Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/87/2014

Suman Devi - Complainant(s)

Versus

Manager, National Insurance Company Limited - Opp.Party(s)

Shri Janardan Singh

30 Apr 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/87/2014
 
1. Suman Devi
W/O Ramashish Yadav, Village- Basabandh, Post- Alipur Bangawa, Pargana & District- Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager, National Insurance Company Limited
Divisional Office- 11-304, Cross Road Plaza, Badshahnagr Chauraha, Mahanagar, Lucknow- 226006
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES HONOURABLE MR Ramesh Chandra Mishra PRESIDENT
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Janardan Singh, Advocate
For the Opp. Party: Shri Sunil Kumar Jaiswal, Advocate
ORDER

परिवादिनी द्वारा परिवाद पत्र में संक्षेप में यह कथन किया गया है कि उसने  उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद् के अन्‍तर्गत अपनी एक गाय का बीमा रू0 40,000/- का दि0 20-03-13 को एक वर्ष तक की अवधि के लिए विपक्षी सं01 से कराया। गाय के कान में  छल्‍ला नं0 एन आई सी/73496 लगाया गया। परिवादिनी ने बीमा प्रीमियम की धनराशि रू0 998/- करके पालिसी सं0 49388 प्राप्‍त किया। उक्‍त गाय दि0 10-01-14 को बीमार हुई और उसी दिन लगभग 10 बजे रात्रि में मर गयी। परिवादिनी ने दि0 11-01-14  को पालिसी रसीद पर उपलब्‍ध फोन नम्‍बरों पर गाय के मृत्‍यु  की सूचना देने के लिए मोबाइल से फोन किया परन्‍तु किसी कर्मचारी ने  फोन नहीं उठाया। दि0 11-01-14 विपक्षी सं02 द्वारा उक्‍त गाय का पोस्‍टमार्टम किया गया। परिवादिनी ने दि0 13-01-14 को रजिस्‍टर्ड डाक से विपक्षी नं01 को सूचना दिया लेकिन कोई जॅाचकर्ता जॉच करने नहीं अया। दि0 27-01-14 को जरिये कोरियर प्रार्थना पत्र दिया। विपक्षी सं01 द्वारा न तो जॉच किया गया न ही किसी धनराशि का भुगतान किया गया। जो विपक्षी सं01 की सेवा में त्रुटि है। इस आधार पर बीमित धनराशि रू0 40,000/- एवं ब्‍याज प्राप्‍त करने हेतु निवेदन किया गया है।

     विपक्षी स01 द्वारा अपनी आपत्ति में संक्षेप में यह कथन किया गया है कि परिवादिनी द्वारा गाय के मृत्‍यु की कोई सूचना विपक्षी सं01 को नहीं प्राप्‍त करायी गयी। गाय परिवादिनी के नाम से यू0 पी0 एल0 डी0 बी0 ( उत्‍तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक) विकास भवन के माध्‍यम से पालिसी संख्‍या 450200 / 47/ 12/9400002558 के अन्‍तर्गत  मण्‍डलीय कार्यालय बादशाह नगर लखनऊ से बीमित थी  तथा पशु पहचान चिन्‍ह टैग नम्‍बर-73496 से चिन्हित किया गया था जिसकी जोखिम तिथि दि0 20-03-13 से 19-03-14 तक थी। बीमा शर्तों के अनुरूप पशु की मृत्‍यु होने पर कोई दावा तब तक निस्‍तारित नहीं किया जायेगा जब तक पशु के कान का टैग नम्‍बर बीमा करने वाली शाखा के कार्यालय को लौटा नहीं दिया जाता है। तभी बीमा कम्‍पनी क्‍लेम दर्ज करेगी। शाखा जॉचोपरांत क्‍लेम का निस्‍तारण करती है, अन्‍यथा नहीं । प्रस्‍तुत प्रकरण में परिवादिनी अथवा उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड गाजीपुर द्वारा बीमित पशु के मृत्‍यु की सूचना या पहचान चिन्‍ह नहीं भेजा गया। उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक गाजीपुर द्वारा स्‍वयं सेवा में कमी की गयी है। बीमारी अथवा दुर्घटना की स्थिति में पशु चिकित्‍सालय की सेवा प्राप्‍त की जायेगी। प्रस्‍तुत प्रकरण में मृत्‍यु के बाद परिवादिनी या अन्‍य किसी  व्‍यक्ति द्वारा कोई सूचना विपक्षी को नहीं प्रेषित की गयी न ही पशु पहचान चिन्‍ह भेजा गया। इसलिए कोई क्‍लेम लम्बित नहीं है। उक्‍त आधार पर परिवाद पोषणीय नहीं है। प्रकरण में उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक को पक्षकार नहीं बनाया गया है। अत: परिवाद आवश्‍यक पक्षकार न बनाये जाने के दोष से बाधित है। उक्‍त आधार पर परिवाद को निरस्‍त किये जाने की याचना की गयी है।

     परिवादिनी द्वारा पालिसी की मूल प्रति 7ग, प्रार्थना पत्र दि013-01-14 की छाया प्रति 8ग,  रजिस्‍ट्री रसीद 9ग,  छाया प्रति प्रार्थना पत्र दि0 27-01-14 10ग, कोरियर रसीद की मूल प्रति 11ग, पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट  12ग, ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र 13ग, छल्‍ला नम्‍बर 73496मूल रूप में प्रस्‍तुत किया गया है।

     विपक्षी द्वारा प्रपत्र 24ग/1 ता 24ग/2 मूल पालिसी, प्रपत्र 25ग, प्रपत्र 26ग/1 ता 26ग/2 प्रस्‍तुत किये गये हैं।    

     उभय पक्ष द्वारा शपथ पत्र एवं लिखित बहस प्रस्‍तुत किये गये हैं।

         उभय पक्ष को सुना गया। पत्रापवली का अवलोकन  किया गया।

     परिवादिनी की ओर से प्रस्‍तुत मूल बीहमा प्रपत्र 7ग के अवलेकन से यह स्‍पष्‍ट है कि प्रस्‍तुत प्रकरण में बीमा प्रपत्र पर  गाय रंग लाल उम्र ढाई वर्ष  कान का टेग्‍ नम्‍बर एन आई सी/73496 बाजारू मूल्‍य रू0  40,000/- अंकित है। यह भी अंकित है कि  यदि मृत्‍यु के समय  छल्‍ला नहीं लगा है तो दावा देय नहीं होगा छल्‍ला टूट कर गिर जाने2 नष्‍ट हो जाने की स्थिति में दूसरा टैग लगवाकर उसकी सूचना पंजीकृत डाक से  दी जायेगी। पत्राली पर उपलध पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट प्रपत्र 12ग में टैग नम्‍बर एन आई सी/73496 तथा मृत्‍यु का कारण ठण्‍ड लग जाने के कारण, अंकित किया गया है। परिवादिनी ने मूल रूप से कान का छल्‍ला नं;0 एन आईसी/76496 प्रस्‍तुत किया है। विपक्षी द्वारा दौरान बहस संक्षेप में यह कहा गया कि  प्रस्‍तुत प्रकरण में  कथित गाय की मृत्‍यु की कोई सूचना विपक्षी बीमा कम्‍पनी को नहीं दी गयी। प्रकरण में यह आवयश्‍क था कि  मृत्‍यु की सूचना विपक्षी बीमा कम्‍पनी को दी जाती। मृत्यु की दशा में  बीमाकृत व्‍यक्ति द्वक्षरा पालिसी जारी करने वाले कार्यालय को  घटना की सूचना अविलम्‍ब प्रदान करेगा तथा  पशु शव का निरीक्षण तब तक करनेदेगा जब तक कि पशु के मरने के बाद कम से कम 24 घण्‍टे न बीत चुके हों । बीमाकृत व्‍यक्ति पशु के मृत्‍यु की सूचना के 14  दिन के अन्‍दर  कम्‍पनी को आवश्‍यक सूचनायें प्रदान करेगा तथा पशु चिकित्‍सक का प्रमाण पत्र और पशु के मृत्‍यु पहचान और पशु का मूल्‍य का सन्‍तोषजनक  प्रमाण पत्र भी देगा। परिवादिनी द्वारा ऐसा कोई प्रपत्र  विपक्षी बीमा कम्‍पनी को नहीं प्रस्‍तुत किया गया है। अत: बीमा कम्‍पनी द्वारा दावे का निस्‍तारण नहीं किया गया है। परिवाद इन परिस्थितयों में पोषणीय नहीं है।

     विपक्षी सं01 बीमा कम्‍पनी को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादिनी  की गाय का बीमा हुआ था। मात्र विपक्षी की यह आपत्ति है कि  उसे गाय की मृत्‍यु की सूचना नहीं मिली।परिवादिी द्वारा प्रस्‍तुत कागजात/ नोटिस यह प्रदर्शित करती है कि  विपक्षी को गाय की मृत्‍यु की सूचना  कई बार प्रेषित की गयी परन्‍तु विपक्षी सं01 द्वारा कोइ्र उत्‍तर नहीं दिया गया है।/  यह विपक्षी बीमा कम्‍पनी की सेवात्रुटि है बीमा पालिसी 7ग में यह  वर्णित है कि  मृत्‍यु के समय पशु के कान में  छल्‍ला यदि नहीं लगाहै तो  दावा देय नहीं होगा। पत्रावली पर उपलब्‍ध पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट में छल्‍ले का जिक्र है। प्रस्‍तुत पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट पशु चिकित्‍साधिकरी पशु चिकित्‍सालय नन्‍दगंज गाजीपुर द्वारा तैयार किया गया है1 इन परिस्थितयों में  बीमा पालिसी  के अनुरूप यह स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है कि  मृत्यु के समय पशु के कान में छल्‍ला लगा था।  परिवादिनी से यह उम्‍मीद नहीं की जा सकती कि उसे अन्‍य बीमा शर्तें अवगत करायी गयी थीं। इन परिस्थितियों में ग्रामीण महिला होने के कारण परिवादिनी से यह अपेक्ष नहीं की जा सकती कि वह समस्‍त औपचारिकताऍ पूरी करेगी। विपक्षी सं01 की सेवा त्रुटि  स्‍पष्‍ट है प्रस्‍तुत प्रकरण में उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक आवश्‍यक पक्षकार प्रतीत नहीं होता। इन परिस्थितियों में परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                              आदेश

     परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं01 बीमा कम्‍पनी को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी को बीमित धनराशि 60 दिन में प्रदान करे। परिवादिनी विपक्षी सं01से वाद खर्च 500/- ( रू0 पौच सौ मात्र) भी उसी अवधि में प्राप्‍त करने की अधिकारिणी है। यदि उक्‍त अवधि में उपरोक्‍त धनराशि विपक्षी सं01 अदा नहीं करता है ऐसी स्थिति में समस्‍त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी देय होगा।

     इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय। निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर,उद्घोषित किया गया।

 
 
[JUDGES HONOURABLE MR Ramesh Chandra Mishra]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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