Rajasthan

Kota

CC/208/2010

Rajesh Bhatt - Complainant(s)

Versus

Manager, Pushpak Courier Services - Opp.Party(s)

Lokesh Nandwana

18 Mar 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमति हेमलताभार्गव सदस्या।
प्रकरण संख्या-208/2010    
राजेष भट्ट पुत्र लक्ष्मीकान्त भट्ट, आयु 35 साल जाति ब्राहमण निवासी नयापुरा, कोटा, राजस्थान।                                  -परिवादी।
                     बनाम
01.    पुष्पक कोरियर सर्विसेज/ पुष्कर कोरियर सर्विसेज, कोटा जर्ये प्रबंधक/ प्रबंध निदेषक गौराीषंकर गोयल प्रधान कार्यालय पुश्पक कोरियर सर्विसेज लोढा मार्केट एरोड्रम सर्किल, कोटा राजस्थान।
02.    पुष्पक कोरियर सर्विसेज/ पुष्पक कोरियर सर्विसेज बुकिंग काउन्टर पुष्कर कोरियर सर्विसेज, नयापुरा, कोटा जर्ये रामप्रसाद मीणा द्वारा सक्सेना जेरोक्स सुनील न्यूज ऐन्सीज के पास, नयापुरा थाने के सामने, नयापुरा, कोटा, राजस्थान।           -विपक्षीगण।
   परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1  श्री लोकेष नंदवाना, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
   2  श्री सुरेष माथुर, अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से ।

      निर्णय                 दिनांक 18-03-2015  

(1)       प्रस्तुत परिवाद दिनांक 22.06.10 को परिवादी ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उसने दिनांक 14.05.10 को  अप्रार्थी सं. 2 को एक पार्सल उदयपुर भेजने के लिये 20/- रूपये अदा कर रसीद सं. 75875 /- रूपये की प्राप्त की थी। परिवादी का उक्त पार्सल गन्तव्य स्थान पर नहीं पहुंचा, विपक्षीगण  से सम्पर्क किया तो उन्होनेे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। विपक्षीगण के उक्त व्यवहार से परिवादी को मानसिक क्षति हुई। परिवादी ने दिनांक 25.05.10 को अपने अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षीगण को नोटिस दिलवाया जो उन्हे प्राप्त हो गया। विपक्षीगण ने परिवादी उक्त पार्सल को खोजने का आश्वासन दिया । फलस्वरूप परिवादी ने प्रार्थना की है कि उसे विपक्षीगण से 99,820/- रूपये की क्षतिपूर्ति की राशि एवं न्यायोचित सहायता दिलवाई जावे। 
(2)        विपक्षीगण ने जवाब पेश कर परिवाद में उल्लेखित समस्त तथ्यों को मूल रूप से अस्वीकार करते हुये स्पष्ट किया है कि उनका पुष्पक  कोरियर से कोई संबंध नहीं है और ना ही पुष्पक कोरियर की सेवाये ली है। विपक्षीगण ने कोई सेवा में दोष नहीं किया। परिवादी ने जो रसीद पेश की है वह उनकी नहीं है। परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है।  परिवादी ने यह परिवाद दुर्भवना से पेश किया है। विपक्षीगण ने परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की है। फलस्वरूप परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे। 

(2)        परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पेश किया है तथा दस्तावेजी साक्ष्य में प्रदर्श-1 पेश की है। विक्षीगण ने जवाब के समर्थन में दानकरण गोयल का शपथ-पत्र पेश किया है। 
(3)        उभय पक्षों की बहस सुनी गई एवं प्रस्तुत शपथपत्र,दस्तावेजीं साक्ष्य एवं पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामले में मुख्य विचारणीय बिन्दु यह है कि -
(अ)    क्या परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है ?
(ब)    क्या विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
(स)    अनुतोष ??
(4)    बहस सुनी जाकर परिवादी द्वारा प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में  परिवादी ने स्वयं का शपथ-पत्र व परिवाद में पुष्पक (च्न्ैभ्च्।ज्ञ)  कोरियर सर्विस को पार्सल बुक कर, रसीद प्राप्त करने का कथन किया है। परन्तु परिवादी की ओर से प्रस्तुत की गई रसीद प्रदर्श-1 पुष्कर (च्न्ैभ्ज्ञ।त्) कोरियर सर्विस की है। प्रस्तुत मामलें में परिवादी ने पुष्पक (च्न्ैभ्च्।ज्ञ) कोरियर को पक्षकार नहीं बनाया है। परिवादी ने जो रसीद परिवाद के साथ पेश की  है, उस पर रसीद नम्बर 102301 काट कर रसीद सं. 75875 हाथ से अंकित किये गये है।  साथ ही में परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया गया परिवाद व उसके द्वारा दिये गये बयान, उसके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज प्रदर्श-1 में महत्वपूर्ण विरोधाभाष है। हमारे विनम्र मत में मौखिक साक्ष्य के स्थान पर दस्तावेजी साक्ष्य अधिक महत्वपूर्ण व आधारभूत होती है। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र पर विश्वास किया जाना विधि सम्मत नहीं है। उपरोक्त विवेचन को दृष्टिगत रखते हुये हमारे विनम्र मत में परिवादी, विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है। 
(5)        परिवादी बिन्दु संख्या 1 को अपने पक्ष में साबित करने में असफल रहा है। फलस्वप हमारे विनम्र मत में इस बिन्दु पर मत एवं विचार व्यक्त करना आवश्यक नहीं है। 
(6)        परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।

                         आदेष   
(10)      परिणामतः परिवादी राजेश भट्ट का परिवाद खारिज किया जाता है। खर्चा मुकदमा पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे। 

(श्रीमति हेमलता भार्गव)                    (मोहम्मद अनवर आलम)  
     सदस्या                                    अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश        जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,कोटा।                            मंच, कोटा।
(11)     निर्णय  आज दिनंाक 18-03-2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 

(श्रीमति हेमलता भार्गव)                    (मोहम्मद अनवर आलम)  
     सदस्या                                   अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश        जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषश
मंच,कोटा।                            मंच, कोटा।

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