जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-471/2013
दिनेष चन्द्र विष्वकर्मा पुत्र श्री के0एल0 विष्वकर्मा निवासी मकान नं0-11 पी0 कुन्जबिहार यषोदानगर जिला, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. षाखा प्रबन्धक मैग्मा फाइनेन्स काॅरपोरेषन लि0 9/46 ए, बेनाझाबर रोड, आर्यनगर कानपुर नगर-208002
2. प्रबन्धक निदेषक, मैग्मा फाइनेन्स काॅरपोरेषन लि0 रजि0 आफिस मैग्मा हाउस 24 पार्क स्ट्रीट कलकत्ता-700016
3. मैग्मा फाइनेन्स काॅरपोरेषन लि0 एफ-14 प्रथम तल ओखला इण्डस्ट्रियल एरिया फेस-1 नई दिल्ली-110020
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 11.09.2013
निर्णय की तिथिः 21.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण से ऋण के प्रतिफल में विपक्षी सं0-1 के यहां जमा परिवादी का विक्रय विलेख दिलाया जाये, वाद व्यय रू0 2000.00, अधिवक्ता फीस रू0 5500.00, भागदौड़, मानसिक तनाव के लिए रू0 50,000.00 कुल रू0 57,500.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने जी0ई0 मनी कन्ट्रीवाइड कंज्यूमर फाइनेन्स लि0 14/122 ए, ज्योर्तिमनी बिल्डिंग अपोजिट पी.पी.एन. मार्केट एम0जी0 मार्ग कानपुर सेरू0 3,00,000.00 दिनांक 29.09.05 को 11.85 प्रतिषत की दर से ऋण लिया गया था। जी0ई0 मनी कन्ट्रीवाइड कानपुर नगर द्वारा रू0 5427.00 ई.एम.आई. काटकर दिनांक 01.10.05 को एच.डी.एफ.सी. बैंक का एक एकाउंट पेई चेक रू0 2,94,561.00 जमा किया गया था। बैंक की गलती के कारण
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चेक बाउन्स हो गयी। बैंक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए दूसरा चेक दिनंाक 10.10.05 को रू0 2,94,561.00 का जारी किया गया। परिवादी ने रू0 5427.00 की 58 किष्ते जी.ई. मनी में दिनांक 31.10.10 तक जमा किया था, जिसकी कुल रकम रू0 3,14,766.00 है। परिवादी और विपक्षी के मध्य दिनांक 15.02.11 को एक समझौता भी हुआ कि रू0 2,15,000.00 जमा कर देने पर परिवादी का समस्त ऋण चुकता माना जायेगा। दिनंाक 15.02.11 को बैंक ने समझौता पत्र जारी किया, जिसमें रू0 1,00,000.00 दिनांक 24.02.11 तथा रू0 1,15,000.00 दिनांक 24.07.11 तक देना है। परिवादी ने अपनी आपत्ति दर्ज करायी कि दिसम्बर, 2011 के स्थान पर पत्र में दिनांक 24.07.11 लिखकर भेजा है। जबकि समझौते के अनुसार परिवादी को रू0 1,00,000.00 फरवरी 2011 तक में तथा रू0 1,15,000.00 दिसम्बर, 2011 तक देना था। बैंक के अधिकारियों ने कहा कि परेषान न हो, आगे-पीछे चलता है, दिनांक 24.07.11 तक कुछ दे देना, सेटेलमेंट कैंसिल नहीं होगा। बैंक अधिकारियों के अष्वासन पर परिवादी ने रू0 1,15,000.00 दिनांक 24.06.11 से 25.01.12 तक जमा कर दिया। परिवादी द्वारा कुल धनराषि विभिन्न किष्तों में रू0 5,40,620.00 जमा की गयी। इस प्रकार परिवादी द्वारा रू0 2,814.00 अधिक जमा किये गये। किन्तु विपक्षी बैंक के द्वारा परिवादी से जमा दस्तावेजों को वापस नहीं किया गया। परिवादी कई बार जी0ई0 मनी कन्ट्रीवाइड फाइनेंस कंपनी लि0 गया। केपनी के लोग कंपनी के विलय की बात बताकर पुनः आने को कहा जाता रहा। जी0ई0 मनी कन्ट्रीवाइड कंज्यूमर फाइनेन्स 14/122ए, ज्योर्तिमनी बिल्डिंग अपोजिट पी.पी.एन. मार्केट एम.जी. मार्ग कानपुर का विलय फरवरी 2013 में मैग्मा फाइनेन्स कारपोरेषन लि0 9/46ए, बेनाझाबर रोड, आर्य नगर कानपुर में हो गया और वर्तमान में मैग्मा फाइनेन्स कारपोरेषन लि0 9/46ए, बेनाझाबर रोड, आर्य नगर कानपुर ही अस्तित्व में है। विपक्षी फाइनेन्स कंपनी ने परिवादी के दस्तावेज न देकर उसका षारीरिक, मानसिक, आर्थिक उत्पीड़न किया गया है। दिनांक 17.08.13 को मैग्मा फाइनेन्स कंपनी से स्टेटमेंट फार इनक्लोजर निकलवाने पर ज्ञात हुआ कि
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यद्यपि परिवादी द्वारा रू0 5,47,441.00 जमा किया गया है, जबकि विपक्षी ने रू0 5,37,806.00 की मांग की है। इस प्रकार परिवादी ने रू0 9635.00 विपक्षी के यहां अधिम जमा कर चुका है। विपक्षी द्वारा बावजूद विधिक नोटिस परिवादी के दस्तावेज वापस नहीं किये गये है। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 26.12.14 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 09.09.13 एवं 13.01.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/18 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दो षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-4/2 लगायत् 4/4 प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों
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पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अपनी सेवा देने में कमी कारित की गयी है।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में यह कहा गया है कि विपक्षी फाइनेन्स कंपनी से स्टेटमेंट फार इनक्लोजर निकलवाने पर ज्ञात हुआ कि परिवादी द्वारा रू0 5,47,441.00 जमा किया गया है। विपक्षी के अनुसार परिवादी को रू0 5,37,806.00 जमा करना था। इस प्रकार परिवादी द्वारा रू0 9,635.00 विपक्षी के यहां अधिक जमा किया जा चुका है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से परिवादी द्वारा जमा किये गये दस्तावेज/विक्रय विलेख दिलाये जाने हेतु तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को, परिवादी द्वारा जमा किये गये दस्तावेज/विक्रय विलेख उपलब्ध करायें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
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आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।