Uttar Pradesh

StateCommission

A/1065/2017

Virendra Kumar - Complainant(s)

Versus

Mahindra and Mahindra Financial Services Ltd - Opp.Party(s)

Ravi Kumar Rawat

19 Jun 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1065/2017
(Arisen out of Order Dated 04/05/2017 in Case No. C/48/2016 of District Chitrakoot)
 
1. Virendra Kumar
S/O Sri Sundar Lal R/O Rajapur Post Rajapur Distt. Chitrakoot
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahindra and Mahindra Financial Services Ltd
Mahindra Tower Goel Tirath Plaza Second Floor Near H.A.L. Road Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Jun 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1065/2017

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, चित्रकूट द्वारा परिवाद संख्‍या 48/2016 में पारित आदेश दिनांक 04.05.2017 के विरूद्ध)

VIRENDRA KUMAR S/O SRI SUNDAR LAL R/O RAJAPUR, POST RAJAPUR, DISTRICT CHITRAKOOT.              

                               ...................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. MANAGER, MAHINDRA  &  MAHINDRA  FINANCIAL               

   SERVICES   LTD,   MAHINDRA   TOWER,   GOEL              

   TIRATH PLAZA,  SECOND  FLOOR,  NEAR  H.A.L.                                                             

   ROAD, LUCKNOW.

2. MANAGER, AGARWAL  AUTOMOBILES,  UNIT  OF            

   BAJAJ MOTORS PVT LTD.,  BERI  PULIA,  KARVI,        

   DISTRICT CHITRAKOOT, U.P.

3. SRIMAN  SAHAYAK   SAMBHAGIYA   PARIVAHAN         

   ADHIKARI, DISTRICT CHITRAKOOT, U.P.

                             ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री रवि कुमार रावत,                                     

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 19-06-2017

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-48/2016 वीरेन्‍द्र कुमार बनाम महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेन्‍सर आदि में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष    फोरम, चित्रकूट द्वारा पारित आदेश दिनांक 04.05.2017 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के परिवादी वीरेन्‍द्र कुमार की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग

 

-2-

के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्‍त परिवाद अपीलार्थी/परिवादी की अनुपस्थिति व अदम पैरवी में निरस्‍त कर दिया है, जबकि निश्चित तिथि पर विपक्षी संख्‍या-3 के विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थित रहे हैं।

अपीलार्थी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री रवि कुमार रावत उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं            है।

हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 04.05.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित न होने का पर्याप्‍त कारण दर्शित किया है। चूँकि विपक्षी संख्‍या-3 के विद्वान अधिवक्‍ता उक्‍त ति‍थि पर मौजूद रहे हैं, अत: उसे हर्जा दिया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: हम इस मत के हैं कि अपील स्‍वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 04.05.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्‍त किया जाए और यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाए कि वह उपरोक्‍त हर्जा निश्चित तिथि तक अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्‍त परिवाद अपने  पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे और तदोपरान्‍त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्‍तारण विधि के अनुसार करे।

 

 

-3-

आदेश

     वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 04.05.2017 को 500/-रू0 हर्जे पर अपास्‍त किया जाता है तथा यह प्रकरण जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित किया जाता है कि वह उपरोक्‍त हर्जा अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा करने पर उपरोक्‍त परिवाद अपने पुराने नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करे और तदोपरान्‍त विधि के अनुसार परिवाद में अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र सुनिश्चित करे और परिवाद का निस्‍तारण विधि के अनुसार करे।

     अपीलार्थी दिनांक 26.07.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होंगे और उसी दिन अपीलार्थी/परिवादी उपरोक्‍त हर्जे की धनराशि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी संख्‍या-3 को अदा करेगा और यदि वह हर्जा लेने हेतु उपलब्‍ध नहीं होते हैं तो जिला फोरम के समक्ष जमा करेगा।

     यदि उक्‍त निश्चित तिथि पर हर्जे की धनराशि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अदा नहीं की जाती है तो वर्तमान आदेश निष्‍प्रभावी हो जाएगा।

 

                     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)     

                        अध्‍यक्ष                           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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