Rajasthan

Kota

CC/15/2013

Dhannalal samriya - Complainant(s)

Versus

Manager, Panjab National Bank - Opp.Party(s)

Praveen kalra

28 Jul 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:-15/2013
धन्ना लाल सामारिया  पुत्र मथुरा लाल सामरिया जाति खटीक उम्र 60 साल निवासी मकान नं0 140/27 नगर निगम काॅलोनी, कोटा।                                                                -परिवादी

                    बनाम
प्रबंधंक, पंजाब नेशनल बैंक, 80, नगर निगम दशहरा मैदान शाखा, कोटा, राजस्थान।                                           -विपक्षी
समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष    
महावीर तंवर     ः    सदस्य
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-

01.     परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं। 
02.     विपक्षी  की  ओर से कोई उपस्थित नहीं। 

            निर्णय             दिनांक 28.07.2015
         

    परिवादी ने विपक्षी बैंक के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में प्रकट कर यह सेवा दोष बताया है कि विपक्षी बैंक से ऋण खाता सं. एम डी 7358 के जरिये दिनांक 27.07.05 को एक लाख रूपये का ऋण लिया था, जिसकी तय शुदा 60 किस्तों में 29.06.10 तक पूरी अदायगी करने के अलावा 13,585/- रूपये अधिक प्राप्त कर लिये, अन्य मद में भी अधिक राशि प्राप्त कर ली। अधिक राशि का कोई विवरण उसे नहीं बताया गया। कानूनी नोटिस मिलने के बावजूद भी कोई जवाब नहीं दिया गया। इस प्रकार अधिक ली गई राशि एवं मानसिक संताप व परिवाद व्यय विपक्षी बैंक से दिलाने की प्रार्थना की है। 

    विपक्षी के जवाब का सार है कि परिवादी से किस प्रकार अधिक राशि ली गई है, उसका कोई विवरण नहीं बताया गया है? उसने कब-कब कितनी राशि जमा कराई, उसका भी कोई विवरण नहीं बताया है? परिवादी से कोई अधिक राशि नहीं ली गई है। परिवाद झूंठा पेश किया गया है। 

    परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा खाते की पास बुक की प्रति पेश की है।

    विपक्षी बैंक ने साक्ष्य में शाखा प्रबंधंक विनोद शर्मा का शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है।   

    दोनो पक्षों में से कोई उपस्थित नहीं होने से पत्रावली का अवलोकन किया गया।  परिवादी ने विपक्षी बैंक से लिये गये ऋण के बाबत् लिखे करार की कोई प्रति, किस्त की आदयगी का विवरण, ली गई अतिरिक्त धन अदायगी का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। विपक्षी का स्पष्ट जवाब है कि परिवादी से कोई अधिक धन राशि नहीं ली गई, यह सिद्ध करना, परिवादी का ही दायित्व है कि उससे किस प्रकार अधिक धन राशि ली गई है? लेकिन उसने कोई विवरण किस्त अदायगी के करार की प्रति प्रस्तुत नहीं की। इस प्रकार हम पाते है कि परिवादी यह सिद्ध करने में विफल रहा है कि विपक्षी बैंक ने उससे अतिरिक्त धन राशि ली हो। परिणामतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 
                    आदेश 
    अतः परिवादी धन्ना लाल सामरिया का परिवाद, विपक्षी के विरूद्ध खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।       


(महावीर तंवर)                 (हेमलता भार्गव)                (भगवान दास)  
  सदस्य                        सदस्य                       अध्यक्ष
 

     निर्णय आज दिनंाक 28.07.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष
           

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