जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्रीमति प्रेम देवी षर्मा पत्नी स्व. श्री सुभाषचन्द्र षर्मा, निवासी- 124/13, गली नं. 2, सुभाषनगर, खानपुुरा रोड़, अजमेर ।
- प्रार्थिया
बनाम
श्री महेष कान्त बैरवा पुत्र श्री भीमसेन बैरवा, निवासी- 1ए/21, जे.पी.नगर, डबल स्टोरी, नाका मदार, अजमेर ।
- अप्रार्थी
परिवाद संख्या 416/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री विभोर गौड़, अधिवक्ता, प्रार्थिया
2. अप्रार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 19.01.2017
1. संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थिया ने अपने स्वामित्व के सुभाषनगर, टाॅवर रोड़, गली नं. 13 पर स्थित भूखण्ड संख्या 3 पर परिवाद की चरण संख्या 1 के परिसर विवरण में अंकित माल एवं मजदूरी सहित निर्माण कार्य हेतु दिनंाक 19.01.2016 को रू. 6,00,000/- में अप्रार्थी से ठेका इकरारनामा निष्पादित किया । उक्त करार के अनुसार अप्रार्थी को 3 माह में कार्य पूर्ण करके दिया जाना था । किन्तु अप्रार्थी ने उक्त करार के पेटे उससे रू. 5,60,000/- प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद कार्य पूर्ण करके नहीं दिया और दिनांक 1.5.2016 को अधूरा कार्य छोड़ दिया । तदुपरान्त प्रार्थिया ने दिनांक 22.5.3016 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस देते हुए राषि रू. 1,15,858/- का जो अधूरा कार्य छोड़ा था, को पूर्ण करने हेतु कहा। किन्तु नोटिस प्राप्त हो जाने के बावजूद अप्रार्थी ने छोड़ा गया अधूरा कार्य पूर्ण नहीं किया । मजबूरन प्रार्थिया ने अन्य ठेकेदार श्री कमलेष वैष्णव से दिनंाक 7.6.2016 को ठेकानामा निष्पादित करते हुए अप्रार्थी द्वारा छोड़ा गया कार्य पूर्ण करवाया, जिसमें उसके रू. 1,16,000/- की राषि खर्च हुई । इस प्रकार अप्रार्थी द्वारा अधूरा कार्य छोड़ने के कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुए और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी के विरूद्व दिनांक
को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. प्रार्थिया के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उसने अपने स्वामित्व के सुभाषनगर, टाॅवर रोड़, गली नं. 13 पर स्थित भूखण्ड संख्या 3 पर परिवाद की चरण संख्या 1 के परिसर विवरण में अंकित माल एवं मजदूरी सहित निर्माण कार्य हेतु दिनंाक 19.01.2016 को रू. 6,00,000/- में अप्रार्थी से ठेका इकरारनामा निष्पादित किया । उक्त करार के अनुसार अप्रार्थी को 3 माह में कार्य पूर्ण करके दिया जाना था। किन्तु अप्रार्थी ने उक्त करार के पेटे उससे रू. 5,60,000/- प्राप्त कर लिए जाने के बावजूद कार्य पूर्ण करके नहीं दिया और दिनांक 1.5.2016 को अधूरा कार्य छोड़ दिया । अप्रार्थी द्वारा जब अधूरा कार्य पूरा नहीं किया तो उसने दिनांक 22.5.3016 को अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस देते हुए राषि रू. 1,15,858/- का जो अधूरा कार्य छोड़ा था, को पूर्ण करने हेतु कहा । किन्तु नोटिस प्राप्त हो जाने के बावजूद अप्रार्थी ने छोड़ा गया अधूरा कार्य पूर्ण नहीं किया । मजबूरन प्रार्थिया ने अन्य ठेकेदार श्री कमलेष वैष्णव से दिनंाक 7.6.2016 को ठेकानामा निष्पादित करते हुए अप्रार्थी द्वारा छोड़ा गया कार्य पूर्ण करवाया। जिसमें उसके रू. 1,16,000/- की राषि खर्च हुई । इस प्रकार अप्रार्थी उसके साथ निष्पादित हुए करार के अनुसार समय पर कार्य पूर्ण नहीं कर सेवादोष किया है ।
4. हमने प्रार्थिया पक्ष के तर्क सुने एवं पत्रावली पर उपलब्ध सामग्री का अनुषीलन किया ।
5. प्रार्थिया ने अपने परिवाद में वर्णित कथनों की पुष्टि अपने षपथपत्र के माध्यम से एवं दस्तावेज उसने जो अभिलेख पर उपलब्ध कराए हैं यथा- फोटोप्रतियों से की है । यह सभी मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखंडित रही है।
6. प्रार्थिया के कथन एवं प्रार्थिया द्वारा मंच के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजात को दृष्टिगत रखते हुए अप्रार्थी के किसी खण्डन के अभाव में प्रार्थिया के कथनों नहीं मानने का कोई आधार इस स्तर पर मंच के समक्ष विद्यमान नहीं है । अप्रार्थी द्वारा प्रार्थिया से उसके परिवाद में अंकित भूखण्ड पर हुए करार के अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने का कृत्य उसकी सेवा में कमी व लापरवाही की श्रेणी में आता है । ऐसी स्थिति में प्रार्थिया का परिवाद मंच की राय में अप्रार्थी के विरूद्व एक पक्षीय स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि:
:ः- आदेष:ः-
7. (1) प्रार्थिया अप्रार्थी से रू. 1,60,000/- परिवाद प्रस्तुत करने की दिनंाक से तदायगी 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित प्राप्त करनेे की अधिकारिणी होगी ।
(2) प्रार्थिया अप्रार्थी से ंमानसिक क्षतिपूर्ति पेटे रू. 10,000/- परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी प्रार्थिया को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 19.1.2017 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष