Uttar Pradesh

StateCommission

A/568/2019

Ex.Eng. Vidyut Vitran Khand - Complainant(s)

Versus

Mahaveer - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

25 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/568/2019
( Date of Filing : 30 Apr 2019 )
(Arisen out of Order Dated 15/03/2019 in Case No. C/55/2015 of District Kannauj)
 
1. Ex.Eng. Vidyut Vitran Khand
Kannauj
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahaveer
Kannauj
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-568/2019

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, कन्‍नौज द्वारा परिवाद संख्‍या-55/2015 में पारित निर्णय दिनांक 15.03.2019 के विरूद्ध)

1.अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड छिबरामऊं, जिला कन्‍नौज।

2.दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0, आगरा।

3.सहायक निदेशक, विद्युत सुरक्षा, यू.पी. शासन लखनऊ।

                                    .........अपीलार्थीगण@विपक्षीगण

बनाम

 

महावीर पुत्र श्री नाथू राम निवासी भूडा, पोस्‍ट सराय प्रयाग,

पी.एस. गुरसहायगंज, जिला कन्‍नौज।            .......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान

                             अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक 25.07.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 55/2015 महावीर बनाम अधिशासी अभियंता विद्युत व दो अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दि. 15.03.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विद्युत विभाग को निर्देशित किया है कि परिवादी के पक्ष में विद्युत कनेक्‍शन तुरंत चालू कर दें या उसे अंकन रू. 116450/- उसके द्वारा दि. 11.12.2013 को जमा किए गए हैं 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापस लौटा दिया जाए।

2.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने तथ्‍य एवं विधि के विपरीत निर्णय पारित किया है। अपीलार्थीगण द्वारा कभी भी कोई कमी नहीं की गई है, स्‍थगन जारी होने

-2-

के बाद विद्युत कनेक्‍शन जारी कर दिया गया है। तहसील दिवस में स्‍वयं उपभोक्‍ता ने स्‍वीकार किया है कि विद्युत कनेक्‍शन जारी हो चुका है और गांव के लोगों द्वारा 7 विद्युत पोल हटा दिए गए हैं, जिसके कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद में यह उल्‍लेख असत्‍य है कि स्‍टीमेट राशि जमा करने के पश्‍चात विद्युत आपूर्ति जारी नहीं हुई है। परिवादी किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करना चाहता, उसे वैकल्पिक रूप से विद्युत लाइन जुड़वाने का सुझाव दिया गया, परन्‍तु वह अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने इन सब बिन्‍दुओं पर कोई विचार नहीं किया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

3.   केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

4.   अपीलार्थी को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि परिवादी द्वारा अंकन रू. 116450/- जमा कराए गए। परिवादी का कथन है कि विद्युत लाइन नहीं खींची गई, जबकि अपीलार्थी के अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्युत कनेक्‍शन जारी कर दिया गया था, परन्‍तु गांव वालों ने 07 खंभे उखाड़ दिए और इस तथ्‍य को स्‍वयं परिवादी द्वारा तहसील दिवस पर की गई शिकायत में स्‍वीकार किया है, जिसकी प्रति पत्रावली पर मौजूद है।

5.   पत्रावली का अवलोकन करने तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुनने के पश्‍चात इस अपील के निस्‍तारण के लिए महत्‍वपूर्ण विवादित बिन्‍दु यह है कि क्‍या विद्युत कनेक्‍शन अपीलार्थी द्वारा सुचारू रूप से जारी रखा गया ?  विपक्षीगण ने लिखित कथन में स्‍वयं स्‍वीकार किया है कि 11

 

-3-

के.वी. लाइन पुलिस प्रशासन की सहायत से खींची गई थी, परन्‍तु ग्रामवासियों के विरोध के कारण आकर्षित होकर विद्युत लाइन उतार दी और उखाड़ डाली, अत: यह स्‍वीकृति से स्‍वयं स्‍पष्‍ट हो जाता है कि विद्युत विभाग द्वारा विद्युत की सुचारू रूप से आपूर्ति नहीं की गई।

6.   उपभोक्‍ता महावीर द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष जो आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है, उसमें भी उल्‍लेख है कि विद्युत लाइन खींची गई थी, परन्‍तु  गांव के लोगों द्वारा उतार दी गई। इस आवेदन का तात्‍पर्य यह नहीं है कि उपभोक्‍ता को यह तथ्‍य स्‍वीकार है कि विद्युत की आपूर्ति सुचारू रूप से की जा चुकी थी, अत: जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय में हस्‍तक्षेप करने का कोई विधिसम्‍मत आधार नहीं है, तदनुसार अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

7.   अपील निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)                                                                                                                                                    अध्‍यक्ष                                  सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.