Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/1296

Shriram General Insurance Company - Complainant(s)

Versus

Man Mohan Singh - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

27 Sep 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/1296
( Date of Filing : 25 Jun 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Shriram General Insurance Company
-
...........Appellant(s)
Versus
1. Man Mohan Singh
-
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Sep 2018
Final Order / Judgement

सुरक्षित

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या : 1296/2014

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम, बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या-210/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 26-05-2014 के विरूद्ध)

 

Shriram General Insurance Company Limited, E-8, EPIP, RIICO Industrial Area, Sitapura, Jaipur (Rajasthan) 302022 Branch Office 16, Chintal House, Station Road, Lucknow, through its Manager.

                                                   ...अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्

Man Mohan Singh aged about 30 years S/o Sri Preetpal Singh R/o 30-D/1, Shahdana Colony, P.S. Baradari, District-Bareily (U.P.)

                                              ..........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-          श्री दिनेश कुमार।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-           श्री बी0 के0 उपाध्‍याय।

समक्ष  :-

  1. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता,              पीठासीन सदस्‍य।
  2. मा0 श्री महेश चन्‍द,                    सदस्‍य

दिनांक :    30-10-2018

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित निर्णय

परिवाद संख्‍या-210/2012 मन मोहन सिंह बनाम् श्री राम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता फोरम, प्रथम, बरेली द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय एवं आदेश दिनां‍क 26-05-2014 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता

 

2

संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

इस प्रकरण में विवाद के संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ट्रक संख्‍या-यू0पी0-25 ए0टी0/3546 का पंजीकृत स्‍वामी है और परिवादी ने अपने वाहन का बीमा विपक्षी बीमा कम्‍पनी से कराया था जो दिनांक 07-07-2010 से दिनांक 06-07-2010 तक के लिए वैघ एवं प्रभावी था। परिवादी का उक्‍त वाहन कोहरे के कारण ग्राम देवरनिया बरेली के निकट दुर्घटनाग्रस्‍त होकर क्षतिग्रस्‍त हो गया, जिसकी  सूचना परिवादी ने तत्‍काल बीमा कम्‍पनी को दी। बीमा कम्‍पनी द्वारा हरिओम गुप्‍ता को सर्वेयर नियुक्‍त किया गया और जिन्‍होंने वाहन का दिनांक 25-01-2011 को स्‍पॉट सर्वे किया। परिवादी  के वाहन की मरम्‍मत का आगणन रू0 1,08,700/- का दिया। बाद में अंतिम बिल रू0 98,241/- का बनवाकर, समस्‍त औपचारिकताऍं पूरी करके विपक्षी बीमा कम्‍पनी के समक्ष क्षतिपूर्ति का दावा प्रस्‍तुत किया। किन्‍तु विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने भुगतान नहीं किया। परिवादी ने विपक्षी बीमा कम्‍पनी को नोटिस भेजा, परन्‍तु बीमा कम्‍पनी ने कोई कार्यवाही नहीं की, जो कि विपक्षीगण के स्‍तर पर सेवा में कमी है। इसलिए क्षुब्‍ध होकर परिवादी ने परिवाद संख्‍या-210/2014 जिला फोरम, प्रथम, बरेली के समक्ष योजित करते हुए निम्‍न अनुतोष की याचना की गयी है:-

  •  

विपक्षी बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया जिसमें परिवाद के अभिकथनों का प्रतिवाद करते हुए परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को अस्‍वीकार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अभिकथन किया गया है कि प्रश्‍नगत वाहन का बीमा होना स्‍वीकार करते हुए कथन किया गया कि परिवादी का प्रश्‍नगत वाहन एच0डी0एफ0सी0 बैंक से वित्‍त पोषित है, जिसके कारण एच0डीएफ0सी0 बैंक को पक्षकार बनाया जाना आवश्‍यक है। विपक्षी बीमा कम्‍पनी का यह भी कथन है कि परिवादी के वाहन के दुर्घटनाग्रस्‍त होने की सूचना मिलने पर विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने तुरन्‍तु सर्वेयर नियुक्‍त करके प्रश्‍नगत वाहन का स्‍पॉट सर्वे और अंतिम सर्वे कराया। वाहन का सर्वेयर हरि ओम गुप्‍ता ने अंतिम सर्वे करके क्षति का आंकलन

3

किया। विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने बीमा पालिसी की शर्तों के अन्‍तर्गत डिप्रीसिएशन तथा साल्‍वेज की कीमत घटाने के बाद रू0 43,848/- की क्ष्‍ाति आंकलित की जिसका भुगतान विपक्षी बीमा कम्‍पनी ने परिवादी को चेक द्वारा दिनांक 12-05-2011  को कर दिया है। विपक्षी बीमा कम्‍पनी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। अत: परिवाद निरस्‍त होने योग्‍य है।

जिला फोरम ने पक्षकारों द्वारा प्रस्‍तुत किये गये साक्ष्‍यों का परिशीलन करने तथा उनके तर्कों को सुनने के बाद आक्षेपित निर्णय दिनांक 26-05-2014 के द्वारा परिवादी मन मोहन सिंह का परिवाद स्‍वीकार कर लिया तथा निम्‍नलिखित आदेश पारित किया :-

’ परिवादी मन मोहन सिंह का यह उपभोक्‍ता परिवाद विपक्षी श्री राम जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड के विरूद्ध अंशत: रू0 82,337/- की वसूलयाबी हेतु स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी वाद व्‍यय के रूप में अंकन रू0 5,000/- विपक्षी से प्राप्‍त करने का भी अधिकारी होगा। विपक्षी बीमा कम्‍पनी उक्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को 30 दिन के अंदर करें, अन्‍यथा परिवादी उक्‍त धनराशि पर परिवाद दायर करने की दिनांक 30-10-2012 से 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा।‘’

उपरोक्‍त आक्षेपित आदेश से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री दिनेश कुमार उपस्थित हुए। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री बी0 के0 उपाध्‍याय उपस्थित हुए।

पीठ द्वारा उभयपक्षों के विद्धान अधिवक्‍ताओं के तर्कों को सुना गया तथा आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन अपीलार्थी बीमा कम्‍पनी से बीमित थी। दुर्घटना की तिथि को वाहन का बीमा प्रभावी था। बीमा कम्‍पनी के सर्वेयर हरि ओम गुप्‍ता ने अपनी सर्वे रिपोर्ट दिनांक 10-01-2011 में वाहन की कुल क्षति रू0 48,998/- आंकलित की है। परिवादी ने अन्‍य सर्वेयर प्रमोद कुमार मिश्र से सर्वे कराया। श्रीमती मिश्र ने अपनी सर्वे रिपोर्ट दिनांक 06-02-2014 में उक्‍त दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन में रू0 82,337/- की क्षति आंकलित की है।

4

विद्धान जिला फोरम ने श्री प्रमोद कुमार मिश्र सर्वेयर की रिपोर्ट की तथ्‍यात्‍मक विवेचना करके उस पर विश्‍वास किया है। तद्नुसार परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए रू0 82,337/- क्षतिपूर्ति की धनराशि अनुमन्‍य की है।

इस पीठ द्वारा उपरोक्‍त उल्लिखित दोनों सर्वे रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। इन दोनों रिपोर्ट पर सम्‍यक विचार करते हुए यह पीठ इस मत की है कि चलते हुए वाहन के पुर्जों की कीमत नये पुर्जों की कीमत के समतुल्‍य अनुमन्‍य नहीं की जा सकती। वाहन के पुर्जों में मूल्‍य के हृास को दृष्टिगत रखते हुए सर्वेयर हरिओम गुप्‍ता द्वारा आंकलित पुर्जों की कीमत रू0 15,663/- अनुमन्‍य किया जाना न्‍यायोचित है।  किन्‍तु वाहन की मरम्‍मत पर लेवर चार्ज व्‍यय का हृास अनुमन्‍य नहीं हो सकता। सर्वेयर हरिओम गुप्‍ता ने लेवर चार्ज में रू0 71,200/- के स्‍थान पर मात्र रू0 31,335/- लेवर चार्ज अनुमन्‍य किया है जब कि सर्वेयर प्रमोद कुमार मिश्रा ने रू0 71,200/- के स्‍थान पर रू0 50,350/- अनुमन्‍य किया है। रू0 50,350/- लेवर चार्ज दिया है जो औचित्‍यपूर्ण है। अत: इस प्रकार पुर्जें तथा लेवर चार्ज पर कुल रू0 15,663/- + 50,350/- = 66,013/- का दावा अनुमन्‍य किया जाना औचित्‍यपूर्ण है।

अत: यह पीठ इस मत की है कि अपीलार्थी की अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

अपीलार्थी द्वारा परिवादी/प्रत्‍यर्थी को पूर्व में प्रेषित रू0 43,848/- के चेक का परिवादी को भुगतान प्राप्‍त नहीं हुआ हो तो उक्‍त राशि का इण्‍डेम्निटी बाण्‍ड लेकर कुल रू0 66,013/- की धनराशि का चेक निर्गत करने का पूर्ण औचित्‍य है। यदि पूर्व निर्गत चेक की धनराशि परिवादी को प्राप्‍त हो गयी है तो उक्‍त राशि घटाकर शेष धनराशि रू0 66013 – 43848 =रू0 22165/-का भुगतान करना न्‍यायोचित है।

आदेश

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत आदेश संशोधित किया जाता है और अपीलार्थी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी को पूर्व में प्रेषित रू0 43,848/- के चेक का भुगतान प्राप्‍त नहीं हुआ हो तो उक्‍त राशि का इण्‍डेम्निटी बाण्‍डलेकर उक्‍त राशि को समायोजित करते हुए रू0 66,013/- की धनराशि का चेक निर्गत करें। यदि पूर्व निर्गत चेक की धनराशि परिवादी को प्राप्‍त

 

 

 

 

 

5

 

हो गयी है तो उक्‍त राशि घटाकर शेष धनराशि रू0 66013 – 43848 =रू0 22165/-का भुगतान करे।

उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

 

(राज कमल गुप्‍ता)                                  (महेश चन्‍द)

 पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

कोर्ट नं0-3, प्रदीप मिश्रा

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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