Chhattisgarh

Bilaspur

CC/14/216

ANNAPURNA SINGH - Complainant(s)

Versus

MANAGER ORBIT COMPUTER EDUCATION CENTER AND OTHERS - Opp.Party(s)

SHRI SHAILESH VADHWANI

16 Mar 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/216
 
1. ANNAPURNA SINGH
NEW SARKANDA
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. MANAGER ORBIT COMPUTER EDUCATION CENTER AND OTHERS
KHONGAPANI
KORIA
CHHATTISGARH
2. SHRIMAN COLLECTOR
BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI SHAILESH VADHWANI
 
For the Opp. Party:
NA 1 AND 2 ABSENT
 
ORDER

 

/जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग./

                                                                                   प्रकरण क्रमांक :- सी.सी./216/2014

                                                                                        प्रस्‍तुति दिनांक :- 28/10/2014

अन्‍नपूर्णा सिं‍ह उम्र लगभग 30 वर्ष

पिता रामभरोस सिंह जाति गोड

निवासी अरविंद नगर सरकंडा बिलासपुर,

तह. व जिला बिलासपुर छ.ग.                    ............आवेदिका/परिवादिनी

 

                 (विरूद्ध)

1. श्रीमान संचालक/प्रबंधक

आरबीट कम्‍प्‍यूटर सेंटर शाखा खोंगापानी,

56 दफाई खोंगापानी, जिला कोरिया (छ.ग.)

 

2. श्रीमान कलेक्‍टर महोदय,

जिला बिलासपुर (छ.ग).                 ............अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण

 

                      

 

                      ///आदेश///

               (आज दिनांक 16.03.2015 को पारित)

 

 1 . आवेदिका अन्‍नपूर्णा सिंह ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध कदाचरण का व्‍यवसाय कर सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदक क्रमांक 1 से प्रवेश हेतु ली गई फीस की राशि 20000/-रू. को ब्‍याज एवं क्ष्‍ातिपूर्ति के साथ दिलाए जाने की मांग की है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदिका वर्ष 2008-2009 में अनावेदक क्रमांक 1 के कम्‍प्‍यूटर सेंटर खोंगापानी, जिला कोरिया में 20000/-रू. अदा कर पी.जी.डी.सी.ए. कोर्स के लिए प्रवेश लेकर अध्‍यापन कार्य पूर्ण करते हुए प्रमाण-पत्र प्राप्‍त की । संस्‍था में प्रवेश के समय अनावेदकगण के द्वारा उसे आश्‍वासन दिया गया था कि उनकी संस्‍था को शासन से मान्‍यताप्राप्‍त है, वह जहॉ-कहीं भी चाहे उनके प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर सकती है, कितु जब वह वर्ष 2014 में पटवारी चयन परीक्षा के लिए अनावेदक क्रमांक 2 के कार्यालय में आवेदन जमा की तो उसके आवेदन को अनावेदक  क्रमांक 2 द्वारा इस आधार पर अमान्‍य कर दिया गया कि उसके द्वारा संलग्‍न पी.जी.डी.सी.ए. का प्रमाण पत्र मान्‍यता प्राप्‍त नहीं है, तब उसने अपने अधिवक्‍ता जरिए दिनांक 23.08.2014 को अनावेदक क्रमांक 1 को पंजीकृत सूचना भेजी और स्‍पष्‍टीकरण मांग की, किंतु उसके द्वारा सूचना पत्र को कोई जवाब नहीं दिया गया । अत: उसने यह अभिकथित करते हुए कि अनावेदक क्रमांक 1 अपने कम्‍प्‍यूटर संस्‍था को श्रेष्‍ठ एवं शासन द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त होने का झूठा आश्‍वासन देकर पी.जी.डी.सी.ए. कोर्स हेतु फीस के रूप में भारी राशि वसूल की और उसके भविष्‍य के साथ खिलवाड किया, यह परिवाद पेश करते हुए अनावेदक क्रमांक 1 से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया है और अनावेदक क्रमांक 2 को औपचारिक पक्षकार के रूप में संयोजित किया है ।

3. अनावेदकगण नोटिस तामिली उपरांत भी उपस्थित नहीं हुए । अत: उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गई ।

4. परिवाद के लंबनावस्‍था में आवेदिका द्वारा धारा 24 (क) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम  का आवेदन पेश कर परिवाद पेश करने में विलंब को क्षमा किए जाने का निवेदन की है ।

5. अनावेदकगण के एकपक्षीय होने से आवेदिका अधिवक्‍ता का तर्क सुना गया । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

6. देखना यह है कि क्‍या आवेदिका, अनावेदक क्रमांक 1 से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने की अधिकारिणी है ।

                     सकारण निष्‍कर्ष

7. आवेदिका यह परिवाद इस आधार पर प्रस्‍तुत की है कि उसने वर्ष 2008-2009 में अनावेदक क्रमांक 1 के कम्‍प्‍यूटर सेंटर खोंगापानी, जिला कोरिया में पी.जी.डी.सी.ए. कोर्स की । अनावेदक क्रमांक 1 द्वारा उसे आश्‍वस्‍त किया गया था कि उनकी संस्‍था को शासन से मान्‍यता प्राप्‍त है तथा उनके प्रमाण पत्र के जरिए वह कहीं भी नौकरी कर सकती है, तब उसने अनावेदक क्रमांक 1 के आश्‍वासन पर ही वह 20,000/-रू.  की एकमुश्‍त प्रवेश राशि जमा कर प्रमाण पत्र प्राप्‍त की, किं‍तु जब उसके द्वारा उस प्रमाण पत्र के अ आधार पर वर्ष 2014 में पटवारी चयन परीक्षा हेतु अनावेदक क्रमांक 2 के समक्ष आवेदन पेश किया गया तो उसे पता चला कि अनावेदक क्रमांक 1  द्वारा दिये गये प्रमाण पत्र की   मान्‍यता नहीं है । अत:  उसने यह अभिकथित करते हुए कि अनावेदक क्रमांक 1 उसे झूठा आश्‍वासन देकर उससे भारी भरकम राशि वसूल किया और उसके भविष्‍य के साथ खिलवाड किया, उसने उक्‍त राशि की के साथ क्षतिपूर्ति दिलाए जाने हेतु यह परिवाद पेश करना बतायी है  और परिवाद में कलेक्‍टर बिलासपुर को औपचारिक रूप से पक्षकार बनाते हुए उससे कोई भी अनुतोष की मांग नहीं की है ।

8. इस प्रकार आवेदिका के परिवाद के तथ्‍यों से यह स्‍पष्‍ट होता है कि उसका परिवाद मुख्‍य रूप से अनावेदक क्रमांक 1 के विरूद्ध है जिसका कि इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत न तो कोई शाखा है और न ही उसका निवास है और न ही आवेदिका के परिवाद के संबंध में इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत कोई वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ, बल्कि जो भी वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ वह जिला कोरिया फोरम के अंतर्गत उत्‍पन्‍न हुआ, जबकि यह सुनिश्चित स्थिति है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा 11 अंतर्गत परिवाद उस स्‍थान पर संस्थित किया जा सकता है, जहॉं कि विरोधी पक्षकार निवास करता है अथवा व्‍यवसाय करता है या जहॉं कि उसका शाखा कार्यालय स्थित हो, साथ ही उस स्‍थान पर भी परिवाद संस्थित किया जा सकता है, जहॉं कि वादकारण उत्‍पन्‍न हुआ हो ।

9. किंतु प्रश्‍नगत मामले में  न तो अनावेदक क्रमांक 1 इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत निवास करता है और न ही यहॉं उसके व्‍यससाय का कोई शाखा कार्यालय स्थित है और न ही प्रश्‍नगत मामले के संबंध में कोई वादकारण ही इस फोरम के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत उत्‍पन्‍न हुआ । फलस्‍वरूप क्षेत्राधिकार के अभाव में आवेदिका का परिवाद इस फोरम के समक्ष चलने योग्‍य नहीं है । अत: उसे सलाह दी जाती है कि वह चाहे तो अपने अनुतोष प्राप्ति के लिए सक्षम क्षेत्राधिकार के फोरम के समक्ष अपना परिवाद प्रस्‍तुत कर सकती है। क्षेत्राधिकार के अभाव में उसका परिवाद निरस्‍त किया जाता है ।

10. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे ।

आदेश पारित

 

                                        (अशोक कुमार पाठक)                                              ( प्रमोद वर्मा)

                                                  अध्‍यक्ष                                                               सदस्‍य

 

 

 

 

 

   

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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