Rajasthan

Kota

CC/33/2011

Kuldeep chabda - Complainant(s)

Versus

Manager, Pegiya Whills pvt. ltd. - Opp.Party(s)

Hari Singh Shaktawat

30 Oct 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या-33/11
कुलदीप छाबडा पुत्र ओम प्रकाश आयु 52 साल जाति पंजाबी निवासी केशोरायपाटन, जिला बूंदी राजस्थान।                                          -परिवादी।
               बनाम
01.    प्रबंधक पेगियों व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड 101-बी/102, फोनिक्स बंद कार्डर रोड,  रेजीडेन्सी क्लब के सामने, पूणे (महाराष्ट्र )
02.    प्रबंधक, मार्डन व्हील्स, 5 एरोड्राम सर्किल रावतभाटा रोड, कोटा, राजस्थान।  
                                                          -विपक्षीगण
समक्ष   :
अध्यक्ष  :        भगवान दास 
सदस्य  :         महावीर तंवर        
सदस्य  :        हेमलता भार्गव 
       परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1  परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं।
2  विपक्षी सं. 1 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।
3. श्री एस.के. माथुर, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 2 की ओर से। 
 
    निर्णय                   दिनांक 30.10.15

     परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि उसके शिक्षित बेरोजगार पुत्र सोनू के रोजगार के उद्धेश्य से एवं परिवादी के भरण-पोषण हेतु विपक्षी-1 द्वारा निर्मित वाहन पेगियो-आपे आर.जे. 08 जी.ए. 0631 विपक्षी सं. 2 से दिनांक 30.07.07 को 1,28,500/- रूपये अदा करके खरीदा। 2 दिन बाद ही उसके इंजन में यह खराबी सामने आई कि वह आयल उठा रहा है अर्थात् आयल की भी खपत हो रही है। इसकी शिकायत करने पर कहा गया कि सर्विस पर लेकर आवोगें तब ठीक कर देगे।। प्रथम सर्विस के बाद उसका आयल बदला गया लेकिन इंजन की खराबी ठीक नहीं की गई। विपक्षी सं. 2 ने आशवासन दिया कि कंपनी को शिकायत भेजी गई है वहाॅ से इंजीनियर आकर ठीक करेगा। दिनांक 08.03.08 को वाहन के इंजन में ब्लाक पिस्टन बदला गया , लेकिन फिर भी ठीक नहीं हुआ। अन्त में इंजन सीज हो गया। विपक्षी सं. 2 ने वाहन में निर्माण-दोष बताते हुये, ठीक होने से इंकार कर दिया। मजबूरी में अन्यत्र उसे ठीक करवाया गया जिसके चार-पांच हजार  रूपये खर्च हुये इससे उसे आर्थिक नुकसान  हुआ। विपक्षीगण  को जरिये अधिवक्ता कानूनी नोटिस भेजे गये, लेकिन वाहन के इंजन की खराबी ठीक नहीं की गई। परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ। 
    विपक्षी सं. 1 की नोटिस की तामील रजिस्टर्ड डाक से होने की विधिवत उप-धारणा की गई, उसकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ इसलिये उसके विरूद्ध एक-पक्षीय कार्यवाही के आदेश किये गये। 

    विपक्षी सं. 2 की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि वाहन में कोई निर्माण-दोष नहीं है। परिवादी ने वाहन अन्य किसी मिस्त्री से ठीक करवाया है, इसके लिये वह स्वयं उत्तरदायी है, क्योकि उसने वारन्टी  की शर्तो का उल्लघंन किया है। परिवादी दुर्घटनाग्रस्त वाहन को 16.09.08 को लेकर आया था  तथा वाहन में किये गये कार्य से पूरी तरह से संतुष्ट होना स्वीकार किया, इस प्रकार वाहन में कोई खराबी नहीं है। परिवाद झूंठा पेश किया गया। 
    परिवादी ने साक्ष्य में  अपने शपथ-पत्र के अलावा  वाहन की आर0सी0 जोबशीट दिनांक 08.03.08, टेक्स जमा कराने की रसीद, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राज. की अंक तालिका व उच्च माध्यमिक परीक्षा का प्रवेश-पत्र व क्लेम फार्म,  विपक्षी सं. 1 को प्रेषित नोटिस, पोस्टल रसीद, ए/डी आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है। 
    विपक्षी सं. 2 ने साक्ष्य में वर्कशाॅप मैनेजर जगतार सिंह जसपाल के शपथ-पत्र के अलावा जोब कार्ड 03.01.08, 07.03.08,16.09.08, बिल दिनांक 19.09.08, परिवादी के पत्र दिनांक 19.09.08 आदि की प्रतिया प्रस्तुत की गई। 
    अंतिम बहस की स्टेज पर 26.10.15 को परिवादी के अभिभाषक ने समय लिया दिनांक 27.10.15 नियत की गई लेकिन उक्त पेशी पर परिवादी व उसके वकील उपस्थित नहीं हुये।  विपक्षी सं. 2 के वकील को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया। 
     
     विपक्षी ने परिवादी का हस्ताक्षरित पत्र दिनांक 19.09.08 प्रस्तुत किया है ंजिसमें उसने स्वीकार किया है कि वह वाहन में किये गये कार्य से पूरी तरह संतुष्ट है। अर्थात् विपक्षी ने वाहन की सर्विस, मरम्मत व शिकायत के निवारण संबंधी कोई दोष नहीं किया, इससे पूर्व दिनांक 03.01.08,07.03.08 को भी सर्विस की गई उसके दस्तावेजात प्रस्तुत किये गये है। 
    वाहन में निर्माण-दोष होने के बारे में किसी मेकेनिक विशेषज्ञ की कोई जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। इसलिये निर्माण-दोष की कहानी भी परिवादी सिद्ध नहीं कर पाया। 
    अतः परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 

                    आदेश 

    अतः परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ  खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।

(महावीर तंवर)              (हेमलता भार्गव)            ( भगवान दास)  
  सदस्य                    सदस्य                   अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद   जिला उपभोक्ता विवाद      जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।     प्रतितोष  मंच, कोटा।        प्रतितोष मंच, कोटा।
     निर्णय  आज दिनंाक  30.10.15 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 


  सदस्य                    सदस्य                   अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद   जिला उपभोक्ता विवाद      जिला उपभोक्ता विवाद 
प्रतितोष  मंच, कोटा।     प्रतितोष  मंच, कोटा।        प्रतितोष मंच, कोटा।

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.