(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या-466/2006
एस्कोर्ट्स एग्रो मशीनरी मार्केटिंग डिवीजन लिमिटेड, 18/4, मथुरा रोड, फरीदाबाद हरियाणा द्वारा श्री पी.सी. गुप्ता, कंस्टीट्यूटेड अटार्नी।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम्
1. महावीर सिंह (मृतक।
1/a. श्रीमती प्रेमा देवी पत्नी स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/b. विजय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/c. अजय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/d. नर सिंह पाल पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/e. प्रमोद कुमार पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/f. उदय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
2. राम प्रकाश।
3. गुरू दास।
समस्त पुत्रगण श्री सियाराम, निवासी ग्राम फरेंदा, पोस्ट उदेसर, तहसील जसराना, जिला फिरोजाबाद, यू.पी.।
4. मैसर्स प्रकाश आटोमोबाइल्स एजेन्सी, बाई पास रोड, फिरोजाबाद 283203, यू.पी.।
प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण/विपक्षी सं0-1
एवं
अपील संख्या-494/2006
प्रकाश आटोमोबाइल्स, बाई पास रोड, फिरोजाबाद, यू.पी.।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम्
1. महावीर सिंह (मृतक।
1/a. श्रीमती प्रेमा देवी पत्नी स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/b. विजय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/c. अजय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/d. नर सिंह पाल पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/e. प्रमोद कुमार पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
1/f. उदय पाल सिंह पुत्र स्व0 श्री महावीर सिंह।
2. राम प्रकाश।
3. गुरू दास।
समस्त निवासीगण ग्राम फरेंदा, पोस्ट उदेसर, तहसील जसराना, जिला फिरोजाबाद, यू.पी.।
4. एग्रो मशीनरी मार्केटिंग डिवीजन, 18/4, मथुरा रोड, फरीदाबाद हरियाणा।
त्यर्थीगण/परिवादीगण/विपक्षी सं0-2
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा एवं श्री
राजेश चड्ढा।
प्रत्यर्थी/परिवादीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 09.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-54/2001, महावीर सिंह तथा दो अन्य बनाम मैसर्स प्रकाश आटो मोबाइल एजेन्सी तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 7.1.2006 के विरूद्ध अपील संख्या-466/2006 विपक्षी संख्या-2, मैसर्स एग्रो मशीनरी मार्केटिंग डिवीजन की ओर से तथा अपील संख्या-494/2006 विपक्षी संख्या-1, मैसर्स प्रकाश आटो मोबाइल एजेन्सी की ओर से प्रश्नगत निर्णय/आदेश को अपास्त कराने के लिए प्रस्तुत की गई हैं।
2. उपरोक्त दोनों अपीलें एक ही निर्णय/आदेश से प्रभावित हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ एक ही निर्णय/आदेश द्वारा किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्या-466/2006 अग्रणी अपील होगी।
3. उपरोक्त दोनों अपीलों में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया। परिवादीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
4. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादीगण ने एक ट्रैक्टर एस्कोर्ट माडल 440 हार्स पावर (34) दिनांक 13.2.2000 को विपक्षी सं0-1 से क्रय किया था। विपक्षी सं0-1 द्वारा ट्रैक्टर दोष से मुक्त बताया गया था तथा खराब होने पर दूर करने का आश्वासन दिया गया था। कार्य प्रारम्भ करने पर ज्ञात हुआ कि ट्रैक्टर का ब्लाक लीक है, जिसमें से मोबिआयल रिसता है, जिसकी सूचना विपक्षी सं0-1 को दी गई तब विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी ने सैलूशन जैसा पदार्थ ब्लाक पर लगा दिया, इसके बाद खेत की जुताई करने से यह सैलूशन पिघल गया और मोबिआयल पुन: रिसने लगा। तीसरी सर्विस पर बताया गया कि ट्रैक्टर का ब्लाक बदला जाएगा और इंजन खोला जाएगा, जबकि परिवादीगण इंजन नहीं खुलवाना चाहते थे। दिनांक 7.12.2000 को लिखित तहरीर विपक्षी सं0-1 को दी गई, जिन्होंने बताया कि तहरीर विपक्षी सं0-2 को भेज दी गई है, जहां से कोई जवाब नहीं आया है। दिनांक 7.11.2000 को ट्रैक्टर का लिफ्ट आर्म टूट गया। विपक्षी सं0-1 ने बताया कि लिफ्ट आर्म विपक्षी सं0-2 से मंगवाया गया है, परन्तु कभी नहीं बदलवाया गया, इसलिए आगरा से लिफ्ट आर्म बदलवाया गया। इस ट्रैक्टर की बैट्री भी खराब थी, टायर भी चपटे हुए थे तथा पम्प तेल की अधिक खपत करता है, इसलिए ट्रैक्टर बदलवाने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
5. विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत लिखित कथन का सार यह है कि ट्रैक्टर में कभी भी कोई सैलूशन ट्रैक्टर पर नहीं लगाया गया। ट्रैक्टर क्रय करने के पश्चात ट्रैक्टर में खराबी की कोई शिकायत नहीं की गई। परिवादीगण ने ट्रैक्टर के आगे वाले हिस्से में किसी अभिप्राय से छेद कराया है, जिसके कारण ब्लाक क्रेक हुआ है। कभी भी सैलूशन नहीं लगाया गया। वारण्टी अवधि में एस्कार्ट कंपनी में बनने वाले सामान बदले जा सकते हैं। गलत इस्तेमाल के कारण ट्रैक्टर खराब हुआ हुआ है। किसी अन्य मिस्त्री द्वारा ट्रैक्टर खोले जाने पर विपक्षीगण का कोई उत्तरदायित्व नहीं है। इस ट्रैक्टर में कोई त्रुटि या खराबी नहीं थी। यह परिवाद अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
6. विद्वान जिला आयोग ने साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात ट्रैक्टर बदलने का आदेश पारित किया है।
7. अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ताओं का यह तर्क है कि ट्रैक्टर में निर्माण संबंधी त्रुटि के तथ्य को विद्वान जिला आयोग के समक्ष साबित नहीं किया गया है, इस आशय की कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद नहीं है कि ट्रैक्टर में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि है। सम्पूर्ण निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि निर्माण संबंधी त्रुटि के बिन्दु पर कोई साक्ष्य परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत नहीं की गई है। ट्रैक्टर में खराबी आने पर गारण्टी अवधि के उपरांत ट्रैक्टर की नि:शुल्क मरम्मत का दायित्व विपक्षीगण का नहीं है, इसलिए विपक्षीगण का दायित्व केवल ट्रैक्टर की मरम्मत करने का है न कि ट्रैक्टर के परिवर्तन करने का, इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित होने योग्य है कि विपक्षीगण द्वारा वारण्टी अवधि के उपरांत केवल ट्रैक्टर की मरम्मत की जाए, परन्तु चूंकि ट्रैक्टर क्रय किए हुए अत्यधिक समय हो चुका है, इस समय ट्रैक्टर का अस्तित्व में ही रहना संभव नहीं है। अत: इस प्रकृति का आदेश पारित करना उद्देश्य विहीन रहेगा, परन्तु ट्रैक्टर परिवर्तित करने का आदेश कदाचित बहाल नहीं रह सकता। तदनुसार प्रस्तुत दोनों अपीलें स्वीकार होने और प्रश्नगत निर्णय/आदेश अपास्त होने तथा परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
8. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्या-466/2006 तथा अपील संख्या-494/2006 स्वीकार की जाती हैं। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.01.2006 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-466/2006 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2