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Rajendra Kumar Mittal filed a consumer case on 28 Jan 2016 against Manager, Bajaj Allianze, Life Insurance Company Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/178/2010 and the judgment uploaded on 08 Feb 2016.
राजेन्द्र कुमार मित्तल / बजाज एलाइन्स लाईफ इं. कं. लि., कोटा आदि।
परिवाद संख्या 178/2010
28.01.2016 दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षीगण का संक्षेप में यह सेवा-दोष बताया है कि दिनांक 13.01.08 को विपक्षी बीमा कं. ( बजाज एलाइन्स लाईफ इं. कं. लि.) से मेेडिक्लेम पालिसी नं0 0082504137 कराई थी। दिनांक 22.02.09 को दुर्घटना में चोटग्रस्त होने पर मेैत्री अस्पताल, कोटा में भर्ती रहकर 22.02.09 से 05.03.09 तक ईलाज कराया जिसमंे कुल 36106/- खर्च हुये, इसका क्लेम सभी आवश्यक दस्तावेजात के साथ प्रस्तुत कर दिया गया। विपक्षी ( मेडिकेयर टी.पी.ए. सर्विसेज प्रा. लि. ,कोलकाता) द्वारा दस्तावेज मांगने पर दिनांक 19.06.09 एवं 23.07.09 को विपक्षी बीमा कम्पनी के कोटा कार्यालय में प्रस्तुत कर दिये। विपक्षी टी.पी.ए. ने पत्र दिनांक 19.11.09 से क्लेम खारिज करने की सूचना दी इस पर विपक्षी-बीमा कम्पनी के कोटा कार्यालय ने इण्डेमिनिटी बाॅण्ड मांगा जो 15.01.10 को प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत कर दिया, इसके बावजूद क्लेम राशि नहीं दी। दिनांक 03.03.10 को लीगल नोटिस भेजा गया जो मिल गया इसके बावजूद राशि नहीं दी। इस कारण परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप एवं शारीरिक कष्ट हुआ है।
विपक्षी-बीमा क.ं के जवाब का सार है कि परिवादी ने वास्तविक तथ्यों को छिपाया है। उसे क्लेम पेटे जर्ये चेैेक दिनांक 03.05.10 राशि 18684/-रूपये का भुगतान किया जा चुका है। विपक्षी कम्पनी ने परिवादी से 08.02.10 के पत्र द्वारा एवं उसके पश्चात् अनेकों बार रिमाइन्डर देकर आवश्यक दस्तावेज मांगे जिनके नहीं मिलने पर पालिसी की शर्तों के अनुसार भुगतान कर दिया गया। विपक्षी कं. ने स्वयं अपने स्तर पर ऐजेन्ट के जरिये परिवादी से दस्तावेज प्राप्त किये हैं। इस प्रकार सेवा में कोई कमी नहीं की गई। स्वयं परिवादी द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने मंे विलम्ब किया गया, विपक्षी-बीमा कं. ने कोई विलम्ब नहीं किया, पालिसी की शर्तों के अनुसार भुगतान कर दिया। परिवाद झूंठा पेश किया गया है।
विपक्षी ( मेडिकेयर टी.पी.ए. सर्विसेज प्रा. लि. ,कोलकाता) ने नोटिस की विधिवत तामील होने के बावजूद उपस्थिति नहीं दी, जवाब भी पेश नहीं किया। उसके विरूद्ध एक-पक्षीय कार्यवाही के आदेश दिये गये।
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी-बीमा कम्पनी व टी.पी.ए. को प्रेषित लीगल नोटिस, उनकी पोस्टल/ए.डी. रसीद, विपक्षी -बीमा कं. से पालिसी बाबत् प्राप्त पत्र, अस्पताल का डिस्चार्ज टिकट व बिल, टी.पी.ए. से प्राप्त पत्र 14.05.09 ,09.07.09, 19.11.09 एवं बीमा कं. को प्रेषित पत्र 19.06.09, 23.07.09 ,15.01.10 व टी.पी.ए. को प्रषित पत्र दिनांक 09.11.09 आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की गई है। विपक्षी-बीमा कं. ने साक्ष्य मंे प्रबंधक भूपेन्द्र सिंह भाटी के शपथ-पत्र के अलावा परिवादी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव-पत्र, क्लेम सेटलमेन्ट नोट, पालिसी की शर्तें, परिवादी द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 15.01.10 व इन्डेमिनिटी बोन्ड, परिवादी को प्रेषित पत्र दिनांक 08.02.10 आदि की प्रतियां प्रस्तुत की हैं।
हमने विचार किया।
परिवादी की ओर से क्लेम के पेटे विपक्षी-बीमा कं. से चैेक दिनांक 03.05.10 के जरिये राशि 18684/-रूपये बहस के दौरान प्राप्त करना स्वीकार किया गया है, लेकिन कहा गया है कि परिवाद प्रस्तुत होने के बाद भुगतान प्राप्त हुआ । भुगतान प्राप्त होने की तिथि बाबत् अपने खाते का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। परिवाद 06.05.10 को प्रस्तुत किया गया है। चेैक दिनांक 03.05.10 का भुगतान अधिकतम 7 दिवस में प्राप्त होने की उपधारणा की जा सकती है। इस प्रकार यह प्रकट होता है कि परिवाद प्रस्तुत होने के अधिकतम एक सप्ताह मंे परिवादी को उक्त भुगतान प्राप्त हो गया होगा।
जहां तक भुगतान मेें विलम्ब का प्रश्न है, स्वयं परिवादी के अनुसार उसने इन्डेमिनिटी बोन्ड 15.01.10 को भेजा। विपक्षी ने परिवादी से पत्र दिनांक 08.02.10 के जरिये अस्पताल को राशि अदा करने की मूल रसीद मांगी थी, उसकी पालना परिवादी ने की उसका कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, इसलिये विपक्षी द्वारा भुगतान करने में विलम्ब करना नहीं माना जा सकता। परिवादी का यह केस सही नहीं है कि विपक्षी टी.पी.ए. ने पत्र दिनांक 19.11.09 से ‘‘नो क्ल्ेाम ’’ की सूचना देकर क्लेम खारिज कर दिया था, क्योंकि उक्त पत्र जिसकी प्रति स्वयं परिवादी ने प्रस्तुत की है ,से यह स्पष्ट है कि परिवादी से अस्पताल को अदा की गई राशि के दो मूल दस्तावेज मंागे गये थे अर्थात क्लेम अंतिम रूप से तय नहीं हुआ था।
जहां तक क्लेम पेटे कम राशि अदा करने का प्रश्न है, विपक्षी कं. ने परिवादी को पत्र दिनांक 08.02.10 से स्पष्ट किया है कि उसने अस्पताल के 23355/-रूपये के बिल प्रस्तुत किये हैं लेकिन राशि अदायगी की केवल 16455/-रूपये की रसीद ही प्रस्तुत की है। शेष राशि अदायगी की रसीद उससे मांगी गई थी जिसकी पालना में उसने दस्तावेज विपक्षी कं. को भेजने का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। इसलिये विपक्षी को कम भुगतान के लिये दोषी नहीं माना जा सकता है।
उपरोक्त विवेचन के फलस्वरूप हम पाते हैं कि परिवादी विपक्षी-बीमा क.ं का सेवा-दोष सिद्ध करने में विफल रहा है इसलिये परिवाद खारिज होने योग्य है।
अतः परिवाद खारिज किया जाता है।
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।
(हेमलता भार्गव) (महावीर तॅंवर) (भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
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