Copy of Post Repossession Intimation to Police Station Sadar Kotwali Unnao दिनांकित 09.10.2021, Copy of Inventory of Item in Vehicle दिनांकित 09.10.2021 तथा Copy of Pre Sale Notice दिनांकित 12.10.2021 की छायाप्रतियाँ पत्रावली पर दाखिल की गयी हैं ।
परिवादी व विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक लि0 की ओर से उनके अधिवक्ताओं द्वारा अपनी-अपनी लिखित बहस पत्रावली पर दाखिल की गयी । इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक की ओर से तीन विधि व्यवस्थाओं को प्रस्तुत किया गया ।
परिवादी व विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक के विद्वान अधिवक्तागण की मौखिक बहस सुनी तथा लिखित बहस का परिशीलन किया ।
विपक्षी संख्या-1 व 3 पर नोटिस का पर्याप्त रूप से तामीला हुआ तथा विपक्षी संख्या-3 द्वारा नोटिस लेने से इनकार किये जाने पर तामीला पर्याप्त माना गया । इस प्रकार विपक्षी संख्या-1, 2 व 3 पर तामीला पर्याप्त रहने के बावजूद उनकी ओर से जवाबदेही दाखिल न किये जाने व अनुपस्थित रहने के कारण पत्रावली में दिनांक 13.12.2022 को विपक्षी संख्या-1, 2 व 3 के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही योजित किये जाने का आदेश हुआ ।
विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा मेसर्स Magma Fincorp Ltd. Vs Rajesh Kumar Tiwari के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या-5622/2019 में पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 01.10.2020 की प्रति, माननीय राज्य आयोग लखनऊ उत्तर प्रदेश द्वारा H.D.F.C. Bank Ltd. बनाम Shrieesh Pratap Pandey के मामले में अपील संख्या-221/2014 में पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 10.08.2023 व माननीय राष्ट्रीय आयोग नई दिल्ली द्वारा रिवीजन पिटीशन संख्या- 1185/2013 में पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 05.10.2020, को प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक की ओर से मुख्य रूप से यह आपत्ति की गयी है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र से सम्बन्धित वाहन TATA INTRA V10 BS6 2020 जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर UP77 AT 1038 है, को वाणिज्यिक उपयोग में लाया जा रहा है, इस आधार पर परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, की धारा 2(7)(1) के अन्तर्गत “उपभोक्ता” की श्रेणी में नहीं आता है । इस कारण परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पोषणीय नहीं है, जैसा कि The Consumer Protection Act, 2019 की धारा-2(7)(I) में निम्न प्रकार से परिभाषित किया है कि –
“Consumer” means any person who-
“Buys any goods for a consideration which has been paid or promised or partly paid and partly promised, or under any system of deferred payment and includes any user of such goods other than the person who buys such goods for consideration paid or promised or partly paid or partly promised, or under any system of deferred payment, when such use is made with the approval of such person, but does not include a person who obtains such goods for resale or for any commercial purpose”.
इसके अतिरिक्त विपक्षी संख्या-4 एच0डी0एफ0सी0 बैंक की ओर से यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया है कि इस सिलसिले में माह अक्टूबर 2020 में परिवादी ने विपक्षी बैंक से वाणिज्यिक वाहन खरीदने हेतु ऋण हेतु आवेदन किया था । ऋण इकरारनामा की शर्तों के अनुसार परिवादी द्वारा लिये गये वाणिज्यिक वाहन के ऋण की अदायगी परिवादी पर देय है । परिवादी के वाणिज्यिक वाहन ऋण सम्बन्धी प्रार्थना पत्र को विपक्षी बैंक ने स्वीकार करते हुये परिवादी व विपक्षी बैंक के मध्य वाणिज्यिक वाहन सम्बन्धी एक इकरारनामा दिनांक 07.11.2020 को निष्पादित हुआ जिसमें परिवादी के हस्ताक्षर हैं । उपरोक्त प्रश्नगत वाणिज्यिक वाहन TATA INTRA V10 परिवादी द्वारा ली गयी वित्तीय सुविधा के बिल एवज में विपक्षी बैंक के पास “Secured Asset” के रूप में उपरोक्त वाहन बन्धक सम्पत्ति है । इकरारनामा में वर्णित सारणी के अनुसार 47 मासिक किश्तों में मु0 14,229/- रुपये के हिसाब से अदा करना था । परिवादी द्वारा वित्तीय पोषित वाहन को वाणिज्यिक प्रयोग में लाया जा रहा था, इस कथंन का उल्लेख निष्पादित इकरारनामे के साथ संलग्न अनुसूची में वर्णित किया गया है, जिसे सूची के साथ विपक्षी ने दाखिल किया है । दिनांक 28.08.2021 को One Time Settlement (O.T.S.) योजना के अन्तर्गत विपक्षी बैंक ने परिवादी को नोटिस प्रेषित किया परन्तु परिवादी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया ।
विपक्षी की ओर से सूची पत्र के साथ जो कागजात दाखिल किये गये हैं उससे यह स्व विदित है कि परिवादी के ऋण हेतु आवेदन पत्र के मुख्य पृष्ठ पर “Commercial Loan Application Form” अंकित है तथा विपक्षी बैंक की ओर से कस्टमर सूरज सिंह परमार का Agreement No. 2718549 “Commercial Vehicle/ Equipment Loan Agreement” अंकित है । इस प्रकार विपक्षी बैंक की ओर से किये गये अभिकथन की पुष्टि उसकी ओर से दाखिल दस्तावजों से होती है ।
इस प्रकार परिवादी प्रस्तुत मामले में उक्त वाणिज्यिक वाहन की किश्तों का भुगतान ऋण इकरारनामा में वर्णित सारणी के अनुसार नहीं कर सका है । इसके अतिरिक्त महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि ऋण इकरारनामा में वर्णित आर्बिट्रैशन क्लाज में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी विवाद की स्थिति में मामले का निस्तारण Arbitration and Conciliation Act1996 में निहित प्रावधानों के तहत किया जायेगा ।
अतः विधिक दृष्टि से परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद The Consumer Protection Act 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रातितोष आयोग के समक्ष पोषणीय नहीं है, परिवाद खारिज किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध खारिज किया जाता है । पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करें ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
प्रस्तुत निर्णय / आदेश हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले कक्ष में उद्घोषित किया गया ।
( सुश्री कुमकुम सिंह ) ( हरिश चन्द्र गौतम ) ( मुशीर अहमद अब्बासी )
म0 सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग जिला उपभोक्ता आयोग
कानपुर देहात कानपुर देहात कानपुर देहात
दिनांक:- 07.05.2024
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.