Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/78/2014

Omprakash Verma - Complainant(s)

Versus

Manager Amar Sheshnath Indane Gas Service - Opp.Party(s)

Shri Bipul Kumar Singh

25 Apr 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/78/2014
 
1. Omprakash Verma
S/O Suraj Prasad Verma, Betawar Khurd, Police Station- Zamania, Pargana & Tehsil- Zamania, District- Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. Manager Amar Sheshnath Indane Gas Service
Soram Road, Lohtia nanfganj, District- Ghazipur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES HONOURABLE MR Ramesh Chandra Mishra PRESIDENT
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Bipul Kumar Singh, Advocate
For the Opp. Party: Mohammad Shafauddin Siddiqi, Advocate
ORDER

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी के विरुद्ध प्रस्‍तुत करते हुए कहा है कि उसने दि0 23-10-2000 को विपक्षी के यहॉ से डबल गैस कनेक्‍शन, जिसका कोड सं0 01-01-0235 नं0 3301531 व उपभोक्‍ता सं0 ए0एस0-2131, रू0 19,00/- नगद देकर प्राप्‍त किया। कनेक्‍शन लेते समय भरा हुआ दो गैस सिलेण्‍डर, रेगुलेटर प्राप्‍त हुआ। उसके पश्‍चात् आज तक विपक्षी द्वारा कोई रिफिल प्राप्‍त नहीं कराया गया। परिवादी बार-बार सम्‍पर्क करता रहा लेकिन मात्र आश्‍वासन दिया जाता रहा। दि0 24-09-12 को विपक्षी के कर्मचारी द्वारा बुलाये जाने पर परिवादी उसकी शाखा में पहॅुचा तो उसे बताया गया कि परिवादी का गैस कनेक्‍शन रसीदा गैस एजेन्‍सी हरबल्‍लमपुर तिवारी पुर मुहम्‍मदाबाद जिला गाजीपुर को स्‍थानान्‍तरित कर दिया गया है। जब परिवादी ने वहॉ सम्‍पर्क किया तो बताया गया कि ऐसी कोई बात नहीं है। परिवादी जमानियॉ का रहने वाला है। उसने दि0 28-09-12 को अधिवक्‍ता के माध्‍यम से लीगल नोटिस भेजवाया, इसके बाद भी उसकी समस्‍या का समाधान नहीं किया गया। सिलण्‍डर न मिलने से परिवादी को काफी मानसिक, आर्थिक, शारीरिक क्षति उठानी पड़ी। छोटे- छोटे बचोंके लिए दूध व पानी गरम करने में परेशानी हुई तथा ताजा खाना न मिलने की वजह से तबियत खराब हो गयी जिसके लिए विपक्षी जिम्‍मेदार है। परिवादी को वर्ष 2001 से आज तक 120 बार गॉव से नन्‍द गंज आना-जाना पड़ा जिससे उसे घोर मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। विपक्षी द्वारा 06-1-14-को आश्‍वस्‍त करने एवं दि0 25-02-14 को अन्तिम रूप से इनकार करने पर वाद कारण उत्‍पन्‍न हुआ। उपरोक्‍त कथनों के साथ परिवादी ने विपक्षी से उपरोक्‍त गैस कनेक्‍श्‍न को सुचारू रूप से चालू करने एवं रू0 70,000/– आर्थिक क्षति प्राप्‍त करने हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

 

     विपक्षी को सूचना भेजी गयी। विपक्षी ने अपना जवाब परिवाद प्रस्‍तुत करते हुए कहा है कि परिवादी ने गलत तथ्‍यों के आधार पर परिवाद प्रस्‍तुत किया है जो खण्‍डनीय है। परिवादी का गैस कनेक्‍शन दि0 20-04-2003 को रशीदा गैस एजेन्‍सी हरिबल्‍लमपुर तिवारीपुर मुहम्‍मदाबाद को स्‍थानान्‍तरित हो गया जो रसीद सं0  1006702 दि0 20-04-2003 से प्रमाणित है। परिवाद में नान ज्‍वाइण्‍डर आफ नेसेसरी पार्टी का दोष है। परिवाद काफी टाइमबार्ड है जो मेंटेनेबुल नहीं है। उक्‍त कथनों के साथ विपक्षी ने परिवादी से रू0 10,000/-विशेष हर्जा एवं रू0 2000/- अधिवक्‍ता फीस दिलाये जाने के साथ-साथ परिवाद को निरस्‍त करने की याचना किया है।

 

     पक्षों द्वारा पत्रावली पर प्रपत्र 7ग, 8ग शपथ पत्र, 15ग, 18ग/1, 18ग/2, 20ग, 22ग/1, 22ग/2 शपथ पत्र 23ग/1 लगायत 23ग/2 लिखित बहस 24ग/1 लगायत 24ग/2, 25ग/1 ता 25ग/2 प्रस्‍तुत किये गये हैं।

 

     फोरम द्वारा उभय पक्षों के अधिवक्‍ता गण की बहस सुनी गयी। पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों एवं कागजातों का अवलोकन और परिशीलन किया गया।

 

     परिवादी के  परिवाद पत्र से जाहिर होता है कि परिवादी ने दि0 23-10-2000 को विपक्षी के यहॉ से डबल गैस सिलेण्‍डर जिसका नम्‍बर परिवाद पत्र में अंकित है, प्राप्‍त किया है। उसके बाद से आज तक परिवादी को गैस कनेक्‍शन नहीं मिला बल्कि विपक्षी द्वारा यह कहा गया कि परिवादी का गैस कनेक्‍शन दि0 20-04-2003 को रसीदा गैस एजेन्‍सी को स्‍थानान्‍तरित कर दिया गया है जिससे उसका परिवादी से उपभोक्‍ता का सम्‍बन्‍ध समाप्‍त हो गया है जो पत्रावली पर उपलब्‍ध पेपर सं0 18ग से जाहिर है। परिवादी ने दि0 04-03-14 को परिवाद प्रस्‍तुत किया है। परिवादी ने स्‍वयं कहा है कि वह वर्ष 2001 से लगातार आज तक 120 बार विपक्षी के यहॉ गैस कनेक्‍शन के अभाव में दौड़ता रहा जिससे उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

 

     परिवादी द्वारा कोई ऐसा साक्ष्‍य पत्रावली पर प्रस्‍तुत नहीं किया गया है, जिससे यह साबित हो सके कि वह वर्ष 2001 से लगातार 120 बार आज तक गैस के लिए दौड़ता रहा। परिवादी का यह कथन उचित प्रतीत नहीं होता है। मात्र यह कह देने से कि वह 120 बार दौड़ा है, इसका कोई मतलब नहीं है। यह सत्‍य है कि परिवादी ने विपक्षी से वर्ष 2010 में गैस सिलेण्‍डर बुक कराया है और कनेक्‍शन लिया है। विपक्षी द्वारा जोर देते हुए कहा गया है कि प्रश्‍नगत परिवाद काल बाधित है जिसके सम्‍बन्‍ध में विपक्षी ने मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग नई दिल्‍ली की रिट याचिका सं0 2747 से 2750/ 2011 निर्णीत दि0 27-01-2014 व । 2010 सी.पी.जे. 65 एन. सी. जो कि समयसीमा के सम्‍बन्‍ध में प्रस्‍तुत किया गया है, प्रस्‍तुत किया है। परिवाद पत्र, जवाब परिवाद से जाहिर होता है कि परिवादी का विवाद जो उपभोक्ता फोरम में प्रस्‍तुत हुआ है, वह  दि0 04-03-2014 को दाखिल किया गया है जबकि गैस सिलेण्‍डर का कनेक्‍शन दि0 23-10-2000 को लिया जाना स्‍वीकार किया गया है। इसके बीच के समय के अन्‍तराल को परिवादी स्‍पष्‍ट नहीं कर पाया है कि इतने विलम्‍ब से परिवाद क्‍यों प्रस्‍तुत किया गया । मात्र यह कहना कि  वह 120 बार विपक्षी के यहॉ दौड़ा है, इस कथन में परिवादी को बल नहीं मिलता है। निश्चित रूप से परिवाद समयसीमा से बाधित है जिसके आधार पर परिवादी का परिवाद काल बाधित होने की स्थिति में पोषणीय नहीं है। इसलिए परिवादी का परिवाद बलहीन होने के कारण निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

 

                             आदेश

     परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

     इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय। निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।

 
 
[JUDGES HONOURABLE MR Ramesh Chandra Mishra]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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