Rakesh Kumar Maheshwari filed a consumer case on 14 May 2015 against Manager, Piyagiyo whills, Pvt. Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/71/2006 and the judgment uploaded on 26 May 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर
परिवाद संख्या:-71 /06
राकेश कुमार माहेश्वरी पुत्र मांगी लाल जाति महाजन निवासी केयर सुनील फर्नीचर 103,शोपिंग सेन्टर, कोटा परिवादी
बनाम
01. पियाजियो व्हीकल्स, प्राइवेट लिमिटेड, जरिये प्रबंधक/मैनेजर, पताः- 102 फिनिक्स बंड, गार्डन रोड, पूणे-411001
02. मार्डन व्हीकल्स, जरिये प्रबंधक/मैनेजर/ प्रापराईटर-पताः- जी-57 इण्डस्ट्रीयल एरिया, कोटा, 324003 अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री राकेश गुप्ता, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से ।
02. विपक्ष्ी सं. 1 की तल्वी दिनांक 09.04.15 को बंद की गई।
03. श्री सुरेश माथुर, अधिकवक्ता, अप्रार्थी सं. 2 की ओर से।
निर्णय दिनांक 14.05.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसका एक लोडिंग वाहन सं. आर जे-20-जी-4226 है, जिसकी रिपेयरिंग का कार्य अप्रार्थी सं. 2 के यहाॅ करवाता था। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 30.11.05 को चित्तोड से वापस आ रहा था, तभी अचानक ब्लास्टिंग और फटने की आवाज आई, जिससे परिवादी के शरीर में काफी चोटे आई तथा उक्त वाहन के चालक के जीवन के लिये घातक सिद्ध हुआ । वाहन पलटी खा गया। उक्त घटना की सूचना अप्रार्थी सं. 2 को दी तथा दुर्घटनाग्रस्त वाहन को अप्रार्थी सं.2 के वर्कशाप में ले गये, जहाॅ मिस्त्री के चैक करने पर पता चला कि उक्त घटना, क्लच के लाॅक होने के कारण हुई है। परिवादी ने उक्त घटना से पूर्व वाहन के गियर का काम भी करवाया था। अप्रार्थी सं.2 ने परिवादी के उक्त वाहन की मरम्मत के 11,000/- रूपये का खर्चा बताया, अप्रार्थी सं. 2 उक्त राशि को परिवादी से प्राप्त करने का हकदार नहीं है। उक्त घटना का कानूनी नोटिस अप्रार्थीगण को दिया गया, उसके बावजूद भी परिवादी के नोटिस का ना तो काई जवाब दिया और कोई आवश्यक कार्यवाही न कर परिवादी की सेवा में कमी की है। अतः परिवादी को अप्रार्थीगण से वाहन को बिना किसी रकम के वसूल किये वापस दिलवाया जावे, मानसिक क्षति एवं परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थी सं.1 दिनांक 09.04.15 तक तलवी नहीं होने व परिवादी द्वारा नया पता पेश नहीं करने के कारण तल्वी बंद की गई।
अप्रार्थी सं0 2 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी उसका उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने विवादित वाहन उससे नही खरीदा और ना उक्त वाहन का पंजीयन स्वामी रहा। उक्त वाहन भंवरलाल ने विपक्षी से खरीदा था और वेद प्रकाश को बेच दिया। वेद प्रकश ने राजेश बाबू महावर को बेच दिया, इस प्रकार उक्त बेचान की सूचना पंजीकृत व्यक्ति ने अप्रार्थी सं. 2 को नही दी। अप्रार्थीसं. 2 ने वारंटी की जो शर्त दी थी, उसका उल्लधंन किया तथा वारंटी समाप्त हो गई। अप्रार्थी सं. 2 ने परिवादी को वारंटी या गारंटी कार्ड नहीं दिया । वारंटी कार्ड नये वाहन पर दिया जाता है। पुराने वाहन पर नहीं दिया जाता है। विवादित वाहन 4 साल पुराना है। परिवादी के वाहन को 02.09.05 को गेयर बाक्स का काम करना बता रहा है उसके बाद कोटा से 100 किलो मीटर दूर चितोड निर्बाद रूप से चला गया और उसके बाद दो माह तक दिनांक 30.11.05 तक बिना किसी परेशानी के चला। विवादित वाहन परिवादी की लापरवाही से खराब हुआ न की अप्रार्थी सं. 2 की लापरवाही से। इस प्रकार परिवादी के वाहन को ठीक करने का जो खर्चा 11,000/- रूपये आया है अप्रार्थी सं. 2 उक्त राशि का वसूलने का अधिकारी है। उक्त राशि परिवादी द्वारा नही देने के कारण उसके वाहन को रोक रखा है। परिवादी उक्त राशि को अदा कर अपने वाहन को ले जा सकता है। अप्रार्थी सं. 2 ने उक्त राशि की मांग कर परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी ने वाहन में कोई खराबी हो इस संबंध में किसी मेकेनिकल विशेषज्ञ की रिर्पोट या शपथ-पत्र पेश कर प्रमाणित नहीं किया है, परिवादी का परिवाद अवधि मध्य नहीं है, इसलिये परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थी का उपभोक्ता है ?
उभय पक्षों की मौखिक बहस सुनी गई। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजात का अध्य्यन अवलोकन करने से स्पष्ट होता है कि वाहन भंवरलाल ने विपक्षी से खरीदा था और वेद प्रकाश को बेच दिया, वेद प्रकश ने राजेश बाबू महावर को बेच दिया, इस प्रकार उक्त बेचान की सूचना पंजीकृत व्यक्ति ने अप्रार्थी सं. 2 को नही दी और इस प्रकार परिवादी कभी विवादित वाहन का पंजीयन स्वामी नही रहा। दिनांक 09.04.15 को अप्रार्थी स0 1 के विरूद्ध परिवादी के द्वारा नया पता पेश नहीं होने के कारण तल्वी बंद कर दी गई, इसलिये परिवादी अप्रार्थी सं. 1 का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 2 से विवादित लोडिंग वाहन को खरीद नहीं किया केवल मेन्टीनेन्स करवाता था, परिवादी ने दिनांक 02.09.05 को गियर का सम्पूर्ण कार्य करवाने का कथन अपने परिवाद में करता है तथा उसके बाद दिनांक 30.11.05 को चितोड से वापस आते समय वाहन में ब्लास्टिंग व फटने की आवाज आने के कारण लोडिग वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने तथा उसकी मरम्मत में 11,000/- रूपये का खर्चे आने का कथन करता है। परिवादी ने वाहन की मरम्मत के 11,000/- रूपये का भुगतान अप्रार्थी सं. 2 को नहीं किया है और वाहन अप्रार्थीसं. 2 के वर्कशाॅप में खडे होकर रोके रखने का कथन परिवादी अपने परिवाद व शपथ-पत्र में करता है तथा उक्त कथनों की पुष्टि अप्रार्थी सं. 2 भी अपने जवाब व शपथ-पत्र में करता है, इसलिये परिवादी अप्रार्थी सं. 2 का उपभोक्ता नहीं पाया जाता है, उपरोक्त विवेचन, विशलेषण को दृष्टिगत रखते हमारे विचार में परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता नहीं है।
02. आया अप्रार्थी ने सेवा दोष किया है ?
परिवादी बिन्दु संख्या 1 को अपने पक्ष में प्रमाणित नहीं कर पाया है। अतः अन्य बिन्दुओ पर विवेचन करने की आवश्यकता नहीं है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद अप्रार्थी के खिलाफ आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी राकेश कुमार माहेश्वरी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारा अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 14.05.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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