Chhattisgarh

Durg

CC/81/2014

Chandrahas Dewangan - Complainant(s)

Versus

Manager, National Insurance Co. - Opp.Party(s)

Mr. Ramgopal Sahu

20 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM, DURG (C.G.)
FINAL ORDER
 
Complaint Case No. CC/81/2014
 
1. Chandrahas Dewangan
Durg
Durg
C.G.
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager, National Insurance Co.
Durg
Durg
C.G.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. मैत्रेयी माथुर् PRESIDENT
 HON'BLE MRS. शुभा सिंह MEMBER
 
For the Complainant:Mr. Ramgopal Sahu, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

                                                  प्रकरण क्र.सी.सी./14/81

                                                                                                  प्रस्तुती दिनाँक 12.03.2014

चंद्रहास देवांगन आ. काशी राम देवांगन, आयु-45 वर्ष, निवासी-काशी विमल निकेतन, एम.आई.जी.2, जवाहर नगर, भिलाई, तह. व जिला- दुर्ग (छ.ग.)                                                              - - - -     परिवादी

 

विरूद्ध 

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमि., डिवीजन-नेशनल इंश्योरेंस बिल्डिंग, 8 इंडियन एक्सचेंज प्लेस, फस्र्ट फ्लोर, कोलकाता, 700001 (पश्चिम बंगाल) स्थानीय कार्यालय-शाखा प्रबंधक, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमि. शाखा क्र.1, भूटानी काॅम्पलेक्स, जी.ई.रोड, पावर हाऊस, भिलाई तह. व जिला-दुर्ग (छ.ग.)                        - - - -    अनावेदक

आदेश

(आज दिनाँक 20 फरवरी 2015 को पारित)

श्रीमती मैत्रेयी माथुर-अध्यक्ष

                                परिवादी द्वारा अनावेदक से क्षतिग्रस्त वाहन की बीमा दावा राशि 3,38,269रू. मय ब्याज, मानसिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति राशि 1,50,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाने हेतु यह परिवाद धारा- 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत प्रस्तुत किया है।

परिवाद-

                                (2) परिवादी का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ट्रांसपोर्टर है एवं उसके द्वारा अपने वाहन का बीमा अनावेदक से गुड्स कैरिंग पाॅलिसी के अंतर्गत कराया गया था। दिनांक 17.09.11 को परिवादी अपने वाहन मे एन.जी.बेंजीन, भिलाई इस्पात संयंत्र से लोेड कर नोयडा ले जा रहा था। वाहन वाड्रफनगर, जिला-सरगुजा (छ.ग.) के पास रात्रि लगभग 09ः15 बजे पेड़ से टकरा जाने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें क्लीनर की मृत्यु हो गई, परिवादी के द्वारा वाहन क्षतिग्रस्त होने के संबंध मे अनावेदक के समक्ष क्लेम दावा दिनांक 03.10.11 को प्रस्तुत किया गया। अनावेदक के द्वारा उक्त दावे के संबंध में दि.22.10.13 को पत्र के माध्यम से परिवादी से वाहन चालक का हज़ारड्स टेªनिंग सर्टिफिकेट दस्तावेज प्रस्तुती की मांग की गईं। जिसका जबाव परिवादी के द्वारा दि.13.11.13 को अनावेदक को प्रेषित किया गया। अनावेदक द्वारा परिवादी के दावे को दि.26.11.13 को निरस्त कर सेवा में कमी की गई है। अतः परिवादी को अनावेदक से बीमा दावा राशि 3,38,269रू. मय ब्याज व मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 1,50,000रू., वाद व्यय व अन्य अनुतोष दिलाया जावे।

जवाबदावाः-

                                (3) अनावेदक का जवाबदावा इस आशय का प्रस्तुत है कि  शीघ्र ज्वलनशील पदार्थ हेतु आर.टी.ओ. से मात्र एक वर्ष की वैधता का लाईसेंस धारित होना चाहिए, जिसके लिए विधिवत शासकीय विभाग द्वारा टेªनिंग दी जाती है। वाहन चालक के पास वैध एवं प्रभावी वाहन चालन अनुज्ञप्ति दुर्घटना दिनंाक को नहीं थी। अनावेदक द्वारा  दायित्व की पूर्ति के लिए परिवादी से दस्तवेजों की मांग की गई थी। दस्तावेज उपलब्ध न कराने के कारण परिवादी ने स्वतः अपना अधिकार त्याग दिया है इस कारण सेवा मे कोई कमी इस अनावेदक ने नहीं की है। परिवादी के द्वारा दुर्घटना दिनंाक 17.09.11 से 2 वर्ष के भीतर यह परिवाद पेश नहीं किया गया है। परिवादी के द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद असत्य आधारों पर फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया है जिसे सव्यय निरस्त किया जावे। 

                                (4) उभयपक्ष के अभिकथनों के आधार पर प्रकरण मे निम्न विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनके निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:-

1.             क्या परिवादी, अनावेदक से बीमा दावा राशि 3,38,269रू., राशि प्राप्त करने का अधिकारी है?               नहीं

2.             क्या परिवादी, अनावेदक से मानसिक परेशानी के एवज में 1,50,000रू. प्राप्त करने का अधिकारी है?                नहीं

3.             अन्य सहायता एवं वाद व्यय?           आदेशानुसार परिवाद खारिज

निष्कर्ष के आधार

                                (5) प्रकरण का अवलोकन कर सभी विचारणीय प्रश्नों का निराकरण एक साथ किया जा रहा है। 

फोरम का निष्कर्ष

                                (6) प्रकरण के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी ने स्वयं अपने आवेदन पत्र में स्वीकार किया है कि अभिकथित वाहन में बेंजीन लोडेट था, अनावेदक का तर्क है कि ऐसे ज्वलनशील प्रदार्थ के परिवहन में वाहन चालक को विशेष प्रकार का ड्रायविंग लायसेंस प्राप्त करना होता है और ज्वलनशील प्रदार्थ के परिवहन हेतु वाहन चालक को विशेष ट्रेनिंग भी प्राप्त करनी पड़ती है, जिसको परिवादी ने सिद्ध नहीं किया है। प्रकरण के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि एनेक्चर-10 द्वारा परिवादी से बीमा कंपनी ने 15 दिन के अंदर बेंजीन परिवहन हेतु चालक का ड्रायविंग लायसेंस और ट्रेनिंग संबंधी दस्तावेज मांगे थे, परंतु परिवादी ने एनेक्चर-11 अनुसार भिलाई इस्पात संयंत्र को पत्र लिखा, जबकि उसे बीमा कंपनी को वांछित दस्तावेज प्रस्तुत करने थे और परिवादी ने एनेक्चर-12 द्वारा बीमा कंपनी को लिख दिया कि भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा इस प्रकार के ड्रायविंग लायसेंस या ट्रेनिंग की मांग नहीं की है, तब एनेक्चर-13 द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी का बीमा दावा खारिज किया है।

(7) सार्वजनिक रास्तों पर बेंजीन जैसे ज्वलनशील प्रदार्थ का परिवहन करना एक जनसुरक्षा का विषय भी रहता है और इसीलिए ऐसे वाहन को चलने के लिए विशिष्ट ड्रायविंग लायसेंस और ट्रेनिंग का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि उसमें अनेकोनेक लोगों की जान माल की सुरक्षा का प्रश्न रहता है, यदि परिवादी ने उक्त संबंध में ऐसा वाहन चालक नहीं रखा, जिसके पास ज्वलनशील प्रदार्थ परिवहन हेतु ड्रायविंग लायसेंस और ट्रेनिंग हो तो निश्चित रूप से परिवादी ने जन साधारण की जान-माल को खतरे में डालने का दुःसाहस किया है और यदि इन कारणों से यदि अनावेदक ने परिवादी का बीमा दावा खारिज किया है तो उसे अनावेदक द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में निम्नता एवं व्यवसायिक दुराचरण किया जाना सिद्ध नहीं होता।

(8) फलस्वरूप हम परिवादी का दावा स्वीकार करने का समुचित आधार नहीं पाते हैं अतः खारिज करते हैं।

(9) प्रकरण के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।

 
 
[HON'BLE MRS. मैत्रेयी माथुर्]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. शुभा सिंह]
MEMBER

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