Rajasthan

Kota

CC/251/2010

Pradeep somani - Complainant(s)

Versus

Manager, United India Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Ghanshyam Nagra

26 Nov 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।

प्रकरण संख्या-251/10
प्रदीप सोमानी पुत्र सोभाग बिहारी निवासी 52, शोपिंग सेन्टर, कोटा, जिला कोटा राजस्थान।                                                -परिवादी।
                     बनाम
01.    यूनाईटेड इंडिया इंशयोरेन्स कंपनी लिमिटेड, जर्ये शाखा प्रबंधक,
      गुमानपुरा, कोटा जिला कोटा राजस्थान।
02.    ई-मेडिटेक सोल्यूशन लिमिटेड, 307 थर्ड फ्लोर, वरादीस  
     आपार्टमेन्ट, सरोजनी मार्ग, सी-स्कीम, पार्क प्रिम होटल के पीछे, 
     जयपुर, राजस्थान।                           -विपक्षीगण
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास     
सदस्य  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1  श्री घनश्याम नागर, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2  श्री बी0एस0 यादव, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 1 की ओर से।
3. विपक्षी सं. 2 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही ।

    निर्णय           दिनांक 26.11.15

     परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उनका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि विपक्षी कंपनी से मेडिकल सुरक्षा वाली बीमा पालिसी सं. 140604/48/08/97/00000654 ली थी। बीमा अवधि में  वह बीमार हो गया, सुधा हास्पीटल कोटा में दिनांक 18.08.09 से 25.08.09 तक भर्ती रहा, ईलाज करवाया, जिसमें 60-70 हजार रूपये खर्च हो गये। विपक्षीगण को सूचना दी गई। क्लेम प्रस्तुत किया गया, वांछित कमी पूर्ति भी की गई, लेकिन क्लेम का भुगतान नहीं किया। दिनांक 12.07.10 को कानूनी नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया जिसके बावजूद भुगतान नहीं किया गया, जिससे उसे आर्थिक हानि के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ। 

    विपक्षी सं. 1 के जवाब का सार है कि परिवादी ने सही तथ्यों को छिपाया है। पालिसी की शर्तो के अनुसार परिवादी का क्लेम तृतीय पक्ष क्लेम-एडमिनिस्ट्रेटर मेडिटेक को भेजा गया था जिसने पालिसी की शर्तो के अनुसार उसे देय नही पाया। क्योंकि पूर्व की 3 वर्ष की पालिसिया क्लेम रहित नही पाई गई। इसकी सूचना परिवादी को तृतीय पक्ष द्वारा भेज दी गई। विपक्षी बीमा कंपनी ने इसी आधार पर क्लेम निरस्त किया है। सेवा में कोई कमी नहीं की है। 

    विपक्षी सं. 2 बावजूद तामील नोटिस उपस्थित नहीं हुआ, इसलिये उसके विरूद्ध एक-तरफा कार्यवाही के आदेश दिये गये। 
     
    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षीगण को प्रेषित कानूनी नोटिस, पोस्टल रसीदे, विपक्षीगण को प्रेषित पत्र दिनांक 21.06.10, उनसे प्राप्त पत्र दिनांक 07.06.10, विपक्षी सं. 2 से प्राप्त पत्र दिनांक 17.03.10  आदि की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
    विपक्षी सं. 1 ने साक्ष्य में प्रबंधंक रमेश वर्मा के शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी सं. 2 को प्रेषित पत्र दिनांक 03.03.10 विपक्षी सं. 2 से प्राप्त पत्र दिनांक 10.06.10 पालिसी 25.09.07 से 24.09.08, 25.09.08 से 24.09.09 एवं 25.09.09 से 24.09.10 की प्रतिया आदि दस्तावेज प्रस्तुत किये है।

    हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया। 

विपक्षी सं. 2 पालिसी के तहत क्लेम निर्धारण के लिये तृतीय पक्ष है विपक्षी  बीमा कंपनी ने दस्तावेजात प्रस्तुत कर यह सिद्ध किया है कि तृतीय पक्ष ने क्लेम की जांच में यह पाया है कि पूर्व की 3 वर्ष की पालिसीया क्लेम रहित नहीं थी। एक पालिसी के अन्दर परिवादी ने क्लेम उठाया था, इसलिये पालिसी की शर्त का उल्लधंन होने के कारण क्लेम देय नही है। ऐसी स्थिति में हम पाते है कि विपक्षीगण ने परिवादी का क्लेम खारिज करके उसकी सेवा में कोई कमी नहीं की है। 

    अतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 


                         आदेश 

     परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 


(हेमलता भार्गव)                             ( भगवान दास)  
  सदस्य                                             अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                          जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                           प्रतितोष मंच, कोटा।
    निर्णय  आज दिनंाक 26.11.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                                           अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                         जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।                          प्रतितोष मंच, कोटा।

 

 

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