राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
परिवाद सं0-६०/२०२०
आनन्द सिंह पुत्र श्री कमल प्रकाश सिंह उर्फ कमल सिंह साकिन मो0-शंकर नगर कालोनी न्यू जाफरपुर, पोस्ट-जाफरपुर, जिला – आजमगढ़ (उ0प्र0)। ........... परिवादी।
बनाम
मैजिक होलीडेज, द्वितीय तल, वर्मा स्क्वायर बिल्डिंग्स, महानगर मार्केट, गोल चौराहा, महानगर, लखनऊ – २२६००१. ............विपक्षी।
समक्ष:-
१- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
२- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- २१-०९-२०२२.
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादी आनन्द सिंह द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-१७ के अन्तर्गत प्रस्तुत किया गया है।
उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रस्तुत परिवाद विगत ढाई वर्ष से लम्बित है। पूर्व में भी अनेकों तिथियों पर परिवादी के अधिवक्ता अनुपस्थित होते रहे हैं, जिस पर वाद स्थगित किया जाता रहा है। पुन: आज भी परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है अत्एव हमने पत्रावली पर उपलब्ध परिवाद पत्र एवं अन्य सभी अभिलेखों का सम्यक रूप से परिशीलन किया।
संक्षेप में परिवाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा विपक्षी मैजिक होलीडेज की स्कीम की मेम्बरशिप के लिए दिनांक २३-०२-२०१८ को २३,०००/- रू० जरिए चेक अदा किए गए जिस पर विपक्षी द्वारा परिवादी को दिनांक १५-०४-२०१८ को ई0एम0आई0 एमाउण्ट ५००५/- रू० मासिक की किश्त तय करते हुए २,२२,०००/- रू० के मूल्य की मेम्बरशिप दी गई। मेम्बरशिप की शर्तों के अनुसार विपक्षी द्वारा भारत तथा भारत के बाहर Bangkak, Pattaya, Phuket तथा Dubai में स्थिति उसकी ९० प्रापर्टी तथा
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४५ चिन्हित स्थानों पर रूकने तथा घूमने हेतु सुविधा प्रदान की जानी थी। विपक्षी द्वारा प्रस्तावित सुविधा वर्षभर में अधिकतम १४ रात्रि के लिए २ वयस्क तथा दो बच्चों (१२ वर्ष से कम उम्र) के साथ मनाने के लिए दी जानी थी किन्तु परिवादी द्वारा इस हेतु आवेदन दिए जाने के बाबजूद भी टूर को कन्फर्म नहीं किया गया और न ही ली गई रकम वापस की जा रही है। विपक्षी की तयशुदा शर्तों के अनुसार प्रतिमाह ५५००/- रू० की रकम खाता सं0-३२०३९५७७२४८ के माध्यम से उसे प्राप्त हो रही है तथा उसके द्वारा अपनी शर्तों के अनुसार होलीडे टूर का प्रबन्ध परिवादी के सन्दर्भ में नहीं किया जा रहा है। विपक्षी के इस कृत्य से क्षुब्ध होकर परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया और निम्न अनुतोष की मांग की है :-
१. यह कि विपक्षी को आदेश दिया जाय कि वह परिवादी को तयशुदा शर्तों के अनुसार होलीडे टूर उपलब्ध नहीं करवाने के कारण परिवादी को हुई मानसिक पीड़ा, आर्थिक हानि तथा वाद व्यय के लिए २१,०००,००/- रू० (इक्कीस लाख) का भुगतान करे।
२. यह कि अन्य अनुतोष जो माननीय आयोग की दृष्टि से उचित हो विपक्षी से परिवादी को दिलवाया जाय।
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि परिवादी ने स्वयं को विपक्षी की मैजिक होलीडेज स्कीम का सदस्य होना बताते हुए यह कहा है कि उसके द्वारा किश्तों में धनराशि अदा करने पर २,२२,०००/- रू० के मूल्य की मेम्बरशिप दी गई थी जिसमें भारत के बाहर Bangkak, Pattaya, Phuket तथा Dubai में स्थिति उसकी ९० प्रापर्टी तथा ४५ चिन्हित स्थानों पर रूकने तथा घूमने हेतु सुविधा प्रदान की जानी थी। परिवादी का कथन है कि मेम्बरशिप लेने के पश्चात् उसके द्वारा आवेदन दिया गया किन्तु उसके टूर को कन्फर्म नहीं किया गया है। इसी आधार पर यह परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है और यह अनुतोष चाहा गया है कि उसकी जमा धनराशि वापस दिलाई जाए तथा मानसिक पीड़ा व आर्थिक हानि के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में ऐसा कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह परिलक्षित होता हो कि उसके द्वारा कब-कब टूर हेतु आवेदन दिया गया था
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तथा विपक्षी मैजिक होलीडेज द्वारा टूर कन्फर्म करने के लिए क्या-क्या अर्हताऐं थीं, जिन्हें परिवादी ने पूरा कर दिया था, इस प्रकार का कोई विवरण अथवा साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। अत: उक्त विवरण एवं साक्ष्य के अभाव में परिवादी को वांछित अनुतोष प्रदान किए जाने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। तद्नुसार परिवादी का प्रस्तुत परिवाद उपरोक्त विवरण एवं साक्ष्य के अभाव में निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत परिवाद निरस्त किया जाता है।
परिवाद व्यय परिवादी स्वयं वहन करेगा।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-१.