Uttar Pradesh

StateCommission

A/2268/2015

abdul Hakim Anshari - Complainant(s)

Versus

Mahindra & Mahindra Financial Services Ltd - Opp.Party(s)

Naveen Tiwari

01 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2268/2015
( Date of Filing : 29 Oct 2015 )
(Arisen out of Order Dated 25/08/2015 in Case No. c/100/2012 of District Jaunpur)
 
1. abdul Hakim Anshari
Jaunpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahindra & Mahindra Financial Services Ltd
Jaunpur
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2060/2015
( Date of Filing : 05 Oct 2015 )
(Arisen out of Order Dated 25/08/2015 in Case No. c/100/2012 of District Jaunpur)
 
1. Mahindra & MahindrFiandial Service Ltda
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Abdul Hkim anshari
Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Nov 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2268/2015

अब्‍दुल हकीम अंसारी पुत्र इम्तियाज अंसारी, निवासी जफराबाद रसूलाबाद, जौनपुर।

                             अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्  

1.    महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0, सिटी टावर, वाजिदपुर तिराहा, जौनपुर, द्वारा ब्रांच मैनेजर।

2.    महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0, साधना हाउस, 2nd फ्लोर, बिहाइंड महेन्‍द्रा टावर, मकान नं0 570, पीबी मार्ग, बरेली, मुम्‍बई 400018, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

3.    दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0, द्वारा अथराइज्‍ड रिप्रिजें‍टेटिव एण्‍ड ब्रांच मैनेजर, ब्रांच आफिस दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0, ताड़तला, जौनपुर।

4.    दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0, ओरियण्‍टल हाउस पोस्‍ट बाक्‍स नं0-7037, ए-25/27, असफ अली रोड, नई दिल्‍ली 110002, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

                      प्रत्‍यर्थीगण्‍/विपक्षीगण

एवं

अपील संख्‍या-2060/2015

महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0, महेन्‍द्रा  टावर, फैजाबाद रोड, लखनऊ।

ऑन बिहाप आफ

महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0, सिटी टावर, वाजिदपुर तिराहा, जौनपुर, द्वारा ब्रांच मैनेजर।

महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0, साधन हाउस, 2nd फ्लोर, महेन्‍द्रा टावर, वर्ली मुम्‍बई 400018, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

                             अपीलार्थीगण/विपक्षी सं0-1 व 2

बनाम्  

1.    अब्‍दुल हकीम अंसारी पुत्र इम्तियाज अंसारी, निवासी जफराबाद रसूलबाद, जौनपुर।

2.    दि ओरियण्‍टल इंश्‍योरेंस कं0लि0, द्वारा ब्रांच मैनेजर, ताड़तला, जौनपुर।

 

                      प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-3

-2-

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

परिवादी की ओर से उपस्थित          : श्री नवीन कुमार तिवारी।

महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा की ओर से उपस्थित : श्री ए.के. श्रीवास्‍तव।

बीमा कंपनी की ओर से उपस्थित       : श्री विवेक कुमार सक्‍सेना।

दिनांक:  01.11.2022 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.                    उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्‍या-2268/2015 तथा अपील  संख्‍या-2060/2015,  परिवाद  संख्‍या-100/2012, अब्‍दुल हकीम अंसारी बनाम महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि0 तथा तीन अन्‍य में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.08.2015 के विरूद्ध क्रमश: परिवादी एवं विपक्षी संख्‍या-1 एवं 2 द्वारा प्रस्‍तुत की गई हैं। चूंकि दोनों अपीलें एक ही निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध योजित की गई हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-2268/2015 अग्रणी अपील होगी।

2.          उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

3.          प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील संख्‍या-2268/2015 स्‍वंय परिवादी द्वारा इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि विपक्षी संख्‍या-3 एवं 4 के विरूद्ध अवैध रूप से परिवाद खारिज किया गया है और केवल 34,200/- रूपये परिवादी को अदा करने का आदेश देना विधि विरूद्ध है। केवल 06 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का भी आदेश दिया गया है, जबकि 18 प्रतिशत की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया जाना चाहिए था। यह भी आधार लिया गया है कि परिवादी कुल बीमित मूल्‍य अंकन 4,06,400/- रूपये में से फाइनेन्‍सर को अंकन 2,90,000/- रूपये अदा करने के बाद परिवादी अंकन 1,16,400/- रूपये 18 प्रतिशत ब्‍याज के साथ प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है।

 

 

-3-

4.          प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील संख्‍या-2060/2015 विपक्षी संख्‍या-1 एवं 2 द्वारा इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि बीमा कंपनी द्वारा अंकन 2,90,000/- रूपये का भुगतान अपीलार्थीगण/विपक्षी संख्‍या-1 एवं 2 को नहीं किया गया है और केवल लिखित कथन में इस राशि के भुगतान का उल्‍लेख कर दिया है।

5.          परिवादी द्वारा परिवाद प्रस्‍तुत करते हुए निम्‍न अनुतोष की मांग की गई है :-

अ.          '' विपक्षीगण को आदेशित किया जावे कि वे अपने द्वारा की जा रही सेवाओं में कमी को तत्‍काल दूर कर देवे व विपक्षी संख्‍या-2 कोई कार्यवाही बावत वसूली कथित बकाया किसी माध्‍यम से विरूद्ध परिवादी न करे बल्कि वह विपक्षी सं0-3 से टोटल लास के आधार पर प्रश्‍नगत गाड़ी की कीमत की वसूली करे एवं बकाये से ज्‍यादा वसूली गयी धनराशि परिवादी को मय 18 प्रतिशत ब्‍याज उचित, सत्‍य, शुद्ध, वैध हिसाब किताब प्रश्‍नगत संव्‍यवहार का करके वापस कर देंवे।

ब.          परिवादी को विपक्षीगण से मु0 1,00,000/- रू0 बतौर क्षतिपूर्ति दिलाया जावे जो परिवादी को शारीरिक, मानसिक एवं अन्‍य क्षति से हुई है। ''

6.          परिवाद पत्र के तथ्‍यों के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा एक यात्री वाहन बोलेरो (महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा) यू.पी. 62 एम. 9708 अंकन 5,08,340/- रूपये में क्रय की गई। मार्जिन मनी अंकन 1,50,340/- रूपये परिवादी ने जमा किया था और अंकन 3,50,000/- रूपये ऋण प्राप्‍त किया था। यह वाहन दिनांक 25.01.2007 को दुर्घटनाग्रस्‍त होकर पूर्ण रूप से नष्‍ट हो गया। बीमा क्‍लेम तत्‍कालिन वाहन स्‍वामी ने टोटल लास (पूर्ण क्षति) के आधार पर कुल 2,90,000/- रूपये प्राप्‍त कर वाहन विपक्षी संख्‍या-3 के नाम ट्रांसफर कर दिया और वर्तमान में यह वाहन विपक्षी संख्‍या-3 के नाम से आर.टी.ओ. कार्यालय में दर्ज है। परिवादी अंकन 3,50,000/- रूपये के बदले अंकन 4,56,500/- रूपये अदा कर चुका है।

 

 

-4-

7.          परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिवचनों के आधार पर यह स्थिति स्‍पष्‍ट होती है कि परिवादी द्वारा अंकन 3,50,000/- रूपये का ऋण प्राप्‍त किया गया, उसका यह कहना है कि अंकन 4,56,500/- रूपये जमा कर चुका है, परन्‍तु इस राशि के जमा करने के बावजूद यह निष्‍कर्ष नहीं दिया जा सकता कि उसके द्वारा सम्‍पूर्ण राशि अदा कर दी गई है, क्‍योंकि ऋण अंकन 3,50,000/- रूपये का प्राप्‍त किया गया है। किश्‍तों का भुगतान किस समयावधि में किया गया, कितनी धनराशि अदा की गई, कितना ब्‍याज लगा, कितना दण्‍ड ब्‍याज लगा, यह सुनिश्‍चित करना संभव नहीं है। इसी प्रकार बीमा कंपनी का भी यह दायित्‍व नहीं है कि वह यह सुनिश्‍चित करे कि परिवादी द्वारा लिए गए ऋण की कितनी राशि बकाया है और कितनी अदा करनी है। चूंकि बीमा कंपनी द्वारा क्षति के आंकलन के अनुसार अंकन 2,90,000/- रूपये का भुगतान किया जा चुका है, इसलिए विपक्षी संख्‍या-3 व 4 के विरूद्ध परिवाद खारिज कर कोई वैधानिक त्रुटि कारित नहीं की गई है, इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई अपील, अर्थात अपील संख्‍या-2268/2015 निरस्‍त होने योग्‍य है

8.          महेन्‍द्रा एण्‍ड महेन्‍द्रा के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अंकन 34,200/- रूपये की राशि परिवादी को अदा करने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए, क्‍योंकि परिवादी पर केवल 2,58,800/- रूपये बकाया नहीं है, अपितु अधिक राशि बकाया है, जो अंकन 9,52,423/- रूपये की सीमा तक जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपने निर्णय एवं आदेश पारित करते समय केवल यह उल्‍लेख कर दिया है कि परिवादी द्वारा इस राशि का ऋण जमा किया गया और इतनी राशि वापस जमा कर दी गई है। यह उल्‍लेख करने मात्र से यह निष्‍कर्ष नहीं दिया जा सकता कि यथार्थ में समस्‍त ऋण उस पर देय ब्‍याज आदि की अदायगी हो चुकी है, इसलिए अंकन 34,200/- रूपये वापस लौटाने का आदेश भी बगैर किसी आधार के पारित किया गया है। अत: यह अपील, अर्थात अपील संख्‍या-2060/2015 स्‍वीकार होने योग्‍य है

 

 

 

 

-5-

आदेश

9.             अपील संख्‍या-2060/2015 स्‍वीकार की जाती हैं। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.08.2015 इस संबंध में अपास्‍त किया जाता है कि विपक्षी संख्‍या-1 एवं 2 यानी अपीलार्थीगण परिवादी को अंकन 34,200/- रूपये अदा करें। शेष निर्णय एवं आदेश यथावत् रहेगा।

            अपील संख्‍या-2268/2015 निरस्‍त की जाती है।

उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगें।

इस निर्णय एवं आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-2268/2015 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

      आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(विकास सक्‍सेना)                        (सुशील कुमार)

   सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

 

लक्ष्‍मन, आशु0,   

   कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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