समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-63/2014 उपस्थित- श्री बाबूलाल यादव, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
रामनारायन नायक पुत्र श्री बाबूलाल नायक निवासी-कस्बा–पनवाडी इलाहाबाद बैंक के पीछे तहसील-कुलपहाड जिला-महोबा परिवादी
बनाम
1.शाखा प्रबंधक,चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी 4 मेरी गोल्ड सेकेन्ड फलोर शाहनजफ रोड,लखनऊ ।
2.प्रबंधक,नटराज आटोमोबाइल्स,गांधीनगर,महोबा जनपद-महोबा विपक्षीगण
निर्णय
श्री बाबूलाल यादव,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी रामनारायन नायक ने यह परिवाद खिलाफ विपक्षीगण शाखा प्रबंधक,चोला मण्डलम एम0एस0 जनरल इंश्योरेंस कं0लि0 व प्रबंधक,नटराज आटोमोबाइल्स गांधीनगर,महोबा बाबत दिलाये जाने क्षतिपूर्ति धनराशि मु0 19,595/-रू0 व अन्य अनुतोष हेतु प्रस्तुत किया है ।
संक्षेप में परिवादी का कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने व्यक्तिगत प्रयोग हेतु विपक्षी सं02 के यहां से एक बोलेरो डी0आई0 गाडी खरीदी थी,जिसका चेचिस नं0 बी 5 ए 96740 व इंजन नं0 जी एच ए 4 एम 43638 है तथा इसका रजिस्टेशन नं0 यू0पी0 95 डी 7671 है । परिवादी ने अपने उक्त वाहन का विपक्षी सं01 की बीमा कंपनी से विपक्षी सं02 केे माध्यम से 15,296/-रू0 देकर के कराया था,जो कि दिनांक:21.01.2011 से 20.01.2012 तक की अर्द्धरात्रि तक के लिये वैध है । परिवादी अपने उपरोक्त वाहन से अपने परिवार सहित राठ से वापस पनवाडी आ रहा था कि ग्राम-नकरा से एक किमी0 पहले अचानक नीलगाय आ जाने के कारण गाडी का संतुलन बिगड गया और गाडी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। परिवादी ने तत्काल इसकी सूचना विपक्षी सं01 को जरिये डाक व फोन दी और तब विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा तत्काल सर्वेयर सी0पी0गुप्ता को सर्वेयर नियुक्त किया गया और वे दुर्घटनास्थल पर गये तथा उन्होंने वाहन का निरीक्षण किया और परिवादी से कहा कि गाडी लेकर झांसी आ जाओ । परिवादी अपनी गाडी लेकर झांसी गया,इसकी सूचना पर सर्वेयर श्री सी0पी0गुप्ता आये और उन्होंने कहा कि गाडी को लेकर सुंदर सेल्स एण्ड सर्विस आओ और वहीं गाडी बनवाने का निर्देश दिया । तदनुसार परिवादी अपनी गाडी लेकर झांसी गया और गाडी बनवाई,जिसमें परिवादी के लगभग 19,595/-रू0 खर्च हुये । परिवादी ने गाडी ठीक होने के उपरान्त परिवादी ने सर्वेयर को बुलाया तो वह तत्काल आये और उन्होंने गाडी की फोटो ली तथा बीमा कवरनोट व मूल बिल बिल ले लिये और परिवादी से कहा कि अब वह क्लेमफार्म कंपनी में जमा कर देगा तो परिवादी को दुर्घटनाग्रस्त वाहन के बनवाने में आये खर्च का चेक आपके पास 6 महीने में भेज दिया जायेगा । तत्पश्चात परिवादी से दोबार पत्र भेजकर डाइविंग लाईसेंस की मांग,जिसे उसके द्वारा दो बार डाइविग लाईसेंस की छायाप्रति भेजी गई लेकिन उनके द्वारा क्लेम धनराशि की चेक धनराशि नहीं प्रदान की गई । परिवादी जब भी विपक्षी सं01 के पास क्लेम लेने जाता तो वह हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर टाला जाता है और कहता कि पत्रावली नहीं मिल रही तथा 2-3 माह के बाद आने को कह देते है । ऐसी परिस्थिति में परिवादी ने यह परिवाद मा0 फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है ।
विपक्षी सं01 प्रबंधक,चोला मण्डलम एम0एस0जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 की और से जबाबदावा प्रस्तुत किया गया है,जिसमें उन्होंने परिवादी के अभिकथनों से इन्कार किया है तथा अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी वाहन सं0यू0पी095 डी 7671 का पंजीकृत स्वामी है और उसका बीमा विपक्षी बीमा कंपनी के कार्यालय से है । यह तथ्य साबित करने का भार परिवादी पर है । घटना दिनांकित 31.03.2012 की कोई सूचना परिवादी द्वारा विपक्षी के कार्यालय को नहीं दी गई । परिवादी द्वारा कोई सी0पी0गुप्ता सर्वेयर को नियुक्त नहीं किया गया और न ही यह कहा कि सुंदर सेल एवं सर्विस में गाडी बनवाई जाये । विपक्षी के कार्यालय को सूचना न मिलने के कारण क्लेम दर्ज नहीं किया गया । इसी कारण उसे कोई क्लेम की धनराशि नहीं प्रदान की गई । ऐसी परिस्थितियों में उन्हेांने परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की है ।
विपक्षी सं02 ने कोई जबाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है ।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ पत्र कागज सं04ग प्रस्तुत किया है तथा अभिलेखीय साक्ष्य में पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज सं07ग,बीमा कवरनोट की छायाप्रति कागज सं08ग,सुंदर सेल एवं सर्विस के स्टीमेट व बिल की छायाप्रति कागज सं0 9ग, न्यू कपूर टेडर्स,झांसी के बिल की छायाप्रति कागज सं0 10ग, विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा जारी पत्रों की छायाप्रतियां कागज सं0 11ग/1 व 11ग/2,परिवादी द्वारा भेजी गई सूचना की छायाप्रति कागज सं012ग,रजिस्टी रसीद व कोरियर सर्विस की रसीद कागज सं013ग दाखिल की गई है ।
विपक्षी बीमा कंपनी की और से प्रबंधक,चोला मण्डलम एम0एस0 जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 ने अपने जबाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र 16ग दाखिल किया गया तथा अभिलेखीय साक्ष्य में पत्रों की छायाप्रतियां 18ग/1 व 18ग/2 दाखिल की गई ।
फोरम द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
उभय पक्ष ने दुर्घटना होने व उसकी तिथि को स्वीकार किया है । विपक्षी बीमा कंपनी की और से यहीं बहस की गई है कि दुर्घटना में कोई सूचना निर्धारित समय के अंदर विपक्षी बीमा कंपनी को प्राप्त नहीं कराई गई इसी कारण उसे क्लेम नहीं दिया गया । जबकि परिवादी द्वारा दाखिल अभिलेख कागज सं011ग/1 व 11ग/2 तथा विपक्षी बीमा कंपनी की और से इन्हीं पत्रों की छायाप्रतियां 18ग/1 व 18ग/2 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि विपक्षी बीमा कंपनी ने परिवादी के क्लेम को क्लेम नं03362108939 पर दर्ज किया है और परिवादी से डाइविंग लाईसेंस व प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति मांगी है । अंत: यह नहीं कहा जा सकता है कि विपक्षी बीमा कंपनी को परिवादी द्वारा कोई सूचना नहीं भेजी गई । उपरोक्त दोनों पत्रों में श्री चंद्र गुप्ता को नियुक्त करना भी बीमा कंपनी द्वारा दिखाया गया है । ऐसी परिस्थिति में विपक्षी बीमा कंपनी का यह अभिकथन झूठा पाया जाता है कि परिवादी द्वारा दुर्घटना में कोई सूचना उनको नहीं दी और उनके द्वारा कोई सर्वेयर चंद्र प्रकाश गुप्ता को नियुकत नहीं किया गया । परिवादी द्वारा दाखिल शपथ पत्र कागज सं04ग व बीमा कवरनोट की छायाप्रति कागज सं08ग,सुंदर सेल एवं सर्विस द्वारा दिया गया बिल की छायाप्रति 9ग व न्यु कपूर टेडर्स द्वारा दिये गये बिल की छायाप्रति 10ग से यह साबित है कि परिवादी ने उक्त वाहन को ठीक कराने में कुल 19,595/-रू0 खर्च करना पडा है । बीमा कवरनोट 8ग से यह स्पष्ट है कि परिवादी की गाडी का बीमा दिनांक:21.01.2011 से 20.01.2012 तक की मध्य रात्रि तक थी और दुर्घटना इसी अवधि के अंतर्गत दिनांक:31.03.2011 में होना पाया गया । ऐसी परिस्थिति में परिवादी विपक्षी बीमा कंपनी से उक्त धनराशि मु019,595/-रू0 व मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज में 2,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने का अधिकारी है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी सं01 बीमा कंपनी स्वीकार किया जाता है । विपक्षी सं01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को क्षतिपूर्ति धनराशि 19,595/-रूपये तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के एवज 2,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 इस निर्णय के अंदर एक माह प्रदान करे । विपक्षी सं01 बीमा कंपनी उक्त आदेश का अनुपालन इस निर्णय के अंदर एक माह करे अन्यथा विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को उपरोक्त धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ब्याज भी देय होगा ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) श्रीमती नीला मिश्रा बाबूलाल यादव
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
25.07.2015 25.07.2015 25.07.2015