Uttar Pradesh

Mau

CC/107/2014

AJIT KUMAR SINGH - Complainant(s)

Versus

MANAGER UBI NARAIBADH MAU - Opp.Party(s)

AMRESH KUMAR SINGH

07 May 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum Mau
Collectreat Compound MAU
 
Complaint Case No. CC/107/2014
 
1. AJIT KUMAR SINGH
SAHADATPURA MAU
MAU
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. MANAGER UBI NARAIBADH MAU
NARAIBADH MAU
MAU
Uttar Pradesh
2. MANAGER THE NEW INDIA INSURANCE CO. LTD. AZAMGARH
AZAMGARH
AZAMGARH
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV MEMBER
 HON'BLE MRS. LAL MUNNI YADAV MEMBER
 
For the Complainant:AMRESH KUMAR SINGH, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, मऊ।
                परिवाद संख्या - 107/2014
                                प्रस्तुति दिनांकः- 05.08.2014
                                निर्णय दिनांकः-  07.05.2015
अजीत कुमार सिंह पुत्र स्व0 राधाकृष्ण सिंह मकान नं0 740/06 मु0 सहादतपुरा, थाना- कोतवाली, तहसील- सदर, जनपद- मऊ।
                                        .......................... परिवादी
                       बनाम
1-    यूनियन बैंक आफ इण्डिया, नरईबाध , जनपद- मऊ। जरिये शाखा प्रबन्धक
2-    दी न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स क0 लि0 आजमगढ़, जनपद- आजमगढ़ जरिये शाखा प्रबन्धक
........................विपक्षीगण

उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
आदेशः-   जनार्दन सिंह
निर्णय 
प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अन्तर्गत इस आशय की प्रार्थना के साथ योजित किया गया है कि विपक्षीगण से बतौर क्षतिपूर्ति 19500.00 रू0 अदायगी की तिथि तक 18 प्रतिशत मासिक व्याज के दर से दिलायी जाय।
परिवाद पत्र मे संक्षिप्त अभिकथन इस प्रकार है कि परिवादी की एक दुकान अजनाम चेतना कम्प्यूटर वल्र्ड के नाम से मोहल्ला सहादतपुरा अली बिल्डिंग प्रथम तल तहसील सदर जनपद मऊ मे स्थित है परिवादी के उपरोक्त दुकान का बीमा विपक्षी सं0 एक ने विपक्षी सं0 दो से 15 लाख रू0 मे कराया था जिसका पालिसी नं0 42130248110600002815 है बीमा के प्रिमियम की रकम परिवादी के सी.सी. एकाउण्ट सं0 71201 से दिनांक 10.01.2012 को दि न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स क0 विपक्षी सं0 2 को मु0 10631.00 रू0 दे कर कराया था। दिनांक 03.03.2012 को 11 बजे दिन में ग्राहको की काफी भीड भाड थी उसी समय कीसी अज्ञात ग्राहक ने परिवादी के दुकान के काउन्टर मे रखा 19500.00 रू0 चुरा लिए। चोर की काफी खोज की गयी लेकिन उसका कोई पता नही चला। परिवादी की दुकान का विपक्षी सं0 एक के यहा से 20 लाख रू0 का सी.सी. लोन है। परिवादी ने चोरी की घटना की सूचना थाना कोतवाली मऊ को तथा विपक्षी सं0 एक व दो केा तत्काल दिया थाने मे मुकदमा पंजीकृत होने के पश्चात परिवादी द्वारा उपरोक्त धनराशि विपक्षी सं0 दो बीमा कम्पनी से प्राप्त करने हेतु विपक्षी सं0 एक बैंक से कई बार बात की गयी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर परिवादी ने उपरोक्त अनुतोष के लिए यह परिवाद योजित किया।
विपक्षी सं0 एक की तरफ से अपने जवाबदावे में परिवादी के उपरोक्त 20 लाख के सी0सी0 लोन तथा उसकी दुकान का बीमा विपक्षी सं0 दो के यहा किया जाना स्वीकार किया गया। तथा उपरोक्त परिवादी के 19500.00 रू0 की चोरी की सूचना प्राप्त होते ही क्लेम के लिए सभी प्रपत्र विपक्षी सं0 दो को भेज दिये गये विपक्षी सं0 एक के द्वारा क्लेम की धनराशि देय नही है।
विपक्षी सं0 दो विमा कम्पनी द्वारा परिवादी के कथन को स्वीकार किया गया तथा उसकी दूकान का बीमा व प्रथम सूचना रिर्पोट एवं न्यायालय द्वारा अंतिम आख्या स्वीकार की गयी लेकिन उपरोक्त दांडिक मुकदमे की एफ0आर0 की पत्रावली न मिलने के कारण इसकी सूचना बैंक से चाही गयी प्रपत्र के अभाव मे 19500.00 रू0 का भुगतान परिवादी को नही किया जा सका अतः परिवाद निरस्त होने योग्य है।
उभय पक्षो की तरफ से अपने अपने शपथ पत्र तथा परिवादी की तरफ से दावा निस्तारण के लिए प्रथम सूचना रिर्पोट तथा अंतिम आख्या स्वीकार किये जाने के आदेश की प्रति विधिक नोटिस बीमा प्रपत्र पत्रावली मे दाखिल किया गया।
सभी पक्षो के तर्क सूने गये तथा सम्पूर्ण पत्रावली का परिशीलन किया गया।
विपक्षी सं. दो की तरफ से शपथ पत्र प्रस्तुत कर के यह स्वीकार किया गया की बीमा कम्पनी 19500.00 रू0 क्लेम की धनराशि देने को तैयार है। प्रपत्र न मिलने के कारण क्लेम के निस्तारण मे बिलम्ब हुआ। इस मामले मे सभी पक्षो की सहमती से परिवादी के पक्ष मे विपक्षी सं. दो के द्वारा 19500.00 रू0 दिये जाने का दायित्व निर्धारित किया जाता है। चूकि प्रपत्र के अभाव में क्लेम का निस्तारण नही हो पाया अतः बीमा कम्पनी कोई अतिरिक्त क्षतिपूर्ति की देनदार नही होगी।
आदेश
अतः परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। तदनुसार विपक्षी सं0 दो को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को 19500.00 रू0 30 दिन के अन्दर अदा करे। ऐसा न करने पर निर्णय की तिथि से 09 प्रतिशत वार्षिक व्याज परिवादी विपक्षी सं0 दो से प्राप्त करने का अधिकारी होगा। विपक्षी सं0 एक के विरूद्ध परिवाद खारिज किया जाता है। 

उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
दिनांकः-

आज खुले न्यायालय में दिनांकित एवं हस्ताक्षरित करके निर्णय सुनाया गया। 


उपस्थितिः- जनार्दन सिंह            लाल मुन्नी यादव        राम चन्द्र यादव
          अध्यक्ष                     सदस्य                सदस्य
दिनांकः-

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE JANARDAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. RAM CHANDRA YADAV]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. LAL MUNNI YADAV]
MEMBER

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