प्रकरण क्र.सी.सी./14/221
प्रस्तुती दिनाँक 25.07.2014
श्रीमती सरोज पाण्डेय, घ.प.श्री प्रवीण कुमार पाण्डेय, आयु 46 वर्ष, निवासी-क्वाटर क्र.2/ए, सड़क नं.1, सेक्टर-1, भिलाई, पोस्ट सेक्टर -1, भिलाई, तह. व जिला-दुर्ग (छ.ग.) - - - - परिवादिनी
विरूद्ध
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. द्वारा-शाखा प्रबंधक, शोरूम क्रमांक 11, ठक्कर चंेबर, जी.ई.रोड, भिलाई, पोस्ट पावर हाउस, भिलाई, थाना छावनी, भिलाई, तह. व जिला-दुर्ग(छ.ग.)
- - - - अनावेदक
आदेश
(आज दिनाँक 13 मार्च 2015 को पारित)
श्रीमती मैत्रेयी माथुर-अध्यक्ष
परिवादी द्वारा अनावेदक से बीमित वाहन की क्षतिपूर्ति राशि 75,000रू. मय ब्याज, मानसिक कष्ट, वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है।
(2) प्रकरण मंे स्वीकृत तथ्य है कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा परिवादी के अभिकथित वाहन का बीमा किया गया था।
परिवाद-
(3) परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी के द्वारा अपने वाहन को सर्विसिंग हेतु कुम्हारी भेजा जा रहा था, कांजी हाउस चैक, कुम्हारी के पास पीछे से ट्रक क्र.सी.जी.04/जेड़.सी./8705 के द्वारा परिवादिनी के वाहन को ठोकर मार दिए जाने से परिवादिनी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बीमा कंपनी को सूूचना प्रदान की गई। बीमा कंपनी के द्वारा वाहन का स्थल निरीक्षण किया गया तथा परिवादी के द्वारा बीमा कंपनी को वाहन रिपेयरिंग का बिल प्रदान किया। उक्त वाहन में लगभग 75,000रू. वाहन रिपेयरिंग के मद में व्यय हुए, जिसे अनावेदक बीमा कंपनी के द्वारा परिवादिनी को अदा न कर एवं परिवादिनी का दावा दि.25.09.2013 को दावा निरस्त कर दिया गया। अनावेदक बीमा कंपनी का उपरोक्त कृत्य सेवा में कमी की श्रेणी में आता है। अतः परिवादिनी को अनावेदक से बीमित वाहन की क्षतिपूर्ति राशि 75,000रू. मय ब्याज, मानसिक कष्ट, वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाया जावे।
जवाबदावाः-
(4) अनावेदक का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि परिवादिनी से बीमित वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होने के उपरांत अनावेदक के द्वारा प्रकरण में सर्वेयर एल.के.डूडेजा को नियुक्त किया गया था, जिनके द्वारा परिवादिनी के वाहन में क्षति का आंकलन 34,864रू. किया गया था। परिवादिनी के वाहन चालक, भागवत प्रसाद के पास दुर्घटना के समय वैध ड्रायविंग लायसेंस नहीं था। घटना के समय वाहन चालक के पास एल.एम.व्ही.(एन.टी.) संबंधी लायसेंस था, जबकि घटना के समय जो वाहन उपयोग की जा रही थी वह पैसेंजर केरिंग व्हीकल थी, जिसमें एल.एम.व्ही.(टी.आर.) होना था। इस कारण अनावेदक के द्वारा दि.25.09.2013 को परिवादिनी का दावा निरस्त कर इसकी सूचना परिवादिनी को प्रेषित कर दी गई थी। अतः अनावेदक परिवादिनी को किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति प्रदान करने हेतु उत्तरदायी न होने से प्रस्तुत वाद निरस्त किया जावे।
(5) उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण मे निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनके निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:-
1. क्या परिवादी, अनावेदक से बीमित वाहन की क्षतिपूर्ति राशि 75,000रू. मय ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है? हाँ, सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि का अमानक स्तर पर 75ः
2. अन्य सहायता एवं वाद व्यय? आदेशानुसार परिवाद स्वीकृत
निष्कर्ष के आधार
(6) प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है।
फोरम का निष्कर्षः-
(7) प्रकरण का अवलोकन करने पर हम यह पाते है कि अभिकथित चालक का ड्रायविंग लायसेंस प्रस्तुत नहीं है, केवल एनेक्चर डी.2 अनुसार चालक का विवरण प्रस्तुत है, जिसमें एल.एम.व्ही.(एन.टी.) संबंधी लायसेंस है, जैसा कि अनावेदक ने तर्क किया है, जबकि घटना के समय जो वाहन उपयोग की जा रही थी वह पैसेंजर केरिंग व्हीकल थी, जिसमें एल.एम.व्ही.(टी.आर.) होना था। इस प्रकार चालक के पास वैध ड्रायविंग लायसेंस नहीं था, जो कि बीमा शर्तों का उल्लंघन है।
(8) एनेक्चर डी.5 सर्वेयर रिपोर्ट है, जिसके अनुसार नेट लाॅस 34,864.50 रूपये है, प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए हम परिवादी को अमानक स्तर पर अभिकथित सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि 34,864.50 रूपये का 75 प्रतिशत राशि 26,148रू. अनावेदक से दिलाया जाना उचित समझते हैं।
(9) प्रकरण की परिस्थति को देखते हुए हम परिवादी द्वारा प्रस्तुत न्यायदृष्टांत:-
1) जितेन्द्र कुमार विरूद्ध ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड एवं अन्य ए.आई.आर. 2003 एस.सी. 4161
2) अशोक गंगाधर मराठे विरूद्ध ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ए.आई.आर. 1999 एस.सी. 3181
का लाभ नहीं देते हैं तथा अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तुत न्यायदृष्टांत:-
1) न्यू इंडिया एशोरेंश कंपनी लिमिटेड विरूद्ध प्रभू लाल 2008 ए.सी.जे. 627 एस.सी.
का लाभ देते हैं।
(10) अतः उपरोक्त संपूर्ण विवेचना के आधार पर हम परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करते है और यह आदेश देते हैं कि अनावेदक, परिवादी को आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर निम्नानुसार राशि अदा करे:-
(अ) अनावेदक, परिवादी को सर्वेयर द्वारा आंकलित राशि 34,864.50 रूपये का 75 प्रतिशत राशि 26,148रू. (छब्बीस हजार एक सौ अड़तालीस रूपये) अदा करे।
(ब) अनावेदक द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर उपरोक्त राशि का भुगतान परिवादी को नहीं किये जाने पर अनावेदक, परिवादी को आदेश दिनांक से भुगतान दिनांक तक 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करने के लिए उत्तरदायी होगा।
(स) अनावेदक, परिवादी को वाद व्यय के रूप में 5,000रू. (पांच हजार रूपये) भी अदा करे।