समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-31/2014 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
श्रीमती शीला पत्नी स्व0 राधे निवासी-ग्राम-सतारी परगना व तहसील-कुलपहाड व जिला महोबा ...परिवादिनी
बनाम
1.प्रबंधक,इलाहाबाद बैंक शाखा-कुलपहाड जिला-महोबा ।
2.प्रबन्धक,दि ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी लि0,गांधीनगर,महोबा .....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी के पति राधे उर्फ मन्ना एक कृषक थे और कृषि कार्य कर के अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे । परिवादिनी के पति ने अपनी कृषि भूमि विपक्षी बैंक में बंधक रख कर किसान क्रेडिट कार्ड सं0-36480 बनवाया था, जो दि0 25.11.2009 से दि0 24.11.2012 तक वैध है । राधे कृषि कार्य के संबंध में बीज लेने हेतु लौडी गया था । केसरी पुरा परसनिया म0प्र0 के बीच बघौरा मार्ग में दि0 03.01.2012 को दुर्घटना में मृत्यु हो गई जिसे अस्पताल लाया गया,जहां पर उसे मृत घोषित किया गया । पोस्टमार्टम कराया गया तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट लवकुश नगर म0प्र0 में अंकित कराई गई । विपक्षी सं01 को इसकी सूचना परिवादिनी द्वारा दी गई । विपक्षी सं01 के कर्मचारियों द्वारा जांच की गई और क्लेमफार्म में अंगूठा लगवाया गया और विपक्षी सं02 के पास क्लेमफार्म भेजा गया तथा कहा गया कि 50,000/-रू0 बीमित धनराशि की चेक विपक्षी सं01 के माध्यम से प्रदान करेगा । 07 माह बीतने के बाद परिवादिनी विपक्षी सं01 के पास गई तो विपक्षी सं01 द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा क्लेम आवेदन का निस्तारण नहीं किया गया है । परिवादिनी ने दि024.08.2012 को एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें प्रथम सूचना रिपोर्ट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति संलग्न की । विपक्षी सं01 ने परिवादिनी के प्रार्थना पत्र पर 24.08.2012 को क्षेत्रीय प्रबंधक, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक हजरतगंज लखनऊ को अनुस्मारक पत्र भेजा जिसमें बीमा प्रीमियम का भुगतान ड्राफट नं0089052/79 दि024.11.2009 द्वारा तीन वर्ष के लिये प्रेषित किया जाना लिखा है । दि031.01.2014 को परिवादिनी विपक्षी सं01 की बैंक में गई तो विपक्षी सं01 ने कहा कि परेशान करने आ जाती हो तुम्हें दुर्घटना मृत्यु की धनराशि नहीं मिलेगी । विपक्षीगण का बीमा धनराशि प्रदान न करना और क्लेम का निस्तारण न करना सेवा में त्रुटि एवं व्यापारिक कदाचरण है । अंत: यह परिवाद विपक्षीगण से बीमित धनराशि व मृत्यु की तिथि से भुगतान की तिथि तक 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज एवं मानसिक क्षति के रूप में 40,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 10,000/-रू0 दिलाये जाने हेतु यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है ।
विपक्षी संख्या-01 के जबावदावा के अनुसार राधे का किसान क्रेडिट कार्ड दिनांक 25-11-2009 से 24.11.2012 तक के लिये बनाया गया था। लेकिन कार्डधारक ने स्वीकृत धनराशि निकालने के बाद निर्धारित समय में जमा नहीं की । दि003-01-2012 को दुर्घटना में उसकी मृत्यु हुई । सत्य नहीं है क्योंकि फसल की बुबाई दिसम्बर के प्रथम सप्ताह तक हो जाती है । परिवादिनी ने राधे की कृषि कार्य के दौरान मृत्यु होने का गलत कथन किया है इसलिये परिवादिनी का परिवाद पोषणीय नहीं है । राधे की मृत्यु की सूचना तुरंत बैंक को नहीं दी,अन्यथा परिवाद बिलम्ब से क्यों प्रस्तुत किया जाता । परिवादिनी ने बैंक को कोई सूचना नहीं दी और कोई जांच नहीं की गई । बीमा धनराशि के बावत कोई लिखा पढी नहीं की गई । दि024.08.2012 को कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया । बीमा कंपनी को प्रीमियम राशि भेजी जा चुकी थी । बैंक द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई । बीमा धनराशि देने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं02 बीमा कंपनी का है । बैंक ने परिवादिनी को कोई मानसिक व आर्थिक क्षति नहीं पहुंचाई ।
विपक्षी सं02 के जबाबदावा के अनुसार किसान क्रेडिट कार्ड बनने की कोई सूचना विपक्षी बैंक ने विपक्षी सं02 को नहीं दी । दि003.01.2.12 को राधे की दुर्घटना में मृत्यु की सूचना विपक्षी सं02 के कार्यालय को नहीं दी इसलिये बीमा कंपनी द्वारा मृत्यु का सत्यापन नहीं कराया जा सका । समय से सूचना देना आवश्यक था । परिवादिनी अथवा विपक्षी सं01 ने विपक्षी बीमा कंपनी के कार्यालय द्वारा जारी बीमा पालिसी या बीमा प्रभावी दिनांक प्रस्तुत नहीं किया । घटना की तिथि को राधे का बीमा था इसकी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई है । इस प्रकार उनके द्वारा कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई ।
परिवादिनी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ श्रीमती शीला का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं01 द्वारा जबाबदावा के अतिरिक्त कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया ।
विपक्षी सं02 की और से जबाबदावा के साथ मनोरंजन द्विवेदी मण्डलीय प्रबंधक का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया और कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्तागण के तर्क सुने गये ।
पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य से व विपक्षी सं01 के स्पष्ट कथन से यह सिद्ध होता है कि परिवादिनी के पति राधे का किसान क्रेडिट कार्ड दि0 25.11.2009 से दि0 24.11.2012 तक के लिये बना था । दि0 03.01.2012 को थाना-लवकुशनगर म0प्र0 के अनुसार मृत्यु हो गई जिसका पोस्टमार्टम कराया गया । थाना लवकुशनगर में प्रथम सूचना रिपोर्ट,पोस्टमार्टम रिपोर्ट,अकाल मृत्यु की सूचना परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत की गई । परिवादिनी राधे की विधवा पत्नी । भारत निर्वाचन आयोग का पहचान पत्र अभिलेख 12ग प्रस्तुत किया ।
परिवादिनी ने अभिलेख सं0 5ग,6ग व 7ग अभिलेख प्रस्तुत किये हैं जिसमें दि0 24.08.2012 को विपक्षी सं01 द्वारा क्षेत्रीय प्रबंध,वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, ओरियेंटल इंश्योरेंस कंपनी हजरतगंज लखनऊ को राधे की मृत्यु के क्लेम संबंधी अभिलेख भेजे गये है जिसके साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट,प्रथम सूचना रिपोर्ट व खातेदार का विवरण आदि संलग्न किया है । ड्राफट दि0 24.12.2009 को बीमा कंपनी की लखनऊ ब्रांच को 4275/-रू0 तीन वर्ष हेतु भेजा गया । साथ में कृषकों की सूची भेजी गई,जिसके क्रम सं013 में राधे का नाम दर्ज है और शीला नोमिनी वारिस दर्ज है । परिवादिनी ने 24.08.2012 को बैंक में प्रार्थना पत्र दिया था । विपक्ष्ज्ञी बैंक की ओर से परिवादिनी द्वारा राधे की मृत्यु की सूचना देने,जांच करने और लिखा पढी के तथ्य से इनकार किया है । इसी प्रकार 24.08.2012 को परिवादिनी ने विपक्षी बैंक में प्रार्थना पत्र देने के तथ्य से तथा जबाबदावा की धारा-7 में इंकार किया है । जबकि विपक्षी सं01 द्वारा परिवादिनी का क्लेमफार्म अभिलेख सं05ग,6ग व 7ग द्वारा भेजा गया । विपक्षी सं01 द्वारा इस अभिलेख का कोई स्पष्ट खण्डन नहीं किया है । इस पर विपक्षी सं01 ने विरोधाभासी केस प्रस्तुत किया है जो कि सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण है । विपक्षी सं02 द्वारा भी बीमा पालिसी,बीमा प्रभावी दिनांक इत्यादि के साक्ष्य का आभाव होना कहा है लेकिन विपक्षी सं01 द्वारा जैसा कि ड्राफट द्वारा भुगतान करना व साक्ष्य दिये जाने तथा बैंक द्वारा विपक्षी सं02 को पत्र लिखे जाने का स्पष्ट खण्डन नहीं किया है । विपक्षी सं02 ने दि0 24.08.2012 के पत्र के बावजूद भी क्लेम का निस्तारण व बीमा धनराशि का भुगतान नहीं किया जो विपक्षी सं02 की सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण की श्रेणी में आता है । परिवादिनी किसान क्रेडिट के अनुसार बीमा धनराशि 50,000/-रू0 पाने की अधिकारी है । यदि उक्त धनराशि परिवादिनी को समय से मिल जाती तो वह उसका उपयोग कर पाती,जिससे उसको मानसिक कष्ट हुआ और उसे परिवाद प्रस्तुत करना पडा ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी सं02 किसान क्रेडिट कार्डधारक राधे की मृत्यु पर 50,000/-रू0 बीमित धनराशि परिवाद योजित करने की तिथि 01.03.2014 से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज सहित परिवादिनी को एक माह के अंदर प्रदान करे । इसके अतिरिक्त परिवादिनी मानसिक कष्ट की क्षति के रूप में 5,000/-रू0 व परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 पाने की अधिकारी है । विपक्षीगण सं01 व 2 द्वारा यह धनराशि आधी-आधी आज से एक माह के अंदर परिवादिनी को भुगतान की जायेगी । अन्यथा परिवादिनी विपक्षीगण से उक्त धनराशि विधि अनुसार वसूल पाने का अधिकारी होगी ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
06.04.2016 06.04.2016 06.04.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
06.04.2016 06.04.2016 06.04.2016