Radheshyam panwar filed a consumer case on 31 Mar 2015 against Manager, Bata india ltd. showroom in the Kota Consumer Court. The case no is CC/246/2010 and the judgment uploaded on 21 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
पीठासीन:श्रीएम अनवर आलम,अध्यक्ष,श्रीमति हेमलताभार्गव व श्री महावीर तंवर सदस्यगण।
प्रकरण संख्या-246/2010
राधेश्याम पंवार पुत्र घनश्याम पंवार आयु 45 वर्ष निवासी नवरंग चूडी सेन्टर, इन्द्र गांधी नगर डी सी एम कोटा । -परिवादी।
बनाम
प्रबंधक बाटा इण्डिया लिमिटेड शोरूम, घेडे वाले बाबा चैराहा, शोपिंग सेन्टर, कोटा। -विपक्षी।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 श्री सुरेश कुमार गौतम , अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
2 विपक्षी के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
निर्णय दिनांक 31.03.2015
(1) प्रस्तुत परिवाद दिनांक 28-07-2010 को परिवादी ने इन अभिकथनों के साथ पेष किया है कि उसने विपक्षी से दिनांक 14.06.10 को जरिये बिल 249/- रूपये में चप्पल का जोडा क्रय किया था, 2 दिन पश्चात ही चप्पल के नीचे की तली निकल गई और चप्पल टूट गई, जिसकी शिकायत उसने विपक्षी से की परन्तु उसने गाली-गलोच कर अपमानित किया।
(2) अतः प्रार्थना की गई है कि विपक्षी से चप्पल क्रय की उसकी राशि 249/- रूपयें, मानसिक संताप की राशि दिलवाई जावे।
(3) विपक्षी ने जवाब पेश कर परिवादी द्वारा जरिये बिल चप्पल क्रय करना स्वीकार किया है तथा मूल तथ्यों को अस्वीकार करते हुये स्पष्ट किया है कि परिवादी ने क्लेम फार्म नहीं भरा था, जिसके कारण उसको क्लेम की राशि अदा नहीं की गई।
(4) परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य में चप्पल के क्रय करने के बिल प्रदर्ष-1 पेष किया गया है।
(5) विपक्षी ने स्वयं का शपथ पेश नहीं किया और ना ही दस्तावेजी साक्ष्य में कोई साक्ष्य पेश की है।
(6) विपक्षी के विरूद्धं दिनांक 17.03.15 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
(7) बहस एक तरफा सुनी गई। मामले में निम्न विचारणीय बिन्दु है:-
(अ) क्या परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है ?
(ब) क्या विपक्षी ने सेवा में कमी की है ?
(स) अनुतोष ?
(8) बहस एक पक्षीय सुनी जाकर परिवादी द्वारा प्रस्तुत तर्को, शपथ-पत्र, दस्तावेजात और पत्रावली का अवलोकन कर विचार किया गया। प्रस्तुत मामलें में विपक्षी ने परिवादी द्वारा जरिये बिल चप्पल क्रय करना स्वीकार किया है, जिसकी पुष्टि बिल प्रदर्श-1 से होती है। अतः परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है।
(9) परिवादी ने अपने परिवाद, स्वयं के शपथ-पत्र में विपक्षी से जरिये बिल 249/- रूपये में बाटा चप्पल खरीदना और दोष होने पर उसकी शिकायत विपक्षी से करने का तथ्य अंकित किया है, जिसका कोई खंडन विपक्षी की ओर से नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा विपक्षी से जरिये बिल 249/- रूपये में दोषपूर्ण चप्पल क्रय करना एवं विपक्षी द्वारा उसकी शिकायत पर ध्यान नही दे कर सेवा में कमी करना साबित है। अतः उपरोक्त विवेचन एवं हमारे विनम्र मत में विपक्षी द्वारा परिवादी को दोष पूर्ण चप्पल विक्रय कर, परिवादी की सेवा में कमी की है।
(10) परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेष
(11) परिणामतः परिवादी राधेश्याम पंवार का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी परिवादी को चप्पल क्रय करने की राशि 249/- रूपये, मानसिक संताप की राशि 500/- रूपये, अक्षरे पांच सौ रूपये, परिवाद खर्च 1,000/- रूपये, अक्षरे एक हजार रूपये अदा करे। विपक्षी आदेश की पालना निर्णय के दिनांक से दो माह के अंदर करे।
(महावीर तंवर) (श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच,कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
(12) निर्णय आज दिनंाक 31.03.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(महावीर तंवर) (श्रीमति हेमलता भार्गव) (मोहम्मद अनवर आलम)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच,कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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