Final Order / Judgement | दायरे का दिनांक: 26.11.2013 दर्ज किये जाने का दिनांक: 28.11.2013 निर्णय का दिनांक: 02.05.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद। उपस्थित:- - श्री पवन कुमार जैन .............. अध्यक्ष।
- श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ...... सामान्य सदस्य।
परिवाद संख्या- 140/2013 दिनेश पाल सिंह पुत्र श्री शिव मंगल सिंह, निवासी के0जे0 पब्लिक स्कूल, सरस्वती विहार, गोविन्द नगर, थाना कटघर जिला मुरादाबाद।..परिवादी। बनाम - प्रबन्धक द्वारा राठौर गैस एजेंसी मौहल्ला बरबलान कटघर, मुरादाबाद।
- श्री मयंक प्रियदर्शी सेल्स अफसर, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक, एल0पी0जी0 भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन लि0 द्वारा आशुतोष गैस एजेंसी-25, शोपिंग काम्पलैक्स रामगंगा विहार, मुरादाबाद।
- प्रबन्धक, भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन लि0 ग्राम टिल्ला शाहबाजपुर डा0 लोनी जिला गाजियाबाद।
- सी0एम0डी0 भारत भवन, 416 कुर्सी भाई रोड, बलाड स्टेट,मुम्बई-4000001
- नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 कारपोरेट रिजनल आफिस,रायल इंश्योरेंस बिल्डिंग द्वितीय तल 12, जे0आर0डी0 टाटा रोड, मुम्बई-400020
- यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी लि0 अल्का काम्पलेक्स कोट चौराहा अमरोहा। .......विपक्षीगण।
निर्णय द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि गैस सिलेण्डर फटने के कारण हुऐ नुकसान की मद में विपक्षीगण से उसे 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित नुकसान के रूप में 1,00,000/- रूपये दिलाऐ जाऐ। मानसिक, शारीरिक और आर्थिक क्षति की मद में 5,00,000/- रूपये और परिवाद व्यय की मद में 55000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी विपक्षी सं01 का घरेलू गैस कनेक्शन का वर्ष 2000 से नियमित उपभोक्त है उसका गैस कनेक्शन नम्बर-10995 है। विपक्षी सं0-1 से परिवादी ने दिनांक 14/3/2012 को गैस बुक कराई थी जिसके सापेक्ष विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी के घर पर दिनांक 20/3/2012 को गैस सिलेण्डर वितरित किया गया। परिवादी ने जब सिलेण्डर चेक किया तो पाया कि सिलेण्डर लीक कर रहा है। उसने डिलिवरी मैन से तुरन्त वह सिलेण्डर बदलने को कहा। डिलिवरी मैन शीघ्र ही सिलेण्डर बदलने का आश्वासन देकर चला गया। दिनांक 23/3/2012 को सुबह के लगभग 8 बजे परिवादी की पत्नी ने जैसे ही उक्त सिलेण्डर लगाकर गैस चालू की तो सिलेण्डर ने आग पकड़ ली देखते-देखते पूरे घर में आग फैल गई और सिलेण्डर फट गया। सिलेण्डर फटने के समय पड़ोस में रहने वाली श्रीमती राकेश देवी भी परिवादी के घर मौजूद थीं। आग में परिवादी के घर का पूरा सामान पूरी तरह जल गया और उसे लगभग 1,00,000/- रूपये का नुकसान हुआ। फायर स्टेशन फोन पर लोगों ने आग लगने की सूचना दी, किन्तु वहां से कोई सेवा प्रदान नहीं की गई। मौहल्ले के लोगों ने बड़ी मुश्किल से आग को बुझाया। अगले दिन परिवादी ने घटना की सूचना थाना कटघर पर दी। दिनांक 26/3/2012 को परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा एल0पी0जी0 के सेल्स आफिसर को पत्र द्वारा घटना की जानकारी दी। क्षेत्रीय प्रबन्धक ने दिनांक 27/3/2013 को घटना की जांच कराई और मौका मुआयना कराकर नुकसान की सूची बनवाई। घटनास्थल की जांच एल0पी0जी0 के सेल्स आफिसर और विपक्षी सं0-1 के प्रबन्धक की मौजूदगी में हुई। विपक्षी सं0-5 के फील्ड आफिसर ने रिपोर्ट तैयार की। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण ने सेवा प्रदान करने में घोर लापरवाही बरती और सेवा में कमी की। अनुरोध करने के बावजूद विपक्षीगण ने परिवाद में अनुरोधित धनराशि उसे नहीं दिलाई। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष फोरम द्वारा स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादी द्वारा गैस सिलेण्डर बुक कराने की स्लिप, अपने राशन कार्ड, घटना की सूचना थाना कटघर, मुरादाबाद में दिऐ जाने विषयक प्रार्थना पत्र दिनांकित 23/3/2012, अभिकथित रूप से भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन के सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक को घटना के सम्बन्ध में सम्बोधित पत्र दिनांकित 26/3/2012, घटना की सूचना दिऐ जाने सम्बन्धी विपक्षी सं0-1 को अभिकथित रूप से प्राप्त कराऐ गऐ पत्र दिनांक 26/3/2012, भारत पेट्रोलियम लि0 को सम्बोधित पत्र, आग लगने से घर में हुऐ अभिकथित नुकसान के फोटोग्राफ्स, अख़बार की कटिग्स तथा विपक्षी सं0-1 लगायत 4 को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस की नकलों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायत 3/17 हैं।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से शपथ पत्र से समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/8 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी को उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 का घरेलू गैस कनेकशन का उपभोक्ता होना, दिनांक 20/3/2012 को परिवादी के घर गैस सिलेण्डर की होम डिलिवरी किया जाना, दिनांक 23/3/2012 को परिवादी के घर में आग लगने और गैस का सिलेण्डर फटने तथा दिनांक 27/3/2013 को विपक्षी सं0-1 लगायत 5 के प्रतिनिधि की उपस्थिति में परिवादी के मकान का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाया जाना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी का यह कथन असत्य हैं कि उसे लीकेज वाला सिलेण्डर दिया गया था बल्कि सही बात यह है कि होम डिलिवरी के समय सिलेण्डर बिल्कुल सही था और वह लीक नहीं कर रहा था। दिनांक 23/3/2012 को घर में आग लगने की कथित घटना परिवादी की पत्नी की लापरवाही की वजह से हुई। उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 की ओर से अग्रेत्तर यह भी कथन किया गया कि यदि गैस सिलेण्डर लीक कर रहा था जो उत्तरदाता को स्वीकार नहीं है तो उस दशा में परिवादी अथवा उसके परिजनों को उक्त सिलेण्डर का इस्तेमाल करना ही नहीं चाहिए था। घर में आग लगने में परिवादी के परिजनों की लापरवाही है जिसके लिए उत्तरदाता जिम्मेदार नहीं है। विपक्षी सं0-1 की ओर से अग्रेत्तर कहा गया कि गैस सिलेण्डर के निर्माण, उसमें गैस भरने तथा सिलेण्डर के रख-रखाब की जिम्मेदारी विपक्षी सं0-2 लगायत 4 की है। उत्तरदाता विपक्षी तो मात्र इन सिलेण्डरों के वितरण का काम करता है। अभिकथित दुर्घटना के समय विपक्षी सं0-2 लगायत 4 ने नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी से बीमा का रखा था। अन्त में यह कहते हुऐ कि किसी भी दृष्टि से उत्तरदाता विपक्षी का कोई दोष अथवा उत्तरदायित्व नहीं है और परिवादी द्वारा भेजा गया कोई नोटिस उसे प्राप्त नहीं हुआ, परिवाद को विशेष व्यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- विपक्षी सं0-2 लगायत 4 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/3 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी को घरेलू गैस कनेक्शन का विपक्षी सं0-1 का उपभोक्ता होना तथा बुकिंग के सापेक्ष दिनांक 20/3/2012 को होम डिलिवरी द्वारा परिवादी के घर पर गैस सिलेण्डर विपक्षी सं0-1 द्वारा वितरित कराया जाना तो स्वीकार किया गया है, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि उत्तरदाता विपक्षीगण का सीधे तौर पर परिवाद से कोई वास्ता नहीं है। विपक्षी सं0-1 एक स्वतंत्र एजेंसी है। उत्तरदाता और विपक्षी सं0-1 का आपसी सम्बन्ध मालिक-नौकर का नहीं है। उत्तरदातागण द्वारा गैस के सिलेण्डर भलीभांति चेक करके एजेंसी पर दिऐ जाते हैं। इसके बाद उनका कोई रोल नहीं है। डिलिवरी मैन द्वारा जांच परख कर परिवादी को सिलेण्डर वितरित किया गया था। हादसा जैसा कि परिवादी कहता है परिवादी की पत्नी की असावधानी की वजह से हुआ। डिलिवरी मैन द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई। अग्रेत्तर यह कहते हुऐ कि गैस प्लांट से सिलेण्डर पूरी तरह चेक करने के बाद वितरण एजेंसी को दिऐ जाते हैं, वितरण एजेंसी का भी उत्तरदायित्व है कि वह सिलेण्डरों का प्री डिलिवरी इन्सपेक्शन कराकर सिलेण्डर लें, यदि प्री डिलिवरी इन्सपेक्शन के बाद कोई जिम्मेदारी बनती है तो उसका उत्तरदायित्व विपक्षीगण का नहीं है, परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- यह परिवाद वर्ष 2013 में विपक्षी सं0-1 लगायत 4 के विरूद्ध योजित हुआ था। फोरम के आदेश द्वारा विपक्षी सं0-5 एवं विपक्षी सं0-6 को वर्ष 2015 में पक्षकार बनाया गया।
- विपक्षी सं0-5 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-39/1 लगायत 39/7 दाखिल हुआ जिसमें परिवाद कथनों से इन्कार किया गया तथा विशेष कथनों में कहा गया कि उत्तरदाता विपक्षी के विरूद्ध परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ। परिवादी अथवा विपक्षी सं0-2 लगायत 4 ने कथित घटना की कोई सूचना अथवा क्लेम प्रपत्र बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार निर्धारित अवधि में उत्तरदाता को उपलब्ध नहीं कराऐ अत: परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। पालिसी की शर्तों के अनुसार घटना के तुरन्त बाद एफ0आई0आर0 सहित आवश्यक प्रपत्रों की प्रतियां उत्तरदाता विपक्षी को 14 दिन के अन्दर उपलब्ध कराऐ जाने चाहिए थे, किन्तु ऐसा नहीं किया गया और पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया गया। परिवादी ने गैस सिलेण्डर के इस्तेमाल में गैस कम्पनी के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया और घटना के लिए वह दोषी है। परिवादी ने यधपि 1,00,000/- रूपया की क्षति होना अपने परिवाद में बताया है, किन्तु उक्त क्षति का कोई प्रमाण पत्रावली में दाखिल नहीं किया। कथित क्षति को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है। परिवादी का यह कथन असत्य है कि उत्तरदाता विपक्षी के फील्ड आफिसर की उपस्थिति में घटनास्थल की कोई जांच की गई हो अथवा कोई रिपोर्ट बनाई गई हो तत्सम्बन्धी समस्त कथन मिथ्या हैं। परिवादी का उत्तरदाता को कोई नोटिस नहीं मिला अत: नोटिस का उत्तर देने का कोई अवसर नहीं था। उक्त कथनों के आधार पर परिवाद को विपक्षी सं0-5 द्वारा सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। परिवाद पत्र के साथ विपक्षी सं0-5 की ओर से बीमा पालिसी शिडयूल और पालिसी की शर्तों की नकल बतौर संलग्नक दाखिल की गई, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-39/8 लगायत 39/11 हैं।
- यूनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी-विपक्षी सं0-6 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-38/1 लगायत 38/7 दाखिल हुआ जिसमें परिवाद कथनों से इन्कार करते हुऐ विशेष कथनों में कहा गया कि परिवाद गलत एवं मिथ्या कथनों पर आधारित है, परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्पन्न नहीं हुआ। इन्हीं आधारों पर परिवाद खारिज होने योग्य है। विशेष कथनों में कहा गया कि परिवादी अथवा विपक्षी सं0-2 लगायत 4 ने कथित घटना की कोई सूचना अथवा क्लेम प्रपत्र निर्धारित अवधि में उत्तरदाता विपक्षी सं0-6 को उपलब्ध नहीं कराऐ और ऐसा करके उन्होंने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया। पालिसी की शर्तो के उल्लंघन के कारण उत्तरदाता विपक्षी का कोई उत्तरदायित्व क्षतिपूर्ति अदा करने का नहीं बनता। परिवादी पक्ष ने गैस सिलेण्डर के इस्तेमाल में गैस कम्पनी के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया और कथित घटना के लिए वह स्वयं दोषी है। परिवादी ने कथित क्षति का कोई प्रमाण पत्रावली में दाखिल नहीं किया और अभिकथित क्षति बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाई गई है। अग्रेत्तर यह कहते हुऐ कि विपक्षी सं0-1 ने तृतीय पक्ष की सम्पत्ति का कोई बीमा उत्तरदाता विपक्षी सं0-6 से नहीं कराया, परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/14 दाखिल किया उसके समर्थन में उसके पड़ोस में रहने वाली श्रीमती राकेश देवी तथा दूसरे पड़ोसी राजे सिंह रावत ने अपने-अपने साक्ष्य शपथ पत्र दाखिल किऐ। परिवादी ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र के साथ भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन की ओर से प्राप्त पत्र दिनांक 21/9/2013, प्रश्नगत सिलेण्डर बुक कराने की स्लिप, राशन कार्ड, घटना के सम्बन्ध में थाना कटघर, भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा विपक्षी सं0-1 को अभिकथित रूप से प्रेषित पत्रों की नकलो तथा घटनास्थल के असल फोटोग्राफ्स तथा अख़बार की कटिग्ंस को बतौर संलग्नक दाखिल किया, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-14/3 लगायत 14/15 हैं।
- विपक्षी सं0-2 लगायत 4 की ओर से भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन के सेल्स आफिसर श्री मयंक प्रियदर्शी का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/3 दाखिल हुआ। विपक्षी सं0-1 की ओर से उसके स्वामी कुवंर अशोक प्रसाद ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/9 दाखिल किया जिसके साथ बतौर संलग्नक प्री डिलिवरी इन्सपेक्शन रिपोर्ट, की नकलों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-19/10 लगायत 19/13 हैं।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से सूची कागज सं0-27/1 के माध्यम से बीमा सम्बन्धी प्रपत्र कागज सं0-27/2 लगायत 27/3 दाखिल किऐ गऐ।
- विपक्षी सं0-5 एवं विपक्षी सं0-6 जैसा कि हमने ऊपर कहा है वर्ष 2015 में पक्षकार बनाऐ गऐ थे इन विपक्षीगण के प्रतिवाद पत्र दाखिल होने के उपरान्त परिवादी ने पुन: अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-41/1 लगायत 41/11 दाखिल किया जिसके साथ बतौर संलग्नक उसने आग लगने से घर में हुऐ अभिकथित नुकसान की सूची और भारत पेट्रोलियम कारर्पोरेशन की ओर से प्राप्त पत्र दिनांकित 21/9/2013 की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्नक दाखिल किया, यह संलग्नक पत्रावली के कागज सं0-41/12 लगायत 41/14 हैं।
- विपक्षी सं0-2 लगायत 4 की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-42/1 लगायत 42/3, विपक्षी सं0-5 की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-43/1 लगायत 43/10 तथा विपक्षी सं0-6 की ओर से साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-44/1 लगायत 44/10 दाखिल हुऐ।
- परिवादी तथा विपक्षी सं0-2 लगायत 4 ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की। शेष विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- परिवादी तथा विपक्षीगण सं0-1 लगायत 4 के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी विपक्षी सं0-1 का घरेलू गैस का नियमित उपभोक्ता है। दिनांक 14/3/2012 को उसने विपक्षी सं0-1 की एजेंसी पर गैस सिलेण्डर बुक कराया था जिसकी होम डिलिवरी विपक्षी सं0-1 ने परिवादी के घर पर दिनांक 20/3/2012 को की। इन पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि दिनांक 23/3/2012 को परिवादी के घर में आग लगी जिसमें गैस का सिलेण्डर भी फटा।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी सं0-1 ने उसे जो सिलेण्डर दिनांक 20/3/2012 को सप्लाई किया था वह लीक कर रहा था उसने सिलेण्डर की डिलिवरी के समय डिलिवरी मैन से इसकी शिकायत की थी, जिस पर डिलिवरीमैन ने सिलेण्डर को शीघ्र बदलने का उसे आश्वासन दिया था, किन्तु उसका सिलेण्डर विपक्षी सं0-1 द्वारा अनुरोध के बावजूद बदला नहीं गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का अग्रेत्तर कथन है कि दिनांक 23/3/2012 को जैसे ही परिवादी की पत्नी ने इस सिलेण्डर को लगाकर गैस चालू की तो सिलेण्डर ने आग पकड़ ली और पूरे घर में आग फैल गई तथा सिलेण्डर भी फट गच्या। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि विपक्षी सं0-1 ने लीकेज वाला सिलेण्डर सप्लाई करके सेवा प्रदान करने में त्रुटि की। उनका यह भी तर्क है कि सूचना के बावजूद विपक्षीगण ने आग लगने से परिवादी को हुऐ नुकसान की भरपाई नहीं की जिसके लिए विपक्षीगण जिम्मेदार थे। विपक्षीगण ने नुकसान की क्षतिपूर्ति परिवादी को न कर सेवा में कमी की है।
- विपक्षी सं0-1 लगायत 4 के विद्वान अधिवक्तागण ने तर्क दिया कि परिवादी को जो सिलेण्डर डिलिवरी मैन ने दिया था वह ठीक था और लीक नहीं कर रहा था। उनका यह भी तर्क है कि यदि डिलिवरी देते समय सिलेण्डर लीक कर रहा था जैसा कि परिवादी कहता है तो गैस सिलेण्डर की डिलिवरी के 3 दिन बाद परिवादी की पत्नी को कथित रूप से लीक कर रहे उक्त सिलेण्डर को लगाना ही नहीं चाहिए था।उनके के विद्वान अधिवक्तागण ने जोर देकर कहा कि परिवादी की पत्नी ने कथित रूप से लीक कर रहे सिलेण्डर को लगाकर और गैस चालू कर स्वयं लापरवाही की जिसके लिए विपक्षी सं0-1 लगायत 4 को कतई जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
- विपक्षी सं0-5 एवं विपक्षी सं0-6 के विद्वान अधिवक्ता ने यह तो स्वीकार किया कि भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड का बीमा विपक्षी सं0-5 से तथा राठौर गैस एजेन्सी-विपक्षी सं0-1 का बीमा विपक्षी सं0-6 से था, किन्तु उन्होंने प्रश्नगत मामले में उक्त बीमा कम्पनियों की कोई जिम्मेदारी अथवा देनदारी से स्पष्ट इन्कार किया। उनका तर्क है कि विपक्षी सं0-6 द्वारा विपक्षी सं0-1 का जो बीमा किया था उससे परिवाद में उल्लिखित घटना cover नहीं होती। विपक्षी सं0-5 के सन्दर्भ में उनका तर्क है कि परिवादी अथवा विपक्षी सं0-1 लगायत 4 द्वारा बीमा पालिसी की शर्तों का पालन नहीं किया गया। बीमा कम्पनी को घटना की उन्होंने कोई सूचना नहीं दी ऐसी दशा में परिवाद में उल्लिखित घटना के लिए किसी भी दृष्टि से विपक्षी सं0-5 को भी उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता।
- अब देखना यह है कि क्या विपक्षी सं0-1 लगायत 4 की ओर से प्रश्नगत मामले मे परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी की गई थी अथवा नहीं ? यह भी देखा जाना है कि यदि इन विपक्षीगण द्वारा परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी की गई थी तो उसके लिए क्या विपक्षी सं0-5 अथवा विपक्षी सं0-6 उत्तरदाई ठहराये जा सकते हैं अथवा नहीं ?
- विधि का यह स्थापित सिद्धान्त है कि अपने परिवाद कथनों को सिद्ध करने का उत्तरदायित्व स्वयं परिवादी का है। परिवादी ने परिवाद पत्र में स्वयं यह उल्लेख किया है कि उसे डिलिवरीमैन ने गैस सिलेण्डर की होम डिलिविरी दिनांक 20/3/2012 को प्रात: की थी और इस सिलेण्डर को परिवादी की पत्नी ने दिनांक 23/3/2012 की सुबह लगाकर गैस जब चालू की तो सिलेण्डर ने आग पकड़ ली जो पूरे घर में फैल गई। हमारे मत में यदि डिलिवरी के समय गैस सिलेण्डर लीक कर रहा था तो डिलिविरी के तीसरे दिन परिवादी की पत्नी को उक्त सिलेण्डर का प्रयोग करना ही नहीं चाहिए था उसने लीक कर रहे गैस के सिलेण्डर को लगाकर और गैस चालू करके घोर लापरवाही बरती इसके लिए हमारे विनम्र अभिमत में विपक्षीगण को उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता। विपक्षी सं0-1 की गैस एजेंसी मुरादाबाद में ही स्थित है यदि डिलिविरी के समय गैस का सिलेण्डर लीक कर रहा था और डिलिवरी मैन ने परिवादी के अनुरोध पर उक्त सिलेण्डर को नहीं बदला तो परिवादी से अपेक्षित था कि वह इसकी शिकायत विपक्षी सं0-1 से करता, किन्तु पत्रावली में ऐसा कोई साक्ष्य परिवादी ने दाखिल नहीं किया जिससे यह प्रमाणित हो कि उसने विवादित गैस सिलेण्डर को बदलवाने के लिए विपक्षी सं0-1 से शिकायत की थी। कथित रूप से लीक कर रहे गैस सिलेण्डर को परिवादी उसके इस्तेमाल से पूर्व 3 दिन तक अपने घर पर रखे रहा, परिवादी का यह कृत्य भी उसकी लापरवाही को प्रदर्शित करता है।
- मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के दृष्टिगत वर्तमान मामले में विपक्षी सं0-1 लगायत 4 की ओर से परिवादी को सेवा प्रदान करने में कमी होना प्रमाणित नहीं है।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने कागज सं0-3/8 और 3/10 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुऐ यह भी तर्क दिया कि इन पत्रों के माध्यम से परिवादी ने भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड को आग लगने के लगभग 5 दिन के भीतर घटना की सूचना दे दी थी, किन्तु यह पत्र विपक्षी सं0-2 अथवा विपक्षी सं0-3 को परिवादी द्वारा प्राप्त कराऐ गऐ थे इसका कोई प्रमाण परिवादी दाखिल नहीं कर पाया। जहां तक विपक्षी सं0-1 की ओर से अपने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/8 के पैरा सं0-12 में की गई इस स्वीकारोति का प्रश्न है कि परिवादी के मकान में दिनांक 23/3/2012 को हुई घटना का निरीक्षण विपक्षी सं0-1 लगायत विपक्षी सं0-6 के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में 27/3/2013 को किया गया था और इसकी रिपोर्ट भी तैयार की गई थी। विपक्षी सं0-1 की यह स्वीकारोक्ति विपक्षी सं0-1 पर तो बाध्यकारी है, किन्तु उनकी यह स्वीकारोक्ति शेष विपक्षीगण पर बाध्यकारी नहीं हो सकती क्योंकि शेष विपक्षीगण ने अपने-अपने प्रतिवाद पत्र में भी कोई जांच उनकी उपस्थिति में होने से इन्कार किया है। यह भी उल्लेख है कि यदि ऐसी कथित जांच में विपक्षी सं0-1 का प्रतिनिधि मौजूद था और उसकी रिपोर्ट भी मौके पर तैयार की गई थी जैसा कि परिवादी अपने परिवाद के पैरा सं0-12 में कहता है तो स्वाभाविक रूप से उस कथित रिपोर्ट पर विपक्षी सं0-1 के प्रतिनिधि के भी हस्ताक्षर हुऐ होगें। विपक्षी सं0-1 अथवा परिवादी द्वारा ऐसी किसी निरीक्षण रिपोर्ट की नकल पत्रावली पर दाखिल न किया जाना विपक्षी सं0-2 लगायत विपक्षी सं0-6 के इन कथनों को बल प्रदन करता है कि उन्हें प्रतिवाद पत्र में उल्लिखित घटना की न तो कोई जानकारी दी गई और न ही घटनास्थल की ऐसी कोई जांच उनकी उपस्थिति में हुई जैसा कि परिवाद के पैरा सं0-12 परिवादी और विपक्षी सं0-1 के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-12 में विपक्षी सं0-1 द्वारा कहा गया है।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से दाखिल साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/9 के संलग्नक के रूप में दाखिल प्रपत्र कागज सं0-19/10 लगायत 19/13 के अवलोकन से प्रकट है कि विपक्षी सं0-1 की एजेंसी पर कम्पनी की ओर से गैस के भरे हुऐ सिलेण्डर जब आते हैं तो उनका प्री डिलिवरी इन्सपेक्शन किया जाता है और जो सिलेण्डर डिफेक्टिव पाऐ जाते हैं उन्हें कम्पनी को वापिस कर दिया जाता है। यह तथ्य भी इस बात को पुष्ट करते हैं कि कदाचित परिवादी को दिनांक 20/3/2012 को गैस का जो सिलेण्डर सप्लाई किया गया था उसमें लीकेज नहीं रही होगी।
- विपक्षी सं0-1 द्वारा विपक्षी सं0-6 से बीमा पालिसी ली गई थी उसकी नकल पत्रावली का कागज सं0-44/11 लगायत 44/15 है। हमने इस बीमा पालिसी का अवलोकन किया तो पाया कि प्रश्नगत घटना इस पालिसी से आच्छादित नहीं है। बीमा पालिसी के पृष्ठ सं0-2 पर section-X में public liability का उल्लेख है। यह section-X पालिसी के पृष्ठ-10 पर दृष्टव्य है जिसके अनुसार यह पालिसी गैस उपभोक्ता अथवा उसके परिजन अथवा उपभोक्ता के परिसर में मौजूद किसी व्यक्ति की ऐसे मामलों में मृत्यु हो जाने, अपंग हो जाने अथवा शारीरिक क्षति हो जाने की दशा में लागू होगी। परिवाद कथनों के अनुसार ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी स्पष्ट है कि प्रश्नगत मामले में विपक्षी सं0-6 की कोई देनदारी नहीं बनती।
- जहां तक विपक्षी सं0-5 के उत्तरदायित्व का प्रश्न है उस सन्दर्भ में भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा ली गई बीमा पालिसी जिसकी नकल पत्रावली का कागज सं0-39/8 लगायत 39/11 है, का उल्लेख आवश्यक है। इस पालिसी के पृष्ठ सं0-2 (पत्रावली का कागज सं0-39/9) में यह उल्लेख है कि This policy does not cover liability. Arising Out Of Deliberate ,wilful or intentional non compliance of any statutory provision and non – fulfilment of maintance or proper quality control.
- परिवाद कथनों के अनुसार परिवादी की पत्नी ने सिलेण्डर जिसमें लीकेज थी, लगाकर गैस को चालू किया था। इस प्रकार उसने स्वयं लापरवाही और असावधानी बरती ऐसी दशा में पालिसी की उपरोक्त शर्तो के अनुसार नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड की प्रश्नगत मामले में कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। इस पालिसी के पृष्ठ सं0-4 (पत्रावली का कागज सं0-39/10) पर यह उल्लेख है कि बीमित द्वारा घटना की जानकारी होने के 14 दिन के भीतर बीमा कम्पनी को घटना की सूचना दिया जाना आवश्यक है। पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य संकेत नहीं है जिससे यह प्रकट हो कि विपक्षी सं0-2 लगायत 4 की ओर से कथित घटना की जानकारी होने के 14 दिन के भीतर विपक्षी सं0-5 को घटना की लिखित सूचना उपलब्ध कराई गई थी। ऐसी दशा में बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ है। इस दृष्टि से भी विपक्षी सं0-5 किसी नुकसान की भरपाई करने के लिए उत्तरदाई नहीं है।
- उपरोक्त सम्पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी को सेवा प्रदान करने में किसी प्रकार की कोई कमी अथवा लापरवाही नहीं की गई। विपक्षी सं0-5 अथवा विपक्षी सं0-6 का अन्यथा भी कोई उत्तरदायित्व इस मामले में नहीं बनता। परिवाद खारिज होने योग्य है।
परिवाद खारिज किया जाता है। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
2.05.2017 2.05.2017 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 2.05.2017 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
2.05.2017 2.05.2017 न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-।।, मुरादाबाद। दिनेशपाल सिंह बनाम प्रबन्धक राठौर गैस एजेंसी आदि परिवाद सं0-140/2013 - निर्णय घोषित किया गया। आदेश हुआ कि ‘’ परिवाद खारिज किया जाता है। ‘’
(श्रीमती मंजू श्रीवास्तव ) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
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