Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/67/2014

Shri Nakul Singh - Complainant(s)

Versus

Malik Jay Engineering & Electronics - Opp.Party(s)

15 Jul 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/67/2014
 
1. Shri Nakul Singh
R/0 Govind Nagar Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Malik Jay Engineering & Electronics
R/o Rampur Road Opp. Narvade Petrol Pump Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेश दिया जाये कि वे परिवादी का मोबाइल सैट बदलकर उसे उसी कीमत का नया मोबाइल सैट दें अथवा मोबाइल की कीमत 8,600/- (आठ हजार छ: सौ रूपया) ब्‍याज सहित परिवादी करे अदा करें। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी ने 70,000/- (सत्‍तर हजार रूपया) तथा परिवाद व्‍यय अतिरिक्‍त मांगा है।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी सं0-1 से दिनांक 24/09/2013 को उसने 8,600/- रूपया में एक मोबाइल सैट सोनी एक्‍स प्रिया ई0सी0-1504 खरीदा था। मोबाइल का आई0एम0ई0आई0 नम्‍बर -355558050203270 है। मोबाइल की एक साल  की गारण्‍टी थी। खरीदने के कुछ समय बाद मोबाइल में तकनीकी और नेटवर्क की समस्‍या आनी शुरू हो गयी।परिवादी के अनुसार विपक्षी सं0-2 मोबाइल का सर्विस सेन्‍टर तथा विपक्षी सं0-3 इसकी निर्माता कम्‍पनी है। दिनांक 19/2/2014 को परिवादी मोबाइल ठीक कराने के लिए विपक्षी सं0-2 के पास ले गया वहॉं उसका मोबाइल सैट ठीक करने के लिए रख लिया गया और 2-3 दिन बाद आने को कहा। जब 2-3 दिन बाद परिवादी विपक्षी सं0-2 के पास गया तो यह कहकर कि मोबाइल ठीक हो गया है परिवादी को मोबाइल दे दिया गया। परिवादी ने वहीं चेक किया तो पाया कि मोबाइल ठीक नहीं हुआ था। परिवादी ने जब सर्विस सेन्‍टर के कर्मचारियों से मोबाइल ठीक करने के लिए कहा तो उन्‍होंने कहा कि वे इससे ज्‍यादा ठीक नहीं कर सकते और उन्‍होंने अभद्र व्‍यवहार करके परिवादी को वहॉं से भगा दिया। परिवादी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी दिया किन्‍तु वे न तो मोबाइल ठीक करने को तैयार हैं और न ही उसके बदले नया मोबाइल देना चाहते हैं। परिवादी के अनुसार उसे मजबूर होकर फोरम के समक्ष आना पड़ा, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षी सं0-2  पर  फोरम के आदेश दिनांक 18/09/2014 द्वारा तथा  विपक्षी सं0-1 व 2 पर फोरम के आदेश दिनांक 20/10/2014 द्वारा नोटिस की तामीला पर्याप्‍त मानी गयी, किन्‍तु विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ उनकी ओर से कोई प्रतिवाद पत्र भी दाखिल नहीं हुआ। फोरम के आदेश दिनांक 20/10/2014 द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय किये जाने के आदेश हुऐ, किन्‍तु विपक्षी सं0-3 के अनुरोध पर आदेश दिनांक 26/11/2014 द्वारा एकपक्षीय सुनवाई का आदेश विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध रिकाल किया गया। विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई का आदेश यथावत् रहा।
  4.   विपक्षी सं0-3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/9 दाखिल  हुआ। प्रतिवाद पत्र में कहा गया कि विपक्षी सं0-3 का ‘’ सोनी इण्यिा प्रा0 लि0 ‘’ में विलय हो गया है अत: सोनी इण्डिया प्रा0 लि0 को विपक्षी सं0-3 के स्‍थान  पर प्रतिस्‍थापित समझा जाये। विपक्षी सं0-3 ने अपने प्रतिवाद में परिवादी द्वारा परिवाद  के पैरा सं0-1 में उल्लिखित मोबाइल विपक्षी सं0-1 से खरीदा जाना तथा इस मोबाइल की खरीदारी की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिए निर्धारित शर्तों के अधीन लिमिटिड वारण्‍टी प्रदान किया जाना तो स्‍वीकार किया है, किन्‍तु परिवाद में लगाये गये आरोपों से इन्‍कार किया गया है। विपक्षी सं0-3 की ओर से यह भी कहा गया कि विपक्षी सं0-1 उनका अधिकृत विक्रेता और विपक्षी सं0-2 अधिकृत सर्विस सेन्‍टर  है।
  5.   विपक्षी सं0-3 ने प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कथन किया कि 19 फरवरी, 2014 को परिवादी मोबाइल की समस्‍या लेकर विपक्षी सं0-2 के पास आया था। विपक्षी  सं0-2 के सर्विस इंजीनियर ने चेक करने पर पाया कि मोबाइल सैट में पानी अन्‍दर जाने की बजह से समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई थी। मोबाइल सैट में कोई निर्माण सम्‍बन्‍धी अथवा पुर्जे की खराबी का दोष नहीं था। मोबाइल सैट की वारण्‍टी Void हो गयी थी परिवादी को बता दिया गया था कि इसे ठीक करने में 5,000/- रूपया खर्चा होगा जिसे परिवादी ने अदा करने से मना किया और मोबाइल को मुफत ठीक करने के लिए दबाव डाला। वारण्‍टी नमी की बजह से चॅूंकि Void हो गयी थी अत: वारण्‍टी  की शर्तों के अनुसार बिना शुल्‍क लिये मोबाइल को ठीक करना सम्‍भव नहीं था अत: बिना शुल्‍क दिऐ मोबाइल ठीक करने से विपक्षी ने इन्‍कार कर दिया। परिवादी का कानूनी नोटिस प्राप्‍त होना और उसका सही उत्‍तर दिये जाने का भी विपक्षी सं0-3  ने कथन किया है। विपक्षी सं0-3 का यह भी कथन है कि मोबाइल में चॅूंकि निर्माण सम्‍बन्‍धी कोई दोष नहीं था अत: इसे बदलकर नया मोबाइल देने का प्रश्‍न ही नहीं है यदि परिवादी मोबाइल ठीक कराने का खर्चा वहन करने को तैयार हो तो उसका मोबाइल ठीक कराया जा सकता है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर यह कहते हुऐ  कि विक्षीगण की ओर से सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की गयी है और परिवाद असत्‍य कथनों पर आधारित है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किये जाने की  प्रार्थना की। 
  6.   परिवाद के साथ परिवादी ने सूची कागज सं0-3/5 के माध्‍यम से दिनांक 19  फरवरी, 2014 का जॉब कार्ड, मोबाइल खरीदने की सेल  इनवायस, चालान, मोबाइल की वारण्‍टी और विपक्षीगण को भेजे गये कानूनी नोटिस एवं नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/11 हैं।
  7.   विक्षी सं0-3 की ओर से प्रतिवद पत्र के साथ प्रियांक चौहान का शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/2 दाखिल किया गया जिसके साथ विपक्षी सं0-3 ने ​सोनी इण्डिया प्रा0 लि0 में विलय के आदेश, शपथकर्ता प्रियांक चौहान के पक्ष में बोर्ड के रिजूलूशन तथा मोबाइल की वारण्‍टी की शर्तों को संलग्‍नक-1 लगायत संलग्‍नक-3 के रूप में दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-16/3  लगायत 16/24 हैं।
  8.   साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0- 17/1 लगायत 17/3 दाखिल किया। विपक्षी सं0-3 की ओर से विपक्षी के अधिकृत प्रतिनिधि श्री प्रियांक चौहान ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 18/7 दाखिल किया।
  9.   परिवादी तथा विपक्षी सं0-3 की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई।
  10.   हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-3 के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्को को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  11.   इस बिन्‍दु पर पक्षकारों के मध्‍य कोई विवाद नहीं है कि विपक्षी सं0-3 प्रश्‍नगत  मोबाइल सैट की निर्माता कम्‍पनी, विपक्षी सं0-1 उसका अधिकृत विक्रेता तथा  विपक्षी सं0-3 उसका अधि‍कृत सर्विस सेन्‍टर है। परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित मोबाइल दिनांक 24/09/2013 को विपक्षी सं0-1 से परिवादी द्वारा खरीदा जाना भी स्‍वीकार किया गया है। विपक्षी सं0-3 के प्रतिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में परिवादी के इस कथन को स्‍वीकार किया गया है कि दिनांक 19 फरवरी, 2014 को परिवादी मोबाइल में उत्‍पन्‍न हुई समस्‍या के निवारण हेतु विपक्षी सं0-2 के पास गया था। विपक्षी सं0-3 की ओर से उनके अधिकृत प्रतिनिधि श्री प्रियांक चौहान ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-18 के पैरा सं0-4 में यह कथन किया है कि 19 फरवरी, 2014 को जब परिवादी मोबाइल सैट लेकर विपक्षी सं0-2 के पास गया तो सर्विस इंज‍ीनियर ने सैट चेक करने पर यह पाया कि पानी अन्‍दर चले जाने की बजह से मोबाइल खराब हुआ  है।  विपक्षी सं0-3 के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा वारण्‍टी की शर्तो की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ कहा कि पानी अन्‍दर चले जाने की बजह से मोबाइल में यदि डिफेक्‍ट आया है तो वह वारण्‍टी में कवर नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रत्‍युत्‍तर में कहा कि पानी अन्‍दर चले जाने की बजह से मोबाइल खराब हुआ था, विपक्षी सं0-3 का यह कथन असत्‍य है बल्कि सही बात यह है कि मोबाइल सैट तो काम ही नहीं कर रहा था। दिनांक 19 फरवरी, 2014 को विपक्षी सं0-2 द्वारा तैयार किऐ गऐ जॉब कार्ड की नकल कागज सं0-3/6 के अवलोकन पर हमने पाया कि इसमें परिवादी द्वारा बताई गई समस्‍या (No display) का तो उल्‍लेख है किन्‍तु इस जॉब कार्ड में यह कहीं नहीं लिखा है कि मोबाइल में पानी अन्‍दर चला गया है जिसके सैट की स्‍क्रीन पर इम्‍प्रेशन दिखार्द नहीं दे रहा है। चॅूंकि जॉब कार्ड में विपक्षी सं0-2 ने इस बात का कोई उल्‍लेख नहीं किया। विपक्षी सं0-2 के अनुसार सैट  में प्रोबलम क्‍यों है अत: हम विपक्षी सं0-3 के इस कथन को स्‍वीकार करने में असमर्थ हैं कि मोबाइल में डिफेक्‍ट कथित रूप से पानी अन्‍दर चले जाने की बजह से आया  था। हम इस बात का भी उल्‍लेख करना समीचीन समझते हैं कि तामीला के बावजूद विपक्षी सं0-1 अथवा विपक्षी सं0-2 की ओर से अपना पक्ष रखने के लिए कोई  उपस्थित नहीं हुऐ। हमारे मत में विपक्षी सं0-2 का सम्‍बन्धित सर्विस इंजीनियर इस बात का सर्वोत्‍तम साक्षी हो सकता था कि मोबाइल सैट में पानी अन्‍दर चले जाने की बजह से डिफेक्‍ट आया था। विपक्षी सं0-2 की ओर से फोरम के समक्ष किसी का उपस्थित न होना इस अवधारणा का प्रमाण बदल देता है कि मोबाइल में कमी पानी अन्‍दर घुँस जाने के कारण नहीं आयी थी।
  12.   मोबाइल की एक वर्ष की लिमिटिड वारण्‍टी थी। वारण्‍टी अवधि में ही परिवादी मोबाइल ठीक कराने के लिए विपक्षी सं0-2 के पास गया था। यह सही है कि मोबाइल में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष नहीं था क्‍योंकि लगभग पॉंच माह तक यह सही चला था किन्‍तु मोबाइल चॅूंकि वारण्‍टी पीरिऐड में था अत: यह विपक्षी सं0-2 व 3 का उत्‍तदायित्‍व था कि वे इसे ठीक करके परिवादी को उपलब्‍ध कराते किन्‍तु ऐसा नहीं किया गया और ऐसा न करके उन्‍होंने परिवादी को सेवा प्रदान करने में कमी की है।
  13.   उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि विपक्षीगण सं0- 2 व 3 को निर्दश दिया जाये कि वे परिवादी का मोबाइल ठीक करके परिवादी को दें। परिवादी को हुऐ मानसिक कष्‍ट की मद में विपक्षी सं0- 2 व 3 से परिवादी को हम क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/- (पॉंच हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय के रूप  में 2,500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपया) अतिरिक्‍त दिलाया जाना न्‍यायोचित समझते हैं। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

 

 

  विक्षी सं0-2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी का मोबाइल नि:शुल्‍क ठीक करके परिवादी को उपलब्‍ध करायेगें। परिवादी उक्‍त मोबाइल सैट विपक्षी सं0-2 को ठीक करने के लिए आज की तिथि से एक माह के भीतर देगा। मोबाइल प्राप्‍त करने की तिथि से एक माह के भीतर उसे ठीक करने का उत्‍तरदायित्‍व विपक्षी सं0-2 व 3 का होगा। परिवादी विपक्षी सं0-2  व 3 से क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/- (पॉंच हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/- (दो  हजार पॉंच सौ रूपया) भी पाने का अधिकारी होगा। इस धनराशि का भुगतान परिवादी को आज की तिथि से दो माह के भीतर किया जाये।

 

  (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

        सदस्‍य                 सदस्‍य             अध्‍यक्ष

   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     15.07.2015           15/07/2015        15.07.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 15.07.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

      सदस्‍य               सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

  15.07.2015          15/07/2015           15.07.2015

 

 

 

 

 

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