Rakesh filed a consumer case on 01 May 2023 against Magma Fin Corp Ltd. etc. in the Barabanki Consumer Court. The case no is CC/4/2018 and the judgment uploaded on 04 May 2023.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 02.01.2018
अंतिम सुनवाई की तिथि 29.04.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 01.05.2023
परिवाद संख्याः 04/2018
राकेश उम्र करीब 35 वर्ष पुत्र स्व0 दुर्जन पेशा कृषि निवासी ग्राम भुडकुला मजरे व पो0-बन्दगी नगर थाना घुंघटेर परगना कुर्सी, तहसील-फतेहपुर जिला-बाराबंकी।
द्वारा-श्री अरविन्द्र सिंह, अधिवक्ता
बनाम
1. प्रबंधक मैग्मा फिन कार्प लि0 शाखा कार्यालय नाका सतरिख पो0-बाराबंकी परगना व तहसील नवाबगंज थाना कोतवाली नगर जनपद-बाराबंकी रजि0 कार्यालय-24 पार्क स्ट्रीट कोलकाता पश्चिम बंगाल 700016
2. धीरेन्द्र सिंह कर्मचारी शाखा कार्यालय मैग्मा फिनकार्प लि0 शाखा सतरिख नाका परगना व तहसील नवाबगंज जिला बाराबंकी।
...............विपक्षीगण,
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य
माननीय श्री एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादी की ओर से -कोई नहीं
विपक्षीगण की ओर से-श्री अनुराग शुक्ला, अधिवक्ता
द्वारा -डॉ0 शिव कुमार त्रिपाठी, सदस्य
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षी के विरूद्व अंतगर्त धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 प्रस्तुत कर विपक्षी द्वारा बल पूर्वक ट्रैक्टर महिन्द्रा न खींचे जाने तथा रू0 5,000/-हर्जा-खर्चा दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।
परिवादी ने परिवाद में यह अभिकथन किया है कि परिवादी ने वर्ष 2014 में एक ट्रैक्टर महिन्द्रा क्रय किया था जिस पर विपक्षी ने रू0 3,09,232/-वित्त पोषित किया था वाहन के लिखा पढ़ी के नाम पर रू0 35,400/-नकद लिये थे। कोई रसीद नहीं दी गई थी। ऋण लेने के उपरान्त परिवादी किश्तों का भुगतान करता रहा। विपक्षी ने कुल 35 भुगतान की रसीदें परिवादी को दिया तथा आठ किश्ते रू0 56,000/-भी प्राप्त हुई। माह मई 2017 में परिवादी से विपक्षी ने कहा कि रू0 52,680/-शेष ऋण भुगतान हेतु रह गया है यदि परिवादी सम्पूर्ण राशि रू0 55,000/-का भुगतान कर दे तो नो ड्यूज प्रमाण पत्र दे दिया जायेगा। परिवादी ने दिनांक 24.05.2017 को रू0 55,000/- का नगद भुगतान कर दिया जिसमे विपक्षी ने परिवादी को रू0 52,680/-की रसीद दिया परन्तु नो ड्यूज प्रमाण पत्र नहीं दिया। दिनांक 23.12.2017 को विपक्षी ने परिवादी के मोबाइल पर फोन किया कि रू0 22,000/-ऋण का शेष है जमा कर दे नहीं तो ट्रैक्टर खींच कर कब्जे में ले लिया जायेगा जबकि परिवादी ने ऋण के सम्पूर्ण धनराशि की अदायगी वर्ष 2017 में कर दिया था। दिनांक 24.12.2017 को विपक्षी के कर्मचारी परिवादी के घर पर आये और ट्रैक्टर पर कब्जे का प्रयास किया जिसके कारण परिवादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अतः परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
परिवादी ने सूची से 35 रसीदें, स्टेटमेन्ट आफ एकाउन्ट तथा नगद जमा रसीद की छाया प्रति दाखिल किया है।
विपक्षी संख्या-01 ने जवाबदावा में कहा है कि वह वाहन खरीदने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करते है। परिवादी के अनुरोध पर विपक्षी संख्या-01 ने परिवादी को ट्रैक्टर खरीदने हेतु मु0 3,09,232/-का ऋण स्वीकृत किया था जिसकी अदायगी 48 किश्तों में मय ब्याज रू0 4,70,256/-परिवादी को करनी थी। परिवादी ऋण की किश्तें कभी भी समय से अदा नहीं किया। नगद भुगतान की बात मनगढ़न्त है। लगातार किश्ते न जमा करने पर ऋण अनुबन्ध के अनुसार मामला मध्यस्थ (आरबीटेटर) को सन्दर्भित किया गया किन्तु परिवादी द्वारा जबाब दाखिल न करने व अनुपस्थित रहने के कारण आरबिटेटर द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही की गई। परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग में पोषणीय नहीं है। परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है अतः निरस्त किये जाने योग्य है। जवाबदावा के समर्थन में विपक्षी संख्या-01 द्वारा शपथपत्र योजित किया गया है।
विपक्षी संख्या-01 ने सूची से एकाउन्ट स्टेटमेन्ट, मध्यस्थ न्यायालय का अवार्ड आदेश तथा ऋण अनुबन्ध की छाया प्रति प्रस्तुत की है।
परिवादी बहस के समय अनुपस्थित है। विपक्षी संख्या-01 ने अपनी लिखित बहस प्रस्तुत की है।
विपक्षी संख्या-01 की बहस सुनी गई। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया गया।
परिवादी का यह अभिकथन है कि उसने महिन्द्रा ट्रैक्टर क्रय करने हेतु विपक्षीगण से रू0 3,09,232/-का ऋण वर्ष 2014 में प्राप्त किया था। ऋण का भुगतान बराबर किया जाता रहा। माह मई 2017 में विपक्षी द्वारा परिवादी से रू0 55,000/-जमा कराकर नो ड्यूज प्राप्त करने की बात कही गई जिस पर परिवादी द्वारा दिनांक 24.05.2017 को रू0 55,000/-विपक्षी के पास जमा किया परन्तु विपक्षी ने परिवादी को नो ड्यूज प्रदान न करते हुये दिनांक 23.12.2017 को रू0 22,000/-की माँग कर रहे है तथा परिवादी के ट्रैक्टर को खींचने की धमकी दे रहे है।
विपक्षी संख्या-01 द्वारा परिवादी को ट्रैक्टर क्रय करने हेतु रू0 3,09,232/-का ऋण स्वीकृत किये जाने का की स्वीकृति की गई है जिसकी अदायगी परिवादी से 48 किश्तों में मय ब्याज रू0 4,70,256/-करनी थी किन्तु परिवादी शुरू से ही अपनी किश्तों का भुगतान समय से नहीं किया जिससे परिवादी द्वारा बकाया ऋण राशि की भुगतान न करने के कारण ऋण अनुबन्ध के अनुसार मध्यस्थ के समक्ष वाद संस्थित किया गया जिसमे परिवादी के अनुपस्थित रहने के कारण एकपक्षीय रूप से अवार्ड पारित किया गया जिसका इजरा वाद विपक्षी संख्या-01 द्वारा जिला जज, बाराबंकी के समक्ष विचाराधीन है। इस सम्बन्ध में विपक्षी द्वारा कोई अभिलेखीय साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया है साथ ही परिवादी द्वारा उपरोक्त तथ्य का कोई खंडन भी नहीं किया गया है।
प्रश्नगत प्रकरण में विपक्षी संख्या-01 का यह भी अभिकथन है कि परिवादी द्वारा रू0 4,70,256/-जमा कर दिये जाने के कारण दिनांक 28.04.2021 को एन. ओ. सी. उपलब्ध करा दी गई है ऐसे में वाद का कोई कारण शेष नहीं है। साक्ष्य के रूप में इस संबंध में विपक्षी संख्या-01 द्वारा परिवादी राकेश के ऋण से सम्बन्धित दिनांक 28.04.2023 को निर्गत स्टेटमेन्ट आफ एकाउन्ट प्रस्तुत किया गया है जिसके अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा लिये गये ऋण के एवज में रू0 4,70,256/-का भुगतान प्राप्त होने पर विपक्षी संख्या-01 द्वारा परिवादी के ऋण खाते का दिनांक 28.04.2021 को अदेयता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्यों में परिवादी से विपक्षी द्वारा ट्रैक्टर का कब्जा लेने का भी कोई साक्ष्य नहीं है। अतः वर्तमान परिवाद में वाद का कोई कारण शेष नहीं है। ऐसे में उपरोक्त विवेचन के आलोक में परिवाद निरस्त किये जाने योग्य पाया गया।
आदेश
परिवाद संख्या-04/2018 निरस्त किया जाता है।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्यो द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 01.05.2023
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