Uttar Pradesh

StateCommission

A/1998/619

N I A Co - Complainant(s)

Versus

Mahadev Roadliens - Opp.Party(s)

Ved Prakash

10 Mar 1998

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1998/619
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahadev Roadliens
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-619/1998

1. दि न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कं0लि0, द्वारा आफिसर इन्‍चार्ज लीगल सेल

 94 एम.जी मार्ग, हजरतगंज लखनऊ।

2.इंडियन फार्मर फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लि0(इफको लि0) रजिस्‍टर्ड

आफिस-34, नेहरू प्‍लेस, न्‍यू दिल्‍ली फैक्‍ट्री आवंला जिला बरेली द्वारा

एटार्नी।                                     .........अपीलार्थी/परिवादी

बनाम्

1.महादेव रोड लाइन्‍स, श्‍यामगंज, अपोजिट पुलिस चौकी, बरेली।

2.श्‍याम प्रकाश पुत्र श्री बलदेव प्रोपाइटर महादेव, रोड लाइन्‍स,

श्‍यामगंज अपोजिट पुलिस चौकी, बरेली।

                                               ........प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-

1. मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    :कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :कोई नहीं।

दिनांक 27.04.2015

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      यह अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 495/94 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दि. 07.02.1998 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई है।

      पुकारा गया। मौजूदा अपील में अपीलकर्ता की तरफ से आदेश पत्र के अनुसार वर्ष 2009 से कोई उपस्थित नहीं आ रहा है और प्रत्‍यर्थी को सूचना 10.08.11 को निबंधक द्वारा किया गया, लेकिन कोई उपस्थित नहीं है।

      संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी नं0 1 बीमा कंपनी है, विपक्षी संख्‍या 2 माल का मालिक है। परिवादी नं0 2 ने 18000 लैमिलेटेड जूट बैग गजेन्‍द्र पैकर्स प्रा0 लि0 बरेली से रू. 166068/- में खरीदे थे। उपरोक्‍त माल विपक्षीगण को दिया कि वह परिवादी संख्‍या 2 की फैक्‍ट्री में पहुंचा दे। दि. 14.06.94 को 5900 बैग क्षतिग्रस्‍त पाये गए जिनमें पानी के धब्‍बे पड़ गए थे और जो परिवादी के अनुरूप नहीं थे, उनका मूल्‍य रू. 65891/- था। परिवादी को उक्‍त धनराशि का नुकसान हुआ है।

 

-2-

विपक्षीगण नोटिस की तामील के बावजूद भी परिवादी को रूपयों का भुगतान नहीं किया है, इसलिए वे ब्‍याज देने के भी जिम्‍मेदार हैं।

      विपक्षीगण ने अपने लिखित कथन में कहा कि उसने कोई माल नहीं खरीदा ओर न ही विपक्षीगण से किसी प्रकार की कोई सेवायें ली गईं। परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्‍ता नहीं है व परिवादीगण कोई भी अनुतोष पाने के अधिकारी नहीं हैं।

      इस संबंध में पत्रावली का अवलोकन किया गय। जिला फोरम द्वारा परिवादीगण का परिवाद निरस्‍त किया गया था।      

      केस के तथ्‍य एवं परिस्थितियों को देखते हुए व जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 07.02.1998 के अवलोकन से हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दि. 07.02.1998 विधिसम्‍मत है और उसमें हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्‍य है।

                                    आदेश

     प्रस्‍तुत अपील खारिज की जाती है।

      उभय पक्ष अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

        (राम चरन चौधरी)                               (राज कमल गुप्‍ता)

         पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-5 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रा

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
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