राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-846/2016
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, गोण्डा द्वारा इजरा वाद संख्या 20/2015 में पारित आदेश दिनांक 01.04.2016 और 03.03.2016 के विरूद्ध)
Parmeshwar Dutt Shukla son of Vishnu Dutt resident of village- Ahiraulia, Pergana- Gonda, Tehsil- Gonda, District- Gonda
...................अपीलार्थी/डिक्रीदार
बनाम
- Mahindra and Mahindra Limited Firm Division Marketing office Akarli Road Kandivali Mumbai East 400101
- Prakash Tractors, Dealer Mahindra and Mahindra Limited near District Hospital Station Road Gonda
................प्रत्यर्थीगण/निर्णीतऋणीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अम्बरीश कुमार पाण्डेय,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 25-04-2017
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
इजरावाद संख्या 20/2015 परमेश्वर दत्त शुक्ल बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 व एक अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम गोण्डा द्वारा पारित आदेश दिनांक 03/03/2016 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्त इजरावाद के डिक्रीदार परमेश्वर दत्त शुक्ल ने धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986, के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्त निष्पादनवाद इस निर्देश के साथ निस्तारित किया कि परिवादी अपना मरम्मत किया गया ट्रैक्टर विपक्षी से तत्काल प्राप्त करें एवं विपक्षी परिवादी के मरम्मत किए ट्रैक्टर पर छ: माह की वारंटी भी दे।
जिला फोरम के आदेश से क्षुष्ध होकर डिक्रीदार ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अम्बरीश कुमार पाण्डेय उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगढ पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माने जाने पर भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुनकर अपील का निस्तारण किया जा रहा है।
परिवाद संख्या-184/2014 परमेश्वर दत्त शुक्ल बनाम महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 के निष्पादन हेतु उपरोक्त इजरा वाद संख्या 20/2015 जिला फोरम गोण्डा में पंजीकृत किया गया है।
उपरोक्त परिवाद संख्या 184/2014 में जिला फोरम ने निम्नलिखित आदेश पारित किया है।
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को विक्रय किए गए ट्रैक्टर की पूर्ण मरम्मत व ठीक करके निर्णय पारित होने के दिनांक से एक माह में परिवादी को प्राप्त करा दे।
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यदि उपरोक्त अवधि में ट्रैक्टर ठीक नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में विपक्षीगण परिवादी से ट्रैक्टर प्राप्त करके ट्रैक्टर का मूल्य 650000/-रू0 परिवादी को वापस करेंगे। विपक्षीगण परिवादी को परिवाद व्यय के रूप में 2000/-रू0 का भुगतान करेंगे।
परिवादी ने लगभग एक वर्ष तक ट्रैक्टर को चलाया है अत: मानसिक कष्ट के रूप में क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती है।
अपीलार्थी/डिक्रीदार के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/निर्णीतऋणी को उसने जिला फोरम के निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 की प्रति दिनांक 24/04/2015 को रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित किया है फिर भी उन्होंने निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 में निर्धारित समय के अंदर उसका अनुपालन नहीं किया। तब परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष निष्पादनवाद प्रस्तुत किया। अत: जिला फोरम के निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 के अनुसार अपीलार्थी/डिक्रीदार, प्रत्यर्थी/विपक्षीगण से ट्रैक्टर का मूल्य 650000/- रू0 वापस पाने का अधिकारी है। अत: जिला फोरम ने जो आदेश पारित किया है वह निष्पादन अधीन निर्णय के विरूद्ध है।
हमनें अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया है। जिला फोरम के निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 के तामीला के बाद निर्धारित समय के अंदर प्रत्यर्थी/विपक्षी ने निर्णय में दिए गए निर्देश का पालन किया है, यह निर्णित करने हेतु यह देखना आवश्यक है कि प्रत्यर्थीगण को निर्णय की प्रति कब प्राप्त हुई है। इसके साथ ही उल्लेखनीय है कि जिला फोरम ने यह सुनिश्चित किए बिना कि ट्रैक्टर निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 के द्वारा पूर्ण रूप से ठीक कर दिया गया है निष्पादनवाद की कार्यवाई आक्षेपित आदेश के द्वारा समाप्त कर दी क्योंकि पत्रावली पर इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ट्रैक्टर पूर्णरूप से प्रत्यर्थीगण ने ठीक कर दिया है।
अत: उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस मत के हैं कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 03/03/2016 अपास्त
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कर जिला फोरम को यह निर्देशित किया जाना उचित प्रतीत होता है कि वह उभयपक्ष को अपने कथन के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर देकर जिला फोरम के निर्णय और आदेश दिनांक 21/02/2015 का पूर्णरूप से विधि के अनुसार निष्पादन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही जिला फोरम को यह भी निर्देशित किया जाना आवश्यक है कि वह निष्पादनवाद की कार्यवाई समाप्त करने से पूर्व यह सुनिश्चित करे कि ट्रैक्टर को जिला फोरम के आदेश दिनांक 21/02/2015 के अनुसार पूर्ण रूप से ठीक कर दिया गया है और वह त्रुटि रहित हो चुका है। जब तक यह प्रमाणित न हो जाए तब तक निष्पादनवाद की कार्रवाई अंतिम रूप से समाप्त किया जाना उचित नहीं है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है और जिला फोरम को पुन: विधि के अनुसार उपरोक्त विवेचना के प्रकाश में उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का अवसर देकर आदेश पारित करने का निर्देश दिया जाता है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य
सुधांशु आशु0
कोर्ट नं0-1