समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-37/2014 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
मंगल सिंह पुत्र श्री बीरपाल सिंह निवासी-ग्राम-महुंआबांध परगना व तहसील- कुलपहाड व जिला महोबा ....परिवादी
बनाम
1.प्रबंधक,आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड इंश्योरेंस कंपनी लि0 चौथा तल इण्डिको कारपोरेट चैम्बर्स-1 विभूति खण्ड,गोमतीनगर लखनऊ 226024 ।
2.उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जिलाधिकारी,महोबा जनपद-महोबा .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी की मां श्रीमती विमला देवी एक कृषक थीं और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करती थीं । विमला देवी का नाम कृषि भूमि खाता खतौनी सं016 रकवा 4.1080 है0 में सहखातेदार के रूप में दर्ज था और विपक्षी सं02 को सालाना लगान अदा करती थी । उ0प्र0शासन द्वारा पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा योजना चलाई गई है जिसके प्रीमियम की राशि एकमुश्त सरकार द्वारा विपक्षी सं01 को दी गई । श्रीमती विमला देवी को दि022.06.2008 को रात्रि में लगभग एक बजे सांप ने काट लिया जिन्हें तत्काल मां शेरावाली हास्टिपटल,कानपुर झांसी ले जाया गया,जहां पर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई । विमला देवी की मृत्यु के समय आयु लगभग 45 वर्ष थी । परिवादी ने मां की मृत्यु की सूचना विपक्षी सं02 को दी । विपक्षी सं02 द्वारा संबंधित लेखपाल को भेजकर घटना की जांच कराई तथा लेखपाल ने क्लेमफार्म भरवाया और क्लेम फार्म के साथ डाक्टर द्वारा प्रदत्त मृत्यु प्रमाण पत्र,राशन कार्ड,परिवार रजिस्टर की नकल,गांव का पंचनामा आदि संलग्न किये गये । औपचारिकतायें पूर्ण कर क्लेम फार्म विपक्षी सं02 द्वारा विपक्षी सं01 को भेजा गया । 6 माह बाद जब परिवादी विपक्षी सं02 के पास एक लाख रूपये का चेक लेने गया तो बताया गया कि विपक्षी सं01 ने क्लेम का निस्तारण अभी तक नहीं किया है । इस प्रकार विपक्षी सं01 ने न तो क्लेम का निस्तारण किया और न बीमित धनराशि अदा की । अंत- यह परिवाद पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा की धनराशि व बीमित धनराशि पर दुर्घटना की तिथि से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज और मानसिक कष्ट व सेवा में त्रुटि की क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय हेतु प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी सं01 अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया और कथन किया कि परिवादी विपक्षी सं01 का उपभोक्ता नहीं है । विपक्षी सं01 के विरूद्ध कोई वाद का हेतुक नहीं है । परिवाद कालबाधित है और पोषणीय नहीं है । परिवाद लगभग 5 वर्ष बाद प्रस्तुत किया गया है । बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार दावा फार्म के साथ आवश्यक प्रपत्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा प्रथम सूचना रिपोर्ट इत्यादि अभिलेख नहीं भेजे गये । मृत्यु का कारण दर्शित अंकित न होने के कारण दावा देय नहीं है । विपक्षी द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई । परिवादी ने स्वयं बीमा प्रीमियम की धनराशि अदा नहीं की है । मृत्यु का कारण सपष्ट व सिद्ध नहीं है । पोस्टमार्टम रिपोर्ट आवश्यक है,जिससे मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकता था । अत: परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है ।
विपक्षी सं02 के प्रतिवाद पत्र के अनुसार उ0प्र0सरकार द्वारा कृषक बीमा दुर्घटना योजना चलाई गई,जिसके अंतर्गत एकमुश्त प्रीमियम की राशि उ0प्र0सरकार द्वारा अदा किया जाता है कृषक से कोर्इ्र बीमित प्रीमियम की धनराशि नहीं ली जाती है । दि0 10.07.2008 को राजस्व अधिकारियों द्वारा परिवादी का क्लेम जिलाधिकारी कार्यालय भेजा गया जिसमें दि0 22.06.2008 को मृत्यु सर्पदंश से होना परिवादी ने दर्शाया गया था । दावे के साथ परिवादी ने मृत्यु प्रमाण पत्र,राशन कार्ड,परिवार रजिस्टर की नकल संलग्न है । पोस्टमार्टम व पंचनामा नहीं कराया गया था । विपक्षी सं02 द्वारा विपक्षी सं01 को क्लेम भेजा गया था । विपक्षी सं02 द्वारा क्लेम निरस्त करते हुये यह कहा गया कि क्लेम निरस्त करते हुये यह कहा गया कि पोसटमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा व प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं है इसलिये क्लेम देय नहीं है । विपक्षी सं02 ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है ।
परिवादी की ओर से परिवाद पत्र के साथ मंगल सिंह का शपथ पत्र व अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी सं01 की ओर से बीमा पालिसी की शर्तों आदि अभिलेख तथा मैनेजर आई0सी0 आई0सी0आई0 का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त सुरेन्द्र कुमार,अपर जिलाधिकारी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षीगण के प्रतिवाद पत्र के उपरांत परिवादी की ओर से कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी का मां श्रीमती विमला देवी एक पंजीकृत कृषक थी । विपक्षी सं01 व उ0प्र0सरकार के मध्य उ0प्र0 के किसानों के हेतु कृषक बीमा दुर्घटना योजना की गई थी,जो दि016.09.2006 ये 15.09.2007 की अवधि हेतु प्रारंभ की गई । विपक्षी की ओर से वर्ष 2006-07 के संबंध में बीमा पालिसी प्रस्तुत की गई है लेकिन विपक्षी की ओर से यह आपत्ति नहीं की गई कि उक्त पालिसी दुर्घटना की तिथि 22.06.2008 को प्रभावी नहीं थी अर्थात 15.09.2007 को उक्त पालिसी प्रभाव में रही ।
परिवादी के अनुसार दि0 22.06.2008 को श्रीमती विमला देवी को रात्रि एक बजे सांप ने काट लिया और उसे मां शेरावाली हास्पिटल,कानपुर रोड,झांसी ले जाया गया,जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई । शव का पोस्टमार्टम व पंचनामा नहीं कराया गया । विपक्षी सं02 को सूचना दी गई । विपक्षी से02 ने लेखपाल के माध्यम से औपचारिकतायें पूर्ण कर क्लेम विपक्षी सं02 ने विपक्षी सं01 को भेजा । विपक्षी सं01 ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट,पंचनामा व प्रथम सूचना रिपोर्ट के अभाव में मृत्यु का कारण स्पष्ट न होने के कारण दावा अदेय होना कहा । यधपि दावा निरस्तीकरण की कोई सूचना नहीं दी । यधपि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र व शपथ पत्र में यह स्वीकार किया है कि विपक्षी सं01 ने दावा निस्तारित करते हुये कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि नहीं है इसलिये दावा देय नहीं है । विपक्षी सं01 ने क्लेम देय नहीं माना है क्योंकि उपरोक्त अभिलेख उपलब्ध नहीं थे ।
परिवादी की ओर से पंचनामा,पोस्टमार्टम रिपोर्ट व प्रथम सूचना रिपोर्ट का न होना स्वीकार किया गया है । परिवादी की ओर से । (2006)सी0पी0जे0 पेज-11 (एन0सी0) धर्मी सेटटी श्री निवास राव बनाम न्यू इण्डिया इंश्योरेंस लि0 में मा0राष्ट्रीय आयोग ने सिद्धांत प्रतिपादित किया और परिवादी ने हमारा ध्यान आकर्षित किया,जिसमें जनता दुर्घटना बीमा योजना में यदि मृत्यु सर्पदंश से होती है तो पोस्टमार्टम के अभाव में क्लेम निरस्त नहीं किया जा सकता क्योंकि सर्पदंश में पोस्टमार्टम् सामान्यतया नहीं कराया जाता । सर्पदंश मेडिकल रिपोर्ट से सिद्ध होता है । बीमा कंपनी क्लेम अदा करने के लिये उत्तरदाई है । 2015 (।) सी0पी0आर0 पेज 162 (एन0सी0) श्रीमती अजमेरी खातून बनाम जनरल मैनेजर, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0 में भी मा0 राष्ट्रीय आयोग में भी इसी सिद्धांत की पुष्टि की है कि मेडिकल प्रमाण पत्र में सर्पदंश से मृत्यु होना उपलब्ध है और जिस डाक्टर ने इलाज किया है उसके प्रमाण पत्र को असत्य मानने का कोई आधार नहीं है । परिवादी की ओर से उपरोक्त विधि व्यवस्था के आधार पर सर्पदंश के मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता न होने का तर्क दिया गया है । परिवादी के अनुसार दि0 22.06.2008 को श्रीमती विमला देवी को रात्रि एक बजे सांप ने काटा और उनकेा तुरंत मां शेरा वाली हास्पिटल,कानपुर रोड,झांसी ले जाया गया,वहां पर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई । मां शेरावाली हास्पिटल,झांसी का प्रमाण पत्र दि0 01.07.2008 में श्रीमती विमला देवी की मृत्यु दि022.06.2008 को मां शेरावाली हास्पिटल, कानपुर रोड,झांसी में कार्डियक रिसपाइरेटरी फैल्योर अर्थात हृदयाघात के कारण मृत्यु हुई । इस प्रमाण पत्र में इलाज करने वाले डाक्टर ने सर्पदंश का इलाज किया और सर्पदंश के कारण हृदयाघात होना इसमें कहीं स्पष्ट नहीं है । अर्थात सर्पदंश का इलाज होना और सर्पदंश से मृत्यु होने का कारण मेडिकल प्रमाण पत्र में अंकित नहीं है । मात्र हृदयाघात से मृत्यु होना उल्लिखित है । मृत्यु का कारण सर्पदंश से होना सिद्ध नहीं है । सामान्य अथवा प्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में किसान दुर्घटना बीमा योजना का क्लेम पालिसी की शर्तों के अनुसार नहीं बनता है । केवल अप्राकृतिक मृत्यु,हत्या अथवा सर्पदंश में मृत्यु होने पर किसान क्लेम पाने का अधिकारी है । बीमा कंपनी ने पंचनामा,पोस्टमार्टम रिपोर्ट व प्रथम सूचना रिपोर्ट न होने के कारण मृत्यु का कारण स्पष्ट न होने के कारण क्लेम की देयता नहीं मानी लेकिन परिवादी स्वयं भी सर्पदंश के कारण मृत्यु होना भी सिद्ध नहीं कर पाया है इसलिये विपक्षी सं01 के क्लेम निरस्त करने पर कोई सेवा में त्रुटि नहीं की है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है । पक्षकार अपना अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगें ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
03.03.2016 03.03.2016 03.03.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
03.03.2016 03.03.2016 03.03.2016