Uttar Pradesh

StateCommission

A/471/2022

Mouveen Ali - Complainant(s)

Versus

Mahindra And Mahindra Financial Services Ltd And Another - Opp.Party(s)

Akhilesh Trivedi

26 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/471/2022
( Date of Filing : 01 Jun 2022 )
(Arisen out of Order Dated 17/05/2022 in Case No. C/2021/14 of District Muradabad-II)
 
1. Mouveen Ali
Dist. Muradabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahindra And Mahindra Financial Services Ltd And Another
Gateway Building Apollo Bunder Mumbai
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-471/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय मुरादाबाद द्धारा परिवाद सं0-14/2021 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.5.2022 के विरूद्ध)

मौवीन अली पुत्र श्री फरियाद हुसैन, निवासी नियामतपुर इकोटिया, पोस्‍ट मूढापांडे, जिला मुरादाबाद।

                                             .......... अपीलार्थी/परिवादी

बनाम          

1-    महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड, ब्रांच ऑफिस गेटवे बिल्डिंग अपोलो बंदेर मुम्‍बई-400001, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर

2-    महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंसियल सर्विसेज लिमिटेड- आफिस दि्वतीय तल, आकाश प्‍लाजा, सिविल लाइन्‍स निकट रोहित होटल बिजनौर उ0प्र0 द्वारा ब्रांच मैनेजर

…….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण 

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य                      

अपीलार्थीगण के अधिवक्‍ता     : श्री अखिलेश त्रिवेदी

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          : श्री आलोक कुमार श्रीवास्‍तव

दिनांक :-26-9-2022           

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0-14/2021 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.5.2022 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद खारिज कर दिया है।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री अखिलेश त्रिवेदी तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक कुमार श्रीवास्‍तव को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन किया।

-2-

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा एक 10 टायरा ट्रक को क्रय किये जाने हेतु प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में सम्‍पर्क किया गया तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-2 ने अपीलार्थी/परिवादी को एक 10 टायरा ट्रक सं0 एच0आर0-37ई-1777 दिखाया, जो कि अर्पित गर्ग पुत्र विनोद गर्ग, निवासी बिजनौर को दिये गये ऋण व किस्‍तों का भुगतान न करने पर प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा जब्‍त किया हुआ था, जिसका विक्रय मूल्‍य 18,50,000.00 रू0 था तथा प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा ट्रक का पंजीयन अपीलार्थी/परिवादी के पक्ष में 15 दिन के अन्‍दर कराने का कथन किया गया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा बतायी गई शर्तों के अनुरूप अपीलार्थी/परिवादी ने दिनांक 26.9.2020 को 10 टायरा ट्रक सं0-एच0आर0-37ई-1777 को क्रय किया व प्रतिफल मूल्‍य 18,50,000.00 रू0 प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण को अदा किया व बीमा कराया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के कार्यालय के सैकड़ो चक्‍कर लगाये, चूंकि ट्रक अम्‍बाला में पंजीकृत था प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण की लापरवाही के कारण मुरादाबाद सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी के कार्यालय में पंजीकृत नहीं हो पा रहा था, अत: प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण अर्पित गर्ग से ट्रक की एन0ओ0सी0 नहीं दिला रहे हैं ऐसी स्थिति में ट्रक का क्रियान्‍वयन नहीं हो पा रहा है, न ही प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा अपीलार्थी/परिवादी को ट्रक का पंजीयन कराकर प्रमाण पत्र जारी किया गया है, अत्एव प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी के कारण अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध प्रश्‍नगत ट्रक का विक्रय मूल्‍य मय ब्‍याज सहित वापस दिलाये जाने हेतु परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया।

प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत कर यह कथन किया गया कि अपीलार्थी/परिवादी ने नीलामी द्वारा वाणिज्यिक वाहन खरीदने हेतु सम्‍पर्क किया था। प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण कम्‍पनी महिन्‍द्रा एण्‍ड महिन्‍द्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड एक गैर बैंकिंग

-3-

संस्‍था है, जो वाहन खरीदने हेतु अनुबन्‍ध की शर्तों के अधीन वित्‍तीय सहायता प्रदान करती है। अपीलार्थी/परिवादी उपभोक्‍ता की परिधि में नहीं आता है। प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा परिवाद पत्र के अन्‍य कथनों से इंकार किया गया है और यह कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा पंजीकरण, इंश्‍योरेंस, फिटनेस, रोड़ टैक्‍स व अन्‍य कार्य का सर्वथा दायित्‍व अपीलार्थी/परिवादी का था, अत्एव परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग उभय पक्ष के अभिकथनों एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत परिवादी के परिवाद को सव्‍यय खारिज कर दिया है, जिससे क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अपील योजित की गई है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा मात्र प्रत्‍यर्थी/विपक्षी के अभिकथनों पर विचार करते हुए निर्णय पारित किया गया है, जो कि अनुचित है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह भी कथन किया गया कि प्रश्‍नगत 10 टायरा ट्रक प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण से नीलामी के द्वारा दिनांक 26.9.2020 को 16,50,000.00 रू0 में क्रय किया गया था, जिसका पंजीयन कराकर प्रमाण पत्र आज दिनांक तक प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण द्वारा जारी नहीं किया गया है, जिसकी पूर्ण जिम्‍मेदारी प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण की थी। यह भी कथन किया गया कि चूंकि ट्रक का पंजीयन नहीं हो पाया है एवं एन0ओ0सी0 भी प्राप्‍त नहीं हुई है, जिसके कारण वाहन खरीदने के बाद से घर पर ही खडा है और उसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है, जिसके परिणामस्‍वरूप अपीलार्थी/परिवादी की जीविका पूर्ण रूप से बाधित है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा प्रस्‍तुत

-4-

अपील को स्‍वीकार कर जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश अपास्‍त किये जाने की प्रार्थना की गई है।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश तथ्‍य और विधि के अनुकूल है और उसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है, अत्एव प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किये जाने योग्‍य है। 

हमारे द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के कथन एवं समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि अपीलार्थी का स्‍वयं यह कथन है कि पूर्व में पंजीकृत स्‍वामी द्वारा एन0ओ0सी0 नहीं दी गई, जबकि एन0ओ0सी0 जारी करने का स्‍टेटस तथा उसका विवरण स्‍वयं अपीलार्थी ने अपने प्रपत्र के साथ दाखिल किया है, इस संदर्भ में अपीलार्थी का स्‍पष्‍ट कथन नहीं है कि विधिक औपचारिकताओं के अन्‍तर्गत किस प्रपत्र में कोई आपत्ति पूर्व के पंजीकृत स्‍वामी के हस्‍ताक्षर से सम्‍बन्धित थी, जो कि प्रत्‍यर्थीगण द्वारा नहीं दूर कराकर दी गई, न ही अपीलार्थी द्वारा सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी, मुरादाबाद को पक्षकार बनाया गया है अथवा पंजीकरण ट्रांसफर के संदर्भ में कोई राशि का भुगतान अपीलार्थी द्वारा सम्‍भागीय परिवहन अधिकारी, मुरादाबाद के पक्ष में जमा की गयी हो अथवा उनके द्वारा कोई भी प्रपत्र जिससे उनके द्वारा पंजीकरण ट्रांसफर करने से इंकार किया गया हो, दाखिल किया है, जबकि प्रपत्रों में अपीलार्थी/परिवादी को ही अपने नाम पंजीयन हस्‍तान्‍तरित कराने हेतु विधि औपचारिकताएं व कार्यवाही करनी थी तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा इस सम्‍बन्‍ध में जो निष्‍कर्ष अपने प्रश्‍नगत निर्णय में अंकित किया गया है, वह तथ्‍य और विधि के अनुकूल है, उसमें किसी प्रकार की कोई अवैधानिकता अथवा

-5-

विधिक त्रुटि अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा अपील स्‍तर पर इंगित नहीं की जा सकी है, तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील बलहीन होने के कारण निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                    (राजेन्‍द्र सिंह)        

             अध्‍यक्ष                                             सदस्‍य                                                                        

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 

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