जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, रायगढ़ (छ0ग0)
समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष प्रकरण क्रमांक-158/2014
सुभाष पाण्डेय, सदस्य संस्थित दिनांक 16.10.2014
महेश कुमार अग्रवाल आ0 श्री युगल किशोर अग्रवाल,
पेशा-वाहन स्वामी,
निवासी- लोचन नगर, रायगढ़
तह0 व जिला रायगढ़ (छ0ग0)........ .......आवेदक/ परिवादी
//वि रू
1. शाखा प्रबंधक,
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड,
शाखा कार्यालय-जगतपुर बजाज शोरूम के पास, रायगढ़ (छ0ग0)
2. श्रीमती गीता सिंह पति श्री शत्रुघन सिंह
पेशा-पूर्व वाहन स्वामी,
निवासी-गांधी नगर, रायगढ़,
तह0 व जिला रायगढ़ (छ0ग0) ......... .........अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण
आवेदक/परिवादी द्वारा श्री गोपीराम यादव, अधिवक्ता।
अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा श्री ए0एम0राबरा, अधिवक्ता।
अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा श्री वेदमूर्ति पटेल, अधिवक्ता।
(आ दे’श )
(आज दिनांक 26/03/2015 को पारित)
सनमान सिंह, अध्यक्ष
1/ आवेदक/परिवादी ने अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के विरूद्ध वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 की मरम्मत राशि 1,79,155/-रूपये, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का कार्यालय बार-बार आने-जाने का किराया 2,761/-रूपये, शारीरिेक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति 95,000/-रूपये तथा अधिवक्ता नोटिस व्यय 501/-रूपये सहित कुल 2,77,417/-रूपये दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।
2/ आवेदक/परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 का पूर्व स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 है। दिनांक 23.07.2012 को आवेदक/परिवादी उक्त वाहन अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से क्रय किया और अपने नाम पर आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर भी कराया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2
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अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से वाहन का बीमा करायी थी। जिसका पालिसी क्र.193400/31/2013/2493 है। जो दिनांक 19.07.2012 से 18.07.2013 अवधि के लिए थी। वाहन क्रय करने के पश्चात् आवेदक/परिवादी वाहन का बीमा अपने नाम पर कराने के लिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का कार्यालय दिनांक 30.07.2012 को गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों ने बताया कि आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर हो जाने के पश्चात् बीमा ट्रांसफर अपने आप हो जाता है। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि बीमा अवधि समाप्त होने पर आवेदक/परिवादी अपने नाम पर वाहन का बीमा करा सकता है। दिनांक 21.01.2013 को वाहन चालक गौतम सिंह वाहन को लेकर रायगढ़ से बनखेता अपने साथी मजदूर/खलासी देवानंद व संजीव को लेकर गया था। रात्रि 9 बजे सोहानपुर के पुल के पास अन्य वाहन को साइड देते हुए आवेदक/परिवादी का वाहन अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गया। उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की घटना स्थल पर मृत्यु हो गयी तथा वाहन में बैठे देवानंद सिंह व संजीव सिंह को चोंट आयी। वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। जिसकी सूचना थाना लैलूंगा एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को दी गई थी।
3/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा वाहन की क्षति आकलन हेतु सर्वेयर भेजा गया। सर्वेयर द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन का जांच किया गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा मांग किये जाने पर बीमा, ड्रायविंग लायसेंस, आर.सी.बुक की प्रति दी गई। सर्वेयर द्वारा कहा कि वाहन का पूर्व में बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए पूर्व बीमा स्वामी द्वारा क्लेम फार्म भरा जावे बाद में आवेदक/परिवादी का नाम ट्रांसफर कर उसे क्लेम भुगतान कर दिया जायेगा। आवेदक/परिवादी को बीमा की जानकारी न होने के कारण वह सर्वेयर की बात पर विश्वास किया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 ने आवेदक/परिवादी को कोई नुकसान न हो यह मानकर क्लेम फार्म पर हस्ताक्षर किया। आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत स्टीमेट 1,79,155/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को दिया। उसे बीमा क्लेम राशि भुगतान करने का आश्वासन दिया गया। दिनंाक 12.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा वाहन के पूर्व स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को नोटिस दिया गया। जो क्लेम के संबंध में था। जिसमें अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा लिखा गया था कि आर.सी.बुक आवेदक/परिवादी के नाम पर है तथा बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम राशि नहीं दी जा सकती। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से क्लेम के संबंध में जवाब मांगा गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा दिनांक 29.07.2013 को जवाब भेजा गया। दिनांक 01.08.2013 को आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से वाहन मरम्मत राशि दिये जाने के संबंध में आवेदन प्रेषित किया, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 वाहन मरम्मत राशि भुगतान नहीं किया। दिनांक 05.05.2014 को आवेदक/परिवादी क्लेम प्रकरण के संबंध में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से जानकारी चाहा, किन्तु जानकारी देने से इंकार कर दिया गया, तब आवेदक/परिवादी अपने अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को पंजीकृत नोटिस प्रेषित किया, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा कोई जवाब नहंीीी दिया गया।
4/ उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की मृत्यु हो गयी थी। उसकी पत्नी ममता देवी ने श्रम न्यायालय रायगढ़ में क्षतिपूर्ति के लिए प्रकरण प्रस्तुत की थी। जिसमें श्रम न्यायालय द्वारा दिनांक 13.02.2014 को आदेश पारित कर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा क्षतिपूर्ति राशि श्रम न्यायालय में जमा कर दिया। उक्त दुर्घटना में
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वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसकी क्षतिपूर्ति/मरम्मत राशि देने का दायित्व अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का है। उसके बाद भी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा उक्त राशि आज तक भुगतान न कर सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण किया है। इसलिए उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद प्रस्तुत किया है।
5/ अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से पृथक-पृथक जवाब प्रस्तुत किया गया है।
6/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 की ओर से जवाब में बताया गया है कि आवेदक/परिवादी पूर्व वाहन स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 क्रय नहीं किया था और न ही उक्त वाहन अपने नाम आर.सी.बुक में ट्रांसफर कराया था। दिनांक 30.07.2012 को आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कार्यालय नहीं आया था और न ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों द्वारा बताया गया था कि आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर होने के बाद बीमा का ट्रांसफर अपने आप हो जाता है। बीमा ट्रांसफर कराने की आवश्कता नहीं है। दिनांक 21.01.2013 को सोहानपुर पुलिया के करीब साइड देते समय वाहन मिट्टी में धंसकर अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था और न ही उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की मृत्यु हुई थी और न ही देवानंद सिंह व संजीव सिंह को चोट आयी थी। आवेदक/परिवादी द्वारा दुर्घटना की सूचना थाना लैलूंगा व अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को नही दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 क्षतिग्रस्त वाहन जांच हेतु सर्वेयर नहीं भेजा था और न ही आवेदक/परिवादी सर्वेयर को वाहन का बीमा, ड्रायविंग लायसेंस, आर.सी.बुक की छायाप्रति दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 ने पूर्व वाहन स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर क्लेम फार्म नहीं भरवाया था और न ही क्लेम राशि आवेदक/परिवादी को भुगतान करने का आश्वासन दिया था। सर्वेयर ने पूर्व वाहन स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को समझाने का प्रयास नहीं किया था और न ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 आवेदक/परिवादी को कोई नुकसान न हो यह कहते हुए क्लेम फार्म पर हस्ताक्षर किया था।
7/ आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत में 1,79,155/-रूपये व्यय नहीं किया है और न ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 वाहन मरम्म्त राशि भुगतान करने का आश्वासन दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 दिनांक 12.07.2013 को नोटिस के संबंध में आवेदक/परिवादी को कोई जानकारी नहीं दिया था और न ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 वाहन आवेदक/परिवादी के नाम पर होने तथा बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर होने के आधार पर जवाब मांगा गया था। आवेदक/परिवादी ने दिनांक 01.08.2013 को क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए कोई आवेदन नहीं दिया था और न ही दिनांक 05.05.2014 को आवेदक/परिवादी द्वारा क्लेम प्रकरण के संबंध में जानकारी मांगने पर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के लिपिक द्वारा जानकारी देने से मना किया था। आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत राशि 1,79,155/-रूपये के लिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 कार्यालय में कोई क्लेम नहीं किया था और न ही आवेदक/परिवादी 1,79,155/-रूपये पाने का अधिकारी है। दिनांक 08.02.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा मोटर दावा प्रपत्र अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष प्रस्तुत किया। उक्त दावा प्रपत्र के साथ कन्हैया आटो मोबाईल्स वक्र्स नया ट्रांसपोर्ट नगर, सांगीतराई रोड, रायगढ़ का 1,79,155/-रूपये का स्टीमेट संलग्न किया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 आनंद मोहन गोस्वामी को सर्वेयर नियुक्त किया था। सर्वेयर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 कन्हैया आटोमोबाईल्स के प्रतिनिधियों के समक्ष वाहन का निरीक्षण किया गया था।
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दिनांक 14.02.2013 को प्रतिवेदन दिया था। दिनांक 06.05.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को सूचना भेजकर वाहन मरम्मत के संबंध में किये गये व्यय संबंधित केशमेमो/बिल प्रस्तुत करने को कहा था, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा कोई केशमेमो/बिल प्रस्तुत नहीं किया गया।
8/ दिनांक 29.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया। उसके द्वारा स्वीकार किया गया कि कोई क्लेम फार्म नहीं भरा गया है और न ही उसे वाहन के संबंध में कोई लेनादेना है। दावा प्रपत्र के साथ सलग्न प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार वाहन चालक गौतम सिंह द्वारा वाहन को तेज व लापरवाही पूर्वक चलाते हुए पेड़ पर टकराने के कारण वाहन पलट गई थी, इसलिए वाहन में हुई क्षति के लिए बीमा पालिसी के शर्त के अनुसार बीमा दावा प्रस्तुत करने का अधिकार बीमित को नहीं है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 बीमा की सम्पूर्ण अवधि व्यतीत होने तक अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा वाहन विक्रय के संबंध में कोई सूचना अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को नहीं दी और न ही बीमा पालिसी क्रेता के पक्ष में सूचना दी गई। दुर्घटना दिनांक को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 वाहन स्वामी नहीं थी। आवेदक/परिवादी द्वारा वाहन क्रय करने मात्र से ही बीमा पालिसी शर्त के प्रति अधिकार प्राप्त नहीं होता। आवेदक/परिवादी एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के मध्य वाहन बीमा के संबंध में कोई करार नहंी हुआ है। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद निरस्त किया जावे।
9/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर जवाब में बताया गया है कि वह वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 की पूर्व स्वामी है। उक्त वाहन का बीमा दिनांक 19.07.2012 से 18.07.2013 अवधि के लिए की गई थी। दिनांक 23.07.2012 को आवेदक/परिवादी को उक्त वाहन विक्रय कर दिया है। आवेदक/परिवादी अपने नाम पर आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर करा लिया है। वाहन क्रय करने के पश्चात् आवेदक/परिवादी दिनांक 30.07.2012 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कार्यालय गया था। उसे अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि आर.सी.बुक में आवेदक/परिवादी का नाम ट्रांसफर हो गया है, इसलिए बीमा अपने आप ट्रांसफर हो जाता है। बीमा पालिसी में नाम ट्रांसफर कराने की आवश्यकता नहीं है। दिनांक 21.01.2013 को वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की मृत्यु हो गयी तथा देवानंद सिंह व संजीव सिंह को चोंट आयी थी। वाहन पूर्णत क्षतिग्रस्त हो गया था। आवेदक/परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की कार्यवाही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष किये जाने पर सर्वेयर द्वारा आवेदक/परिवादी से कहा गया कि वाहन का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम फार्म अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा ही भरा जायेगा। बाद में बीमा व क्लेम राशि आवेदक/परिवादी के नाम ट्रांसफर कर भुगतान कर दिया जायेगा।
10/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा आवेदक/परिवादी को कोई नुकसान न हो मानकर सर्वेयर के कहने पर क्लेम फार्म पर हस्ताक्षर किया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा आश्वासन दिया गया कि क्लेम राशि भुगतान हेतु स्वीकृत कर दिया जायेगा, किन्तु दिनांक 12.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा नोटिस प्रेषित किया गया। उक्त नोटिस में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से यह जानकारी मांगा गया कि आवेदक/परिवादी का नाम आर.सी.बुक में है पर बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम राशि नहीं दी जा सकती।
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अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा दिनांक 29.07.2013 जवाब भेज कर बताया कि उक्त क्लेम के संबंध में उसका कोई लेना देना नहीं है। क्लेम राशि आवेदक/परिवादी को दिये जाने के संबंध में सहमति दिया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 आवेदक/परिवादी को वाहन विक्रय कर चुकी है। आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर हो चुका है, इसलिए वाहन का बीमा भी आवेदक/परिवादी के नाम पर ट्रांसफर हो जाना माना जायेगा। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से आवेदक/परिवादी दुर्घटनाग्रस्त वाहन का बीमा/क्लेम राशि पाने का अधिकारी है।
11/ उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।
12/ आवेदक/परिवादी की ओर से कन्हैया आटोमोबाईल्स का स्टीमेट, अधिवक्ता नोटिस व रसीद, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी अधिवक्ता द्वारा आवेदक/परिवादी अधिवक्ता को भेजा गया लिफाफा, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी द्वारा भेजा गया जवाब, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा नाम परिवर्तन हेतु दिया गया आवेदन, बीमा पालिसी, आवेदक/परिवादी द्वारा बीमा में नाम परिवर्तन हेतु आवेदन, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा दी गई आवेदन की पावती, गौतम सिंह का अनुज्ञप्ति, वाहन का आर.सी.बुक, फिटनेस प्रमाण पत्र, श्रम न्यायालय रायगढ़ द्वारा पारित आदेश की छायाप्रति सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
13/ उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 का पूर्व स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 गीता सिंह है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 उक्त वाहन आवेदक/परिवादी को विक्रय कर दिया है। जिसके आधार पर वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 का स्वामी आवेदक/परिवादी है। वाहन दिनांक 21.01.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की मृत्यु हो गयी थी। आवेदक/परिवादी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की क्षति के संबंध में कन्हैया आटो मोबाईल्स वक्र्स का 1,79,155/-रूपये का स्टीमेट प्राप्त किया है, किन्तु प्रकरण में वाहन मरम्मत के संबंध में कोई बिल/केशमेमो प्रस्तुत नहीं किया है।
14/ आवेदक/परिवादी की ओर से लिखित तर्क में बताया गया है कि वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से दिनांक 23.07.2012 को क्रय कर अपने नाम ट्रांसफर करा लिया है। आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 कार्यालय में वाहन बीमा के संबंध में जानकारी लेने गया तो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों ने बताया कि आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर हो जाने के पश्चात् बीमा का ट्रांसफर अपने आप हो जाता है। दिनांक 21.01.2013 को वाहन चालक गौतम सिंह वाहन को रायगढ़ से बनखेता अपने साथी मजदूर/खलासी देवानंद व संजीव को लेकर गया था। रात्रि 9 बजे सोहानपुर के पुल के पास अन्य वाहन को साइड देते हुए अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराकर क्षतिग्रस्त हो गया। जिसमें वाहन चालक गौतम सिंह की घटना स्थल पर मृत्यु हो गयी वाहन में बैठे देवानंद सिंह व संजीव सिंह को चोंट आयी। दुर्घटना की सूचना थाना लैलूंगा एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को दी थी।
15/ आवेदक/परिवादी का तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 क्षतिग्रस्त वाहन जांच हेतु सर्वेयर नियुक्त किया था। सर्वेयर द्वारा क्षतिग्रस्त वाहन का जांच किया गया। आवेदक/परिवादी से वाहन का बीमा, ड्रायविंग लायसेंस, आर.सी.बुक की प्रति मांगा था जो उसे उपलब्ध करा दी गई थी। सर्वेयर द्वारा कहा गया कि वाहन का पूर्व में बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 नाम पर है, इसलिए अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा क्लेम फार्म भरा जावे बाद मे आवेदक/परिवादी के
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नाम ट्रांसफर कर उसे क्लेम भुगतान कर दिया जायेगा। आवेदक/परिवादी वाहन मरम्मत का स्टीमेट 1,79,155/-रूपये अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष प्रस्तुत किया था। दिनांक 12.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को नोटिस प्रेषित कर जवाब मांगा था कि आर.सी.बुक में वाहन आवेदक/परिवादी के नाम पर है तथा बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम राशि नहीं दी जा सकती। जिसके संबंध में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 जवाब भेजा था और आवेदक/परिवादी को क्लेम राशि दिये जाने की सहमति दिया था। आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि उसके द्वारा क्लेम राशि दिये जाने का निवेदन किया था। उसके बाद भी क्लेम राशि भुगतान नहीं किया गया, इसलिए उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 न तो जवाब दिया और न ही क्लेम राशि भुगतान किया, इसलिए उसे परिवाद में चाही गई अनुतोष दिलायी जावे।
16/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 की ओर से मण्डल प्रबंधक का शपथ पत्र दिनांक 23.02.2015, आवेदक/परिवादी द्वारा पेश दावा प्रपत्र दिनांक 08.02.2013, आवेदक/परिवादी द्वारा पेश कन्हैया आटोमोबाईल्स का स्टीमेट, आनंद मोहन गोस्वामी सर्वेयर का रिपोर्ट दिनांक 14.02.2013, आनंद मोहन गोस्वामी सर्वेयर का शपथ पत्र दिनांक 23.02.2015, आवेदक/परिवादी द्वारा प्रस्तुत प्रथम सूचना प्रतिवेदन दिनांक 21.01.2013, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को प्रेषित पत्र दिनांक 06.05.2013 सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
17/ उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि दावा प्रपत्र अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा प्रस्तुत किया गया था। दावा प्रपत्र के साथ 1,79,155/-रूपये का स्टीमेट प्रस्तुत किया गया है। सर्वेयर आनंद मोहन गोस्वामी के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सर्वेयर ने 28,944/-रूपये क्षति का आकलन किया था। सर्वेयर ने सर्वे रिपोर्ट के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें उसने क्षतिग्रस्त वाहन का निरीक्षण कर क्षति का प्रतिवेदन दिया जाना बताया है। उक्त शपथ पत्र में यह भी बताया गया कि आवेदक/परिवादी तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 श्रीमती गीता सिंह से उसकी बीमा प्रमाण पत्र ट्रांसफर कराने के संबंध में अथवा दावा प्रपत्र भरने के संबंध में कोई चर्चा नहीं हुई थी और न ही कोई समझाईश दिया था। वह आवेदक/परिवादी एवं श्रीमती गीता सिंह को नहीं जानता।
18/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 की ओर से लिखित तर्क में बताया कि दिनांक 08.02.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर से अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष दावा प्रपत्र प्रस्तुत किया था। दावा प्रपत्र के साथ कन्हैया आटोमोबाईल्स का स्टीमेट 1,79,155/-रूपये तथा प्रथम सूचना पत्र प्रस्तुत किया था। सर्वेयर ने अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के प्रतिनिधि व स्टीमेट देने वाले प्रतिनिधि के समक्ष वाहन का निरीक्षण किया था तथा दिनांक 14.02.2013 को सर्वेयर द्वारा रिपोर्ट दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का यह भी तर्क है कि दिनांक 06.05.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को सूचित किया था कि वाहन मरम्मत बिल/केशमेमो प्रस्तुत करें, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा केशमेमो/बिल प्रस्तुत नहीं किया गया। दिनांक 29.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 आवेदन पत्र प्रस्तुत कर बतायी कि उसने स्वयं क्लेम फार्म नहीं भरा है और न ही उसे क्लेम फार्म भरने की जानकारी है। वाहन से उसका कोई लेनादेना नहीं है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का यह भी तर्क है कि दावा प्रपत्र के साथ संलग्न प्रथम सूचना प्रतिवेदन के अनुसार वाहन चालक गौतम सिंह द्वारा तेज व लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के फलस्वरूप ही वाहन पेड़ से टकराकर पलट गयी थी। वाहन चालक के लापरवाही के कारण ही दुर्घटना हुई थी। बीमा शर्त का उल्लंघन होने के कारण
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आवेदक/परिवादी कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का यह भी तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा बीमा पालिसी तथा वाहन विक्रय के संबंध में सूचना अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को नहीं दी थी
और न बीमा पालिसी में क्रेता के पक्ष में ट्रांसफर कराने की कार्यवाही की गई है। वाहन के आर.सी.बुक में किये गये संशोधन के अनुसार अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 घटना को वाहन स्वामी नहीं थी। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 का यह भी तर्क है कि बीमा पालिसी वाहन विक्रय पश्चात् समाप्त हो गयी थी। आवेदक/परिवादी द्वारा वाहन क्रय करने मात्र से बीमा पालिसी का अधिकार प्राप्त नहीं होता। आवेदक/परिवादी व अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के मध्य वाहन के बीमा संबंधी कोई करार(Privity of contact) व नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है।
19/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर से बीमा कंपनी द्वारा प्रेषित नोटिस, बीमा पालिसी में नाम परिवर्तन बाबत् आवेदन तथा बीमा कंपनी को दिया गया आवेदन सहित दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत की है।
20/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 की ओर से लिखित तर्क में बताया गया है कि वाहन क्र.ओ.आर.23-बी-7811 की स्वामी नहीं है। दिनांक 23.07.2012 को आवेदक/परिवादी को उक्त वाहन विक्रय कर दिया है आवेदक/परिवादी आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर करा लिया है। वाहन क्रय पश्चात् आवेदक/परिवादी दिनांक 30.07.2012 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 कार्यालय गया था। उसे अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों द्वारा बताया कि आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर हो गया है, इसलिए बीमा में ट्रांसफर हो जाता है। बीमा पालिसी में नाम ट्रांसफर कराने की आवश्यकता नहीं है। दिनांक 21.01.2013 को वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है। उक्त दुर्घटना में वाहन चालक गौतम सिंह की मृत्यु हो गयी तथा देवानंद सिंह व संजीव सिंह को चोंट आयी थी। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का यह भी तर्क है कि क्षतिपूर्ति की कार्यवाही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष करने पर सर्वेयर द्वारा कहा गया कि वाहन बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम फार्म अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा ही भरा जायेगा। बाद में बीमा व क्लेम आवेदक/परिवादी के नाम ट्रांसफर कर भुगतान कर दिया जायेगा।
21/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का यह भी तर्क है कि सर्वेयर के कहने पर क्लेम फार्म पर हस्ताक्षर किया था। क्षतिग्रस्त वाहन के संबंध में 1,79,155/-रूपये का स्टीमेट अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष प्रस्तुत किया था। किन्तु दिनांक 12.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा नोटिस प्रेषित कर जानकारी मांगा गया कि आवेदक/परिवादी का नाम आर.सी.बुक में है पर बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है, इसलिए क्लेम राशि नहीं दी जा सकती, तब दिनांक 29.07.2013 जवाब भेज कर बताया था कि क्लेम के संबंध में उसका कोई लेना देना नहीं है। क्लेम राशि आवेदक/परिवादी को भुगतान कर दिया जावे। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 का यह भी तर्क है कि वाहन दुर्घटना के पूर्व आवेदक/परिवादी को विक्रय कर चुकी है। आवेदक/परिवादी वाहन का स्वामी है। मोटर यान अधिनियम की धारा 157 प्रावधान के अन्तर्गत आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर होने के बाद बीमा पालिसी में ट्रांसफर होना माना जायेगा, इसलिए आवेदक/परिवांदी को क्षतिपूर्ति राशि भुगतान किया जावे।
22/ वाहन क्र. ओ. आर. 23-बी-7811 दिनांक 23.07.2012 को आवेदक/परिवादी द्वारा क्रय किया है और आर.सी.बुक में अपना नाम ट्रांसफर करा लिया है, किन्तु वाहन का बीमा पूर्व वाहन स्वामी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के
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नाम पर था। बीमा ट्रांसफर के संबंध में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 कार्यालय गया तो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के कर्मचारियों ने बताया कि आर.सी.बुक में नाम ट्रांसफर हो जाने के पश्चात् बीमा पालिसी का ट्रांसफर अपने आप हो जाता है। बीमा ट्रांसफर कराने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह से सर्वेयर ने वाहन का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम होने के कारण क्लेम फार्म अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से भरवाया और कहा कि बाद में आवेदक/परिवादी का नाम ट्रांसफर कर उसे क्लेम भुगतान कर दिया जायेगा, जबकि आनंद मोहन गोस्वामी सर्वेयर के शपथ पत्र के अनुसार वह आवेदक/परिवादी एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 श्रीमती गीता सिंह को नहीं जानता। क्लेम के संबंध में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 से फार्म पर हस्ताक्षर नहीं करवाया है।
23/ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 ने दिनांक 25.07.2012 तथा दिनांक 29.07.2013 को तथा आवेदक/परिवादी ने दिनांक 01.08.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को वाहन क्र. ओ. आर. 23-बी-7811 का बीमा आवेदक/परिवादी के नाम पर ट्रांसफर करने व क्लेम राशि भुगतान करने बाबत् आवेदन दिया था। उसके पूर्व ही अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 ने दिनांक 12.07.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 को पत्र प्रेषित कर सूचित किया था कि वाहन आवेदक/परिवादी के नाम पर है तथा बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर है। पत्र प्राप्ति के दो सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करें अथवा बीमा दावा अमान्य किया जावेगा, किन्तु उसके बाद भी बीमा पालिसी आवेदक/परिवादी के नाम ट्रांसफर नहीं कराया गया।
24/ आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के बीच बीमा के संबंध में कोई अनुबंध(Privity of contact) नहीं हुआ है, जबकि दिनांक 21.01.2013 को वाहन का बीमा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 के नाम पर था। वाहन दिनांक 23.07.2012 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 आवेदक/परिवादी को विक्रय कर चुकी है, अर्थात् दुर्घटना दिनांक 21.01.2013 को आवेदक/परिवादी एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के बीच वाहन के संबंध में अनुबंध ; व नहीं था, अर्थात् दुर्घटना दिनांक 21.01.2013 को आवेदक/परिवादी के नाम वाहन क्र. ओ. आर. 23-बी-7811 बीमित नहीं था।
25/ कन्हैया आटोमोबाईल्स वक्र्स का 1,79,155/-रूपये स्टीमेट के आधार पर क्लेम की मांग किया है। आवेदक/परिवादी न तो वाहन का मरम्मत कराया है और न ही मरम्मत बिल प्रस्तुत किया है और न ही वाहन का बीमा अपने नाम पर ट्रांसफर कराया। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अतः आवेदक/परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(सनमान सिंह) (सुभाष पाण्डेय)
अध्यक्ष सदस्य
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