Arvindar kour filed a consumer case on 09 Sep 2015 against Manager, Super Star Cruz Libra in the Kota Consumer Court. The case no is CC/14/2007 and the judgment uploaded on 10 Sep 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः-
01. नंदलाल शर्मा ः अध्यक्ष
02. महावीर तंवर ः सदस्य
परिवाद संख्या:-14/07
श्रीमती अरविन्द कौर पत्नी श्री अनिल बंदी जाति सिक्ख उम्र 38 वर्ष जाति सिक्ख निवासी करतार निवास, कोटा जंक्शन राजस्थान। परिवादिया
बनाम
01. सुपर स्टार क्रूज लिब्रा,77-79, के आन्नाई बिल्डिंग, फोर्थ फ्लोर, महर्षि कारवे रोड, न्यू मरीन, लाईन्स, कुम्बई-400002 जर्ये मैनेजर।
02. कोक्स एण्ड किंग्स, तीर्थराज अपार्टमेन्ट, सिविल लाईन्स, जयपुर राजस्थान जरिये मैनेजर। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री भारत सिंह हाडा, अधिवक्ता,परिवादिया की ओर से ं।
02. अप्रार्थी सं.1 की तलवी बंद की गई।
03. श्री बृजभूषण शर्मा, अधिकवक्ता, अप्रार्थी सं.2 की ओर से।
निर्णय दिनांक 09.09.2015
परिवादिया का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि परिवादिया अपने पति, पुत्री निष्का व अपने पारिवारिक मित्रों के साथ यात्रा करने के लिये अप्रार्थी सं. 2 को दिनांक 25.10.06 को 51,296/- रूपये अदा करके उसके जरिये दिनांक 19.11.06 से 22.11.07 तक के लिये मुम्बई से लक्ष्यदीप के लिये आने जाने हेतु बुकिंग करवाई थी, अप्रार्थी सं. 1 के द्वारा दिनांक 26.10.06 को आरक्षण नं. 4413935 परिवादिया को दे कर सुपरस्टार लिब्रा के अंदर केबिन नं. 3110 सी.डी. ओशन व्यू स्टेट रूम डेक नं. 3 बुक किया था। परिवादिया अपनी पत्नी व मित्रों सहित दिनांक 18.11.06 को यात्रा करते हुये दिनांक 21.10.06 को सुबह लक्ष्यदीप पहंुचे लेकिन समुद्र में गहराई कम होने के कारण उक्त जहाज को किनारे से लगभग एक किलोमीटर दूर खडा कर दिया गया, तथा जहाज के किनारे कडमड आयलेण्ड ले जाने के लिये छोटी छोटी लोकल बोट लगा दी गई, तथा एक बोट में 10-10 व्यक्तियों को बिठाया गया। परिवादिया भी कउमड आयलेण्ड जाने के लिये तैयार बैठा था कि तभी दिन के करीब 12 बजे क्रूज के केप्टन द्वारा सूचना दी गई कि किसी कारणवश हम आपको उक्त आयलेण्ड पर नहीं ले जा रहे है और इसके पश्चात जहाज वापस मुम्बई के लिये रवाना हो गया तथा दिनांक 22.11.06 को अप्रार्थी द्वारा पत्र दिया गया कि दुबारा आपको मई 07 तक यात्रा करने करने पर 25 प्रतिशत किराये में छूट दी जावेगी। परिवादिया को अप्रार्थी सं. 1 के यहाॅ कोटा से मुम्बई काफी पैसा खर्च करके पहुंचा लेकिन उसने परिवादिया द्वारा यात्रा नहीं करवाई। परिवादिया की यात्रा अधूरी रह गई, यात्रा का आनंद नहीं उठा सका, कीमती समय बर्बाद हो गया, अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य से परिवादिया को मानसिक संताप हुआ। परिवादिया ने अप्रार्थीगण को कानूनी नोटिस भी भेजे, जो उन्हे प्राप्त हो चके है बाद निकलने मियाद भी अप्रार्थीगण ने परिवादिया को क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया। इसलिये परिवादिया को अप्रार्थीगण से मानसिक संताप,आर्थिक क्षति की राशि, तीन टिकिटों की राशि 51,296/- रूपये दिलवाये जावे।
अप्रार्थी सं. 1 की तलवी 08.05.15 को बद कर दी गई है।
अप्रार्थी सं.2 ने परिवादिया के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादिया के परिवाद को माननीय मंच को सुनने का क्षैत्राधिकार नहीं है। अप्रार्थी सं. 1 व 2 का कोई आफिस कोटा में स्थिति नहीं है और ना ही उनका कोई एजेन्ट वहाॅ कार्य करता है। परिवादिया से किसी प्रकार की कोई लेन देन कोटा में नहीं हुआ है। परिवादिया का आफिस मुम्बई में स्थित है, इसलिये यह परिवाद दक्षिण मुम्बई के मंच को सुनने का क्षैत्राधिकार है। परिवादिया ने मनगढन्त, आधारहीन, असत्य, गलत तथा मिथ्या कथनों के आधार पर परिवाद पेश किया हैं। परिवादिया व अप्रार्थी सं. 1 के बीच उपभोक्ता के संबंध नहीं है। परिवादिया ने अप्रार्थी सं. 2 से कोई संविदा की उस संविदा के दस्तावेज को मंच के समक्ष पेश नहीं किया है। परिवादिया ने आवश्यक पक्षकार नहीं बनाया। अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादिया की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादिया का परिवाद सव्यय खारिज किये जाने योग्य है।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादिया अप्रार्थीगण की उपभोक्ता है ?
परिवादिया के परिवाद, शपथ-पत्र, से परिवादियां, अप्रार्थीगण की उपभोक्ता है।
02. आया यह परिवाद जिला मंच के क्षैत्राधिकार का है या नहीं ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादिया ने अपने परिवाद की मद सं. 7 में अंकित किया कि- पक्षकारों के मध्य अनुबंध कोटा में हुआ था, तथा परिवादिया द्वारा अप्रार्थीगण को बुकिंग हेतु राशि का भुगतान चैक के माध्यम से कोटा से किया गया था, इसलिये इस परिवाद को सुनने का क्षैत्राधिकार माननीय मंच को प्राप्त है, लेकिन परिवादिया ने उसके व अप्रार्थीगण के मध्य कोई संविदा कोटा में हुई तो उस संविदा का कोई दस्तावेज, अप्रार्थीगण को जो राशि भुगतान कोटा में चैक के द्वारा की गई उस चैक की फोटो कापी, परिवादिया के बैंक एकाउन्टस से राशि अप्रार्थीगण के खाते में गई उस खाते की नकल मंच में पेश नहीं की गई जिससे यह साबित हो सके कि परिवादिया और अप्रार्थीगण के मध्य काई संविदा कोटा में हुई थी, जिससे परिवादिया के परिवाद को सुनने का क्षैत्राधिकार इस मंच को है इसके विपरीत अप्रार्थी सं.2 के जवाब में यह अंकित किया है कि अप्रार्थी सं. 1 व 2 का कोई आफिस कोटा में स्थित नहीं है और ना ही उनका कोई एजेन्ट कोटा जिला मंच के क्षैत्राधिकार में कार्य करता है, परिवादिया से उनकी कोटा में किसी भी प्रकार की कोई संविदा नही हुई है, अप्रार्थी सं. 1 का कार्यालय मुम्बई दक्षिण में है तथा अप्रार्थी सं. 2 का कार्यालय भी जयपुर में है। परिवादिया ने उक्त यात्रा के टिकिट भी अप्रार्थी 1 से सीधे नही खरीद कर अप्रार्थी सं. 2 के माध्यम से खरीद किये है, अप्रार्थी सं. 1 की तलवी भी बंद की जा चुकी है। अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादिया की किसी भी प्रकार की सेवा में कमी की तो इसके लिये जयपुर स्थिति मंच में परिवाद दायर करना चाहिये था। अप्रार्थी सं. 1 व 2 इसलिये परिवादिया का यह परिवाद इस जिला मंच को सुनने का क्षैत्राधिकार नहीं है। अप्रार्थीसं. 2 के विद्वान अधिवक्ता ने जवाब में विभिन्न न्यायिक दृष्टान्तो का हवाला दिया है परन्तु उक्त न्यायिक दृष्टान्त की फोटो कापी मंच में प्रस्तुत नहीं की है, इसलिये उन पर विचार नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त विवेचन के आधार पर हमारे विचार से परिवादिया के द्वारा प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षैत्राधिकार इस मंच को नहीं है।
03. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
परिवादी बिन्दु संख्या 2 को अपने पक्ष में साबित करने में असफल रहा है, इसलिये इस बिन्दु पर विवेचन, विश्लेषण करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
04. अनुतोष ?
परिवादियां का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादियां अरविन्द कौर का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारान अपना-अपना वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 09.09.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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