''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
अपील संख्या-2057/2014
श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम महेन्द्र कुमार शिवहरे पुत्र श्री गयाप्रसाद व एक अन्य
दिनांक: 09.09.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' के सम्मुख प्रस्तुत की गयी, जो इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद संख्या-05/2013 महेन्द्र कुमार शिवहरे बनाम प्रबंधक, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.07.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। प्रस्तुत अपील विगत लगभग 09 वर्षों से लम्बित है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता द्व्य श्री दिनेश कुमार एवं श्री आनन्द भार्गव को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
''परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षीगण स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण सं0 1 से ट्रैक्टर की बीमित धनराशि 3,50,000/-रूपये पाने का हकदार है। इसके अलावा परिवादी विपक्षी सं01 से मानसिक क्षति के एवज में 8,000/-रूपये तथा वाद व्यय के एवज में 2,000/-रू0 पाने का हकदार है एवं परिवादी के विरूद्ध विपक्षी सं0 2 द्वारा गलत ब्याज दर पर जारी वसूलयावी 25,000/-रू0 को निरस्त किया जाता है तथा इसके अलावा परिवादी विपक्षी सं02 से मानसिक क्षति के एवज में 2,000/-रूपये तथा वाद व्यय के एवज में 500/-रू0 पाने का हकदार है। विपक्षीगण उपरोक्त् धनराशि परिवादी को इस निर्णय के अन्दर एक माह प्रदान करें अन्यथा परिवादी उपरोक्त धनराशि पर विपक्षीगण से 9 प्रतिशत सालाना की दर से उपरोक्त धनराशि पर ब्याज भी पाने का हकदार होगा।''
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जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की सहमति से मैं इस मत का हूँ कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 बीमा कम्पनी के विरूद्ध मानसिक क्षति के एवज में 8000/-रू0 हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्यायहित में कम कर 2000/-रू0 किया जाना उचित है। इसके साथ ही जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो आदेशित धनराशि पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की देयता निर्धारित की है, उसे न्यायहित में कम कर 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, महोबा द्वारा परिवाद संख्या-05/2013 महेन्द्र कुमार शिवहरे बनाम प्रबंधक, श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.07.2014 को संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 बीमा कम्पनी के विरूद्ध मानसिक क्षति के एवज में 2000/-रू0 की देयता निर्धारित की जाती है तथा आदेशित धनराशि पर ब्याज की देयता 06 प्रतिशत वार्षिक ब्याज निर्धारित की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1