समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-55/2014 उपस्थित- डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
श्रीमती गेंदारानी पत्नी स्व0नाथूराम निवासी-ग्राम-नटर्रा परगना व तहसील-कुलपहाड जिला महोबा
...परिवादिनी
बनाम
1.प्रबंधक,आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 चतुर्थ तल इण्डिको कारपोरेट चैम्बर्स-1 विभूतिखण्ड,गोमतीनगर,लखनऊ 226024
2.उ0प्र0शासन द्वारा जिलाधिकारी,महोबा .....विपक्षीगण
निर्णय
श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्य,द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के स्व0पति नाथूराम पुत्र हीरालाल एक कृषक थे तथा कृषि कार्य करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे और उनके नाम ग्राम-नटर्रा में खाता खतौनी सं0221 व 122 में कुल रकवा 15.3640 हे0 कृषि भूमि थी । दि0 27/28.06.2007 को परिवादिनी के पति को कुल्हाडी एवं डण्डो व पत्थरों से मारकर हत्या कर दी गई,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादिनी ने थाना:पनवाडी में मु0अ0सं0 1316/07 अंतर्गत धारा-304 भा0दं0सं0 में दर्ज कराई और उनका पोस्टमार्टम व पंचनामा कराया गया । उ0प्र0सरकार द्वारा उ0प्र0 के समस्त कृषकों का किसान दुर्घटना बीमा कराया जाता है तथा उसका बीमा प्रीमियम स्वयं जमा किया जाता है। परिवादिनी ने इस घटना की सूचना विपक्षी सं02 को दी,जिस पर उनके द्वारा मौजा लेखपाल के माध्यम से घटना की जांच कराई गई तथा लेखपाल द्वारा पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा योजना का फार्म भरा गया और परिवादिनी से अंगूठा लगवाया गया एवं उसके साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट,पंचनामा,पोस्टमार्टम रिपोर्ट,खतौनी की नकल,परिवार रजिस्टर की नकल आदि प्रपत्र संलग्न किये गये और बताया गया कि विपक्षी सं02 द्वारा परिवादिनी का क्लेमफार्म विपक्षी बीमा कंपनी को बीमित धनराशि के भुगतान हेतु भेज दिया जायेगा । परन्तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा उसकी बीमित धनराशि का भुगतान नहीं किया गया,जिससे क्षुब्ध होकर परिवादिनी द्वारा विपक्षी बीमा कंपनी की सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण बताते हुये यह परिवाद प्रस्तुत किया गया और बीमित धनराशि एक लाख रूपये तथा उस पर 18 प्रतिशत ब्याज एवं मानसिक क्षति व परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु प्रार्थना की गई ।
विपक्षी सं01 ने अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया और मुख्यत: उनके द्वारा परिवादिनी के पति की आयु दुर्घटना की तिथि को 70 वर्ष से अधिक थी । जबकि बीमा की शर्तों के अनुसार 12 वर्ष से अधिक व 70 वर्ष से कम आयु के कृषक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके विधिक वारिस को बीमित धनराशि दिये जाने का प्राविधान है । इस प्रकार विपक्षी द्वारा परिवादिनी के पति को ओवरएज बताया और इस कारण परिवादिनी किसी भी प्रकार की बीमित धनराशि पाने की हकदार नहीं है । अंत में उनके द्वारा कथन किया गया कि उनके द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई और इस प्रकार परिवादिनी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा द्वारा अपना जबाबदावा प्रस्तुत किया गया और उनके द्वारा स्वीकार किया गया कि उ0प्र0सरकार द्वारा कृषक बीमा दुर्घटना योजना चलाई गई है,जिसके प्रीमियम की एकमुश्त धनराशि सरकार द्वारा बीमा कंपनी को प्रदान की जाती है। कृषकों द्वारा इस संबंध में कोई प्रीमियम की धनराशि अदा नहीं की जाती है । परिवादिनी के स्व0पति नाथूराम पुत्र हीरालाल एक कृषक थे तथा कृषि कार्य करके अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे और उनके नाम ग्राम-नटर्रा में खाता खतौनी सं0221 व 122 में कुल रकवा 15.3640 हे0 कृषि भूमि थी । दि0 27/28.06.2007 को परिवादिनी के पति को कुल्हाडी एवं डण्डो व पत्थरों से मारकर हत्या कर दी गई,जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट परिवादिनी ने थाना:पनवाडी में मु0अ0सं0 1316/07 अंतर्गत धारा-304 भा0दं0सं0 में दर्ज कराई और उनका पोस्टमार्टम व पंचनामा कराया गया । तथा इस संबंध में परिवादिनी का बीमा क्लेम उनके माध्यम से समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी बीमा कंपनी को प्रेषित किया गया था । परन्तु विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा परिवादिनी के पति को ओवरएज बताकर उसको बीमित धनराशि प्रदान नहीं की । जबकि परिवार रजिस्टर की नकल के अनुसार परिवादिनी के पति की मृत्यु के समय उम्र लगभग 69 वर्ष थी । इस प्रकार वह ओवरएज नहीं है । इस संबंध में उनके द्वारा पुन: विपक्षी बीमा कंपनी को पत्र लिखकर इस तथ्य को स्पष्ट किया कि परिवादिनी का पति ओवरएज नहीं है इसलिये उसको बीमित धनराशि प्राप्त होनी चाहिये । इस प्रकार उनके द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई और परिवादिनी का परिवाद उनके विरूद्ध निरस्त किये जाने योग्य है ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ परिवादिनी श्रीमती गेंदारानी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 की ओर से अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र द्वारा मैनेजर दिया गया परन्तु किस मैनेजर और उनका क्या नाम है इसका उल्लेख नहीं है ।
विपक्षी सं02 की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त सुरेन्द्र कुमार अपर जिलाधिकारी,महोबा का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादिनी एवं विपक्षीगण के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र एवं अभिलेखीय साक्ष्य तथा विपक्षी सं02 जिलाधिकारी,महोबा की और से प्रस्तुत जबाबदावा एवं अपर जिलाधिकारी,महोबा श्री सुरेन्द्र कुमार के शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि परिवादिनी का पति एक पंजीकृत कृषक थे और मृतक कृषक नाथूराम की मृत्यु हत्या के फलस्वरूप हुई थी,जो एक दुर्घटना की श्रेणी में आती है । विपक्षी बीमा कंपनी का मुख्य कथन यह है कि परिवादिनी का पति मृत्यु के समय ओवरएज था। परिवार रजिस्टर की नकल में अंकित मृतक की जन्म तिथि 1938 कही गई है । इस प्रकार मृतक मृत्यु के समय 69 वर्ष की आयु का था । साथ विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा ऐसा कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया,जिससे यह स्पष्ट हो सके कि परिवादिनी का पति मृत्यु के समय ओवरएज था ।
उपरोक्त परिस्थितियों एवं अभिलेखों तथा पक्षकारान के तर्कों के आधार पर यह फोरम परिवादिनी की और से किये गये कथनों से संतुष्ट है और ऐसी स्थिति में परिवादिनी अपने पति की दुर्घटना के फलस्वरूप हुई मृत्यु के संबंध में बीमित धनराशि मु0 1,00,000/-रू0 विपक्षी बीमा कंपनी से प्राप्त करने की अधिकारिणी है ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं01 बीमा कंपनी परिवादिनी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर बीमा धनराशि 1,00,000/-रू0 एवं मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 2,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्रदान करे । अन्यथा परिवादी विपक्षी सं01 से 9 प्रतिशत वार्षिक दर ब्याज भी उक्त धनराशि पर प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
विपक्षी सं02 के विरूद्ध परिवाद निरस्त किया जाता है ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
26.04.2016 26.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्य, सदस्या,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
26.04.2016 26.04.2016