Uttar Pradesh

Bareilly-II

CC/159/2014

KANTI DEVI - Complainant(s)

Versus

MAHA LAXMI MOTORS - Opp.Party(s)

21 Mar 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/159/2014
 
1. KANTI DEVI
CIVIL LINES
BAREILLY
UTTAR PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. MAHA LAXMI MOTORS
CIVIL LINES
BAREILLY
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE SHRI BALENDU SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SMT. SEEMA SHARMA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम द्वितीय बरेली
                       वाद संख्या - 159/2014
   उपस्थितः    1. श्री बालेन्दु सिंह , अध्यक्ष
                2.श्रीमती सीमा शर्मा , सदस्य

   श्रीमती कान्ती देवी पत्नी श्री जानकी प्रसाद निवासी ग्राम खमडिया गोपाडांडी पो0 खडा रामनगर तहसील बहेडी जिला बरेली ।                  ................परिवादनी
बनाम
  अधिकृत डीलर महा लक्षमी मोटर्स रामपुर रोड बरेली ।
                                                ............विपक्षीगण
द्वारा: श्री बालेन्दु सिंह , अध्यक्ष।                           दिनांकः 21.03.2015
निर्णय
1.    परिवादनी श्रीमती कान्ती देवी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतू इस कथन के साथ प्रस्तुत  किया है कि परिवादनी कीे अपनी गाडी संख्या यू.पी./25 ए.टी./7096 दिनांक 02.06.2013 को दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी। परिवादनी ने  मरम्मत हेतू गाडी विपक्षी के वर्कशाप में 05.06.2013 में दिया था । विपक्षी वाहन को मरम्मत के बहाने 4 माह 10 दिन तक बिना कारण बताये अपने पास रखे रहा जिसके लिए  परिवादी ने एक नोटिस दिनांक 22.08.2013 को विपक्षी को दिया । नोटिस के वादजूद भी विपक्षी ने उक्त वाहन को अकारण ही  अपने पास रखे रहा व दिनांक 21.10.2013 को वाहन की डिलीवरी परिवादी को दी परिवादनी को विपक्षी के इस आचरण से रू0 1,30000/- की क्षति उठानी पडी ।
2.     विपक्षी का सम्मन जारी किया गया ,विपक्षी की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ और ना ही कोई उत्तर पत्र दाखिल किया गया । अतः विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की सुनवायी एक पक्षीय की गयी ।
3.    परिवादनी की ओर से मौखिक व अभिलेख साक्ष्य प्रस्तूत किये गये । परिवादनी के योग्य अधिवक्ता के तर्क को  सुना गया  तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया ।
                       

निष्कर्ष
4.    पत्रावली के साक्ष्य से यह प्रकट होता है कि परिवादी ने दिनांक 05.06.2013 को प्रश्नगत वाहन, जो दुर्घटना ग्रस्त हो गया था , को मरम्मत हेतू विपक्षी को सुपुर्द किया था।  उक्त वाहन की मरम्मत के वाद दिनांक 21.10.2013 को विपक्षी ने परिवादी को सुपुर्द कर दिया था। परिवादी ने ऐसा कोई साक्ष्य नहीं दिया है , जिससे यह साबित हो सके कि वाहन को मरम्मत हेतू सुपूर्द किये जाते समय विपक्षी ने कितने समय में वाहन की मरम्मत का बचन दिया था ।
5. अतः दोनो पक्षो के कथन से किसी प्रकार की वचनवद्ध होना साबित नहीं है । परिवादी द्वारा कथित नोटिस दिनांक 22.08.2013 भी पत्रावली पर दाखिल नहीं है ।अतः ऐसा नोटिस भेजा जाना साबित नहीं  है। वाहन में कितनी क्षति हुयी थी यह भी विदित नहीं है । सामान्यतः दुर्घटनाग्रस्त वाहन की मरम्मत में समय लगना स्वभाविक है। वाहन की मरम्मत के वाद उसे विपक्षी से परिवादनी ने  प्राप्त कर लिया है ।
 6. हमारी राय में परिवादनी विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता सेवा में कोई त्रृटि करना या कभी करना सिद्ध नहीं कर सकी है । अतः परिवानिीद विपक्षी के विरूद्ध कोई अनुतोष पाने की अधिकारी नहीं है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है पक्षकार अपना- अपना वाद व्यय स्वंय वहन करे ।
 
  (श्रीमती सीमा शर्मा)                               ( श्री बालेन्दु सिंह )
      सदस्या                                          अध्यक्ष
    
निर्णय आज दिनांक 21.03.2015 को खुली अदालत में घोषित किया गया।

      (श्रीमती सीमा शर्मा)                               ( श्री बालेन्दु सिंह )
सदस्या                                       अध्यक्ष

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE SHRI BALENDU SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. SMT. SEEMA SHARMA]
MEMBER

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