Rajasthan

Kota

CC/249/2014

The Bundi Urban Co-Oprative Bank ltd. - Complainant(s)

Versus

Maheshwari Furniture House - Opp.Party(s)

Ajit kumar joshi

04 Aug 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
परिवाद संख्या:-249/2014

दी बूंदी अरबन काॅ-आॅपरेटिव बैंक लिमिटेड, प्रधान कार्यालय सब्जी मण्डी बून्दी (राज0) जर्ये शाखा प्रबंधक दी बूंदी अरबन काॅ-आपरेटिव बैंक लिमिटेड बूंदी राजस्थान ।                          -परिवादी

                    बनाम

माहेश्वरी फर्नीचर्स हाउस, मैन्यूफैक्चर्स, वूडन फर्नीचर्स, स्टील फर्नीचर्स, आॅफिस फर्नीचर्स, माॅलडेड फर्नीचर्स आदि,135 शाॅपिंग सेन्टर, फर्नीचर्स मार्केट, कोटा 324007(राज0)                                   -विपक्षी

समक्ष:-
भगवान दास     ः    अध्यक्ष    
महावीर तंवर     ः    सदस्य
हेमलता भार्गव    ः    सदस्य
    परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
01.    श्री अजीत कुमार जोशी, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से। 
02.    विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही।

            निर्णय             दिनांक 04.08.2015
         

    परिवादी ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर संक्षेप में सेवा दोष बताया है कि  उससे दिनांक 01.10.13 को जरिये इनवाईस नं. 244 से 15 विजीटर्स चेयर, 10 रिवोलविंग चेयर, 1 सोफा थ्री सीटर आदि सामान 1,06,800/- रूपये अदा करके खरीदा गया तथा बैंक परिसर में लगाया गया कुछ दिन के पश्चात ही विजीटर्स चेयर एवं रिवोलविंग चेयर खराब हो गये दूरभाष से शिकायत करने पर ध्यान नहीं दिया गया। दिनांक 16.06.14 को पत्र भेजा गया तब मेकेनिक भेजकर उन्हे कुछ सही किया गया, कुछ दिनों बाद पुनः खराब हो गई दूरभाष से बार-बार शिकायत करने पर खराबी को ठीक नहीं किया गया। रजिस्टर्ड पत्र भेजा गया जो मिल गया उसके बावजूद खराबी सही नहीं की गई। अभिभाषक के जरिये कनूनी नोटिस दिनांक 06.08.14 को भेजा गया जो मिल गया उसके बावजूद चेयर्स की खराबी ठीक नहीं की गई, जिसके फलस्वरूप आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ।  
     विपक्षी की नोटिस की विधिवत तामील हो जाने के उपरान्त भी उसकी ओर से न तो उपस्थिति दी गई और न जवाब पेश किया गया, इसलिये उसके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई। 
    परिवादी की ओर से साक्ष्य में मोहम्मद उस्मान के शपथ-पत्र के अलावा चेयर्स खरीद के बिल, विपक्षी को प्रेषित पत्र दिनांक 16.06.14, उसको प्राप्ति रसीद, पत्र दिनांक 17.10.14, कानूनी नोटिस उसकी पोस्टल रसीद आदि दस्तावेजात की प्रति प्रस्तुत की गई। 
    परिवादी के वकील की एक पक्षीय बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया गया। 
    परिवाद मेें वर्णित तथ्यों की पुष्टि, चेयर्स खरीद बिल व उनमें खराबी आने बाबत् विपक्षी को प्रेषित पत्र एवं कानूनी नोटिस से भली-भाॅति  होती है इसके बावजूद चेयर्स की खराबी ठीक नहीं करना सेवा-दोष है परिवादी ने विपक्षी का सेवा-दोष सिद्ध कर दिया है। परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है। 

                     आदेश 

    अतः परिवादी का परिवाद, विपक्षी के खिलाफ स्वीकार किया जाकर एक पक्षीय आदेश दिया जाता है कि इस आदेश की परिवादी की ओर से रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित प्रति प्राप्त होने के एक माह के अंदर उसे बेची गई चेयर्स की उसके संतोष के अनुसार मरम्मत की जावे तथा जो मरम्मत योग्य नही है उसके स्थान पर उसी किस्म की दूसरी चेयर दी जाए इसके अलावा मानसिक संताप की भरपाई हेतु 1,000/- रूपये (अक्षरे एक हजार रूपये,) परिवाद व्यय की भरपाई हेतु 1,000/- रूपये (अक्षरे एक हजार रूपये) एक माह में अदा करे।  


(महावीर तंवर)                 (हेमलता भार्गव)                (भगवान दास)  
  सदस्य                        सदस्य                       अध्यक्ष
 

     निर्णय आज दिनंाक 04.08.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
                                     
  सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष
           

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