जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, रायगढ़
समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष प्रकरण क्रमांक-129/2014
सुभाष पाण्डेय, सदस्य संस्थित दिनांक-09.09.2014
डा.हेमलता सिंह, सदस्या
श्रीमती पुष्पाजंलि होता पति स्व0 ऋषिकेश होता,
उम्र-42, पेशा-शास0नौकरी
निवासी-ग्राम मेंढरमार पो0 केशला
थाना व तह0 लैलूंगा जिला रायगढ़(छ0ग0) ....... .........आवेदिका/परिवादनी
// वि रू द्ध //
1. शाखा प्रबंधक,
भारतीय स्टेट बैंक, शाखा लैलूंगा
जिला रायगढ़ (छ0ग0)
2. शाखा प्रभारी/प्रबंधक,
भारतीय स्टेट बैंक, शाखा कबीर चैक
रायगढ़ (छ0ग0)...... अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण
आवेदिका/परिवादनी द्वारा श्री कौशल देवांगन, अधिवक्ता।
अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा श्री एच.के.साहू, अधिवक्ता।
(आ दे श)
(आज दिनांक 18/02/2015 को पारित)
सनमान सिंह, अध्यक्ष
1/ आवेदिका/परिवादनी ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध ए.टी.एम. से आहरित की गई 80,000/-रूपये तथा ब्याज 25,000/-रूपये, 30,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति एवं 5,000/-रूपये वाद व्यय दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।
2/ आवेदिका/परिवादनी का परिवाद संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आवेदिका/परिवादनी शासकीय शिक्षक है। भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा में उसका बचत खाता क्र.11275733158 है। बैंक द्वारा उसे ए.टी.एम. कार्ड जारी किया गया है। जिसका नं. 6220180215900015375 है। आवेदिका / परिवादनी दिनांक 16.05.2014 को हरिद्वार यात्रा के लिए गयी थी। दिनांक 11.06.2014 को सुबह 8.38 बजे हरिद्वार शांतिकुज, ऋषिकेश ऐक्सिस बैंक के ए.टी.एम. से 5,000/-रूपये आहरित की। दिनांक 14.06.2014 को दोपहर 2.00 बजे हरिद्वार से
(2)
रायगढ़ वापस आयी। दिनांक 23.06.2014 को भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा स्थित ए.टी.एम. से 5,000/-रूपये निकालने के लिए गई, किन्तु उक्त राशि नहीं निकली। पुनः 1,000/-रूपये निकालने के लिए कमाण्ड की, जिस पर 1,000/-रूपये निकला। उसके खाता में 563/-रूपये शेष बताया जिसे देखकर आवेदिका/परिवादनी दंग रह गयी। वह भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा से संपर्क कर खाते का विवरण प्राप्त किया तो उसके खाता से 80,000/-रूपये ए.टी.एम. द्वारा निकाला जा चुका था। दिनांक 12.06.2014 को 20,000/-रूपये शिव चैक चण्डीगढ़ से ए.टी.एम.पर्ची क्र.ए.टी. 429212863795 तथा इसी दिनांक को ए.टी.एम. से पर्ची क्र.ए.टी.429212863778 से 20,000/-रूपये आहरित हुआ। दिनांक 14.06.2014 को 7,000/-रूपये ए.टी.एम. पर्ची क्र.4292212864113 के अनुसार सुखदेव चैक गुणगांव से आहरित हुआ। उसी दिनांक को सुखदेव चैक गुड़गांव ए.टी.एम. से पर्ची क्र.42927864168 से 30,000/-रूपये तथा पर्ची क्र.429212864201 के अनुसार 3,000/-रूपये इस तरह कुल 80,000/-रूपये अवैध तरीके से ए.टी.एम. द्वारा आहरित किये गये। जबकि ए.टी.एम.कार्ड व कोड नं. आवेदिका/परिवादनी के पास ही थे। आवेदिका/परिवादनी भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा में उसके खाते से 80,000/-रूपये आहरित किये जाने के संबंध में शिकायत की। थाना लैलूंगा में भी लिखित शिकायत की। भारतीय स्टेट बैंक लैलूंगा से आवेदिका/परिवादनी को (State Bank Of India, Application From, ATM Transaction Distpute की पावती दी गई, किन्तु आज तक उक्त शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। आवेदिका/परिवादनी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के अधिकारी सिद्धार्थ पति से भी शिकायत की। उसके द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया गया। उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। दिनाक 30.07.2014 को आवेदिका/परिवादनी अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत नोटिस 80,000/-रूपये की मांग करते हुए प्रेषित की, किन्तु अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही कोई कार्यवाही की गई, इसलिए उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद प्रस्तुत की है।
3/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से संयुक्त रूप से जवाब में बताया गया है कि आवेदिका/परिवादनी का बैंक में खाता क्र.11275733158 एवं उसे ए.टी.एम. सुविधा दिया गया है। ए.टी.एम. कार्ड से आवेदिका/परिवादनी द्वारा 5,000/-रूपये आहरित किया गया है। दिनांक 23.06.2014 को लैलूंगा में ए.टी.एम.कार्ड से 5,000/-रूपये निकालने का प्रयास नहीं की थी और न ही उसके खाता से 80,000/-रूपये आहरित किया गया है। दिनांक 12.06.2014 को 20$20 हजार कुल 40,000/-रूपये शिव चैक ए.टी.एम.से निकाली गई है। दिनांक 14.06.2014 को सुखदेव चैक गुड़गांव से 7,000/-रूपये तथा दिनांक 14.06.2014 को ही ए.टी.एम.कार्ड से 30,000/-रूपये एवं 3,000/-रूपये आहरित किया गया है। आवेदिका/परिवादनी के अनुसार किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा राशि आहरित किया गया है। जिसके लिए आवेदिका/परिवादनी स्वयं उत्तरदायी है, क्योंकि ए.टी.एम.पिन पासवर्ड उसे ज्ञात था। उसकी लापरवाही के कारण ही किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा राशि आहरित किया गया है। आवेदिका/परिवादनी के खाते से अवैध तरीके से 80,000/-रूपये आहरित किये जाने के लिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण उत्तरदायी नहीं है। ए.टी.एम.मशीन में कोई तकनीकी त्रुटि नहीं थी। सी.सी.टी.वी.कैमरा के चित्र को फोरम में प्रस्तुत किया है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आवेदिका/परिवादनी को ए.टी.एम.कार्ड सुविधा प्रदान किया गया है। ए.टी.एम.पिन गुम जाने या चोरी हो जाने या किसी द्वारा धोखाधड़ी
(3)
कर राशि आहरण करने के लिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण उत्तरदायी नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा आवेदिका/परिवादनी के बचत खाता से राशि आहरित नहीं की गई है।
4/ घटना के समय ए.टी.एम.कार्ड आवेदिका/परिवादनी के पास थी। आवेदिका/परिवादनी द्वारा बैंक में शिकायत किये जाने पर (cms) Complaint management System के अन्तर्गत जांच करवायी गई थी। जांच में पाया गया कि 80,000/-रूपये की निकासी उसी ए.टी.एम.से हुई है। जिसकी पुष्टि हेतु दस्तावेज प्रस्तुत है। बैंक के अभिलेख के अनुसार आवेदिका/परिवादनी के खाता रिकार्ड के अनुसार लेनदेन उसके ए.टी.एम.कार्ड व पिन के उपयोग के उपरांत ही आहरण करना पाया गया है। ए.टी.एम.सेवा कम्प्यूटराईज सेवा है। ग्राहक के निर्देश पर ही कार्य करता है। ए.टी.एम.पिन नं./पासवर्ड इत्यादि के सुरक्षा हेतु ग्राहक को प्रदाय की जाती है। बिना पासवर्ड से किसी ए.टी.एम.मशीन से राशि आहरित नहीं की जा सकती। ग्राहक द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही की जाती है तो उसके लिए विभिन्न प्रकार के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। दिनांक 16.05.2014 को आवेदिका/परिवादनी रायगढ़ से हरिद्वार एक अन्य महिला व पुरूष के साथ गई थीं और हरिद्वार से रायगढ़ अकेले आयी दो अन्य लोग जो उसके साथ गये थे वे वापस नहीं आये। उनके यात्रा का उद्देश्य क्या रहा है। संभवतः ए.टी.एम.कार्ड का उपयोग उनके द्वारा ही किया गया हो, इसलिए वापस नहीं आये। आवेदिका/परिवादनी दिनांक 14.06.2014 को रायगढ़ वापस आने पर दिनांक 23.06.2014 को राशि आहरित की और दिनांक 25.06.2014 को थाने में शिकायत की है। उक्त कृत्य आवेदिका/परिवादनी की लापरवाही को उजागर करता है।
5/ आवेदिका/परिवादनी की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
6/ आवेदिका/परिवादनी की ओर से ए.टी.एम.कार्ड की छायाप्रति, हरिद्वार से रायगढ़ वापसी ट्रेन टिकट दिनांक 13.06.2014, ऐक्सिस बैंक की विड्राल स्लीप, बैंक खाता का विवरण, थाना लैलूंगा में की गई शिकायत की पावती, भा.स्टेट बैंक लैलूंगा शाखा में की गई शिकायत की पावती, अधिवक्ता नोटिस, डाक रसीद सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत की है।
7/ आवेदिका/परिवादनी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजो के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदिका/परिवादनी दिनांक 16.05.2014 को एक महिला व एक पुरूष के साथ रायगढ़ से हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन से गयी थी और दिनांक 14.06.2014 को अकेले हरिद्वार से रायगढ़ उत्कल एक्सप्रेस से वापस आयी थी। आवेदिका/परिवादनी का अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के शाखा में खाता है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा आवेदिका/परिवादनी को ए.टी.एम.कार्ड जारी किया है। दिनांक 11.06.2014 आवेदिका/परिवादनी शांतिकंज हरिद्वार में ऐक्सिस बैंक के ए.टी.एम.से 5,000/-रूपये आहरित की थी। स्टेटमेंट आफ एकाउंट के अनुसार भी दिनांक 11.06.2014 को शांतिकुंज हरिद्वार में 5,000/-रूपये, दिनांक 12.06.2014 को 20+20 हजार कुल 40,000/-रूपये शिव चैक चंडीगढ़ तथा दिनांक 14.06.2014 को 7,000/-रूपये तथा 3,000/-रूपये सुखदेव चैक गुड़गांव के ए.टी.एम. में आहरित की गई थी। आवेदिका/परिवादनी द्वारा उसके खाते से ए.टी.एम.कार्ड से राशि आहरित किये जाने की लिखित शिकायत थाना लैलूंगा में दिनांक 25.06.2014 की थी। अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत सूचना पत्र अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को प्रेषित करते हुए आहरित राशि की मांग की थी।
(4)
8/ लिखित तर्क में परिवाद के अनुरूप्प बताया है कि आवेदिका/परिवादनी शासकीय शिक्षक है। भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा में उसका बचत खाता क्र.11275733158 है। बैंक द्वारा उसे ए.टी.एम. कार्ड जारी किया गया है। जिसका नं. 6220180215900015375 है। आवेदिका / परिवादनी दिनांक 16.05.2014 को रायगढ़ से हरिद्वार गयी थी। दिनांक 11.06.2014 को हरिद्वार शांतिकुज, ऋषिकेश ऐक्सिस बैंक के ए.टी.एम. से 5,000/-रूपये आहरित की थी। दिनांक 14.06.2014 को हरिद्वार से रायगढ़ वापस आयी और दिनांक 23.06.2014 को भारतीय स्टेट बैंक शाखा लैलूंगा स्थित ए.टी.एम. से 5,000/-रूपये निकालने का प्रयास की किन्तु राशि नहीं निकला केवल 1,000/-रूपये आहरित हुआ। उसके खाता में 563/-रूपये शेष बताया। आवेदिका/परिवादनी शाखा प्रबंधक अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के शाखा में जाकर संपर्क की तो उसे ज्ञात हुआ कि उसके खाता से 80,000/-रूपये ए.टी.एम. द्वारा आहरित किया जा चुका है। उक्त राशि दिनांक 12.06.2014 को 20,000/-रूपये शिव चैक चण्डीगढ़ से ए.टी.एम.पर्ची क्र.ए.टी. 429212863795 तथा इसी दिनांक को ए.टी.एम. से पर्ची क्र.ए.टी.429212863778 से 20,000/-रूपये आहरित हुआ। दिनांक 14.06.2014 को 7,000/-रूपये ए.टी.एम. पर्ची क्र.4292212864113 के अनुसार सुखदेव चैक गुणगांव से आहरित हुआ। उसी दिनांक को सुखदेव चैक गुड़गांव ए.टी.एम. से पर्ची क्र.42927864168 से 30,000/-रूपये तथा पर्ची क्र.429212864201 के अनुसार 3,000/-रूपये इस तरह कुल 80,000/-रूपये अवैध तरीके से ए.टी.एम.से आहरित किये गये। आवेदिकिा/परिवादनी का तर्क है कि ए.टी.एम.कार्ड व कोड नं. उसके पास ही था। उसके बाद भी उसके खाते से किस तरह ए.टी.एम. द्वारा राशि आहरित की गई समझ से परे है। आवेदिका/परिवादनी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के अलावा थाना लैलुंगा में भी लिखित शिकायत की थी, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं किये जाने पर पंजीकृत सूचना पत्र प्रेषित कर आहरित राशि की मांग की थी। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया। आवेदिका/परिवादनी का यह भी तर्क है कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण केवल सी.डी. पेश किया। उसके अलावा अन्य कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। आवेदिका/परिवादनी के बचत खाता से ए.टी.एम. कार्ड पिन कोड व गुप्त पिन कोड होते हुए भी उसके खाते से राशि आहरित हो जाने के लिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण उत्तरदायी है, इसलिए आहरित राशि मय ब्याज व अन्य अनुतोष दिलाये जाने का निवेदन की है।
9/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से सी.डी.पेश किया गया है।
10/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से सिद्वार्थ पति आ0 श्री आर.सी.पति, मैनेजर, भारतीय स्टेट बैंक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। सिद्वार्थ पति ने शपथ कथन में बताया है कि घटना के समय ए.टी.एम.कार्ड आवेदिका/परिवादनी के पास रहा है। आवेदिका/परिवादनी के शिकायत करने पर (CMS) Complaint management System के अन्तर्गत जांच करवायी गई थी। जांच में पाया गया कि ए.टी.एम. कार्ड के माध्यम से राशि आहरित की गई थी। जिसकी पुष्टि हेतु दस्तावेज से होती है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण सी.सी.टी.वी.फुटेज आवेदिका/परिवादनी को उपलब्ध कराया गया था। बैंक के अभिलेख के अनुसार आवेदिका/परिवादनी के खाता रिकार्ड के अनुसार लेनदेन उसके ए.टी.एम.कार्ड व पिन के अनुसार हो पाया है। ए.टी.एम.सेवा कम्प्यूटराईज सेवा है।
(5)
ग्राहक के निर्देश पर ही कार्य करता है। ए.टी.एम.पिन नं./पासवर्ड इत्यादि के सुरक्षा हेतु ग्राहक को प्रदाय की जाती है। बिना पासवर्ड से किसी ए.टी.एम.मशीन से राशि आहरित नहीं की जा सकती। ग्राहक की लापरवाही से ही राशि आहरित की गई है। जिसके लिए आवेदिका/परिवादनी उत्तरदायी है।
11/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से तर्क में बताया गया है कि बैंक के अभिलेख के अनुसार ए.टी.एम.द्वारा राशि आहरित की गई है। बिना ए.टी.एम.पिन/पासवर्ड के राशि आहरित नहीं की जा सकती। आवेदिका/परिवादनी के लापरवाही के कारण ही उसके खाते से ए.टी.एम.कार्ड द्वारा राशि आहरित की गई है। जिसके लिए आवेदिका/परिवादनी उत्तरदायी है।
12/ आवेदिका/परिवादनी दिनांक 16.05.2014 को रायगढ़ से हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस से गयी थी। दिनांक 11.06.2014 को लगभग एक माह बाद हरिद्वार शांतिकंुज में ऐक्सिस बैंक के ए.टी.एम.से 5,000/-रूपये आहरित की थी। दिनांक 14.06.2014 को वह हरिद्वार से रायगढ़ वापस आयी और दिनाक 23.06.2014 को ए.टी.एम.से 5,000/-रूपये आहरित करने गयी, किन्तु उक्त राशि नहीं निकली। प्रयास करने पर 1,000/-रूपये ही आहरित हुई। स्लिप में केवल 563/-रूपये ही शेष बताया गया, तब उसे ज्ञात हुआ तत्काल अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के शाखा में जाकर जानकारी ली तो उसे ज्ञात हुआ कि दिनांक 12.06.2014 को 20,000/-रूपये शिव चैक चण्डीगढ़ से ए.टी.एम.पर्ची क्र.ए.टी. 429212863795 तथा इसी दिनांक को ए.टी.एम. से पर्ची क्र.ए.टी.429212863778 से 20,000/-रूपये आहरित हुआ। दिनांक 14.06.2014 को 7,000/-रूपये ए.टी.एम. पर्ची क्र.4292212864113 के अनुसार सुखदेव चैक गुणगांव से आहरित हुआ। उसी दिनांक को सुखदेव चैक गुड़गांव ए.टी.एम. से पर्ची क्र.42927864168 से 30,000/-रूपये तथा पर्ची क्र.429212864201 के अनुसार 3,000/-रूपये इस तरह कुल 80,000/-रूपये अवैध तरीके से ए.टी.एम.आहरित किये गये। जबकि ए.टी.एम.कार्ड व कोड नं. आवेदिका/परिवादनी के पास ही थे। जिसके आधार पर उसने हरिद्वार से रायगढ़ लैलूंगा आने पर दिनांक 23.06.2014 को 1,000/-रूपये ए.टी.एम.मशीन से निकला था। आवेदिका/परिवादनी ने ए.टी.एम.कार्ड चोरी होने की शिकायत नहीं की थी।
13/ आवेदिका/परिवादनी के पास ए.टी.एम.कार्ड व गोपनीय पिन कोर्ड होते हुए भी दिनांक 12.06.2014 को 20,000/-रूपये शिव चैक चण्डीगढ़ से ए.टी.एम.पर्ची क्र.ए.टी. 429212863795 तथा इसी दिनांक को ए.टी.एम. से पर्ची क्र.ए.टी.429212863778 से 20,000/-रूपये आहरित हुआ। दिनांक 14.06.2014 को 7,000/-रूपये ए.टी.एम. पर्ची क्र.4292212864113 के अनुसार सुखदेव चैक गुणगांव से आहरित हुआ। उसी दिनांक को सुखदेव चैक गुड़गांव ए.टी.एम. से पर्ची क्र.42927864168 से 30,000/-रूपये तथा पर्ची क्र.429212864201 के अनुसार 3,000/-रूपये इस तरह कुल 80,000/-रूपये अवैध तरीके से ए.टी.एम.से आहरित हो जाना आश्चर्य का विषय है। आवेदिका/परिवादनी शासकीय शिक्षक है। उसके खाते से 80,000/-रूपये ए.टी.एम.के माध्यम से आहरित हो जाना अत्यधिक क्षति है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से फोरम में सी.सी.टी.वी.फुटेज.प्रस्तुत किया है, किन्तु किसके द्वारा ए.टी.एम.कार्ड व अन्य साधनों द्वारा 80,000/-रूपये विभिन्न तारीखों में राशि आहरित किया गया है के विरूद्ध अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा राशि आहरित करने वाले व्यक्ति का सी.सी.
(6)
टी.वी.फुटेज होने के बाद भी कार्यवाही न करना सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण के अन्तर्गत आता है। हम लोगों की राय में आवेदिका/परिवादनी, अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से आहरित राशि 80,000/-रूपये व अन्य अनुतोष पाने का अधिकारी है। अतः आवेदिका/परिवादनी के पक्ष में तथा अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध यह आदेश पारित किया जाता हैः-
अ. अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण, आवेदिका/परिवादनी को उसके खाते से आहरित की गई 80,000/-(अस्सी हजार रूपये) एक महीने क भीतर भुगतान करेंगे।
ब. अनावेदकगण / विरूद्ध पार्टीगण, आवेदिका / परिवादनी को मानसिक क्षतिपूर्ति 10,000/-(दस हजार रूपये) तथा वाद व्यय 2,000/-(दो हजार रूपये) भी भुगतान करेंगे।
(डा. हेमलता सिंह) (सुभाष पाण्डेय) (सनमान सिंह)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण
फोरम,रायगढ़(छ0ग0) फोरम,रायगढ़(छ0ग0) फोरम,रायगढ़(छ0ग0)