परिवादिनी द्वारा परिवाद पत्र में संक्षेप में यह कथन किया गया है कि उसने राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना के अन्तर्गत अपनी एक भैंस का बीमा रू0 40,000/- का दि0 20-03-13 लगायत 19-03-14 तक के लिए विपक्षी सं01 से कराया। भैंस के कान में छल्ला नं0 एन आई सी/73493 लगाया गया। परिवादिनी ने बीमा प्रीमियम जमा किया। उक्त भैंस दि0 25-10-13 को शाम 5 बजे बीमार हुई और उसी दिन मर गयी। परिवादिनी ने पालिसी नं0 49389 के रसीद पर उपलब्ध फोन नम्बर पर भैंस के मृत्यु की सूचना देने के लिए फोन किया परन्तु किसी कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया। परिवादिनी ने दूसरे दिन दि0 26-10-13 को रजिस्टर्ड डाक से विपक्षी सं01 को सूचना भेजा। दि0 26-10-13 को विपक्षी सं02 द्वारा 11.30 बजे दिन में उक्त भैंस का पोस्टमार्टम किया गया। विपक्षी सं01 द्वारा न तो जॉच किया गया न ही कोई कार्यवाही की गयी। दि012-12-13 को रजिस्टर्ड डाक से विपक्षी सं01 को प्रार्थना पत्र दिया परन्तु बीमित धनराशि का भुगतान विपक्षी सं01 द्वारा नहीं किया गया। यह विपक्षी की सेवा में त्रुटि है। इस आधार पर बीमित धनराशि रू0 40,000/- तथा ब्याज प्राप्त करने हेतु निवेदन किया गया है।
विपक्षी स01 द्वारा अपनी आपत्ति में संक्षेप में यह कथन किया गया है कि परिवादिनी द्वारा भैंस के मृत्यु की कोई सूचना विपक्षी सं01 को नहीं प्राप्त करायी गयी। भैंस परिवादिनी के नाम से यू0 पी0 एल0 डी0 बी0 ( उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक) विकास भवन के माध्यम से पालिसी संख्या 450200 / 47/ 12/9400002558 के अन्तर्गत मण्डलीय कार्यालय बादशाह नगर लखनऊ से बीमित थी तथा पशु पहचान चिन्ह टैग नम्बर-73493 से चिन्हित किया गया था जिसकी जोखिम तिथि दि0 20-03-13 से 19-03-14 तक थी। बीमा शर्तों के अनुरूप पशु की मृत्यु होने पर कोई दावा तब तक निस्तारित नहीं किया जायेगा, जब तक पशु के कान का टैग नम्बर बीमा करने वाली शाखा के कार्यालय को लौटा नहीं दिया जाता है। तभी बीमा कम्पनी क्लेम दर्ज करेगी, शाखा जॉचोपरांत क्लेम का निस्तारण करती है अन्यथा नहीं । प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी अथवा उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड गाजीपुर द्वारा बीमित पशु के मृत्यु की सूचना या पहचान चिन्ह नहीं भेजा गया। उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक गाजीपुर द्वारा स्वयं सेवा में कमी की गयी है। बीमारी अथवा दुर्घटना की स्थिति में पशु चिकित्सालय की सेवा प्राप्त की जायेगी। प्रस्तुत प्रकरण में मृत्यु के बाद परिवादिनी या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा कोई सूचना विपक्षी सं01 को नहीं प्रेषित की गयी न ही पशु पहचान चिन्ह भेजा गया। इसलिए कोई क्लेम लम्बित नहीं है। उक्त आधार पर परिवाद पोषणीय नहीं है। प्रकरण में उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक को पक्षकार नहीं बनाया गया है। अत: परिवाद आवश्यक पक्षकार न बनाये जाने के दोष से बाधित है। उक्त आधार पर परिवाद को निरस्त किये जाने की याचना की गयी है।
परिवादिनी द्वारा पालिसी की मूल प्रति 7ग, पोस्टमार्टम रिपोर्ट 8ग, रजिस्टर्ड प्रार्थना पत्र की प्रति 9ग, छाया प्रति प्रार्थना पत्र दि0 30-10-13 10ग, कोरियर रसीद की मूल प्रति 11ग, प्रार्थना पत्र दि012-12-13 की छाया प्रति 12ग, ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र 13ग, छल्ला नम्बर 73493मूल रूप में प्रस्तुत किये गये हैं।
विपक्षी द्वारा प्रपत्र 23ग/1 ता 23ग/3 मूल पालिसी, प्रपत्र 24ग पशु बीमा शर्तेां का विवरण, प्रस्तुत किये गये हैं ।
उभय पक्ष द्वारा शपथ पत्र एवं लिखित बहस प्रस्तुत किये गये हैं।
उभय पक्ष को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
पत्रावली पर उपलब्ध मूल पालिसी सं049389भैंस काली उम्र 6 वर्ष बाजारू मूल्य रू0 40,000/- टैग नम्बर एन आईसी / 73493 अंकित है।उक्त पालिसी पर यह अंकित है कि मृत्यु के समय यदि पशु के कान में छल्ला नहीं लगा है तो कोई दावा देय नहीं होगा। छल्ला गिरने या टूटने की स्थित में दूसरा छल्ला लगवा कर बीमा कम्पनी को पंजीकृत डाक सूचना प्रेष्रित की जाय। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट 8ग में टैग नम्बर एन आईसी/73493 भैंस फिमेल उम्र 6 वर्ष 10 माह अंकित है। मृत्यु का कारण प्लाण्ट प्वाइजनिंग अंकित है।
परिवादिनी द्वारा मूल टैग नं0 73493 पत्रावली पर प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी द्वारा मूल रूप से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिवादिनी द्वारा पशु के मृत्यु की कोई सूचना विपक्षी सं01 को नहीं दी गयी। यह आवश्यक है कि पशु के मृत्यु की सूचना बीमाकृत व्यक्ति द्वारा विपक्षी सं01 को अविलम्ब प्रस्तुत की जाती तथा कम्पनी को नोटिस मिलने के कम से कम 24 घण्टे के अन्दर शव के निरीक्षण का अवसर प्रदान किया जाना आवश्यक था परन्तु प्रस्तुत प्रकरण में कोई सूचना न प्राप्त होने के कारण विपक्षी सं01 द्वारा प्रकरण की जॉच नहीं की गयी। अत: दावा पोषणीय नहीं है।
विपक्षी सं01 बीमा कम्पनी को यह तथ्य स्वीकार है कि परिवादिनी की भैंस का बीमा हुआ था। मात्र विपक्षी की यह आपत्ति है कि उसे गाय की मृत्यु की सूचना नहीं मिली। परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत कागजात/ नोटिस यह प्रदर्शित करती है कि विपक्षी को भैंस की मृत्यु की सूचना कई बार प्रेषित की गयी परन्तु विपक्षी सं01 द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया है। यह विपक्षी बीमा कम्पनी की सेवात्रुटि है बीमा पालिसी 7ग में यह वर्णित है कि मृत्यु के समय पशु के कान में छल्ला यदि नहीं लगा है तो दावा देय नहीं होगा। पत्रावली पर उपलब्ध पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में छल्ले का जिक्र है। प्रस्तुत पोस्ट मार्टम रिपोर्ट पशु चिकित्साधिकरी पशु चिकित्सालय नन्दगंज गाजीपुर द्वारा तैयार किया गया है। इन परिस्थितयों में बीमा पालिसी के अनुरूप यह स्वीकार किये जाने योग्य है कि मृत्यु के समय पशु के कान में छल्ला लगा था। परिवादिनी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि उसे अन्य बीमा शर्तें अवगत करायी गयी थीं। इन परिस्थितियों में ग्रामीण महिला होने के कारण परिवादिनी से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती कि वह समस्त औपचारिकताऍ पूरी करेगी। विपक्षी सं01 की सेवा त्रुटि स्पष्ट है प्रस्तुत प्रकरण में उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक आवश्यक पक्षकार प्रतीत नहीं होता। इन परिस्थितियों में परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं01 बीमा कम्पनी को निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी को बीमित धनराशि 60 दिन में प्रदान करे। परिवादिनी विपक्षी सं01से वाद खर्च 500/- ( रू0 पॉच सौ मात्र) भी उसी अवधि में प्राप्त करने की अधिकारिणी है। यदि उक्त अवधि में उपरोक्त धनराशि विपक्षी सं01 अदा नहीं करता है ऐसी स्थिति में समस्त धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी देय होगा।
इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्क दी जाय। निर्णय आज खुले न्यायालय में, हस्ताक्षरित, दिनांकित कर,उद्घोषित किया गया।