Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/178/2011

Shri Kishan Kumar Jain - Complainant(s)

Versus

Manager Panchsheel Gass Agency - Opp.Party(s)

06 Apr 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/178/2011
 
1. Shri Kishan Kumar Jain
R/o Moh. Maanpur Gali No. 02, Thana Kotwali, Tehsil & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager Panchsheel Gass Agency
Add:- 17, Avas Vikas Market, Pili Kothi, Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

एकपक्षीय निर्णय

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन-अध्‍यक्ष।

  1.  इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षी  सं0-1 को आदेशित किया जाऐ कि वह परिवादी से गैस सिलेण्‍डर के सापेक्ष  गलत धनराशि वसूल न करे। परिवादी ने परिवाद व्‍यय और क्षतिपूर्ति की  मद में 5000/- रूपया अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.  संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी गैस एजेन्‍सी- विपक्षी  सं0-1 का उपभोक्‍ता है। उसका उपभोक्‍ता  नं0-39580 है। इस गैस कनेक्‍शन  से परिवादी विपक्षी सं0-1 से गैस लेता है। परिवादी का आरोप है कि दिनांक 30/7/2011 को उसके द्वारा बुक कराई गई गैस की आपूर्ति विपक्षी सं0-1  ने दिनांक 18/9/2011 को की। देरी की वजह से परिवादी को परेशानी हुई।  परिवादी का यह भी कथन है कि विपक्षी  ने  निर्धारित  रेट से  ज्‍यादा पैसे  वसूल  किऐ। विपक्षी  सं0-1  के  ठेले  वाले  ने  परिवादी   से   450/ रूपये लेकर गैस दी। दिनांक 18/9/2011 को अधिक वसूली और गैस न मिलने की शिकायत जब परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से की तो विपक्षी सं0-1 ने कोई परवाह नहीं की। जब परिवादी गैस लेने गया तो उसे गैस देने से भी  मना कर दिया गया, तंग आकर दिनांक 18/10/2011 को विपक्षी सं0-1 को  कानूनी नोटिस दिया। दिनांक 19/10/2011 को उसने विपक्षी सं0-2 व 3 को  भी कानूनी नोटिस दिऐ, किन्‍तु आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। परिवादी ने  यह भी आरोप लगाया कि दिनांक 11/10/2011 को उसके द्वारा बुकिंग कराई गई गैस उसे विपक्षी सं0-1 ने आज तक नहीं दी। परिवादी ने उक्‍त कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित करते हुऐ परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के समर्थन में उसने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 दाखिल किया। परिवाद के साथ परिवादी द्वारा दिनांक 11/10/2011 को बुक  कराई गई बुकिंग स्लिप सं0-714 की फोटो प्रति था विपक्षी सं0-1 को  भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 18/10/2011 की फोटो प्रति एवं इसे भेजे जाने की डाकखाने की रसीदों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/8 हैं।
  4.   विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से बावजूद तामील कोई उपस्थित नहीं हुऐ  अत: फोरम के आदेश दिनांक 26/6/2012 के अनुपालन में परिवाद की  सुनवाई विपक्षी सं0-2 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय की गई।
  5.   विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/4  दाखिल हुआ जिसके समर्थन में गैस एजेन्‍सी के प्रबन्‍धक श्री मोहन लाल  ने अपना शपथ पत्र भी दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में परिवादी को गैस  का उपभोक्‍ता होना और उसका कन्‍ज्‍यूमर नं0-39580 होना तथा दिनांक 30/7/2011 को परिवादी द्वारा गैस बुक कराया जाना तो स्‍वीकार किया गया, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों और आरोपों से इन्‍कार किया गया है।  प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कहा गया है कि परिवादी को हमेशा गैस उपलब्‍ध  कराई गई उससे विपक्षी सं0-1 ने कभी भी अधिक धनराशि वसूल नहीं की। परिवादी द्वारा अभिकथित रूप से भेजा जाना बताया गया नोटिस दिनांकित 18/11/2011 उत्‍तरदाता विपक्षी को कभी प्राप्‍त नहीं हुआ। प्रतिवाद पत्र में यह तो स्‍वीकार  किया  गया  है  कि  दिनांक  11/10/2011  को परिवादी ने गैस बुकिंग कराई थी, किन्‍तु परिवाद के प्रस्‍त-6 में किऐ गऐ इस कथन से कि  ​परिवादी को दिनांक 11/10/2011 की बुकिंग के सापेक्ष गैस सप्‍लाई नहीं की गई इन्‍कार किया गया और इसे असत्‍य होना कहा गया। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी को कोई वाद कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ। विपक्षी सं0-1 विगत लगभग 30 वर्षों से अपने उपभोक्‍ताओं की सेवा कर रहा है। परिवादी ने जब भी गैस बुक कराई है  शीघ्र अति शीघ्र बुकिंग का नम्‍बर आने पर गैस उपलब्‍ध कराई गई।  उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 के सतर से परिवादी को कभी कोई परेशानी नहीं  होने की गई और न ही कभी सेवा में कमी की गई। गैस सिलेण्‍डर की डिलिवरी देते समय निर्धारित मूल्‍य की रसीद उपभोक्‍ता को उपलब्‍ध कराई जाती है। उपभोक्‍त/ परिवादी का यह कर्तव्‍य है कि वह निर्धारित मूल्‍य की रसीद डिलिवरी मैन से प्राप्‍त करे और रसीद पर अंकित मूल्‍य का ही डिलीवरी मैन को भुगतान करे। विपक्षी सं0-1 ने अग्रेत्‍तर कहा कि परिवादी को सुचारू रूप से गैस का वितरण किया जा रहा है। गैस की उपलब्‍धता इण्डियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा गैस एजेन्‍सी को गैस सिलेण्‍डर उपलब्‍ध कराऐ जाने पर निर्भर करती है। इण्डियन आयल कारपोरेशन परिवाद में आवश्‍यक पक्षकार है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर यह अभिकथित कहते हुऐ कि नाजायज दबाने के उद्देश्‍य से परिवादी ने  असत्‍य कथनों के आधार पर यह परिवाद योजित किया है और उत्‍तरदाता विपक्षी ने परिवादी को सेवा देने  में कोई कमी नहीं की है, परिवाद को  सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  6.   प्रतिवाद पत्र के साथ विपक्षी संख्‍या-1 ने परिवादी को की गई गैस  वितरण का ब्‍यौरा कागज सं0-10/6 दाखिल किया।
  7.  विपक्षी सं0-2 की ओर से दाखिल प्रतिवाद पत्र के विरूद्ध परिवादी ने रिज्‍वाइंडर कागज सं0-11/1 लगायत 11/3  दाखिल किया जिसमें परिवादी ने विपक्षी सं0-1 द्वारा प्रतिवाद पत्र में किऐ गऐ कथनों से इन्‍कार करते हुऐ अपने परिवाद कथनों को दोहराया और परिवाद में मांगे गऐ अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  8.   परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में परिवाद पत्र के साथ अपना  शपथ पत्र कागज सं0-3/4 तथा विपक्षी सं0-1 के प्रबन्‍धक ने अपने  प्रतिवाद  पत्र के समर्थन में प्रतिवाद पत्र के साथ अपना शपथ पत्र कागज सं0-10/5  दाखिल किया है।दोनों पक्षों ने अपने-अपनेअभिवचनों के साथ संलग्‍नक भी दाखिल किऐ  जिनका उल्‍लेख  हमने ऊपर किया है। इनके अतिरिक्‍त किसी भी पक्ष ने पृथक से कोई साक्ष्‍य शपथ  पत्र दाखिल नहीं किया।

    9- परिवादी और विपक्षी सं0-1 ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।

   10- हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को  सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर  से                  कोई  उपस्थित नहीं हुऐ।   

   11-  विपक्षी सं0-1 और परिवादी के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं  है कि परिवादी विपक्षी सं0-1 का उपभोक्‍ता है  और  घरेलू  गैस  का  एक                 कनेक्‍शन विपक्षी सं0-1  की गैस  एजेन्‍सी  से  परिवादी के नाम  है  जिसकी  कन्‍ज्‍यूमर सं0-39580 है।

  12– परिवादी  का  आरोप  है  कि  उसे  गैस  की  नियमित  सप्‍लाई  विपक्षी  सं0-1 द्वारा  नहीं  की गई  और  दिनांक  30/7/2011  की बुकिंग  के  सापेक्ष  दिनांक  18/9/2011  को जब उसे  डिलिवरी  मैन  ने  गैस  का सिलेण्‍डर  उपलब्‍ध करया  तो  डिलिवरी मैन ने निर्धारित  मूल्‍य  400/- रूपया  के  बदले  उससे  450/-  रूपये  लिऐ।  अधिक  धनराशि  वसूल  करने  की  परिवादी  ने  विपक्षी  सं0-1  से  शिकायत  की  और कानूनी  नोटिस   भी  दिया,  किन्‍तु  विपक्षी  सं0-1  ने  कोई  सुनवाई  नहीं  की।  विपक्षी  सं0-1  की ओर  से कहा  गया  कि  परिवादी  ने जब  भी  गैस  बुक  कराई  उन्‍होंने  परिवादी  को  शीघ्र अति  शीघ्र  बुकिंग  का  नम्‍बर  आने  पर  गैस  उपलब्‍ध  कराई  और  परिवादी  अथवा  अन्‍य  किसी  भी  उपभोक्‍ता  को  कोई  परेशानी  नहीं  होने  दी।  विपक्षी  सं0-1 के विद्वान  अधिवक्‍ता  ने  दिनांक  5/7/2011  से  16/5/2012  के  मध्‍य  परिवादी  को  उसकी  बुकिंग  के  सापेक्ष  उपलब्‍ध  कराई  गैस के व्‍यौरे  कागज  सं0-10/6  को  इंगित  करते  हुऐ  पुन:  कहा  कि परिवादी  को  नियमित  रूप  से  उसकी  बुकिंग  के  सापेक्ष  गैस  उपलब्‍ध  कराई  गई  और  कभी  भी  उससे  चार्ज  में  विपक्षी  सं0-1  ने  अधिक धनराशि  नहीं  ली।

13-  प्रत्‍युत्‍तर  में  परिवादी  जो  स्‍वयं  एक  वरिष्‍ठ  अधिवक्‍ता  हैं,  ने  बताया  कि  अब  विपक्षी  सं0-1  से उन्‍हें  घरेलू  गैस की  नियमित  आपूर्ति  की  जा  रही है।  उन्‍होंने  फोरम  से  अनुरोध  किया  कि  विपक्षी ​सं0-1  को  इस  बात  के  लिए  निर्देशित  किया  जाना  आवश्‍यक  है  कि  वह  गैस  सिलेण्‍डर  के  निर्धारित  मूल्‍य  से  अधिक धनराशि की  वसूली  परिवादी  से न करे। इस  पर विपक्षी  सं0-1 के विद्वान  अधिवक्‍ता  ने  कहा  कि  परिवादी  से कभी  भी  अधिक  धनराशि  वसूल  नहीं  की  गई  और  परिवादी  द्वारा  अधिक  वसूली का  जो  आरोप  लगाया  गया  है  वह  मिथ्‍या  है।  विपक्षी  सं0-1  के विद्वान  अधिवक्‍ता  ने  यह   भी  कहा  कि  डिलिवरी मैन  गैस  का  सिलेण्‍डर  देते  समय  रसीद  भी  उपभोक्‍ता  को  देता  है।  उपभोक्‍ता  का  उत्‍तरदायित्‍व  है  कि  वह  रसीद  पर  अंकित  गैस  के निर्धारित  मूल्‍य  से  अधिक  धनराशि  का  भुगतान  डिलिवरी  मैन  को  न  करे।

14-  परिवादी  ने  अपने  परिवाद  के  पैरा  सं0-3  में  यह  स्‍पष्‍ट  आरोप  लगाया  है  कि  विपक्षी  सं0-1 के डिलिवरी  मैन  ने  दिनांक  18/9/2011  को  जब  गैस  की  परिवादी  को  आपूर्ति की  थी  तो  निर्धारित  मूल्‍य 400/-  रूपये  के  बजाऐ उसने  परिवादी  से  450/- रूपया लिऐ। विपक्षी  सं0-1 के  प्रबन्‍धक  श्री  मोहन  लाल  ने अपने  शपथ  पत्र में  परिवादी  के  इस  आरोप  से  इन्‍कार किया है कि गैस के निर्धारित  मूल्‍य 400/- रूपये के बजाऐ विपक्षी  सं0-1 के डिलिवरी मैन ने 450/- रूपये वसूल लिऐ थे।

15– एक ओर परिवादी  द्वारा यह आरोप  लगाया  गया है  कि विपक्षी सं0-1  के डिलिवरी  मैन  ने 400/- रूपये  के  स्‍थान  पर गैस  सिलेण्‍डर हेतु परिवादी  से 450/- रूपया  लिये वहीं  विपक्षी  सं0-1  की ओर से  उक्‍त  आरोप  का  खण्‍डन  किया  गया  है। पत्रावली  पर  परिवादी  की ओर  से  कोई  ऐसा स्‍वतन्‍त्र  साक्ष्‍य  उपलब्‍ध  नहीं  कराया  गया है  जिससे  अधिक धनराशि  वसूल  करने सम्‍बन्‍धी  उनके  आरोप  सिद्ध होते हों।  अन्‍यथा  भी  यदि  तर्क  के तौर  पर यह मान  लिया  जाऐ  कि विपक्षी सं0-1 के डिलिवरी  मैन  ने  परिवादी  से  गैस सिलेण्‍डर  के 50/- रूपया  अधिक ले  लिऐ  थे  तब  भी  डिलिवरी  मैन  के उक्‍त  अपकृत्‍य  के लिए विपक्षी  सं0-1 को तब तक जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता जब तक यह प्रमाणित न हो जाय कि अधिक धनराशि डिलिवरी मैन ने विपक्षी सं0-1 के निर्देश पर अथवा उसकी सहमति से ली थी। पत्रावली  पर  ऐसा कोई साक्ष्‍य नहीं है जिसके आधार पर यह  माना जा सके कि डिलिवरी मैन ने गैस सिलेण्‍डर हेतु परिवादी से 50/- रूपया अधिक विपक्षी  सं0-1 के निर्देश पर प्राप्‍त की थी। उक्‍त के दृष्टिगत विपक्षी सं0-1 को गैस सिलेण्‍डर हेतु निर्धारित मूल्‍य से अधिक धनराशि का उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता।

16- विपक्षी सं0-1 के इन कथनों में बल है किसी भी उपभोक्‍ता को घरेलू  गैस सिलेण्‍डर की आपूर्ति इण्डियन आयल कारपोरेशन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन्‍स के तथा गैस की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है। स्‍वीकृत रूप से  परिवादी विपक्षी सं0-1 का उपभोक्‍ता है। हम विपक्षी सं0-1 को यह निर्देश देना न्‍यायोचित समझते हैं कि विपक्षी सं0-1 परिवादी को बतौर उपभोक्‍ता इण्डियन आयल कारपोरेशन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन्‍स के तहत गैस की  उपलब्‍धता के दृष्टिगत निर्धारित मूल्‍य पर नियमानुसार नियमित रूप से गैस उपलब्‍ध कराऐं। परिवादी को परिवाद व्‍यय की मद में विपक्षी सं0-1 से 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवाद तदानुसार स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

    विपक्षी सं0-1 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को बतौर उपभोक्‍ता इण्डियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्धारित गाइड लाइन्‍स के तहत और गैस की उपलब्‍धता के दृष्टिगत कन्‍ज्‍यूमर सं0-39580 के सापेक्ष निर्धारित मूल्‍य पर नियमानुसार नियमित घरेलू गैस उपलब्‍ध कराऐ।परिवाद व्‍यय की मद में  विपक्षी सं0-1 से परिवादी 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) पाने का अधिकारी होगा। परिवाद तदानुसार स्‍वीकार किया जाता है।  

     

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍त)  (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

       सामान्‍य सदस्‍य         सदस्‍य            अध्‍यक्ष

    जि0उ0फो0-।।मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     06.04.2016          06.04.2016       06.04.2016

 

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 06.04.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍त)  (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

       सामान्‍य सदस्‍य         सदस्‍य            अध्‍यक्ष

    जि0उ0फो0-।।मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     06.04.2016          06.04.2016       06.04.2016

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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