Uttar Pradesh

Hamirpur

CC/77/2014

DEVI PRASAD ANURAGI - Complainant(s)

Versus

MANAGER UNITED INDIA INSURANCE CO.LTD - Opp.Party(s)

CHANDRA PRAKASH GOSWAMI

09 Sep 2016

ORDER

FINAL ORDER
DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
HAMIRPUR
UP
COURT 1
 
Complaint Case No. CC/77/2014
 
1. DEVI PRASAD ANURAGI
VILL-CHHANI KHURD, SUMERPUR, DIST- HAMIRPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. MANAGER UNITED INDIA INSURANCE CO.LTD
KANPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SHRI RAM KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. HUMERA FATMA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 09 Sep 2016
Final Order / Judgement

                                        दायरा तिथि- 14-11-2014

                                              निर्णय तिथि- 09-09-2016

  समक्ष- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, फोरम हमीरपुर (उ0प्र0)

   उपस्थिति-  श्री रामकुमार                     अध्यक्ष,

              श्रीमती हुमैरा फात्मा              सदस्या,

                                       

  परिवाद सं0- 77/2014 अन्तर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986  

देवी प्रसाद अनुरागी पुत्र स्व0 महेशेवरीदीन निवासी ग्राम छानी खुर्द परगना सुमेरपुर तहसील  व जिला हमीरपुर।                                                   

                                                               .....परिवादी।

                        बनाम

शाखा प्रबंधक यूनाइटेड इण्डिया इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 ब्रांच कार्यालय 63/3 माल रोड़ कानपुर उ0प्र0।

                                                              ........विपक्षी।

                       निर्णय

द्वारा- श्री, रामकुमार,पीठासीन अध्यक्ष,

       परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी से अपने सोनालिका ट्रैक्टर यू0पी0 91 एफ0-2157 की क्षतिपूर्ति की धनराशि मु0 487641/- रू0 तथा मानसिक, कष्ट का मु0 5000/- व वाद व्यय का मु0 5000/- रू0 मय 9 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाये जाने हेतु उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया है।

       परिवाद पत्र में परिवादी का कथन संक्षेप में यह है कि उसने कृषि कार्य हेतु सोनालिका ट्रैक्टर यू0पी0 91 एफ0-2157 मु0 480000/-रू0 में  खरीदा था जिसका बीमा दि0 20-09-12 को विपक्षी से कराया था जिसकी पालिसी सं0 080802/47/12/9600000226 है जिसकी किश्त मु0 7628/- नकद जमा किया था। दि0 26-11-12 को समय करीब 11.30 बजे रात्रि में परिवादी का ड्राइवर उक्त ट्रैक्टर को अपना खेत जोतने ले गया और वापस लोटते समय गाव के बाहर कुछ लोग शराब के नशे में ड्राईवर को गालियां देने लगे और उससे मारपीट की तथा ट्रैक्टर में आग लगा दी। उक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट ड्राइवर से दि0 27-11-12 को थाना ललपुरा जिला हमीरपुर में मु0अ0सं0314/12 धारा 435,323,504 आई0पी0सी0 व 3(1) 10 एस0सी0/एस0टी0 एक्ट के अन्तर्गत अभियुक्तों के विरूद्ध दर्ज कराय़ी। उक्त मुकदमा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हमीरपुर में विचाराधीन है। उक्त घटना की सूचना परिवादी ने विपक्षी को व उसके एजेन्ट को लिखित एवं मौखिक रूप से दी जिस पर बीमा कम्पनी के सर्वेयर ने सर्वे भी किया। सर्वे के बाद परिवादी ने ट्रैक्टर को पुनः बनवाया तथा मु0 487641/- रू0 के बिल, वाउचर विपक्षी को क्षतिपुर्ति के भुगतान हेतु दि0 16-12-12 को दिया। समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद भी विपक्षी द्वारा क्षतिपूर्ति का भुगतान न करके सेवा में कमी की गई है। विपक्षी ने दि0 08-05-14 को एक पत्र आवश्यक औपचारिकताए पूर्ण करने हेतु दिया जिस पर दि0 16-07-14 को समस्त कागज विपक्षी को कोरियर के माध्यम से भेज दिये गये। फिर भी विपक्षी द्वारा भुगतान नहीं किया गया। इस कारण परिवादी को फोरम में यह परिवाद दायर करना पड़ा।

                                      (2)

        विपक्षी ने परिवाद पत्र के विरूद्ध अपना जवाबदावा पेश करके परिवादी के सोनालिका ट्रैक्टर यू0पी0 91 एफ0-2157 का बीमा करना, आग लगने के कारण ट्रैक्टर क्षतिगस्त होना तथा घटनाग्रस्त ट्रैक्टर का सर्वे कराना स्वीकार किया है। परिवादी ने श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा में ट्रैक्टर खड़ाकर मु0 487641/- रू0 का फर्जी स्टीमेट बनवाकर विपक्षी को फाइनल सर्वे हेतु दि0 17-12-12 को सूचित किया जबकि ट्रैक्टर की बीमित धनराशि 455000/-रू0 थी। सर्वेयर राकेश एण्ड कम्पनी द्वारा दि0 12-01-13 व अन्य तिथियों में श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा जाकर सर्वे किया तब तक उक्त ट्रैक्टर की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ। तब विपक्षी ने दि0 22-04-13 को परिवादी को उक्त ट्रैक्टर की मरम्मत का कार्य शुरू होने पर विपक्षी को सूचना देने को कहा जिससे खुले ट्रैक्टर का सर्वे कराया जा सके तथा क्षति का आंकलन किया जा सके। जिस पर परिवादी ने राठ में बनने हेतु डाला जिसका फाइनल सर्वे  खुली हालत में दि0 26-06-13 और मरम्मत के बाद दि0 06-09-13 को किया। फाइनल सर्वे तथा परिवादी द्वारा बिल बाउचर उपलब्ध कराने के बाद सर्वेयर ने क्षति का आंकलन मु0 113984/- रू0 करके बीमा कम्पनी को अपनी रिपोर्ट दिया। सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर विपक्षी ने मु0 113984/- रू0 का चेक लेने हेतु परिवादी से आग्रह किया लेकिन परिवादी ने नहीं लिया और बदनीयति से फोरम में वाद दायर कर दिया। परिवादी कोई क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है तथा उसका परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।

      परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सूची न0 4 से 12 अभिलेख तथा स्वयं का शपथपत्र कागज सं0 28 दाखिल किया है।

      विपक्षी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सूची न0 30 से 22 अभिलेख, एस0एन0 श्रीवास्तव वरिष्ठ मंडलीय प्रबंधक का शपथपत्र कागज सं0 26 तथा आर0बी0 श्रीवास्तव  सर्वेयर का शपथपत्र कागज सं- 29 तथा दाखिल किया है।

      परिवादी तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्तागण की बहस को विस्तार से सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखीय साक्ष्य का भलीभॉति परिशीलन किया।

      उपरोक्त के विवेचन से यह स्पष्ट है कि परिवादी ने सोनालिका ट्रैक्टर रू0 480000/- में खरीदा और उसका विधि अनुसार पंजीकरण कराया। उक्त ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन न0 यू0पी0 91 एफ0-2157 है। परिवादी ने उक्त ट्रैक्टर का बीमा विपक्षी से कराया। उक्त ट्रैक्टर की बीमा पालिसी न0 080802/47/12/9600000226  है। उक्त बीमा पालिसी दि0 20-09-12 से 19-09-13 तक बैध व प्रभावी है। उक्त बीमा पालिसी की एकमुश्त किश्त रू0 7628/- दि0 20-09-12 को परिवादी ने विपक्षी सं0 1 को भुगतान किया। दि0 26-11-12 को परिवादी का ड्राइवर रामशंकर जब खेतों की जुताई करके जब वापस आ रहा था तभी गांव के धर्मेन्द्र सिंह व बरदानी अपने साक्षियों सहित परिवादी को जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करके मां, बहन की अश्लील गालियां दी तथा उसे मारपीट कर गम्भीर चोटे पहुचाई। रामशंकर की तहरीर के आधार पर मु0 अपराध सं0 314/12 अन्तर्गत धारा 435, 427, 323, 504 भा0द0स0 व धारा 3(1)X/एस0सी0/एस0टी0 एक्ट में थाना ललपुरा जिला हमीरपुर में अभियुक्त धर्मेंन्द्र सिंह चौहान व बरदानी तथा अन्य के विरूद्ध कायम किया गया। विवेचक ने बाद विवेचना

 

                                    (3)

पर्याप्त साक्ष्य पाकर अभिक्तगण के विरूद्ध श्रीमान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया जो विचाराधीन है।

      परिवादी ने घटना की अविलम्ब सूचना विपक्षी के कार्यालय को दिया। प्रश्नगत ट्रैक्टर का तकनीकी परीक्षण पुलिस लाइन हमीरपुर के मकैनिक द्वारा दि0 01-12-12 को करके तकनीकी रिपोर्ट पेश की गयी। उक्त रिपोर्ट कागज सं0 10 शामिल पत्रावली है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार चेचिस, इंजन, बाडी, ट्रांसनिशन, स्टेयरिंग, ब्रैक, सस्पेशन, कूलिंग सिस्टम, लाइट, हार्न पूरी तरह जले हुए पाये गये। ट्रैक्टर के टायर भी जले हुए पाये गये।  ट्रैक्टर को घटना स्थल से खींचकर ट्रायल योग्य नहीं पाया गया। इससे साबित है कि प्रश्नगत घटना में परिवादी का ट्रैक्टर पूरी तरह जल गया था।

      परिवादी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर बीमा कम्पनी ने श्री आर0बी0 श्रीवास्तव को सर्वेयर नियुक्त किया। वह दि0 12-01-13 को श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा गए। उनके द्वारा यह पाया गया कि 3 माह का समय बीत जाने के बाद भी उक्त स्टोर के  कर्मचारियों द्वारा ट्रैक्टर की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया। परिवादी ने विवश होकर ट्रैक्टर बुधौलिया एजेन्सी राठ ले गया। वहा पर सर्वेयर ने ट्रैक्टर का सर्वे खुली हालत में किया तथा मरम्मत हो जाने के बाद 06-09-13 को किया। सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में आंकलन करके मु0 113984/- की क्षतिपूर्ति अपनी रिपोर्ट में अंकित किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर परिवादी के दावे को फाइनल कर दिया गया। लेकिन परिवादी ने ट्रैक्टर की मरम्मत से सम्बन्धित जो रिपोर्ट पेश किया है। उसी के अनुसार  उसने ट्रैक्टर की मरम्मत में हुए व्यय कुल 887641/- रू0 का क्लेम किया। परिवादी तथा बीमा कम्पनी के बीच सामंजस्य स्थापित न होने के कारण वांछित अनुतोष पाने हेतु परिवादी ने फोरम में यह परिवाद पेश किया।

      परिवादी ने श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा द्वारा दि0 16-12-12 को ट्रैक्टर से सम्बन्धित पुर्जों व मरम्मत के बाबत रू0 487641/- का बिल पेश किया है जो शामिल पत्रावली कागज सं0 9 है। परिवादी ने सर्वेयर आर0बी0 श्रीवास्तव द्वारा दाखिल रिपोर्ट को इस आधार पर अपूर्ण व झूठी बताया है कि सर्वेयर उससे अनुचित धनराशि की मांग कर रहे थे। उनके द्वारा  की जा रही मांग की पूर्ति न किये जाने के कारण सर्वेयर ने एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए अपनी रिपोर्ट दि0 24-10-13 बीमा कम्पनी को रू0 113984/-  की पेश किया है जो कागज सं0 34 है।

      विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का यह कथन है कि सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया जाना न्याय संगत है। विपक्षी के अधिवक्ता ने निर्णीत दृष्टान्त lll(2009)CPJ 98 राकेश इंडस्ट्रीज बनाम न्यू इण्डिया इंश्योरेन्श क0 लि0, l(2015)CPJ 588(NC) न्यू इण्डिया इंश्योरेन्श क0 लि0 बनाम बालाजी एम्पोरियम व l(2015)CPJ 210(NC) पी0आर0एस0 कन्स्ट्रक्शन्स एण्ड एक्सपोर्टर बनाम रिलायंस जनरल इंश्योरेन्स क0 लि0 व अन्य का हवाला दिया है तथा यह बहस किया कि श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा जिला हमीरपुर के प्रोप्राइटर द्वारा जो बिल बाउचर रू0 487641/- दि0 16-12-12 को जारी किया गया है उसमें रबर, प्लास्टिक के आइटम, टायर ट्यूब का मूल्य जोड़ते हुए 14 प्रतिशत वैट भी चार्ज करना दिखाया गया है। बीमा पालिसी में उक्त

 

                                    (4)

धनराशि कवर नहीं होती है। परिवादी ने साठ-गांठ करके फर्जी रिपोर्ट बनवाया है। इसी आधार पर दावा निरस्त किये जाने योग्य है।

      उपरोक्त के विवेचन के पश्चात मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचता हूँ कि प्रश्नगत घटना में परिवादी का ट्रैक्टर पूरी तरह जल गया था। तकनीकी परीक्षक पुलिस लाइन हमीरपुर द्वारा जारी रिपोर्ट शामिल पत्रावली है। वह रिपोर्ट स्वतन्त्र एजेन्सी के निष्पक्ष व्यक्ति द्वारा तैयार की गई है। परिवादी ने बिना विलम्ब किये घटना की सूचना बीमा कम्पनी को दिया था। बीमा कम्पनी को यह अवसर प्राप्त था कि वह उक्त ट्रैक्टर की मरम्मत अधिकृत एजेन्सी से वह करवा सकती थी। अथवा परिवादी को अधिकृत एजेन्सी से मरम्मत कराने के लिए निर्देशित कर सकती थी। परन्तु उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया। ट्रैक्टर की बीमित धनराशि 455000/- थी जिस पर परिवादी ने रू0 7628/- की एकमुश्त किश्त का भुगतान किया है। परिवादी ने सर्वेयर की रिपोर्ट को इस आधार पर त्रुटिपूर्ण व गलत बताया है कि सर्वेयर उनसे अनुचित धनराशि की मांग कर रहा था जिसे वह पूर्ण करने में असफल रहा। सर्वेयर की रिपोर्ट इस तथ्य का निश्चायक सबूत नहीं है कि परिवादी के ट्रैक्टर में 113984/- का खर्चा आया। परिवादी ने श्रीराम मशीनरी स्टोर मौदहा जिला हमीरपुर द्वारा दि 16-12-12 को जारी बिल रू0 487641/- का पेश किया है। उसमे से यदि प्लास्टिक , रबर आइटम, वैट आदि में हुए व्यय मु0 187641/- को घटा दिया जाये तो ट्रैक्टर की मरम्मत में हुए अनुमानित व्यय मु0 300000/- रू0 दिलाय़ा जाना न्याय संगत होगा। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत दृष्टान्त इस मुकदमे के तथ्यों से भिन्न है वे हूबहू इस मुकदमें में लागू नहीं होते है। अतः उनका कोई लाभ विपक्षी को दिये जाने का पर्याप्त आधार नहीं है। तदनुसार परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद  आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।

                              -आदेश-

      परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी के ट्रैक्टर यू0पी0 91 एफ0 2157 की मरम्मत में हुए व्यय की धनराशि मु0 300000/- रू0, दौडधूप व मानसिक क्लेश के मद में 5000/- रू0 व वाद व्यय 5000/- रू0 परिवादी को अदा करें। आदेश का अनुपालन अंदर 30 दिवस हो अन्यथा क्षतिपूर्ति की धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी अदा करेंगे अन्यथा परिवादी को य़ह अधिकार हासिल है कि वह विधि अनुसार फोरम के माध्यम से उक्त धनराशि की वसूली कर ले।

 

          (हुमैरा फात्मा)                               (रामकुमार)                         

            सदस्या                                    अध्यक्ष 

       यह निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके उद्घोषित किया गया।

 

         (हुमैरा फात्मा)                                (रामकुमार)                         

            सदस्या                                    अध्यक्ष  

 
 
[HON'BLE MR. SHRI RAM KUMAR]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. HUMERA FATMA]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.