समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-106/2010 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
चंद्रकांत सोनी पुत्र श्री शिवराम सेानी निवासी-मुहाल-गांधीनगर महोबा जिला महोबा ...परिवादी
बनाम
प्रबंधक,महोबा गैस सर्विस,महोबा इण्डेन (श्री राजेनद्र कुमार गुप्ता) गांधीनगर,महोबा कस्बा,तहसील व जिला-महोबा .....विपक्षी
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी मुहाल-गांधीनगर,महोबा का निवासी और थ्रीव्हीलर का मिस्त्री है तथा उसका विपक्षी की गैस सर्विस से गैस कनैक्शन सं010015 है । परिवादी ने उक्त गैस कनैक्शन वर्ष 2006 में घरेलू उपयोग हेतु लिया था । विपक्षी द्वारा परिवादी के गैस कनैक्शन लेने से आज तक होम डिलेवरी नहीं दी । होम डिलेवरी में प्राइवेट व्यक्ति गैस घरों में पहुंचाते है जो 20/-रू0 प्रति रिफिल चार्ज लेते हैं । यदि परिवादी विपक्षी के गोदाम से रिफिल लेने जाता है तो विपक्षी के कर्मचारी ओमप्रकाश मिश्रा व अन्य परिवादी के साथ अभद्रता करते हैं और 10 से 15 /-रू0 तक सुविधा शुल्क मांगते है । परिवादी द्वारा विपक्षी से शिकायत की लेकिन विपक्षी ने कोई कार्यवाही नहीं की गई । परिवादी की इससे सामाजिक छवि खराब हुई है । परिवादी जब गैस बुंकिग करने जाता है तो कहते हैं कि 22 दिन से पहले वे बुक नहीं करेंगें । जबकि गैस रिफिल के 24 घंटे के बाद किसी समय भी गैस की बुंकिंग की जा सकती है । विपक्षी परिवादी को परेशान करने के लिये उक्त कार्यवाही करता है । विपक्षी द्वारा गैस बुकिंग की डायरी दी हुई है लेकिन कभी भी होम डिलेवरी नहीं की गई अन्यथा सुपुर्दगीकर्ता के और परिवादी अथवा उसके प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होते । परिवादी का अमूल्य समय बरबाद हो जाता है जिससे उसकी मानसिक व आर्थिक क्षति होती है । परिवादी के पिता शिवराम सोनी का गैस कनैक्शन सं0 5933 है जो वर्ष 1999 में लिया गया है । परिवादी के भाई बसंत कुमार का गैस कनैक्शन सं0 4986 है । इनको भी विपक्षी द्वारा परेशान किया जाता है जो विपक्षी की सेवा त्रुटि है । मार्च, 2010 से परिवादी जब भी गैस रिफिल लेने विपक्षी के गोदाम पर पहुंचा तो गोदाम में उपस्थित ओमप्रकाश मिश्रा व अन्य कर्मचारियों ने गैस देने से मना किया और 50/-रू0 सुविधा शुल्क मांगे । मार्च,2010 में परिवाद का कारण उत्पन्न हुआ । अत: यह परिवाद विपक्षी गैस कंपनी से गैस की बुकिंग पर गैस प्राप्त करने के 24 घंटे बाद होम डिलेवरी करने व होम डिलेवरी का चार्ज न लेने एवं परिवादी की सामाजिक,आर्थिक व मानसिक क्षति के लिये 40,000/-रू0 तथा आज तक होम डिलेवरी में दिये गये पैसा 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी की ओर से ओमप्रकाश मिश्रा ने जबावदावा प्रस्तुत किया और कथन किया कि विपक्षी द्वारा नियमानुसार होम डिलेवरी भेजी जाती है और किसी व्यक्ति के गैस सिलेंडर देने पर 20/-रू0 नहीं देना पडता । यदि ग्राहक अपनी इच्छा से गोदाम से सिलेंडर लेने आता है तो उसे कोई सुविधा शुल्क नहीं देना पडता और न लिया जाता है । इंडियन आयल कारपोरेशन के नियमावली के अनुसार उपभोक्ता की आवश्यकतानुसार बुकिंग की जाती है । डायरी स्वयं उपभोक्ता के पास रहती है । डिलेवरी लेते समय सुपुर्दगीकर्ता के हस्ताक्षर कराना और स्वयं के हस्ताक्षर करना उपभोक्ता का कार्य है । नियमावली के अनुसार रिफिल सिलेंडर उपलब्धतानुसार ही आपूर्ति की जाती है । कंपनी से गैस मांगने पर प्राप्त न होने पर समय से गैस नहीं दी जाती है । परिवादी के एक घर में तीन कनैक्शन हैं । जबकि एक घर में एक कनैक्शन हो सकता है । कनैक्शन सं04986 बसंत कुमार कांसटेबल के नाम जारी है । परिवादी दो अन्य अवैध कनैक्शन का प्रयोग कर रहा है जिसकी जब्ती की कार्यवाही की जायेगी । परिवादी का विपक्षी के स्टाफ से कभी झगडा नहीं हुआ है और न कभी उससे सुविधा शुल्क मांगा गया । इस प्रकार परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त शिवराम सोनी व बसंत कुमार के शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये हैं तथा परिवाद पत्र के साथ परिवादी चंद्रकांत सोनी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त ओम प्रकाश मिश्रा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये । परिवादी की ओर से लिखित बहस 27ग भी प्रस्तुत की गई है ।
स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी गैस कनैक्शन सं010015 का धारक है ।
परिवादी की ओर से सामान्य प्रकृति के आरोप लगाये गये हैं कि विपक्षी ने कभी होम डिलेवरी नहीं दी । समय से गैस बुकिंग नहीं की । परिवाद का कारण मार्च,2010 में उस समय उत्पन्न होना कहा गया जब परिवादी गैस की रिफिल लेने गोदाम पहुंचा तो मैनेजर ओमप्रकाश मिश्रा व अन्य ने गैस देने से मना कर दिया और 50/-रू0 सुविधा शुल्क मांगा । सुविधा शुल्क मांगना और देना दौनों आपराधिक कृत्य हैं । विपक्षी की ओर से ओम प्रकाश मिश्रा ने जबाबदावा व शपथ पत्र में इसका स्पष्ट खण्डन किया है कि परिवादी से कभी कोई सुविधा शुल्क मांगा गया हो ।
परिवादी की ओर से अभिलेख कागज सं07ग इंडियन आयल कारपोरेशन लि0 द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 के अंतर्गत मांगी गई सूचना दि019.05.2009 का उत्तर दिनांकित 28.05.2009 की प्रतिलिपि प्रस्तुत की गई है कि बुकिंग हेतु दिनों की संख्या का प्रतिबंध नहीं है और होम डिलेवरी चार्ज सहित गैस रिफिल का खुदरा मूल्य 313.05रू0 है तथा शत प्रतिशत होम डिलेवरी के निर्देश हैं,जो ग्राहक इण्डेन वितरक के यहां कैश एण्ड कैरी हेतु नामांकन कराता है वे रिफिल सिलेंडर वितरक के गोदाम से 8/-रू0छूट पर सिलेंडर प्राप्त कर सकते हैं । विपक्षी ने जबाबदावा में भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि गैस की बुकिंग की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है लेकिन गैस उपलब्धतानुसार बुंकिंग की जाती है ।
वर्तमान में गैस बुकिंग की व्यवस्था परिवर्तित हो गई है जिसमें गैस वितरकों की सार्थक भूमिका नहीं रही । अब कंप्यूटराइज्ड सिस्टम आधारित व्यवस्था मोबाइल नंबर पर गैस बुक की जाती है और रसीद बनने की उसकी सूचना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्रगति आख्या प्रेषित की जाती है । इसलिये परिवादी द्वारा जो प्रतिकार चाहा गया है कि विपक्षी को गैस प्राप्त होने के 24 घंटे के बाद गैस बुकिंग करने,होम डिलेवरी देने और कोई चार्ज न लेने का आदेश पारित किया जाये । यह व्यवस्था परिवर्तन से इस प्रकार का आदेश प्राप्त करना आवश्यक नहीं रह गया और ऐसा प्रतिकार प्रदान किये जाने का कोई न्यायिक औचित्य नहीं रहा । जहां तक परिवादी द्वारा अब तक अदा की गई होम डिलेवरी प्रदान किये जाने का प्रश्न है । परिवादी ने इसका कोई विवरण नहीं दिया कि उसको कब-कब किन तिथियों में होम डिलेवरी नहीं दी गई । परिवादी ने परिवाद पत्र की धारा-4 में उल्लेख किया है कि परिवादी को आज तक होम डिलेवरी नहीं दी गई और विरोधाभासी रूप में होम डिलेवरी में प्राइवेट व्यक्तियों से गैस भेजी जाती है जो 20/-रू0 का डिलेवरी चार्ज लेते है । यदि परिवादी को कभी होम डिलेवरी की ही नहीं गई तो प्राइवेट व्यक्ति से होम डिलेवरी करना और उनके द्वारा 20/-रू0 लेना आपस में विरोधाभासी है। परिवादी से विपक्षी के कर्मचारी द्वारा अभद्रता करने व सुविधा शुल्क मांगे जाने का संबंध इंडियन आयल कारपोरेशन लि0 व विपक्षी के स्वामी से नहीं है । परिवादी की ओर से जो गैस की बुक प्रस्तुत की गई है उसमें गैस बुक करने की तिथियां तथा डिलेवरी डैट अंकित है लेकिन किसी भी स्थान पर सुपुर्दगीकर्ता के हस्ताक्षर और स्वयं परिवादी ग्राह के हस्ताक्षर नहीं है । परिवादी ने यह गैस डिलेवरी गोदाम से ली अथवा होम डिलेवरी से ली इसका गैस बुक से पता नहीं चलता ।
इन परिस्थितियों में परिवादी विपक्षी की सेवा में त्रुटि व कमी को पूर्ण रूप से सिद्ध करने में असफल रहा । बदली हुई परिस्थितियों में गैस बुकिंग व डिलेवरी सभी कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से होता है । इसलिये परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है । पक्षकार अपना अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करें ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
07.04.2016 07.04.2016 07.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
07.04.2016 07.04.2016 07.04.2016