Rajasthan

Kota

CC/147/2012

Brahamananad gupta - Complainant(s)

Versus

Manager, United India Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Rajendra mangal

30 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:-147/2012
ब्रहमा नंद गुप्ता पुत्र घनश्याम गुप्ता आयु 35 साल निवासी 156,वीर सावरकर नगर, कोटा राजसथान।                         -परिवादी

                    बनाम
यूनाईटेड इंडिया इंशोरेन्स कं.लि. 27, झालावाड रोड, कोटा, राजस्थान, जरिये शाखा प्रबंधक।                        -विपक्षी
समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष    
महावीर तंवर     ः    सदस्य
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-

01.    श्री राजेन्द्र मंगल, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से। 
02.    श्री मनीष गुप्ता,  अधिवक्ता,  विपक्षी की ओर से। 

            निर्णय             दिनांक 30.07.2015
         

    परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में यह सेवा दोष बताया है कि उसका बीमित वाहन स्कूटर आर. ज.े 20 एस के 6373 बीमा अवधि में गणेश हार्ड वेयर रंगबाडी रोड,केश्वपुरा प्रथम के सामने से चोरी हो गया, उसमें रखे मूल दस्तावेज,10-12 हजार रूपये भी चोरी हो गये, जिसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। वाहन को तलाश किया गया, जिसकी रिर्पोट दिनांक 13.05.11 को पुलिस थाना महावीर नगर कोटा में दर्ज करवाई गई। विपक्षी बीमा कंपनी के अधिकृत एजेन्ट को मौखिक रूप से सूचना दी, जिसने काफी खाली कागजात पर हस्ताक्षर करवाये, वांछित दस्तावेज भी दे दिये। लेकिन बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया तथा गलत एवं अवैध रूप से पत्र दिनांक 06.02.12 के जरिये उसका क्लेम खारिज कर दिया गया, जिससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है। 
    विपक्षी के जवाब का सार है कि बीमा पालिसी की शर्त के अनुसार चाहन चोरी होने के तत्काल बाद सूचना नही दी गई दिनांक 12.05.11 को चोरी गये वाहन की पुलिस में 13.05.11 को रिपोर्ट लिखाई व बीमा कंपनी को 49 दिन के पश्श्चात सूचना दी गई, इस प्रकार पालिसी की शर्त का उल्लधन करने के कारण क्लेम सही खारिज किया गया है। सेवा में कोई कमी नहीं की। 
    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा बीमा पालिसी, प्रथम सूचना रिपोर्ट,एफ.आर., एफ.आर. स्वीकृति आदेश, बीमा कंपनी द्वारा क्लेम खारिज करने के पत्र दिनांक 06.02.12 आदि दस्तावेज की प्रति प्रस्तुत की। 
    विपक्षी ने साक्ष्य में प्रबंधक प्रताप राय के शपथ-पत्र के अलावा क्लेम खारिज पत्र दिनांक 06.02.12, फोटो कापी दिनांक 12.01.12 की प्रति पेश की।  
     हमने दोनो पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
    विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादी के चोरी गये बीमित वाहन का क्लेम इस आधार पर खारिज किया है कि वाहन दिनांक 12.05.11 को चोरी हुआ और उसकी सूचना दिनांक 13.05.11 व विपक्षी बीमा कंपनी को दिनांक 29.06.11 को अर्थात् 49 दिन पश्चात दी गई जो बीमा शर्त का उल्लंधन है। 
    विचारणीय प्रश्न है कि  क्या उक्त आधार पर विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादी के चोरी गये बीमित वाहन का क्लेम खारिज करके सेवामें कमी की है?
    परिवादी ने उसके बीमित वाहन स्कूटर आर.जे. 20 एस के 6373 की चोरी बाबत् पुलिस थाना महावीर नगर में प्रस्तुत की गई। प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति प्रस्तुत की है उससे स्पष्ट होता है कि उसका वाहन दिनांक 12.05.11 को रात्रि के नो साढे नो बजे चोरी हुआ तथा उसकी सूचना दिनांक 13.05.11 को सांय साढे आठ बजे पुलिस थाना महावीर नगर को दे दी अर्थात् 24 घंटे के अंदर उसने पुलिस को बीमित वाहन चोरी होने की रिर्पोट करा दी थी। अन्वेषण में पुलिस को उसका वाहन नहीं मिला, पुलिस ने एफ.आर. सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर दी, जो स्वीकृत हो गई। बीमा कंपनी ने क्लेम खारिज करने के  पत्र दिनांक 06.02.12  में भी स्पष्ट किया है कि बीमित वाहन चोरी दिनांक 12.05.11 को हुई उसने दिनांक 13.05.11 को पुलिस को सूचना दी तथा पत्र में आगे अंकित किया कि बीमा कंपनी को 29.06.11 को अर्थात् 49 दिन के पश्चात सूचना दी गई। 
    हम पाते है कि परिवादी ने पुलिस को वाहन चोरी की सूचना करने में अयुक्ति युक्त विलम्ब नहीं किया है अपितु 24 घंटे के अन्दर पुलिस को सूचना दे दी, निश्चित रूप से पहले वाहन स्वामी वाहन को ही तलाश करता है और तलाश नहीं होने पर पुलिस में रिर्पोट करता है। परिवादी ने पुलिस को सूचना देने में अनावश्यक विलम्ब नहीं किया है। विपक्षी बीमा कंपनी ने पालिसी की शर्तो की प्रति प्रस्तुत की है उसमें भी शर्त में यह अंकित है कि बीमित वाहन की चोरी होने की  बीमाधारी तत्काल पुलिस को सूचना देगा। निश्चित रूप से परिवादी ने तत्काल पुलिस को सूचना दी अर्थात् इस शर्त का पालन हुआ है। पुलिस को सूचना देने में परिवादी ने कोई विलम्ब नहीं किया है। विपक्षी बीमा कंपनी ने देरी से सूचना देने के आधार पर परिवादी की बीमित वाहन की चोरी के क्लेम को खारिज करके निश्चित रूप से सेवा मेंकमी की है। 
                    आदेश

    अतः विपक्षी बीमा कंपनी को निर्देश दिये जाते है कि परिवादी द्वारा उसके चोरी हुये बीमित वाहन की 2 मूल चाबियां, बीमा कंपनी के पक्ष में निष्पादित सब्रोगेशन पत्र, अन्डर टेंकिग वाहन स्वामीत्व के स्थानान्तरण और मोटर यान अधिनियम/नियम के अनुसार वांछित हस्ताक्षरित फार्म नं. 28,29,30, 15 दिन के अन्दर विपक्षी बीमा कंपनी को सुपुर्द करने के अधिकतम एक माह के अन्दर वाहन की क्लेम राशि 32,500/- रूपये में से डेप्रीसेशन के 5 प्रतिशत काटकर शेष बीमा राशि एवं उस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 26.04.12 से भुगतान करने तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से साधारण ब्याज , मानसिक संताप की भरपाई की राशि 2,500/- रूपये अक्षरे दो हजार पांच सौ रूपये, परिवाद व्यय की भरपाई की राशि 2,000/- रूपये अक्षरे दो हजार रूपये अदा करे।  

(महावीर तंवर)                 (हेमलता भार्गव)                (भगवान दास)  
  सदस्य                        सदस्य                       अध्यक्ष
 
     निर्णय आज दिनंाक 30.07.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष
           

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