जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या-665/2020
उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-02.09.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-04.02.2021
Vivek Nayyar aged about 42 years, S/o Mr. V.K. Nayyar, R/o House No. 13/242, Indira Nagar, Lucknow.
..............Complainant.
Versus
1. M/s Mahindra & Mahindra Ltd. (Mahindra), 5th Floor, Mahindra Towers, G.M. Bhonsle Marg, Worli, Mumbai, Maharashtra through its Chief Executive Officer.
2. M/s Mahindra & Mahindra Ltd. (Mahindra), 5th Floor, Mahindra Towers, G.M. Bhonsle Marg, Worli, Mumbai, Maharashtra through Managing Director.
3. A. Automovers Pvt. Ltd. Faizabad Road, opposite H.A.L., Sector 18, Indira Nagar, Lucknow through its Authorized Dealer.
4. A. Automovers Pvt. Ltd. Faizabad Road, opposite H.A.L., Sector 18, Indira Nagar, Lucknow through its General Sales Manager.
5. A. Automovers Pvt. Ltd. Faizabad Road, opposite H.A.L., Sector 18, Indira Nagar, Lucknow through its Sales Satisfaction Index.
6. A. Automovers Pvt. Ltd. Faizabad Road, opposite H.A.L., Sector 18, Indira Nagar, Lucknow through its Area Sales Manager.
7.Adesh Tiwari, Consultant, A. Automovers Pvt. Ltd. Faizabad Road, opposite H.A.L., Sector 18, Indira Nagar, Lucknow.
8.AxisBank, LoanCenter Plot No. G/4/5/B, 1st Floor, Shaheed Path, Gomti Nagar Extension, Sector 4, Lucknow through its Branch Manager.
...............Respondents.
आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
निर्णय
परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से कार लोन की किस्त को सितम्बर 2020 से वाद के निस्तारण तक रोके जाने, कार की खरीद के भुगतान हेतु दिनॉंक 17.12.2019 से भुगतान की तिथि तक 18 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस कराने, मानसिक कष्ट एवं उत्पीड़न हेतु 7,00,000.00 रूपये क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय 1,20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा एक नयी कार खरीदने हेतु विपक्षी संख्या 03 से दिनॉंक 17.12.2019 को संपर्क किया गया। विपक्षी संख्या 07 वहॉं उपस्थित मिले जिन्होंने Mahindra Alturas G4 कार की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया और परिवादी द्वारा टेस्ट ड्राइव लिया गया। परिवादी उक्त कार से काफी प्रभावित था और विपक्षी संख्या 07 द्वारा उन्हें उक्त कार खरीदने के लिए बाध्य किया गया जिस पर कार के अंतिम मूल्य के बारे में तय किया गया। उक्त कार एक डेमो कार थी जो खरीददारों द्वारा चलायी जाती थी। विपक्षी संख्या 07 द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया कि गाड़ी बिल्कुल नयी है और मामूली खरोच है जिसको पेन्ट करके दूर कर दिया जायेगा जिसके लिये कार के दाम में कमी कर 25,50,000.00 रूपये किया गया है। इसके उपरान्त विपक्षी संख्या 04 द्वारा परिवादी को संतुष्ट किया गया और कहा गया कि इसमें कोई भी तकनीकी खराबी नहीं है और डेमो कार होने के कारण मूल्य में इतनी कमी की जा रही है। विपक्षी संख्या 07 द्वारा बुकिंग धनराशि जमा करने के लिये कहा गया जो अंतिम भुगतान में समायोजित किया जायेगा। अगली तिथि को परिवादी द्वारा 1,00,000.00+1750.00 रूपये भुगतान किया गया। विपक्षी संख्या 07 द्वारा अवगत कराया गया कि अगले दिन उन्हें कार की डिलीवरी दी जायेगी। परन्तु ऐसा नहीं किया गया और काफी अनुरोध के बाद दिनॉंक 01.01.2020 को गाड़ी उपलब्ध करायी गयी। गाड़ी उपलब्ध होने के दो-तीन दिन पश्चात जब परिवादी द्वारा उक्त गाड़ी का पूरा परीक्षण किया गया तो पाया गया कि उस गाड़ी का दाहिना दरवाजा सही तरीके से बन्द नहीं हो रहा था और गाड़ी से अनेकों आवाजें आ रही थीं, तथा गाड़ी में झटके भी लग रहे थे। दिनॉंक 05.01.2020 को परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 07 को सभी कमियों के बारे में अवगत कराया गया जो दो-तीन दिन बाद आकर परिवादी से गाड़ी की चेकिंग करने के लिये ले गये। पुन: परिवादी द्वारा गाड़ी स्तेमाल करने पर पाया गया कि गाड़ी में सभी कमियॉं यथावत थी और विपक्षी संख्या 07 द्वारा कुछ भी नहीं किया गया था जिन्होंने अवगत कराया कि यह टेस्ट ड्राइव गाड़ी है और कुछ समस्यायें रहती हैं इसी कारण मूल्य में कमी की गयी। विपक्षी संख्या 03 व 07 की लापरवाही एवं शिथिलता के कारण परिवादी द्वारा स्वयं कॉर्स 24 से तकनीकी जॉंच करायी गयी जिनके द्वारा रिपोर्ट बनायी गयी जिसमें अवगत कराया कि दाहिना दरवाजा बदला गया है और गाड़ी दुर्घटनागस्त है तथा इसका अधिकतम मूल्य 15,00,000.00 रूपये ही है, जिस पर परिवादी को अत्यन्त आश्चर्य हुआ कि एक माह के अन्दर ही गाड़ी में इतनी सारी कमियॉं आ गयी और इसका मूल्य 10,00,000.00 रूपये कम हो गया। उक्त कार्स 24 की रिपोर्ट को विपक्षी संख्या 07 को उपलब्ध कराते हुए परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 03 के आफिस में शिकायत दर्ज करायी गयी, परन्तु उनके द्वारा भी यही बताया गया कि इस गाड़ी में कोई भी यांत्रिक व तकनीकी खराबी नहीं है। उक्त शिकायतों के अतिरिक्त एक्सिस बैंक विपक्षी संख्या 08 जिनके द्वारा लोन स्वीकृत किया गया था ने भी धोखा-धड़ी की और अतिरिक्त पैसे की मॉंग की गयी। विपक्षी संख्या 08 द्वारा परिवादी को गाड़ी लोन के दस्तावेजों को उपलब्ध नहीं कराया गया। विपक्षी संख्या 04 द्वारा भी परिवादी को अवगत कराया गया कि तीसरे पक्ष की जॉंच रिपोर्ट मान्य नहीं है केवल कम्पनी की परीक्षण रिपोर्ट ही उनके द्वारा मान्य की जाती है, जिसके आधार पर कार्यवाही की जाती है। विपक्षी संख्या04 द्वारा अवगत कराया गया कि उनके यहॉं से कार ले जाकर अधिकृत सर्विस स्टेशन से इसकी जॉंच करायी जायेगी। दिनॉंक 15.02.2020 को उक्त कार जॉंच हेतु ले जायी गयी। परिवादी द्वारा दिनॉंक 13.02.2020 से 07.03.2020 तक विपक्षीगण को कार में कमियों के विषय में ई-मेल द्वारा अवगत कराया गया। परिवादी द्वारा विपक्षीगण से अनुरोध किया गया कि जबतक गाड़ी में सम्पूर्ण्ा कमियॉं दूर नहीं की जाती है तब तक उसे महिन्द्रा के सर्विस स्टेशन पर ही रखा जाए। दिनॉंक 21.02.2020 को परिवादी को एक चेकशीट उपलब्ध करायी गयी परन्तु इसमें दरवाजा तथा अन्य कमियों के विषय में कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया। पुन: परिवादी द्वारा विपक्षीगण से संपर्क करने का प्रयास किया गया। दिनॉंक 25.02.2020 को परिवादी द्वारा एक लिखित नोटिस स्पीड पोस्ट द्वारा विपक्षी संख्या 03 को भेजा गया और अनुरोध किया गया कि जो भुगतान उन्हें किया गया है उसे वापस कर दिया जाए, क्योंकि उनके द्वारा परिवादी के साथ धोखा-धड़ी की गयी है। अगले दिन विपक्षी संख्या 04 द्वारा परिवादी से संपर्क कर उन्हें बुलाया गया जिनके द्वारा कार्स 24 की रिपोर्ट को अमान्य किया गया और अवगत कराया गया कि कार दुर्घटनाग्रस्त नहीं है और कार में कमियों को दूर नहीं किया गया तथा परिवादी को विपक्षी संख्या 04 द्वारा भी संतुष्ट नहीं किया गया। दिनॉंक 07.03.2020 को परिवादी को एक इनवाइस 21,40,381.00 रूपये की विपक्षी संख्या 05 से प्राप्त हुई जिस पर परिवादी ने उत्तर देते हुए उनसे अनुरोध किया कि इस इनवाइस को ठीक कर 25,500.00 (गलत दर्ज) इनवाइस देने को कहा गया परन्तु परिवादी को इसका भी कोई उत्तर नहीं मिला। इसके उपरान्त परिवादी द्वारा दिनॉंक 24.06.2020 को विपक्षी संख्या 01 एवं 04 को एक विधिक नोटिस भेजा गया जिसके विषय में विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादी को उत्तर प्रेषित किया गया। पुन: एक अनुस्मारक नोटिस दिनॉंक 08.07.2020 को भेजा गया। परिवादी का कथन है कि कार अभी तक महिन्द्रा सर्विस स्टेशन पर उपलब्ध है जो जालसाजी एवं धोखा-धड़ी कर उन्हें उपलब्ध करायी गयी थी। परिवादी का कथन है कि उनके द्वारा 25,50,000.00 रूपये का भुगतान किया जा चुका है, परन्तु विपक्षीगण द्वारा एक त्रुटिपूर्ण इनवाइस ईमेल द्वारा दिनॉंक 07.03.2020 को उपलब्ध करायी गयी जिसके फलस्वरूप विपक्षीगण द्वारा सेवा में अनुचित व्यापार व्यवहार करते हुए सेवा में कमी की गयी है। परिवादी को दुर्घटनागस्त गाड़ी जिसमें अनेकों कमियॉं थी वह विपक्षी संख्या 01 से 07 द्वारा उपलब्ध करायी गयी और कोई तकनीकी रिपोर्ट भी इतने दिनों पश्चात उपलब्ध नहीं करायी गयी है। विपक्षी संख्या 08 द्वारा भी कार ऋण के दस्तावेजों को उपलब्ध नहीं कराकर धोखा-धड़ी की गयी है। परिवादी द्वारा अवगत कराया गया है कि बिना कार के इस्तेमाल किये ही उनके द्वारा 25,50,000.00 रूपये विपक्षी संख्या 08 को भुगतान किया जा चुका है। अत: परिवादी भुगतान की गयी सम्पूर्ण राशि क्षतिपूर्ति के साथ प्राप्त करने का अधिकारी है।
विपक्षी संख्या 03 से 07 ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत करते हुए परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों से इनकार किया तथा अतिरिक्त कथन किया कि परिवादी को गाड़ी खरीदने के लिये बाध्य नहीं किया गया था। परिवादी स्वयं “ Mahindra Alturas G4” गाड़ी से अत्यधिक प्रभावित था और खरीदने की इच्छा रखते हुए परिवादी द्वारा टेस्ट ड्राइव किया गया। परिवादी भली-भॉति अवगत था कि यह एक डेमो कार है। परन्तु उसकी विशेषताओं को देखते हुए परिवादी उक्त कार को खरीदने के लिये उत्सुक था। डेमो कार जो 20,000 किलोमीटर चली हुई थी, होने के कारण उक्त कार की कीमत 35,28,770.00 रूपये की तुलना में 25,50,000.00 रूपये कीमत बतायी गयी थी। फलस्वरूप 9,78,880.00 रूपये की रियायत की गयी। उक्त रियायत की वजह से ही परिवादी डेमी कार को लेने में उत्सुकता व्यक्त की गयी और टेस्ट ड्राइव के फलस्वरूप क्रय की गयी जिसके लिये दिनॉंक 30.12.2019 को ही सम्पूर्ण औपचारिकताऍं पूर्ण करते हुए उक्त गाड़ी दिनॉंक 01.01.2020 को परिवादी को उपलब्ध करा दी गयी थी। विपक्षीगण द्वारा अपने उत्तर पत्र में अवगत कराया गया है कि दाहिने साइड के पीछे दरवाजे को अभी तक बदला नहीं गया यह एक झूठा आरोप है, और गाड़ी में कोई भी तकनीकी कमी नहीं थी। गाड़ी में तत्काल कमी आ जाने की शिकायत भी असम्भव है। यह एक झूठा व त्रुटिपूर्ण आरोप है । गाड़ी बिल्कुल दुरूस्त हालत में है तथा उसमें कोई कमी नहीं है। परिवादी की सम्पूर्ण शिकायतों का उत्तर ईमेल द्वारा दे दिया गया है। परिवादी की विधिक नोटिस का उत्तर भी उन्हें दे दिया गया है, और उनके सभी आरोप झूठे एवं निराधार हैं। उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि उनके द्वारा कोई भी अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं किया गया तथा सेवा में कमी भी नहीं की गयी है। इसलिए परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
विपक्षी संख्या 08 द्वारा परिवाद पत्र के कथनों से इनकार करते हुए अतिरिक्त कथन किया गया कि विपक्षी एक बैंक है और उनके द्वारा परिवादी को लोन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है जो दिनॉंक 26.10.2020 तक 26,23,653.00 रूपये आती है जिसमें मूल तथा ब्याज सम्मिलित है। बैंक द्वारा किसी प्रकार का बीमा योजना परिवादी को नहीं दिया गया है। परिवादी को बैंक के नियमों तथा नीति के अनुसार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशों के अन्तर्गत ही कार लोन उपलब्ध कराया गया इसलिए परिवादी का उनके ऊपर आरोप निराधार, झूठा तथा तुच्छ है। अत: परिवादी को निर्देशित किया जाए कि वह लोन से संबंधित समस्त ई0एम0आई0 एवं अतिरिक्त व्ययों का सम्पूर्ण भुगतान करें।
पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि परिवादी ने नयी कार खरीदने की इच्छा से “ Mahindra Alturas G4” कार कम्पनी में जाकर जानकारी प्राप्त करने पर उसे ज्ञात हुआ कि कम्पनी में एक डेमो कार भी उपलब्ध थी जिसका परीक्षण परिवादी द्वारा भली-भॉति किया गया और टेस्ट ड्राइव कर गाड़ी के संचालन का भी परीक्षण किया गया। उक्त डेमो कार के संचालन एवं उसकी स्थिति से प्रभावित होकर परिवादी ने विपक्षीगणों से वार्ता कर उसकी कीमत जानकर जिसमें लगभग 10,00,000.00 रूपये की रियायत की गयी थी, डेमो कार को खरीदने को राजी हुआ। डेमो कार एक ऐसी गाड़ी होती है जिसे कार खरीदने वाले उपभोक्ता को चलाने को देकर उन्हें गाड़ी के संचालन की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाती है। डेमो कार बहु हाथ (Multi handed driver) से चलाने वाली गाड़ी होती है जिसे अनेकों लोगों के द्वारा चलाकर टेस्ट किया जाता है। एकल हाथ (Single handed driver) से संचालित कार एवं बहु हाथ से संचालित कार में अन्तर होता है। क्योंकि एकल हाथ (Single handed driver) से संचाललित कार की स्थिति अच्छी होती है तथा उसकी ब्रेक, क्लच, और एक्सीलेटर (त्वरक) में समान रूप से समन्वय होता है। वहीं बहु हाथ (Multi handed driver) से संचालित गाडि़यों की हालत अच्छी नहीं रह जाती है और इसमें उक्त तीनों यांत्रिकों के समन्वय में कमी के कारण गड़बड़ी आ जाती है। परिवादी को दिखायी गयी डेमो कार 20000 किलोमीटर चली हुई थी। यदि एक टेस्ट ड्राइव करने वाले व्यक्ति द्वारा अनुमानत: बीस किलोमीटर कार चलायी जाती है तो बीस हजार किलोमीटर चलाने के लिये लगभग 1000 टेस्ट ड्राइव हो जाती है और एक हजार टेस्ट ड्राइव की गाडि़यों में बहु हाथ से संचालन के कारण कार की हालत में गड़बड़ी हो जाना/कमी आ जाना स्वाभाविक होता है। परिवादी उक्त कार के बीस हजार किलोमीटर चलाये जाने से भली-भॉंति अवगत था और परिवादी विपक्षीगण से वार्ता करके संतुष्ट होने के बाद ही उक्त कार को क्रय किया गया। गाड़ी प्राप्त करने के दो तीन में ही कमियाँ आ जाने पर परिवादी द्वारा विपक्षीगण को अवगत कराने पर गाड़ी की चेकिंग के लिये सर्विस स्टेशन ले जाया गया। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को चेकिंग के उपरान्त अवगत कराया गया था कि डेमो कार में कुछ समस्यायें रहती हैं जिसके कारण ही मूल्य में इतनी अधिक रियायत की गयी। पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों से यह भी प्रतीत होता है कि परिवादी द्वारा एक थर्ड पार्टी परीक्षण भी कराया था जिनके द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया था कि यह एक दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी है जिसमें अनेकों गड़बडि़यॉं हैं। परन्तु इससे विपक्षीगण द्वारा इनकार किया गया है और इस संदर्भ में स्पष्ट किया गया है कि जो कुछ गड़बड़ी है व डेमो कार होने के कारण ही हैं। डेमो गाड़ी लेने से पूर्व ही परिवादी को भली-भॉंति समझ लेना चाहिए था कि उक्त डेमो गाड़ी बीस हजार किलोमीटर चली हुई थी। अनेकों लोगों द्वारा चलायी गयी होगी, इसलिए इसमें कमी होना स्वाभाविक था। चॅूंकि “ Mahindra Alturas G4” की वारन्टी तीन वर्ष एवं एक लाख किलोमीटर की होती है और यह डेमी गाड़ी बीस हजार किलोमीटर से कुछ ही अधिक चली होगी, इसलिये यह गाड़ी वारन्टी पीरियड के अन्तर्गत है और वारन्टी पीडियड के अन्तर्गत किसी वस्तु के खरीदने के उपरान्त कमी आ जाने पर विक्रेता/कम्पनी की जिम्मेदारी होती है कि वह उस वस्तु को ठीक कराये और उपभोक्ता को संतुष्ट करे। वारन्टी नियमों के अन्तर्गत परिवादी इसका हकदार है कि वह उसके द्वारा खरीदी गयी “ Mahindra Alturas G4” विपक्षी कम्पनी द्वारा, जो भी कमियॉं हैं उन्हें दूर कर उसे उपलब्ध करायी जाए। ऐसी परिस्थिति में परिवादी को यह अधिकार है कि विपक्षीगण से खरीदी गयी उक्त “ Mahindra Alturas G4” गाड़ी की तकनीकी, यांत्रिक जॉंच कराते हुए सभी कमियों को दूर कराकर ही प्राप्त करायें। ऐसी परिस्थिति में परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी संख्या 03 से 07 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी की जमा कार को पुन: गहन तकनीकी व यांत्रिक जॉंच कराकर जो भी उसमें कमियॉं हैं उसे निशुल्क इस वाद के निर्णय के 45 दिन के अन्दर दूर कराकर परिवादी को गाड़ी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें और विपक्षी संख्या 08 को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी से वसूली जा रही लोन की किस्त उक्त 45 दिन स्थगित रखेगें तथा परिवादी को गाड़ी की संपूर्ण चेकिंग हो जाने के उपरान्त प्राप्त हो जाने के बाद ही लोन किस्त की मॉंग करेंगें। जिसे अदा करना परिवादी की जिम्मेदारी होगी।
(अशोक कुमार सिंह) (अरविन्द कुमार)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।