Uttar Pradesh

Mahoba

38/2014

DEVENDRA TIWARI - Complainant(s)

Versus

MANAGER UNITED INDIA INS. COMP. LTD. - Opp.Party(s)

G.L. PANDEY

19 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 38/2014
 
1. DEVENDRA TIWARI
CHARKHARI
...........Complainant(s)
Versus
1. MANAGER UNITED INDIA INS. COMP. LTD.
JHANSI
JHANSI
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:G.L. PANDEY, Advocate
For the Opp. Party: NONE, Advocate
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-38/2014                                     डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                       श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

देवेन्‍द्र तिवारी पुत्र श्री देवनन्‍दन प्रसाद निवासी-मुहाल-बजरिया कस्‍बा,परगना व तहसील-चरखारी  जिला-महोबा                                                          ......परिवादी                                 

बनाम

1.प्रबंधक,यूनाइटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 नन्‍दन पुरा चौराहा,सीपरी बाजार,झांसी । 2.प्रबंधक,गजानन मोटर्स बाईपास रोड,महोबा व जिला-महोबा                   ....विपक्षीगण

निर्णय

डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी,सदस्‍य,द्वारा उदधोषित

      परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादी मुहाल-बजरिया कस्‍बा व तहसील- चरखारी व जिला-महोबा का निवासी है और परिवादी एक शिक्षित बेरोजगार युवक था और उसने विपक्षी सं02 के यहां से फोर्स मोटर एल0टी0डी0/टी0ए0एक्‍स क्रूजर 13 सीटर गाडी खरीदी,जिसका इंजन नं0डी 27068416 तथा चेचिस नं0एन0सी01 डी04डी0एम0ए0एक्‍स0डी0पी0ओ0 31278 है तथा रजिस्‍ट्रेशन नं0 यू0पी095 बी 4718 है । परिवादी ने अपनी इस गाडी पर 4,00,000/-रू0 फाइनेंस इण्‍डसइंड बैंक से करवाया था । परिवादी की गाडी का बीमा विपक्षी सं02 द्वारा प्रीमियम धनराशि 24,875/-रू0 लेकर विपक्षी सं01 के माध्‍यम से पालिसी सं023001001277 बीमा दि002.01.2013 से 01.01.2014 तक की अवधि हेतु कराया था । दि0 03.06.2013 को समय लगभग 4:00 बजे सायं को परिवादी अपने परिवार को गाडी में लेकर मुस्‍करा से चरखारी आ रहा था कि बसौंठ के समीप लगभग एक किमी0 दूर खरेला की तरफ पहुंचने पर अचानक गाडी के सामने वनरोज आ गया,जिससे गाडी का संतुलन बिगड गया और किनारे खडे ट्रैक्‍टर ट्राली में गाडी भिड गई और डेमेज हो गई । परिवादी ने दुर्घटना की सूचना त‍त्‍काल फोन द्वारा विपक्षीगण को दी थी व लिखित तहरीर थाना-खरेला में दी । बीमा कंपनी ने तत्‍काल दूसरे दिन सर्वेयर भेजा उसने स्‍पाट सर्वे किया एवं गाडी की फोटो ली और परिवादी से कहा कि आप अपनी गाडी गजानन मोटर्स झांसी ले जाइये व हमें सूचित करिये । परिवादी अपनी गाडी टोचिंग करके गजानन मोटर्स ले गया और विपक्षी सं01 को सूचित किया कि गाडी गजानन मोटर्स में आ गई है तो विपक्षी सं01 ने क‍हा कि गाडी वहीं खडी रहने दें हमारा सर्वेयर आ रहा है वह गाडी का स्‍टीमेट बनायेगा । सर्वेयर द्वारा गाडी का स्‍टीमेट 1,60,265.35रू0 का बनाया गया और परिवादी से कहा कि आप अपनी गाडी बनवाये हम गाडी ठीक होने पर मुआयना करने पर जो भी खर्च उसमें आयेगा उसका भुगतान करेगें । परिवादी ने गाडी बनवाने के बाद विपक्षी बीमा कंपनी को सूचित किया तो उनके द्वारा अपना एक आदमी भेजा गया,जिसके द्वारा गाडी का मुआयना किया गया और कहा गय कि हम दो तीन दिन में पेमेंट कर देंगें तुम आकर गाडी उठा ले जाना । परिवादी एक माह गजानन मोटर्स गया और पता किया तो उनके द्वारा बताया गया कि बीमा कंपनी द्वारा पेमेंट नहीं किया गया इसलिये आपको गाडी नहीं मिलेगी । इस प्रकार परिवादी ने कई बार विपक्षी बीमा कंपनी से अनुरोध किया परन्‍तु बीमा कंपनी द्वारा पेमेंट नहीं किया गया और उसे गाडी नहीं मिली,जिससे परिवादी को लगभग 3,00,000/- रूपये का स्‍वरोजगार का नुकसान हुआ और परिवादी ने फाईनेंस पर ली थी । परन्‍तु उक्‍त घटना के कारण परिवादी न तो किस्‍तें अदा कर पाया । परिवादी ने इसे विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि मानते हुये प्रार्थना की गई कि परिवादी को विपक्षी सं01 से उक्‍त गाडी की ठीक कराने में आये खर्च की धनराशि 1,60,265-65 रू0 दिलाया जाये तथा परिवादी को हुई स्‍वरोजगार की क्षति के रूप में 2,50,000/-रू0 एवं मानसिक कष्‍ट के लिये 50,000/-रू0 व परिवाद व्‍यय दिलाया जाये ।

                विपक्षी सं01 बीमा कंपनी ने अपना जबाबदावा प्रस्‍तुत और कथन किया कि परिवादी की गाडी का बीमा किस कार्यालय द्वारा किया गया इस‍की जानकारी उनको नहीं है । साथ ही यह भी कहा गया कि परिवादी ने उनके कार्यालय को गाडी की दुर्घटना की सूचना नहीं दी जिससे वह गाडी का भौतिक सत्‍यापन नहीं करा सके,जो बीमा शर्त का उल्‍लंघन है इसलिये परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्‍य है ।

      विपक्षी सं02 की और से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही उनके द्वारा कोई जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया और न ही उनके द्वारा सुनवाई में भाग लिया गया । अत: विपक्षी सं02 के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से कार्यवाही किये जाने का आदेश पारित किया गया ।    

      परिवादी की ओर से अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त परिवाद पत्र के साथ परिवादी देवेन्‍द्र तिवारी के शपथ पत्र 4ग एवं 16ग प्रस्‍तुत किये गये ।  

      विपक्षी सं01 बीमा कंपनी की और से अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र द्वारा मण्‍डलीय प्रबंधक,यूनाइटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कंपनी लि0झांसी कागज सं0 14ग दाखिल किया गया ।

      पत्रावली का अवलोकन किया गया । विपक्षी बीमा कंपनी के अधिवक्‍ता द्वारा परिवादी द्वारा प्र‍स्‍तुत बिलों के सत्‍यापन हेतु समय चाहा गया,जिसे स्‍वीकार करते हुये दो दिन का समय दिया गया । परन्‍तु आज बहस के समय उनके द्वारा पुन: परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत बिलों के सत्‍यापन हेतु स्‍थगन प्रार्थना पत्र दिया गया,जिस पर परिवादी की और से आपत्ति की गई और कथन किया गया कि लगभग दो वर्ष से अधिक का समय हो गया और विपक्षी अनावश्‍यक समय बढाना चाहते हैं और विपक्षी बीमा कंपनी और बिल देने वाली संस्‍था एक ही शहर झांसी में हैं और एक बार बिलों के सत्‍यापन हेतु समय दिया जा चुका है । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी मात्र समय बढाने हेतु प्रार्थना पत्र दे रहा है,जो खारिज किये जाने योग्‍य है । पत्रावली के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि इस परिवाद को चलते हुये लगभग दो वर्ष हो गये है । अंत: प्रार्थना पत्र निरस्‍त किया गया । पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क सुने गये ।

परिवादी एक शिक्षित बेरोजगार युवक था और उसने विपक्षी सं02 के यहां से फोर्स मोटर एल0टी0डी0/टी0ए0एक्‍स क्रूजर 13 सीटर गाडी खरीदी,जिसका इंजन नं0डी 27068416 तथा चेचिस नं0एन0सी01 डी04डी0एम0ए0एक्‍स0डी0पी0ओ0 31278 है तथा रजिस्‍ट्रेशन नं0 यू0पी095 बी 4718 है । परिवादी ने अपनी इस गाडी पर 4,00,000/-रू0 फाइनेंस इण्‍डसइंड बैंक से करवाया था । परिवादी की गाडी का बीमा विपक्षी सं02 द्वारा प्रीमियम धनराशि 24,875/-रू0 लेकर विपक्षी सं01 के माध्‍यम से पालिसी सं023001001277 बीमा दि002.01.2013 से 01.01.2014 तक की अवधि हेतु कराया था । दि0 03.06.2013 को समय लगभग 4:00 बजे सायं को परिवादी अपने परिवार को गाडी में लेकर मुस्‍करा से चरखारी आ रहा था कि बसौंठ के समीप लगभग एक किमी0 दूर खरेला की तरफ पहुंचने पर अचानक गाडी के सामने वनरोज आ गया,जिससे गाडी का संतुलन बिगड गया और किनारे खडे ट्रैक्‍टर ट्राली में गाडी भिड गई और डेमेज हो गई । परिवादी ने दुर्घटना की सूचना त‍त्‍काल फोन द्वारा विपक्षीगण को दी थी व लिखित तहरीर थाना-खरेला में दी । बीमा कंपनी ने तत्‍काल दूसरे दिन सर्वेयर भेजा उसने स्‍पाट सर्वे किया एवं गाडी की फोटो ली और परिवादी से कहा कि आप अपनी गाडी गजानन मोटर्स झांसी ले जाइये व हमें सूचित करिये । परिवादी अपनी गाडी टोचिंग करके गजानन मोटर्स ले गया और विपक्षी सं01 को सूचित किया कि गाडी गजानन मोटर्स में आ गई है तो विपक्षी सं01 ने क‍हा कि गाडी वहीं खडी रहने दें हमारा सर्वेयर आ रहा है वह गाडी का स्‍टीमेट बनायेगा । सर्वेयर द्वारा गाडी का स्‍टीमेट 1,60,265.35रू0 का बनाया गया और परिवादी से कहा कि आप अपनी गाडी बनवाये हम गाडी ठीक होने पर मुआयना करने पर जो भी खर्च उसमें आयेगा उसका भुगतान करेगें । परिवादी ने गाडी बनवाने के बाद विपक्षी बीमा कंपनी को सूचित किया तो उनके द्वारा अपना एक आदमी भेजा गया,जिसके द्वारा गाडी का मुआयना किया गया और कहा गय कि हम दो तीन दिन में पेमेंट कर देंगें तुम आकर गाडी उठा ले जाना । परिवादी एक माह गजानन मोटर्स गया और पता किया तो उनके द्वारा बताया गया कि बीमा कंपनी द्वारा पेमेंट नहीं किया गया इसलिये आपको गाडी नहीं मिलेगी । इस प्रकार परिवादी ने कई बार विपक्षी बीमा कंपनी से अनुरोध किया परन्‍तु बीमा कंपनी द्वारा पेमेंट नहीं किया गया और उसे गाडी नहीं मिली ।

विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा मुख्‍य रूप से गाडी की दुर्घटना की सूचना परिवादी द्वारा बीमा कंपनी को न दिये जाने का कथन किया गया और जबाबदावा में गाडी के बीमा से भी अनभिज्ञता जाहिर की ।

परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेखीय साक्ष्‍य बीमा पालिसी की छायाप्रति कागज सं08ग से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवादी की गाडी का बीमा विपक्षी बीमा कंपनी की पालिसी सं023001001277 द्वारा बीमा दि002.01.2013 से 01.01.2014 तक की अवधि हेतु कराया था । जबकि घटना दि0 03.06.2013 को समय लगभग 4:00 बजे सायं की है,जो बीमा अवधि के अंतर्गत है तथा परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत स्‍टीमेट जो दि012.06.2013 का और गजानन मोटर्स झांसी द्वारा तैयार किया गया है । अर्थात दि0 12.06.2013 को परिवादी का वाहन गजानन मोटर्स झांसी में था और विपक्षी बीमा कंपनी कार्यालय भी झांसी में है । साथ ही परिवादी द्वारा शपथ पूर्वक कथन किया गया है कि उसके द्वारा घटना की सूचना तत्‍काल विपक्षीगण को दी,जिस पर विपक्षी बीमा कंपनी के सर्वेयर द्वारा स्‍पाट सर्वे किया गया तथा स्‍वयं अपनी उपस्थिति में विपक्षी सं02 के यहां से स्‍टीमेट तैयार कराया गया । जबकि इसके विपरीत अपने जबाबदावा के समर्थन में विपक्षी बीमा कंपनी की और से प्रस्‍तुत शपथ पत्र में शपथ कर्ता अधिकारी का नाम भी अंकित नहीं है । साथ ही परिवादी द्वारा अपने शपथ पत्र 16ग में उल्‍लेख किया है कि उसने दि0 08.05.2016 को स्‍वयं मु01,14,680/-रू0 विपक्षी सं02 को भुगतान कर के अपना वाहन प्राप्‍त किया । अर्थात वाहन को ठीक कराने में हुआ वा‍स्‍तविक व्‍यय 1,14,680/-रू0 है । इसके समर्थन में उसके द्वारा विपक्षी सं02 द्वारा उक्‍त गाडी के संबंध में जारी किया गया बिल 17ग/1 व 17ग/2 है ।

उपरोक्‍त्‍ परिस्थितियों में यह फोरम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचता है कि परिवादी का वाहन दि0 03.06.2013 को दुर्घटना में क्षतिग्रस्‍त हुआ और परिवादी ने इसकी सूचना विपक्षी बीमा कंपनी को दी और बीमा कंपनी ने स्‍पाट सर्वे कराया और परिवादी ने अपनी गाडी फोर्स कंपनी की अधिकृत शाखा से विपक्षी बीमा कंपनी के आदेश के अनुपालन में ठीक कराई । परन्‍तु विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादी को उसके वाहन को बनवाने में आये खर्च का भुगतान न किया, जो विपक्षी बीमा कंपनी की सेवा में त्रुटि एवं व्‍यापारिक कदाचरण की श्रेणी में आता है । यदि विपक्षी बीमा कंपनी समय से परिवादी के वाहन के बनवाने में आये खर्च को विपक्षी सं02 को प्रदान कर देता तो समय से परिवादी को उसका वाहन प्राप्‍त हो जाता और वह अपना स्‍वरोजगार कर पाता है । इस प्रकार परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है ।   

                               आदेश     

      परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 बीमा कंपनी स्‍वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं01 परिवादी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर परिवादी के वाहन को बनवाने में आये खर्च की धनराशि 1,14,680/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक ९ प्रतिशत ब्‍याज सहित प्रदान करें । इसके अलावा स्‍वरोजगार की क्षति 10,000/-रू0 मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/-रू0 विपक्षी परिवादी को प्रदान करे ।

 

        (श्रीमती नीला मिश्रा)                            (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)

            सदस्‍या,                                         सदस्‍य,                      

        जिला फोरम,महोबा।                              जिला फोरम,महोबा।

          31.05.2016                                     31.05.2016

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

 

  (श्रीमती नीला मिश्रा)                            (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)

            सदस्‍य,                                         सदस्‍या,                      

        जिला फोरम,महोबा।                              जिला फोरम,महोबा।

          31.05.2016                                     31.05.2016                  

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN KUMAR GOAYAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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