Chhattisgarh

Mahasamund

CC/13/11

SMT TRIVENI BAI AND OTHERS, GRAM KOLDA, POST KOMA KHALARI, BLOCK BAGBHARA , MAHASAMUND C.G. - Complainant(s)

Versus

MAHINDRA AND MAHINDRA FINANCIAL , JHABAK PLAZA 1ST FLOOR, NEAR HDFC BANK, MAHASAMUND C.G. - Opp.Party(s)

GOVIND LAL SAHU

27 Jun 2017

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,  महासमुन्द, जिला-महासमुन्द (छ0ग0)

प्रकरण क्रमाॅंक-11/2013
संस्थित दिनाॅंक-08/04/2013

(1)    श्रीमती त्रिवेणी बाई
पति स्व. साखाराम साहू, उम्र-43 वर्ष लगभग,
(2)    फलेश्वर साहू पिता स्व. साखाराम साहू, उम्र-22 वर्ष लगभग,
(3)    कु. रूपा साहू पिता स्व. साखाराम साहू, उम्र-18 वर्ष लगभग,
(4)    पोमेश साहू पिता स्व. साखाराम साहू, उम्र-16 वर्ष लगभग
आवेदिका क्रं0-3 व 4 द्वारा वल्दी संरक्षक माता श्रीमती त्रिवेणी बाई पति साखाराम साहू, सभी निवासी ग्राम-कोल्दा, पोस्ट-कोमा (खल्लारी) वि.ख. व तह.-बागबाहरा, जिला-महासमुन्द (छ0ग0)
         - - - - परिवादीगण

//विरूद्ध//

1.    महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फायनासियल सर्विसेस लिमिटेड,
    द्वारा-शाखा प्रबंधक,
    झााबक प्लाजा, पहला मंजिल, एच.डी.एफ.सी. बैंक के पास,
    रायपुर रोड़, महासमुन्द, तह. व जिला-महासमुन्द,
    (छ0ग0) पिन-493445
2.    कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड,
    द्वारा प्राधिकृत अधिकारी, शाप नं. 138 से 147,
    1ेज सिवत लालगंगा शापिंग माल, जी.ई. रोड़ रायपुर,
    तह. व जिला रायपुर (छ0ग0)
    मुख्य कार्यालय-कोटक इन पी नीटी, 7 बीं तल, जोन 11,
    बिल्डिंग नं. 21, कोटक इनफीनिटी पार्क आफ वेस्ट्रन एक्सप्रेस
हाईवे, जनरल ए0के0 बैद्यय मार्ग मलाड (ई) मुम्बई-400037
    - - - विपक्षी पक्षकारगण

समक्ष -

श्री अशोक कुमार लूनिया, अध्यक्ष ।
श्री तेजेन्द्र कुमार चन्द्राकर, सदस्य।

श्री ओ0पी0 साहू, अधिवक्ता वास्ते परिवादीगण ।
श्री मुजाहिद अली, अधिवक्ता वास्ते विपक्षी पक्षकार क्र0 1।
श्री हैदर खाॅं कादरी, अधिवक्ता वास्ते विपक्षी पक्षकार क्र0 2 तदुपरान्त एकपक्षीय।

 

//आदेश//
(आज दिनाॅंक    /   /2017 को पारित)
(1)    परिवादीगण ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-12 के अंतर्गत परिवाद सेवा में कमी के आधार पर प्रस्तुत किया है। परिवादीगण ने कथन किया है कि, परिवादी क्रं0-1 का पति एवं परिवादी क्रं0-2, 3 तथा 4 का पिता साखाराम साहू ने वाहन महिन्द्रा ट्रेक्टर 272 डी.आई. पंजीयन क्रमाॅंक-सी.जी.-04/डी.टी./3950 क्रय किया था। मृतक साखाराम साहू, विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से ट्रेक्टर क्रय हेतु 4,20,000/-रू0 का ऋण/लोन लिया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने उक्त ऋण का सुरक्षा हेतु ऋण सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत स्वर्गीय साखाराम साहू का बीमा करवाया था। दिनाॅंक 28/05/2012 को साखाराम साहू की मृत्यु हो गई। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने परिवादीगण पर ऋण वसूली का दबाव निर्मित किया था तब परिवादीगण ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड को ट्रेक्टर वापस कर दिया था, जबकि परिवादीगण ने विपक्षी पक्षकारगण से उक्त बीमाधन की राशि की प्राप्ति हेतु अधिकृत हैं, विपक्षी पक्षकारगण ने परिवादीगण/ नामिनीगण को उक्त बीमाधन की राशि का भुगतान नहीं किया। उपरोक्त आधार पर परिवादीगण ने कथन किया है कि विपक्षी पक्षकारगण ने सेवा में कमी किया है।  
(2)    प्रकरण में स्वीकृत तथ्य है कि, परिवादी क्रं0-1 का पति एवं परिवादी क्रं0-2, 3 तथा 4 का पिता साखाराम साहू ने वाहन महिन्द्रा ट्रेक्टर 272 डी.आई. पंजीयन क्रमाॅंक-सी.जी.-04/डी.टी./3950 क्रय किया था। मृतक साखाराम साहू, विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से ट्रेक्टर क्रय हेतु 4,20,000/-रू0 का ऋण/लोन लिया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने उक्त ऋण का सुरक्षा हेतु ऋण सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत स्वर्गीय साखाराम साहू का बीमा करवाया था।
(3)    परिवादीगण का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादीगण ग्राम कोल्दा, जिला महासमुन्द का निवासी हैं। परिवादी क्रं0-1 का पति एवं परिवादी क्रं0-2, 3 तथा 4 का पिता स्वर्गीय साखाराम साहू ने वाहन महिन्द्रा ट्रेक्टर 275 डी.आई., पंजीयन क्रं0-सी0जी0-04/डी.टी./3950, इंजिन क्रमाॅंक-आर.ए.ई.ओ. 03286 एवं चेसिस क्रमाॅंक-आर.ए.ई.ओ. 03286 क्रय किया था। मृतक साखाराम साहू, विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से 4,20,000/-रू0 की राशि ऋण/लोन स्वरूप प्राप्त किया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने साखाराम साहू का ऋण का सुरक्षा हेतु सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाया था, जिसका पाॅलिसी क्रमाॅंक-1753241 एवं 195317 था। परिवादीगण क्रमशः मृतक बीमाधारक साखाराम साहू का नामिनी एवं उत्तराधिकारीगण हैं। दिनाॅंक 28/05/2012 को साखाराम साहू की मृत्यु हो गई है। बीमाधारक साखाराम साहू को विष सेवन हेतु मजबूर किया गया था, परिणामस्वरूप बीमाधारक साखाराम साहू की मृत्यु हुई थी। इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिस चैकी पटेवा, आरक्षी केन्द्र तुमगाॅंव ने अभियुक्त योगराज साहू के विरूद्ध भा0द0वि0 की धारा-306 का अपराध पंजीबद्ध किया था, जिसका अपराध क्रमाॅंक-184/2012 था। दिनाॅंक 24/07/2012 को आरक्षी केन्द्र तुमगाॅंव ने न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र क्रमाॅंक-169/2012 अभियुक्त योगराज साहू के विरूद्ध प्रस्तुत किया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 ने परिवादीगण से बकाया ऋण राशि की माॅंग किया था तथा विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 ने परिवादीगण पर बकाया राशि की वसूली हेतु दबाव निर्मित किया था, उस समय परिवादीगण की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिसके कारण परिवादीगण ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड को उक्त वाहन ट्रेक्टर क्रमाॅंक- सी0जी0-04/डी.टी./3950 को वापस किया था। इस क्रम में परिवादीगण ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड के माध्यम से विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के समक्ष आवेदन बीमा राशि का भुगतान के लिए प्रस्तुत किया था। विपक्षी पक्षकारगण ने परिवादीगण को बीमा राशि का भुगतान नहीं किया। उपरोक्त आधार पर परिवादीगण ने कथन किया है कि, विपक्षी पक्षकारगण ने सेवा में कमी किया है। परिवादीगण ने निवेदन किया है कि, परिवादीगण को विपक्षी पक्षकारगण से ’’महिन्द्रा लोन सुरक्षा बीमा पाॅलिसी’’ की राशि क्रमशः 4,20,000/-रू0 एवं 1,00,000/-रू0 प्रदान करवाया जावे। परिवादीगण को विपक्षी पक्षकारगण से मानसिक पीड़ा स्वरूप राशि भी प्रदान करवाया जावे।
(4)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने प्रस्तुत जवाबदावा के माध्यम से परिवाद पत्र का खण्डन किया है। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने कथन किया है कि, मृतक साखाराम साहू ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से ट्रेक्टर क्रय हेतु 4,15,000/-रू0 की राशि ऋण स्वरूप प्राप्त किया था। इस परिप्रेक्ष्य में मृतक साखाराम साहू ने ऋण अनुबंध प्रपत्र पर हस्ताक्षर भी किया था। मृतक साखाराम साहू ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के समक्ष लोन सुरक्षा योजना के अंतर्गत बीमा भी करवाया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने दायित्व उन्मोचन स्वरूप कथन किया है कि विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड बीमा कम्पनी नहीं है। मृतक साखाराम साहू का बीमा विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने किया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी पाॅलिसी पर शर्त उल्लेखित था कि, ’’यदि बीमाधारक द्वारा पाॅलिसी जारी दिनाॅंक से एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या किया जाता  है तब बीमाधारक का नामिनी/उत्तराधिकारी बीमाधन की राशि की प्राप्ति हेतु अधिकृत नहीं होंगे।’’ इस परिप्रेक्ष्य में विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने स्पष्ट किया है कि, दिनाॅंक 01/03/2012 को बीमा पाॅलिसी जारी किया गया था, दिनाॅंक 28/05/2013 को साखाराम ने आत्महत्या किया था, परिणामस्वरूप परिवादीगण का दावा निरस्त किया गया है। उपरोक्त आधार पर विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने निवेदन किया है कि परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत परिवाद निरस्त किया जावे।
(5)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने प्रस्तुत जवाबदावा के माध्यम से परिवाद पत्र का खण्डन किया है। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कथन किया है कि विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड कम्पनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत पंजीकृत है। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने प्रतिरक्षा स्वरूप कथन किया है कि, बीमाधारक साखाराम ने आत्महत्या किया था। बीमाधारक साखाराम साहू ने बीमा पाॅलिसी जारी दिनाॅंक से एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या किया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी पाॅलिसी का क्लाॅज-10 पर उल्लेखित किया गया है कि, ’’यदि बीमाधारक द्वारा पाॅलिसी जारी दिनाॅंक से एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या किया जाता है तब बीमाधारक का नाॅमिनीगण को बीमाधन की राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा।’’ परिवादीगण पाॅलिसी पर उल्लेखित शर्तों के अधीन बीमा पाॅलिसी की राशि प्राप्ति हेतु अधिकृत नहीं हैं, जिसके कारण ही विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने परिवादीगण का बीमा दावा का आवेदन को निरस्त किया है। उपरोक्त आधार पर विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कथन किया है कि, विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने सेवा में कमी नहीं किया है।
(6)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने प्रस्तुत अभिवचन की कंडिका-5 का उपकंडिका ष्ब्ष्

पर निम्नानुसार अभिवचन अंकित किया है:-
ष्ज्ीम कमबमंेमक डतण् ैंाीं त्ंउ ैंीन ूंे बवअमतमक  वित जीम अमीपबसम सवंद जंामद इल ीपउ नदकमत सवंद ंहतममउमदज दवेण् 1953241 ंदक 195317 बवउउमदबपदह तिवउ 01ण्03ण्2012 जव 28ण्02ण्2013ण् ज्ीने जूव ब्मतजपपिबंजम व िप्देनतंदबमे ;ब्व्प्द्ध ूमतम पेेनमक जव जीम उमउइमत बवदजंपदपदह ंसस जीम दमबमेेंतल पदवितउंजपवदण्ष् ज्ीम कमजंपसे व िजीम बवअमत ंतम ंे विससवूे रू.
च्वसपबल दवण्    ब्1    ब्1
च्संद    ज्ञवजंा ब्तमकपज ज्मतउ ळतवनचसंद    ज्ञवजंा ब्तमकपज ज्मतउ ळतवनचसंद
छंउम व िजीम डमउइमत    ैंाीं त्ंउ ैंीन    ैंाीं त्ंउ ैंीन
ब्वअमत ब्वउउमदबमउमज क्ंजम    01ण्03ण्2012    01ण्03ण्2012
ब्वअमत जमतउपदंजपवद कंजम    28ण्02ण्2013    28ण्02ण्2013
च्तमउपनउ    त्ेण् 1ए843ध्.    त्ेण् 499ध्.
ब्वअमत ।उवनदज    त्ेण् 4ए20ए000ध्.    त्ेण् 1ए00ए000ध्.

(7)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कथन किया है कि, विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने सेवा में कमी नहीं किया है, विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने बीमा पाॅलिसी पर उल्लेखित क्लाॅज-10 पर उल्लेखित शर्त का उल्लंघन के आधार पर दावा को निरस्त किया है। उपरोक्त आधार पर विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने निवेदन किया है कि परिवादीगण का परिवाद निरस्त किया जावे।
(8)    प्रकरण के निराकरण के लिए निम्न विचारणीय प्रश्न हैं:-
(1) क्या परिवादीगण, परिवाद पत्र पर उल्लेखित अनुतोष की प्राप्ति हेतु अधिकृत हैै ?
(2) सहायता एवं वाद व्यय?    
- निष्कर्ष के आधार -
(9)    उपरोक्त विचारणीय बिन्दुओं का निराकरण निम्नानुसार किया जा रहा है।
विचारणीय बिन्दु क्रं0-1
(10)    इस विचारणीय बिन्दु के अंतर्गत विनिश्चय किया जाना है कि क्या परिवादीगण परिवाद पत्र पर उल्लेखित अनुतोष की प्राप्ति हेतु अधिकृत हैै ? इस विचारणीय बिन्दु के परिप्रेक्ष्य में उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत अभिवचन, शपथपत्र एवं दस्तावेज का अवलोकन किया गया।
(11)    परिवादीगण की ओर से परिवादी श्रीमती त्रिवेणी साहू ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से केवल अभिवचन का समर्थन में शकील अहमद का शपथपत्र प्रस्तुत किया गया है।
(12)    परिवादी ने शपथपत्र समर्थित परिवाद पत्र के माध्यम से कथन किया है कि, परिवादी क्रं0-1 का पति एवं परिवादी क्रं0-2, 3 तथा 4 का पिता स्वर्गीय साखाराम साहू ने वाहन महिन्द्रा ट्रेक्टर 275 डी.आई., पंजीयन क्रं0-सी0जी0-04/डी.टी./3950, इंजिन क्रमाॅंक-आर.ए.ई.ओ. 03286 एवं चेसिस क्रमाॅंक-आर.ए.ई.ओ. 03286 क्रय किया था। मृतक साखाराम साहू, विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड से 4,20,000/-रू0 की राशि ऋण/लोन स्वरूप प्राप्त किया था। विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने साखाराम साहू का ऋण का सुरक्षा हेतु सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत बीमा करवाया था, जिसका पाॅलिसी क्रमाॅंक-1753241 एवं 195317 था। परिवादीगण क्रमशः मृतक बीमाधारक साखाराम साहू का नामिनी एवं उत्तराधिकारीगण हैं। दिनाॅंक 28/05/2012 को साखाराम साहू की मृत्यु हो गई। परिवादीगण ने विपक्षी पक्षकार क्रं0-1 महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फायनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड के माध्यम से विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के समक्ष आवेदन बीमा राशि का भुगतान के लिए प्रस्तुत किया था। विपक्षी पक्षकारगण ने परिवादीगण को बीमा राशि का भुगतान नहीं किया। उपरोक्त आधार पर परिवादीगण ने कथन किया है कि, विपक्षी पक्षकारगण ने सेवा में कमी किया है।
(13)    विपक्षी पक्षकार ने प्रतिरक्षा स्वरूप कथन किया है कि, यदि बीमाधारक द्वारा एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या किया जाता है तब बीमाधारक का नामिनी को बीमाधन की राशि की प्राप्ति की पात्रता नहीं है।
(14)    उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत अभिवचन के परिप्रेक्ष्य में संलग्न दस्तावेज की ओर ध्यान आकर्षित किया गया। परिवादी ने पुलिस समीक्षा रिपोर्ट, अंतिम प्रतिवेदन, एफ0आई0आर0, अकाल मृत्यु सूचना, नक्शा पंचायतनामा, पी0एम0 आवेदन एवं रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र तथा महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा फायनेंस का बीमा निरस्ती सूचना पत्र प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी पक्षकार क्रं0- 01 ने लोन एग्रीमेंट (ऋण अनुबंध), सर्टिफिकेट आॅफ इंश्योरेंस एवं स्टेटमेंट आॅफ अकाउण्ट प्रस्तुत किया है।
(15)    उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत अभिवचन का अवलोकन किया गया। विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 ने प्रस्तुत अभिवचन का कंडिका-5 का उपकंडिका ष्ब्ष् पर निम्नानुसार अभिवचन अंकित किया है:-
ष्ज्ीम कमबमंेमक डतण् ैंाीं त्ंउ ैंीन ूंे बवअमतमक  वित जीम अमीपबसम सवंद जंामद इल ीपउ नदकमत सवंद ंहतममउमदज दवेण् 1953241 ंदक 195317 बवउउमदबपदह तिवउ 01ण्03ण्2012 जव 28ण्02ण्2013ण् ज्ीने जूव ब्मतजपपिबंजम व िप्देनतंदबमे ;ब्व्प्द्ध ूमतम पेेनमक जव जीम उमउइमत बवदजंपदपदह ंसस जीम दमबमेेंतल पदवितउंजपवदण्ष् ज्ीम कमजंपसे व िजीम बवअमत ंतम ंे विससवूे रू.
च्वसपबल दवण्    ब्1    ब्1
च्संद    ज्ञवजंा ब्तमकपज ज्मतउ ळतवनचसंद    ज्ञवजंा ब्तमकपज ज्मतउ ळतवनचसंद
छंउम व िजीम डमउइमत    ैंाीं त्ंउ ैंीन    ैंाीं त्ंउ ैंीन
ब्वअमत ब्वउउमदबमउमज क्ंजम    01ण्03ण्2012    01ण्03ण्2012
ब्वअमत जमतउपदंजपवद कंजम    28ण्02ण्2013    28ण्02ण्2013
च्तमउपनउ    त्ेण् 1ए843ध्.    त्ेण् 499ध्.
ब्वअमत ।उवनदज    त्ेण् 4ए20ए000ध्.    त्ेण् 1ए00ए000ध्.

(16)    परिवादी ने निवेदन किया है कि, विपक्षी पक्षकार द्वारा प्रस्तुत अभिवचन के आधार पर स्पष्ट हो चुका है कि मृतक साखाराम साहू विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 के समक्ष बीमित था।
(17)    परिवादी ने प्रतिरक्षा स्वरूप कथन किया है कि, यदि बीमाधारक द्वारा एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या किया जाता है तब बीमाधारक का नामिनी को बीमाधन की राशि की प्राप्ति की पात्रता नहीं है। विपक्षी पक्षकारगण द्वारा प्रस्तुत प्रतिरक्षा के परिप्रेक्ष्य में पाॅलिसी का क्लाॅज-10 का अवलोकन किया गया। बीमा पाॅलिसी का क्लाॅज-10 निम्नानुसार  है:-
10ण्    ब्संपउेण्
।दल बसंपउए ंतपेपदह ंे ं तमेनसज व िं उमउइमत नदकमत जीपे चवसपबल बवउउपजजपदह ेनपबपकम ूपजीपद वदम लमंत व िबवउउमदबमउमदज व िीपेध्ीमत बवअमतए ूपसस इम कपेंससवूमकण् थ्नतजीमत ूीमतम ंदल उमउइमत बवउउपजे ेनपबपकम ूपजीपद ं लमंत व िंदल पदबतमंेम पद ीपेध्ीमत बवअमतए जीम चवतजपवद व िबवअमत मुनंस जव ेनबी पदबतमंेम ूपसस इम कपेंससवूमकण्
छव बसंपउ ंतपेपदह तिवउ जीम कमंजी व िं उमउइमत कनम जव ंल बंनेम जींद ंद ंबबपकमदज ेींसस इम चंलंइसम ूीमतम ेनबी कमंजी वबबनते ूपजीपद 45 कंले पद ज्ञवजंा बवउचसमजम ब्वअमत ळतवनचसंद ;ज्ञब्ब्च्द्ध - 30 कंले पद बंेम व िज्ञवजंा ब्तमकपज ज्मतउ ळतवनचसंद ;ज्ञब्ज्ळद्ध तिवउ जीम कंजम व िीपेध्ीमत बवउउमदबमउमदज व िबवअमत ीमतमपद ेजंजमकण्
प्द जीम नदवितजनदंजम मअमदज व िउमउइमतश्े कमंजीए ं इमदमपिज ंउवनदज मुनंस जव जीम बवअमत ंउवनदज उमदजपवदमक पद चवपदज 3 ूपसस इम चंपक वनज जव जीम चवसपबलीवसकमतण्
।सस बसंपउ उनेज इम दवजपपिमक जव जीम बवउचंदल जीतवनही जीम चवसपबलीवसकमत पद ूपजीपद 3 उवदजी व िजीम कंजम व िजीम कमंजी व िजीम उमउइमत ंसवदह ूपजी जीपे ब्मतजपपिबंजम ;पद व्तपहपदंसद्ध ंदक कवबनउमदजे ंे ेचमबपपिमक पद जीम चवसपबल कवबनउमदजण् ज्ीम विससवूपदह ंतम ेवउम व िजीम कवबनउमदज चतमेबतपइमक पद जीम चवसपबल कवबनउमदजण्
(18)    विपक्षी पक्षकारगण ने पाॅलिसी पर उल्लेखित क्लाॅज-10 का शर्त का आधार पर निवेदन किया है कि विपक्षी पक्षकारगण ने परिवादीगण का दावा को नियमानुसार निरस्त किया है। अब यह विचार किया जाना है कि, क्या विपक्षी पक्षकारगण द्वारा परिवादीगण का आवेदन/दावा को नियमानुसार निरस्त किया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज का अवलोकन किया गया। प्रकरण में संलग्न आरक्षी केन्द्र तुमगाॅंव का अंतिम प्रतिवेदन/चालान एवं संलग्न अन्वेषण कार्यवाही का दस्तावेज का अवलोकन किया गया। उक्त दस्तावेज के आधार पर दर्शित हुआ है कि, दिनाॅंक 28/05/2012 को अभियुक्त योगराज साहू का दुष्प्रेरण पर मृतक साखाराम साहू द्वारा आत्महत्या किया गया था। अब विचार किया जाना है कि क्या परिवादीगण बीमा पाॅलिसी पर उल्लेखित क्लाॅज-10 का शर्तों के अनुसार बीमाधन की राशि प्राप्ति हेतु अधिकृत हैं, या अधिकृत नहीं हैं ? इस परिप्रेक्ष्य में बीमा पाॅलिसी का क्लाॅज-10 का अवलोकन किया गया। बीमा पाॅलिसी का क्लाॅज-10 पर अंकित है कि यदि बीमाधारक बीमा पाॅलिसी जारी दिनाॅंक का एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या करता है तब विपक्षी पक्षकार/बीमा कम्पनी का दायित्व बीमा राशि भुगतान का नहीं होगा। अब विचार किया जाना है कि क्या परिवादीगण बीमा राशि की प्राप्ति हेतु अधिकृत नहीं हैं ? बीमा पाॅलिसी का क्लाॅज-10 के अनुसार बीमाधारक द्वारा आत्महत्या किया जाता है तब बीमाधारक का नामिनीगण को बीमाधन प्राप्ति की पात्रता नहीं होगी, लेकिन इस प्रकरण का तथ्य पूर्णतः भिन्न है। बीमाधारक साखाराम साहू द्वारा स्वेच्छया आत्महत्या नहीं किया गया है। उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत अभिवचन के आधार पर दर्शित हुआ है कि, बीमाधारक साखाराम साहू को कथित रूप से आत्महत्या हेतु दुष्प्रेरित किया गया था। इस प्रकार स्पष्ट है कि, कथित योगराज साहू का दुष्प्रेरण पर मृतक साखाराम ने आत्महत्या किया था। प्रकरण में संलग्न दस्तावेज के आधार पर दर्शित हुआ है कि मृतक साखाराम की मृत्यु पर अभियुक्त योगराज साहू को भा0द0वि0 की धारा-306 पर अभियोजित किया गया है। बीमाधारक साखाराम द्वारा स्वेच्छया आत्महत्या नहीं किया जाना दर्शित हुआ है, मृतक साखाराम की मृत्यु कथित अभियुक्त योगराज का कथित आपराधिक कृत्य का परिणामस्वरूप होना दर्शित हुआ है। उपरोक्त आधार पर बीमा पाॅलिसी का क्लाॅज-10 का शर्त आकर्षित नहीं होता है। अतः विपक्षी पक्षकारगण/बीमा कम्पनी के द्वारा परिवादीगण का आवेदन/दावा को निरस्त किया गया है, वह विधि सम्मत दर्शित नहीं हुआ है। उक्त विश्लेषण के आधार पर परिवादीगण बीमाधन की राशि की प्राप्ति हेतु अधिकृत दर्शित हुए हैं।
(19)    परिवादीगण ने अतिरिक्त प्रतिरक्षा स्वरूप निवेदन किया है कि, परिवादीगण को मानसिक पीड़ा स्वरूप भी राशि प्रदान किया जावे। परिवादीगण ने प्रस्तुत परिवाद पर मानसिक पीड़ा का आॅंकलन नहीं किया है। उपधारणा किया जाता है कि विपक्षी पक्षकारगण ने परिवादीगण का आवेदन/दावा को नियम विरूद्ध निरस्त किया है, अतः परिवादीगण को मानसिक पीड़ा स्वरूप राशि प्रदान किया जाना उचित प्रतीत हुआ है। परिवादीगण के पक्ष में 10,000/-रू0 की राशि मानसिक पीड़ा स्वरूप स्वीकार किया जाता है।
(20)    उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत अभिवचन के आधार पर दर्शित हुआ है कि मृतक साखाराम साहू, विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के समक्ष बीमित था, अतः विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 पर ही दायित्व अधिरोपित किया जाता है।
(21)    सहायता एवं वाद व्यय -    सहायता एवं वाद व्यय के अंतर्गत परिवादीगण का परिवाद स्वीकार किया जाता है और निम्नानुसार अवार्ड पारित किया जाता है:-
(1)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, परिवादीगण को दो माह के अन्दर, बीमाधारक साखाराम साहू के पक्ष में, जारी सभी पाॅलिसी का बीमाधन की राशि का भुगतान करेगा।
(2)    विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, परिवादीगण को दो माह के अन्दर, मानसिक पीड़ा स्वरूप 10,000/-रू0 (दस हजार रू0) की राशि अदा करेगा।
(3)    परिवादीगण, विपक्षी पक्षकार क्रं0-2 कोटक महेन्द्रा, मेन्युल लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, से आदेश दिनाॅंक से वसूली दिनाॅंक तक बकाया राशि पर छः प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज प्राप्त करने हेतु अधिकृत होंगे।
(4)    वाद व्यय 200/-रू0 (दो सौ रू0) स्वीकार किया जाता है।

 

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