Chhattisgarh

Raigarh

CC/150/2014

Mahadev Prasad Agrawal - Complainant(s)

Versus

Manager C.G. grameen Bank - Opp.Party(s)

I.P.Sharma

25 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMAR DISPUTES REDRESSAL FORUM
RAIGARH C.G.
 
Complaint Case No. CC/150/2014
 
1. Mahadev Prasad Agrawal
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager C.G. grameen Bank
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SANMAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH MEMBER
 HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY MEMBER
 
For the Complainant:I.P.Sharma, Advocate
For the Opp. Party: Bhavesh, Advocate
ORDER

 

जिला उपभोक्ता  विवाद प्रतितोषण फोरम, रायगढ़ (छ.ग.)

 

समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष                प्रकरण क्रमांक   150/2014

          सुभाष पाण्डेय, सदस्य                  संस्थित दिनांक  01.10.2014

         डा.हेमलता सिंह, सदस्य

 

 

महादेव प्रसाद अग्रवाल आ0स्व0 ताराचंद अग्रवाल

निवासी पुराना सदर बाजार रायगढ़                            .................आवेदक

 

                                                                                //वि        रू         द्व//

 

 

प्रबंधक, छ0ग0 राज्य ग्रामीण बैंक शाखा रायगढ़

पता-इतवारी बाजार रायगढ़ (छ.ग.)                           .................अनावेदक

 

                               आवेदक द्वारा श्री आई.पी.शर्मा अधिवक्ता।

                                         अनावेदक द्वारा श्री भावेश स्वर्णकार अधिवक्ता।

 

                                                                                     (आदेश)

                                                (आज दिनांक 25/02/2014 को पारित आदेश)

 

सनमान सिह, अध्यक्ष

 

1/                            आवेदक ने अनावेदक के विरूद्व, अनावेदक के द्वारा अवैध रूप से वसूली की गई राशि 23,355/-रूपये तथा 5,00,000/-रूपये मानहानी की क्षतिपूर्ति तथा 4,00,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

 

2/-                          आवेदक का परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि सीमेंट व्यवसाय हेतु विकास अग्रवाल जो कि दादू सीमेंट का प्रोपाईटर है ने अनावेदक से 5,00,000/-रूपये ऋण प्राप्त किया था। उक्त ऋण में आवेदक जो कि विकास अग्रवाल का पिता है जमानतदार रहा है विकास अग्रवाल द्वारा लिए गये 5,00,000/-रूपये का ऋण  के संबंध में आवेदक की संपन्ति अनावेदक के द्वारा बंधक की गई थी। विकास अग्रवाल द्वारा ऋण का भुगतान न करने पर आवेदक ने अनावेदक को बंधक संपति आधिपत्य में लेने बाबत् नोटिस जारी किया। दिनांक 11.01.13 को बंधक संपन्ति आवेदक के आधिपत्य में ले लिया। बंधंक संपन्ति आधिपत्य में लेने के पश्चात् अनावेदक के द्वारा दैनिक भास्कर पत्र में दिनांक 09.10.13 को नीलामी की सूचना जारी किया गया था। तथा दिनांक 21.10.13 को 6,31,527/-रूपये बकाया ऋण राशि भुगतान करने की सूचना अनावेदक द्वारा आवेदक को भी जारी किया गई थी सूचना प्राप्त होने पर दिनांक 23.10.13 करे आवेदक 6,31,527/-रूपये अनावेदक को भुगतान कर दिया तथा बंधक संपन्ति की नीलामी निरस्त करते हुए संपन्ति बंधक से मुक्त किए जाने एवं मूल दस्तावेज वापस किए जाने हेतु अनावेदक को आवेदन प्रस्तुत किया। इसके अलावा अनावेदक द्वारा आवेदक से दिनांक 06.05.11 को 10,000/-रूपये, दिनांक 13.02.13 को 10,755/-रूपये एवं दिनांक 07.03.13 को 2600/-रूपये लिए गए थे उसे भी लौटाये जाने का निवेदन किया गया किन्तु अनावेदक के द्वारा न तो बधक संपन्ति की मूल दस्तावेज और न ही आवेदक से वसूल की गई राशि  वापस किया गया।  आवेदक पुनः बंधक  संपन्ति का मूल दस्तावेज एवं

                                                                    (2)

 

                                 

वसूल की गई राशि वापस किये जाने का लिखित सूचना दिया। उसके बाद भी अनावेदक के द्वारा बंधक संपन्ति का मूलदस्तावेज एवं वसूली की गई राशि वापस नहीं किया गया। इसलिए आवेदक ने उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया है।

 

3/-          अनावेदक की ओर जवाब में बताया गया हैं कि मेसर्स दादू सीमेंट प्रो. विकास अग्रवाल ने 5,00,000/-रूपये सीमेंट व्यवसाय हेतु अनावेदक से सी.सी.लिमिट के अंतर्गत 5,00,000/- रूपये का लोन प्राप्त किया था। आवेदक ने उक्त ऋण राशि के संबंध में जमानतदार के रूप में हस्ताक्षर किया था। तथा सम्पूर्ण ऋण राशि मय ब्याज भुगतान करने का आश्वासन दिया था। ऋण के संबंध में आवेदक की संपन्ति बैक के द्वारा बंधक की गई थी। ऋण राशि का भुगतान न होने पर अनावेदक के द्वारा वैधानिक कार्यवाही करते हुए बंधक संपन्ति आधिपत्य में लेकर नीलामी की सूचना दैनिक भास्कर समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया था। दिनांक 23.10.13 को आवेदक के द्वारा ऋण राशि 6,31,527/-रूपये भुगतान किया गया था। आवेदक के द्वारा दिनांक 09.01.13 को अनावेदक के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर शेष राशि दिनांक 28.02.14 तक भुगतान करने का समय दिए जाने एवं नीलामी कार्यवाही स्थगित किये जाने का आवेदन दिया था। आवेदक के द्वारा शेष ऋण राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया। सम्पूर्ण ऋण राशि मय ब्याज भुगतान करने पर ही ऋण खाता बंद किया जाता है। तथा बंधक संपन्ति मुक्त कर दस्तावेज वापस किया जाता है। शेष ऋण राशि का भुगतान न किये जाने के कारण ही ऋण खाता बंद नहीं किया गया। बंधक संपन्ति भी मुक्त नहीं किया जा सकता और न ही दस्तावेज वापस किया जा सकता है।

 

4/-                          आवेदक की ओर से खाते का विवरण दिनांक 31.12.12, बैक द्वारा निकाला गया अधिग्रहण नोटिस, खाते की नकल दिनांक 07.03.13 तक, खाते में जमा राशि 23.10.13, आवेदक द्वारा अनावेदक को लिखा पत्र दिनांक 23.10.13, बैक द्वारा जारी पत्र दिनांक 31.10.13, अनावेदक बैक को दिया गया पत्र दिनांक 02.11.13, बैक द्वारा आवेदक को जारी पत्र दिनांक 08.11.13, आवेदक द्वारा लिखा गया पत्र दिनांक 09.11.13, खाते की नकल दिनांक 08.10.13 से 14.11.13 तक, आवेदक के द्वारा लिखा गया पत्र दिनांक 02.01.14 का छायाप्रति दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है।

 

5/-                          आवेदक की ओर से प्रस्तुत उक्त दस्तावेजो के अवलोकन से स्पष्ट है कि दादू सीमेंट प्रोपाईटर विकास अग्रवाल पर दिनांक 08.01.13 तक 5,96,749/-रूपये बकाया था। अनावेदक के द्वारा आधिपत्य नोटिस जारी किया गया था। तथा समाचार पत्र में नीलामी की सूचना प्रकाशित किया गया था। दादू सीमेंट प्रोपाईटर विकास अग्रवाल पर दिनांक 21.10.13 तक 6,31,527/-रूपये बकाया था। दिनांक 23.10.13 को 6,31,527/-रूपये अनावेदक को ऋण का नगद भुगतान किया गया। दिनांक 23.10.13 को आवेदक ने अनावेदक को पत्र प्रेषित करते हुए नीलामी कार्यवाही निरस्त किये जाने, मूल दस्तावेज वापस किये जाने तथा उससे वसूल की गई राशि मय ब्याज सहित वापस किये जाने का आवेदन दिया था। दिनांक 31.10.13 को अनावेदक आवेदक को ऋण/प्रभार इत्यादि की शेष राशि अविलंब जमा करने की सूचना दिया था। दिनांक 02.11.13 को आवेदक के द्वारा अनावेदक को पुनः नीलामी निरस्त किये जाने तथा दस्तावेज वापस किये जाने के संबंध में पत्र प्रेषित किया था। दिनांक 08.11.13 को अनावेदक के द्वारा 1,21,494/-रूपये अविलंब भुगतान किये जाने का सूचना आवेदक को दिया गया था। उक्त सूचना के आधार पर आवेदक ने दिनांक 09.11.13 को अनावेदक को पत्र के द्वारा सूचित किया था कि उसे शेष राशि भुगतान करने हेतु दिनांक 28.02.14 तक का समय दिये जाने का निवेदन किया। दिनांक 30.12.13 तक  अवशेष  राशि 1,21,319/-रूपये था। आवेदक के द्वारा दिनांक 02.01.13

                                                                    (3)

                                                                                                (3)

को अनावेदक को पत्र प्रेषित कर 10,000/-रूपये डेविट किये जाने के संबंध में लिखा गया था। अनावेदक ने उक्त पत्र में ही लिखा है ब्याज गणना कंप्यूटर द्वारा की गई है एवं सही गणना है।

 

6/-                          आवेदक की ओर से तर्क में बताया गया है कि मेसर्स दादू सीमेंट द्वारा लिए गए 5,00,000/-रूपये के लिमिट ऋण राशि 21.10.13 तक 6,31,527/-रूपये हो गया था।  दिनांक 23.10.13 को आवेदक के द्वारा उक्त राशि का भुगतान अनावेदक को कर दिया गया। आवेदक अनुसार उसके बाद अनावेदक ने उससे दिनांक 06.05.11 को 10,000/-रूपये, दिनांक 13.02.13 को 10,755/-रूपये, एवं दिनांक 07.03.13 को 2,600/-रूपये का अवैध रूप से वसूल किया गया। आवेदक का यह भी तर्क है कि सम्पूर्ण ऋण राशि का भुगतान करने के बाद भी अनावेदक के द्वारा न तो बंधक संपन्ति से मुक्त किया गया और न ही मूल दस्तावेज वापस किया गया और न ही अवैध रूप से वसूली की गई राशि वापस की गई। आवेदक का यह भी तर्क है कि उसके द्वारा दिनांक 23.10.13, दिनांक 02.11.13, दिनांक 09.11.13 तथा 02.01.14 को लिखित सूचना देने के बाद भी बंधक संपन्ति मुक्त नहीं किया गया और न ही मूल दस्तावेज वापस किया गया और न ही अवैध रूप से वसूल की गई राशि वापस की गई। इसलिए आवेदक ने अनावेदक द्वारा वसूल की गई राशि 23,355/-रूपये एवं मानसिक क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का निवेदन किया है।

 

7/-                          अनावेदक ओर से एनेक्सचर 14 दिनांक 23.07.12, पजेशन नोटिस दिनांक 11.01.13, नीलामी सूचना दिनांक 08.10.13, पत्र क्रं. 249/2014-15 दिनांक 03.07.14, पत्र दिनांक 09.11.13, पत्र 275/13-14 दिनांक 31.08.13, पत्र क्रं.313/14-15 दिनांक 24.09.14, एकाउन्ट क्लोजर इन्क्वारी दिनांक 24.11.14 का छायाप्रति दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है। एवं दिनांक 03.02.15 को अनावेदक द्वारा स्टेटमेंट एकाउन्ट दिनांक 03.02.15 की सत्यप्रति दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है।

 

8/-                          अनावेदक की ओर प्रस्तुत उक्त दस्तावेजो के अवलोकन से स्पष्ट है कि अनावेदक ने आवेदक को दिनांक 23.07.12 को बकाया ऋण राशि 5,61,008/-रूपये भुगतान करने का नोटिस दिया था। दिनांक 11.01.13 को बंधक संपन्ति आधिपत्य में लेने की सूचना दिया था। दिनांक 08.10.13 को दैनिक भास्कर समाचार पत्र में बंधक संपन्ति का नीलामी करने का सूचना प्रकाशित कराया था। दिनांक 03.07.14 को शेष राशि भुगतान न करने पर सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही करने की सूचना दी गई थी। दिनांक 09.11.13 के पत्र द्वारा आवेदक ने दिनांक 28.02.14 तक शेष राशि भुगतान करने हेतु समय दिये जाने का निवेदन किया था और नीलामी कार्यवाही स्थगित किये जाने का निवेदन किया था। दिनांक 31.08.13 को अनावेदक द्वारा सरफेसी एक्ट अन्तर्गत नीलामी किये जाने की सूचना दी गई थी। दिनांक 24.09.14 के पत्र द्वारा आवेदक को सूचित किया गया था कि 15 दिन के भीतर ऋण राशि भुगतान कर खाता बंद कराए अन्यथा अधिग्रहित संपन्ति नीलामी की कार्यवाही की जाएगी। जिसका पेपर प्रकाशन व्यय एवं अन्य व्यय की वसूली के लिए आप स्वंय जिम्मेदार होगे। दिनांक 24.11.14 तक Net Closure Amount   1,38,552/-रूपये था तथा दिनांक 03.02.15 तक  Net Closure Amount     1,41,738/-रूपये था।

 

9/-                          अनावेदक की ओर से तर्क में बताया गया है कि आवेदक के द्वारा दिनांक 23.10.13 को 6,31,527/-रूपये भुगतान किया गया। उसके पूर्व दिनांक 11.01.13 को बंधक संपन्ति आधिग्रहित की गई थी तथा दैनिक भास्कर समाचार पत्र में दिनांक 09.10.13 को नीलामी प्रकाशन करया गया था। दिनांक 08.11.13 की स्थिति में आवेदक द्वारा दिनांक 23.10.13 को 6,31,527/-रूपये भुगतान करने के बाद भी 86,015/-रूपये मूल बकाया राशि, 31,576/-रूपये 5 प्रतिशत वसूली  एजेंट को देय, 3,903/-रूपये 12.36 प्रतिशत  सर्विस टैक्स कुल 1,21,494/-रूपये बकाया था।

                                                                                                                                 (4)

 

                                

जिसके भुगतान करने की सूचना दिनांक 08.11.13 को दिया गया था। उक्त सूचना के आधार पर ही आवेदक ने बकाया ऋण राशि दिनांक 28.02.14 तक भुगतान किये जाने हेतु समय दिये जाने का निवेदन किया था। किन्तु आज तक शेष ऋण राशि एवं अन्य प्रभार का भुगतान आवेदक के द्वारा नहीं किया गया है। इसलिए आवेदक का परिवाद निरस्त किया जावें।

10/-                        मेसर्स दादू सीमेंट द्वारा अनावेदक से सीमेंट के व्यवसाय हेतु 5,00,000/-रूपये का ऋण लिया गया था। दिनांक 21.10.13 तक मय ब्याज 6,31,527/-रूपये हो गया था। ऋण राशि भुगतान न करने पर अनावेदक द्वारा आवेदक की बंधक संपन्ति अधिग्रहित कर नीलामी कार्यवाही प्रारंभ की गई थी। आवेदक के द्वारा दिनांक 23.10.13 को 6,31,527/-रूपये भुगतान किया गया। दिनांक 08.11.13 की स्थिति में ऋण राशि व अन्य प्रभार 1,21,494/-रूपये बकाया था। दिनांक 24.11.14 तक 1,38,552/-रूपये तथा दिनांक 03.02.15 तक 1,41,738/-रूपये बकाया था। जिसका भुगतान आवेदक द्वारा आज तक नहीं किया गया था। जबकि आवेदक, अनावेदक का पत्र दिनांक 08.11.13 प्राप्त होने पर शेष ऋण राशि दिनांक 28.02.14 तक भुगतान करने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी आज तक अवशेष ऋण राशि का भुगतान नहीं किया। अनावेदक के द्वारा न तो आवेदक से 23,355/-रूपये अवैध रूप से लिया गया और न ही सेवा में कमी किया गया। बल्कि बंधक संपन्ति की अधिग्रहण एवं नीलीमी कार्यवाही इत्यादि का व्यय आवेदक से लिया गया है। अतः आवेदक का परिवाद निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेगें।

 

 

 

(डा.हेमलता सिंह)                            (सुभाष पाण्डेय)                                              (सनमान सिंह)

    सदस्या                                              सदस्य                                               अध्यक्ष

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण                    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण

   फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                    फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                                           फोरम रायगढ़ (छ0ग0)

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SANMAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.