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Mohd. Asraf kureshi filed a consumer case on 06 Jan 2016 against Manager, ICICI Lombard Insurance Company Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/122/2010 and the judgment uploaded on 12 Jan 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 122 /10
मोहम्मद अशरफ कुरेशी पुत्र मोहम्मद शरीक कुरेशी जाति मुसलमान निवासी बाजार नं.- 1 रामगंजमंडी जिला कोटा हाल निवासी- 474 सिगमा विद्यालय नियर किशन का मंदिर लाडपुरा, कोटा जरिये मख्तार खास- लोकेश आचैलिया पुत्र राधेश्याम आचैलिया, जाति मेडतवाल, महाजन, निवासी रामगंजमंडी, जिला कोटा। -परिवादी।
बनाम
प्रबंधंक, आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इंश्योरन्स कंपनी लिमिटेड, झालावाड रोड, कोटा, राजस्थान। -विपक्षी
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 श्री मोहन मालव , अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 श्री के0एस0 जादौन , अधिवक्ता, विपक्षीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 06.01.16
परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह दोष बताया है कि वह वाहन (स्कार्पियों कार) आर.जे. 14-यू-3160 के पंजीकृत स्वामी के पावर आॅफ एटोर्नी होल्डर की हैसियत से वाहन का संचालन करता है। उसने बीमा पालिसी निर्धारित प्रीमियम अदा करके विपक्षी बीमा कंपनी से 22.11.08 से 21.11.09 की अवधि के लिये करवाई थी, जिसका नं. 3001/53220244/08/000 है। बीमा अवधि में दिनांक 24.08.09 को बीमित वाहन को परिवादी के कार्य से नूतन कुमार व उसके साथी ले जा रहे थे तब अचानक जानवर सामने आ जाने से उसे बचाने के प्रयास में वाहन कन्डक्टर साईड से रोड से नीचे उतर कर पेड से जा टकराया, इस कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वाहन में बैठे लोगों के चोटें भी आई। उसकी रिपोर्ट तत्काल पुलिस थाना मोडक स्टेशन पर दर्ज करवाई व विपक्षी कंपनी को भी सूचना दी गई तथा उसका क्लेम विपक्षी कंपनी के यहाॅ प्रस्तुत किया गया। विपक्षी के सर्वेयर अमीन ने वाहन का निरीक्षण किया। वाहन की क्षति का एस्टीमेट एवरग्रीन मोटर्स द्वारा बनाया गया। विपक्षी बीमा कंपनी ने अनुचित एवं गैरकानूनी रूप से वाहन की क्षति का क्लेम खारिज कर दिया जबकि परिवादी पावर आॅफ एटोर्नी होल्डर क्लेम पाने का अधिकारी है। विपक्षी कंपनी को नोटिस भेजा गया इसके बावजूद भी क्लेम का भुगतान नहीं किया गया। इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।
विपक्षी के जवाब का सार है कि पालिसी की शर्तो के विपरीत वाहन को पंजीकृत स्वामी द्वारा परिवादी के भतीजे नूतन कुमार को बेच दिया गया, इस प्रकार बीमाधारी का कोई हित बीमित वाहन में नहीं रहा। परिवादी जो कि स्वयं को पावर आॅफ एटोर्नी होल्डर बताता है उसके पक्ष में कोई बीमा हित उत्पन्न नहीं हुआ हैं। पालिसी की शर्तो के विपरीत वाहन का उपयोग व्यवसायिक उद्धेश्य के लिये किया जा रहा था। दुर्घटना की तत्काल सूचना पुलिस को व विपक्षी बीमा कंपनी को नही दी, अपितु विलम्ब से दी गई। वाहन का फायनेन्स करने वाली कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया गया जो आवश्यक पक्षकार है। वाहन के रिपेयरिंग के बिल भी पेश नहीं किये गये। रिपेयरिंग के उपरान्त उसने पुनः निरीक्षण नहीं कराया, इसलिये नियमानुसार क्लेम सही खारिज किया गया। सेवामें कोई कमी नहीं की गई।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा बीमा पालिसी, आर.सी., विपक्षी को प्रेषित नोटिस, पोस्टल रसीद, क्लेम खारिज करने के पत्र, मुख्तरनामाखास, रिपेयरिंग एस्टीमेट, पुलिस थाना मोडक के रोजनामचा की रपट आदि की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से साक्ष्य में गुरूप्रीत सिक्ख, अमीन अंसारी, पियूष शर्मा, के शपथ-पत्रों के अलावा इन्वेस्टीगेटर पियूष शर्मा की रिपोर्ट उसके द्वारा पंजीकृत स्वामी मोहम्मद अशरफ कुरेशी, लोकेश आचोैलिया व भवानी शंकर के लिये बयान,आर.सी., क्लेम फार्म, आदि दस्तावेजात की प्रतियां प्रस्तुत की है।
हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या विपक्षी बीमा कंपनी ने वाहन आर.जे. 14 यू. 3160 की बीमा पालिसी के अन्तर्गत वाहन क्षति के क्लेम को खारिज करके सेवामें कमी की है ?
इस बारे में विवाद की स्थिति नहीं है कि वाहन का पंजीकृत स्वामी मोहम्मद अशरफ कुरेशी है। उसी ने वाहन का बीमा करवाया है। पालिसी भी उसके पक्ष में जारी की गई है। यह भी विवादित नही है कि पालिसी की अवधि में उक्त वाहन दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुआ था। लोकेश आचैलिया ने स्वयं को पंजीकृत स्वामी का मुख्तारखास बताते हुये परिवाद पेश किया है तथा क्लेम भी विपक्षी कंपनी के समक्ष उसने ही प्रस्तुत किया है। स्वयं पंजीकृत स्वामी ने न तो परिवाद प्रस्तुत किया है और न ही विपक्षी बीमा कंपनी के यहाॅ क्लेम पेश किया है। विपक्षी बीमा कंपनी की मुख्य आपत्ति यह है कि लोकेश आंचैलिया बीमाधारी नहीं है। उक्त वाहन के संबंध में उसका कोई बीमाहित नहीं है व पंजीकृत स्वामी ने वाहन को अन्य व्यक्ति को बेचा दिया, इस प्रकार उसका बीमाहित भी समाप्त हो गया। इस संबंध में विपक्षी बीमा कंपनी ने इन्वेस्टीगेटर पियूष शर्मा का शपथ-पत्र एवं उसके द्वारा पंजीकृत स्वामी के लिये गये बयानों की प्रति प्रस्तुत की है। इसका खंडन लोकेश आचैलिया ने नहीं किया है। जबकि उसके लिये यह बहुत ही आसान था कि वह पंजीकृत स्वामी का इस आशय का शपथ-पत्र प्रस्तुत करता कि - उसने वाहन को किसी भी व्यक्ति को अन्तरण नहीं किया है, लेकिन अवसर होते हुये भी विपक्षी कंपनी के केस का खंडन करने के लिये पंजीकृत स्वामी का शपथ-पत्र नहीं दिया। मुख्तारखास में भी पंजीकृत स्वामी ने लोकेश आचैलिया को ऐसा कोई अधिकार अंतरण नहीं किया है कि वाहन की क्षति का क्लेम उसकी ओर से बीमा कंपनी को प्रस्तुत कर सकता है तथा परिवाद भी प्रस्तुत कर सकता है। इसके विपरीत विपक्षी बीमा कंपनी के इन्वेस्टीगेटर पियूष शर्मा की रिपोर्ट, उसके शपथ-पत्र से यह भलीभाॅति सिद्ध किया गया है कि वाहन के पंजीकृत स्वामी व बीमाधारी मोहम्मद अशरफ कुरेशी ने वाहन का बेचान कर दिया तथा वाहन के संबंध में उसके कोई अधिकार नहीं रहे अर्थात् बीमाहित भी समाप्त हो गया । परिवादी लोकेश आचैलिया ने वाहन के दुर्घटना के संबंध में पुलिस थाना मोडक में दर्ज कराई गई रिपोर्ट की जो प्रति प्रस्तुत की है उसमें दिनांक 25.08.09 को सांय 4 बजे सूचना देना, क्षतिग्रस्त वाहन स्वयं का होना तथा गत दिवस को दुर्घटना होना बताया है, इससे भी स्पष्ट है कि पंजीकृत स्वामी ने वाहन का अन्तरण कर दिया था। दुर्घटना दिवस को पंजीकृत स्वामी का उसमें कोई हित नही रहा था।
उपरोक्त विवेचन के फलस्वरूप हम यह पाते है कि विपक्षी बीमा कंपनी ने वाहन की क्षति का क्लेम खारिज करके सेवामें कोई कमी नहीं की है।
अतः परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद विपक्षी के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा। मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 06.01.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा। मंच, कोटा।
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