Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/292/2014

Amrit Kumar Maheshwari - Complainant(s)

Versus

Manager Sagar Institute of Management Technology - Opp.Party(s)

Shri Anil Kumar Singh

25 Jul 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/292/2014
 
1. Amrit Kumar Maheshwari
S/O Delip Maheshwari, Mohalla- Mahajan Toli, Pargana & Tehsil- Sadar
Ghazipur
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager Sagar Institute of Management Technology
Barabanki
Barabanki
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Paramsheela PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Anil Kumar Singh, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरुद्ध शपथ पत्र के साथ प्रस्‍तुत करते हुए कहा है कि वह वर्ष 2010-11 में सी0एस0 ब्रांच का विपक्षी के यहॉ संस्‍थागत छात्र रहा है और उसी समय छात्रवृत्ति हेतु आवेदन किया था। परिवादी का नाम इण्‍टरनेट   सूची पर 65वें क्रमांक पर था लेकिन उसका भुगतान विपक्षी द्वारा नहीं किया गया। विपक्षी के इण्‍टरनेट सूची में कार्पोरेशन बैंक बाराबंकी के खाता सं0 000000106601000306  में छात्रवृत्ति का प्रेषण किया गया दर्शाया गया है लेकिन  छात्रवृत्ति की धनराशि रू0 44,634/- आज तक परिवादी के खाते में प्राप्‍त नहीं हुआ जिसके बावत सूचना अधिकार अधिनियम के तहत समाज कलयाण विभाग उत्‍तर प्रदेश लखनऊ को दि0 17-01-2012को आवेदन प्रस्‍तुत किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उत्‍तर प्राप्‍त न होने के अनुक्रम में दिनांक 22-08-2012 को प्रथम अपील भी किया लेकिन कोई सन्‍तोषजनक जवाब नहीं मिला। दि0 26-06-2013 को जन सूचना अधिकारी बाराबंकी के यहॉ आवेदन किया। कोई कार्यवाही नहीं हुई। दि0 06-08-13 को जिला समाज कल्‍याण अधिकारी बाराबंकी एवं संयुक्‍त निदेशक समाज कल्‍याण उत्‍तर प्रदेश लखनऊ को रजिस्‍टर्ड सूचना भेजा। कोई जवाब नहीं मिला। विपक्षी द्वारा जानबूझकर परिवादी को हैरान- परेशान किया जाता रहा और विपक्षी की लापरवाही से परिवादी की रू0 46634/- की आर्थिक क्षति एवं मानसिक तथा अन्‍य खर्च लगभग रू0 20,000/- का हुआ। साथ ही परिवादी के अध्‍ययन में व्‍यवधान भी हुआ जिसकी सम्‍पूर्ण देनदारी विपक्षी पर बनती है। उक्‍त कथनों को कहते हुए  रू0 एक लाख क्षतिपूर्ति प्राप्‍त करने हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।

 

     फोरम द्वारा विपक्षी को सूचना भेजी गयी। विपक्षी द्वारा रजिस्‍टर्ड डाक से जवाब परिवाद 18क प्रस्‍तुत करते हुए कहा गया है कि परिवादी का नाम सम्मिलित सूची में  118वें क्रम पर  था । जिला समाज कल्‍याण अधिकारी  द्वारा सत्र 2010-11 में सागर इन्स्टिच्‍यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी एण्‍ड मैनेजमेंट द्वारा  रू0 37,00000/- प्राप्‍त किया गया और उसको समाज कल्‍याण विभाग बाराबंकी  द्वारा निर्गत परम्‍परागत  निर्देश के  अनुसरण में  प्रथम वर्ष को प्राथमत: द्वितीय वर्ष को इसके उपरांत तथा तृतीय वर्ष को इसके उपरांत तथा अन्तिम रूप से चतुर्थ वर्ष को  शिक्षण शुल्‍क‍ि ( ट्यूशन फीस) बॉटने की बात की गयी जो आय प्रमाण पत्र के आधार पर बॉटा जाना था।  परिवादी को विपक्षी ने कोई परेशान नहीं किया है। किसी भी प्रकार का वाद कारण नहीं है। दि0 20-10-11 को परिवादी का नाम 211 क्रमांक पर अंकित था तथा उनको रू0 44,634/- की राशि  ट्यूशन फीस के एवज में दिया जाना प्रस्‍तावित था। जिला समाज कल्‍याण अधिकारी बाराबंकी द्वारा विषय दशमोत्‍तर शुल्‍क प्रतिपूर्ति वर्ष 2010-11 सागर इन्स्टिच्‍यूट आफ टेक्‍नोलॉजी एवं मैनेजमेंट के खाता सं0 सीबीएसी/01/22 (कारपोरेशन बैंक बाराबंकी) में रू0 37,00000/- का भुगतान किया गया तथा दि0 30-05-2011 को रू0 64,681/- का भुगतान किया गया। वर्ष 2010-11 में  जिला समाज कल्‍याण अधिकारी बाराबंकी  द्वारा दो किस्‍तों  में  कुल रू0 3764681/- रूपये प्रदान किये गये जिसे जुनियर से सीनियर  के क्रम में आय के आधार पर 122 छात्रों को बॉट दिया गया और कालेज के एकाउण्‍ट में  कुल रू0 11017/- शेष बचे हैं । बी टेक चतुर्थ वर्ष आई0टी0 चतुर्थ वर्ष वार्षिक आय 24000/- को प्रथम किस्‍त द्वारा अभिषेक कुमार पाण्‍डेय  पुत्र- राधेश्‍याम पाण्‍डेय एम0ई0 तृतीय वर्ष को  वार्षिक आय 28000 को द्वितीय किस्‍त द्वारा भुगतान कर जिला समाज कल्‍याण अधिकारी को अवगत करा दिया गया है। वादी के ऊपरी क्रम में वादी से कम आय रखने वाले  चतुर्थ वर्ष के छात्रों की संख्‍या 28 है जिन्‍हें ट्यूशन फीस का भुगतान धनराशि समाप्‍त हेाने के कारण नहीं दिया जा सका है। शुल्‍क प्रतिपूर्ति का विषय पूर्णतया जिला समाज कल्‍याण अधिकारी की अनुशंसाओं पर तथा उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत राशि तथा योजनाओं पर आधारित है जो सामान्‍य वर्ग के लिए न्‍यूनतम है इस प्रकार से निर्गत राशि में से  समस्‍त आवेदक छात्रों को ट्यूशन फीस की प्रस्‍तावित  राशि का शुल्‍क प्रतिपूर्ति किया जाना सम्‍भव नहीं है। परिवादी ने गलत तथ्‍यों के आधार पर विपक्षी को तंग करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया है जिसमें विपक्षी की कोई लापरवाही नहीं है। उपरोक्‍त कथनों को कहते हुए विपक्षी ने परिवाद को निरस्‍त करने की मॉंग किया है।

 

     पक्षों द्वारा अपने-अपने समर्थन में प्रपत्र 7ग, 8ग, 9ग, 10ग, 11ग, 12ग, 13ग,14ग,15ग,16ग के साथ- साथ पत्रावली पर 19ग,20ग, 21ग, 22ग, 23ग, 24ग, 25ग, 26ग, 27ग, 28ग, प्रस्‍तुत किये गये हैं ।

 

     चॅूकि प्रश्‍नगत प्रकरण में विपक्षी नहीं आया। उसके विरुद्ध फोरम द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की गयी जबकि विपक्षी द्वारा रजिर्स्‍ट डाक से अपना जवाब परिवाद, प्रस्‍तुत किया गया है। अत: फोरम द्वारा  परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी गयी। पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों/ कागजातों का अवलोकन और परिशीलन किया गया। पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍यों के अवलोकन से स्‍पष्‍ट  है कि परिवादी ने प्रनगत संस्‍था में सत्र 2010-11 का छात्र रहा है, उसी समय छात्रवृत्ति हेतु आवेदन किया है। उक्‍त धनराशि रू0 44,634/- की प्राप्ति हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

     यहॉ मुख्‍य विचारणीय प्रश्‍न यह है कि परिवादी जनपद बाराबंकी में विपक्षी के इन्स्टिच्‍यूट में छात्र रहा है और सारा कार्य - व्‍यवहार जनपद बाराबंकी में हुआ है और पत्रावली पर जिला समाज कल्‍याण अधिकारी बाराबंकी के तमाम पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं जिससे यह साबित होता है कि परवादी के शिक्षण से सम्‍बन्धित कार्य  उक्‍त वर्ष में जनपद बाराबंकी में हुआ है। शिक्षण सम्‍बन्‍धी समस्‍त कार्य जनपद बाराबंकी में किया गया है। पत्रावली पर उपलबध समस्‍त साक्ष्‍यों के अवलोकन से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी का शिक्षा सम्‍बन्‍धी समस्‍त कार्य जनपद बाराबंकी में हुआ है। इसलिए प्रश्‍नगत प्रकरण में गाजीपुर जिला उपभोक्‍ता फोरम को श्रवण का अधिकार  नहीं है। इसलिए परिवादी का परिवाद इस बिन्‍दु पर पोषणीय नहीं है जो निरस्‍त होने योगय है। परिवादी यदि चाहे तो सक्षम फोरम में अपना परिवाद प्रस्‍तुत कर सकता है।

 

                             आदेश

     तद्नुसार परिवादी का परिवाद निस्‍तारित करते हुए निरस्‍त किया जाता है।

     इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय।

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।

 
 
[HON'BLE MRS. Paramsheela]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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