Uttar Pradesh

StateCommission

C/2013/56

Ajay Kumar Singh - Complainant(s)

Versus

Mahindra and Mahindra Ltd - Opp.Party(s)

Shailendra Srivastava

08 Aug 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2013/56
( Date of Filing : 24 Apr 2013 )
 
1. Ajay Kumar Singh
a
...........Complainant(s)
Versus
1. Mahindra and Mahindra Ltd
a
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 08 Aug 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

परिवाद संख्‍या:-56/2013

Ajay Kumar Singh, Age About 40 years S/o Sri Raghuraj Singh, R/o 627/02, Vijaeepur, Naya gaon, Ghazipur, District Lucknow.

........... Complainant

Versus    

1-    Mahindra & Mahindra Ltd., Gateway Building, Near Gateway of India, Apollo Bunder, Mumbai-400039.

2-    Mahindra & Mahindra Automotive Division Automotive Sector, Mahindra Towers-3rd Floor, Akruli Road, Kandivali (East), Mumbai-400101

3-    Mahindra & Mahindra Ltd., Automobile Centre, 3rd Floor, Mahindra Tower, H.A.L., Faizabad Road, Lucknow.

4-    A. Automovers Pvt. Ltd., though Director 10, Lalbagh, Lucknow-226001

  ……..…. Opposite Parties 

समक्ष :-

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य

परिवादी के अधिवक्‍ता     : श्री शैलेन्‍द्र श्रीवास्‍तव

विपक्षी के अधिवक्‍ता     : श्री के0एन0 शुक्‍ला

दिनांक :-24-8-2018                                        

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय   

प्रस्‍तुत परिवाद परिवादी ने विपक्षीगण से 18,00,000.00 रू0 मय ब्‍याज की वापसी तथा क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु योजित किया गया है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने महिन्‍द्रा XUV 5008 दिनांक 17.7.2012 को विपक्षी सं0-4 से 13,32,304.00 रू0 में क्रय किया था। वाहन क्रय करने के तीसरे दिन से वाहन का ब्रेकिंग सिस्‍टम खराब हो गया, जिसका निराकरण परिवादी द्वारा शिकायत किए जाने पर विपक्षी सं0-4 द्वारा किया गया। ब्रेकिंग

-2-

सिस्‍टम के फेल हो जाने के कारण दिनांक 16.11.2012 को प्रश्‍नगत वहन की टक्‍कर एक अन्‍य वाहन से हो गई, जिसके कारण प्रश्‍नगत वाहन को विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर पर लाया गया और दिनांक 18.12.2012 को परिवादी के वाहन के अगले डिस्‍क एवं अगले ब्रेक में दोष विदित हुआ जिसे विपक्षी सं0-4 द्वारा ठीक किया गया। दिनांक 13.3.2013 को प्रश्‍नगत वाहन को चेकअप के लिए विपक्षी सं0-4 के पास लाया गया। दिनांक 18.3.2013 को पिछले बांये तरफ के दरवाजे के स्‍विच के क्रियाशील न होने की जानकारी परिवादी को हुई अत: वाहन विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर में लाया गया तथा प्रश्‍नगत वाहन के दो पार्ट बदले गये। इस प्रकार वाहन क्रय करने के उपरांत प्रश्‍नगत वाहन में निरंतर कोई न कोई खराबी रही। दिनांक 12.4.2013 को प्रश्‍नगत वाहन के अगले पहिये से आवाज आने के दोष के निराकरण हेतु वाहन विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर पर लाया गया, इस प्रकार वाहन क्रय करने के उपरांत निरंतर वाहन की कमियों को दूर करने हेतु वाहन को सर्विस सेंटर में लाया गया। अत: वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष होने के कारण कुछ न कुछ खराबी निरंतर होती रही। परिवादी ने वाहन को बदलने की मॉग की, किन्‍तु उसकी मॉग को अनसुनी कर दिया गया, तदोपरांत परिवादी ने विधिक नोटिस भी भेजी, किन्‍तु प्रश्‍नगत वाहन के दोष का निराकरण नहीं किया गया न ही वाहन बदला गया, अत: परिवाद योजित किया गया।

विपक्षी सं0-1 लगायत 3 द्वारा संयुक्‍त प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षी सं0-1 लगायत 3 के कथनानुसार परिवादी ने प्रश्‍नगत वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष अभिकथित किया है, किन्‍तु ऐसे किसी कथित निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष की पुष्टि हेतु कोई विशेषज्ञ आख्‍या परिवादी द्वारा प्र‍ेषित नहीं की गई है। विपक्षीगण का यह भी कथन है कि परिवादी द्वारा समय समय पर जो भी दोष बताये गये उनका

 

-3-

निराकरण विपक्षीगण द्वारा किया गया तथा आवश्‍यकतानुसार सम्‍बन्धित पार्टस् भी बदले गये।

विपक्षी सं0-4 द्वारा भी समान तथ्‍य प्रतिवाद पत्र में अभिकथित किए गये। विपक्षी सं0-4 का यह भी कथन है कि विपक्षी सं0-4 प्रश्‍नगत वाहन का निर्माता नहीं है, मात्र डीलर है अत: प्रश्‍नगत वाहन के मूल्‍य की अदायगी अथवा वाहन को बदल कर दूसरे वाहन दिए जाने का अनुतोष विपक्षी सं0-4 के विरूद्ध पारित नहीं किया जा सकता। विपक्षीगण की ओर से यह अभिकथित किया गया कि मात्र कई बार वाहन सर्विस सेंटर पर कथित त्रुटियों के निराकरण हेतु लाये जाने के आधार पर यह नहीं माना जा सकता कि वस्‍तुत: वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी कोई त्रुटि थी। कथित निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि के संदर्भ में कोई विशेषज्ञ आख्‍या परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई है।

परिवादी की ओर से अपने कथन के समर्थन में अपना शपथपत्र, प्रश्‍नगत वाहन क्रय किए जाने के संदर्भ में विपक्षी सं0-4 द्वारा जारी की गई रसीद, पंजीयन प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र एवं प्रश्‍नगत वाहन के विभिन्‍न तिथियों पर विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर में त्रुटियॉ निवारण हेतु प्रस्‍तुत किए जाने पर तैयार की गई जॉब शीट की फोटोप्रति तथा वाहन के इतिहास की फोटोप्रति दाखिल की गई हैं। विपक्षी सं0-1 की ओर से श्री वेनु मण्‍डला, रीजनल कस्‍टर केयर मैनेजर का शपथपत्र दाखिल किया गया है।

हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री शैलेन्‍द्र श्रीवास्‍त द्वारा अधिकृत सुश्री आस्‍था मिश्रा तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री के0एन0 शुक्‍ला के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

यह तथ्‍य निर्विवाद है कि वारण्‍टी अवधि के मध्‍य प्रश्‍नगत वाहन कई बार विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर में त्रुटियों के निवारण हेतु प्रस्‍तुत किया गया। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि वारण्‍टी की शर्तों के अन्‍तर्गत बिना कोई धनराशि प्राप्‍त किए त्रुटियों का निवारण विपक्षी

-4-

सं0-4 द्वारा किया गया तथा आवश्‍यक्‍तानुसार प्रश्‍नगत वाहन के पार्टस् भी बदले गये, मात्र इस आधार की कई बार प्रश्‍नगत वाहन त्रुटियों के निवारण हेतु विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर पर लाया गया स्‍वत: यह प्रमाणित नहीं माना जा सकता कि प्रश्‍नगत वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी कोई दोष है। प्रश्‍नगत वाहन में निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष को साबित करने हेतु कोई विशेषज्ञ आख्‍या भी परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं की गई है। स्‍वयं परिवादी यह स्‍वीकार करता है कि जब-जब वाहन विपक्षी सं0-4 के सर्विस सेंटर पर लाया गया तब-तब त्रुटियों का निवारण किया गया तथा आवश्‍यक्‍तानुसार वाहन के पार्टस् भी बदले गये। ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से विपक्षीगण द्वारा सेवा में त्रुटि कारित किया जाना साबित नहीं है। परिवादी चाहे गये अनुतोष का अधिकारी नहीं माना जा सकता है। तद्नुसार परिवाद निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

उभय पक्ष परिवाद व्‍यय स्‍वयं अपना-अपना वहन करेंगे।

 

    (उदय शंकर अवस्‍थी)              (राज कमल गुप्‍ता)

     पीठासीन सदस्‍य                      सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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